सरला भाभी मुझे चुदासी आवाज में कह रही थी- आ मेरे चोदू, ठोक दे अपना मोटा लंड मेरी मचलती चूत में! इतनी जोर से मुझे चोद कि उठने के काबिल न रहूँ!
भाभी की चुदाई की यह ललकार सुन कर मैं ख़ुशी से उछल कर उसके सामने जमीन पर घुटनों पर बैठ गया, मैंने दोनों हाथ से उसका ब्लाउज और ब्रा खोल डाली और मस्त गोरी गोल-गोल चूची मसल कर चूसने लगा।
भाभी ने भी मेरा पजामा नीचे खिसका कर मेरा 7 इञ्च का लंड अपने हाथ में थाम लिया और मस्ती में सिसकारने लगी- हाय… राजा… ..हां… हां चूस डाल सारा जवानी का रस!
मैं भी काफ़ी उत्तेजित हो गया और जोश में आकर उनकी रसीली चूचियों से जम कर खेलने लगा।
क्या बड़ी बड़ी चूचियाँ थीं.. कसी हुई चूचियाँ और लम्बे लम्बे कड़े निप्पल.. भाभी को भी मुझसे अपनी चूचियों की मालिश करवाने में मज़ा आ रहा था।
मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था, मेरा 7″ का लंड पूरे जोश में आ गया था।
भाभी की चूचियों को मसलते मसलते मैं उनके बदन के बिल्कुल पास आ गया था और मेरा लंड उनकी जाँघों में रगड़ मारने लगा था।
‘बाप रे.. बहुत कड़क है..!’ भाभी ने कहा।
सरला भाभी भी पूरे जोश में थी, उसने अपनी साड़ी खींच पेटीकोट का नाड़ा खींचा और एक ही झटके में अपनी पैंटी के साथ तीनों चीजें साड़ी पेटीकोट और पैंटी अपने मस्त चूतड़ उठाकर निकाल दिए।
अब वो नीचे नंगी थी।
मैं भी अपना कुरता और पजामा निकाल कर नंगा हो गया और भाभी की चूची मसलते हुए उनकी कमर पेट नाभि और जांघों पर चूमने चाटने लगा।
भाभी अपनी जांघें खोल कर अपनी गोरी चिकनी फूली फूली चूत उठाने लगी।
‘वाह भाभी, तेरी चूत बहुत सुंदर है।’ मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी, चूत एकदम गीली हो गई थी, रस बह रहा था, बहुत गर्म हो रही थी।
मैंने अंगूठे से उसका दाना रगड़ दिया, भाभी मस्ती में उछल पड़ी- हाय… सीई… उफ़ मार ही डालेगा राजा… उफ़ हां.. राजा… हां रगड़ दे! भाभी अपने चूतड़ हिला हिला कर सिसकार कर अपनी मस्ती और चुदास का मज़ा ले रही थी।
मैं उसको कमर पेट नाभि पर चूस कर और चूची मसल कर चुदास की चरम पर पहुँचा रहा था, इधर भाभी मेरे लंड को हाथ से हिला कर और अपनी गर्म चिकनी जांघ से रगड़ कर पत्थर की तरह कठोर कर दिया था।
चूत में अब दो उंगली घुसा कर आगे पीछे करने से चूत से रस बाहर आने लगा। सरला की मस्त चुदासी जवानी झड़ने को तैयार थी।
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया- हाय राजा, अब रुक जा, नहीं तो सब ऐसे ही निकल जायेगा, मुझे तो तेरे मस्त लंड से अपनी चूत का पानी निकालना है। अब तो बस पटक दे और घुसा दे अपना मूसल मेरी चूत में!
मैंने सरला भाभी को चूमते हुए उसकी जांघें पकड़ कर नीचे कालीन पर खींच लिया और एक कुशन उसके सर के नीचे और दूसरा उसके चूतड़ के नीचे लगा दिया।
फूली फूली गोरी चिकनी बिना बाल की मोटे मोटे गीले होंठों वाली चूत ऊपर उठ कर मेरी तरफ देख रही थी जैसे कह रही हो- आ जा.. घुसा कर ले ले इस चुदासी चूत का मज़ा!
भाभी अपनी जांघें दूर तक खोल कर लेट गई और मस्ती चुदासी आँखों से मुझे देख कर मुस्करा रही थी- हां …हां.. राजा बस… अब पेल दे अपना लंड… उफ़ बहुत आग लगी है राजा…
भाभी की चुदाई की यह ललकार सुन कर मैं ख़ुशी से उछल कर उसके सामने जमीन पर घुटनों पर बैठ गया, मैंने दोनों हाथ से उसका ब्लाउज और ब्रा खोल डाली और मस्त गोरी गोल-गोल चूची मसल कर चूसने लगा।
भाभी ने भी मेरा पजामा नीचे खिसका कर मेरा 7 इञ्च का लंड अपने हाथ में थाम लिया और मस्ती में सिसकारने लगी- हाय… राजा… ..हां… हां चूस डाल सारा जवानी का रस!
मैं भी काफ़ी उत्तेजित हो गया और जोश में आकर उनकी रसीली चूचियों से जम कर खेलने लगा।
क्या बड़ी बड़ी चूचियाँ थीं.. कसी हुई चूचियाँ और लम्बे लम्बे कड़े निप्पल.. भाभी को भी मुझसे अपनी चूचियों की मालिश करवाने में मज़ा आ रहा था।
मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था, मेरा 7″ का लंड पूरे जोश में आ गया था।
भाभी की चूचियों को मसलते मसलते मैं उनके बदन के बिल्कुल पास आ गया था और मेरा लंड उनकी जाँघों में रगड़ मारने लगा था।
‘बाप रे.. बहुत कड़क है..!’ भाभी ने कहा।
सरला भाभी भी पूरे जोश में थी, उसने अपनी साड़ी खींच पेटीकोट का नाड़ा खींचा और एक ही झटके में अपनी पैंटी के साथ तीनों चीजें साड़ी पेटीकोट और पैंटी अपने मस्त चूतड़ उठाकर निकाल दिए।
अब वो नीचे नंगी थी।
मैं भी अपना कुरता और पजामा निकाल कर नंगा हो गया और भाभी की चूची मसलते हुए उनकी कमर पेट नाभि और जांघों पर चूमने चाटने लगा।
भाभी अपनी जांघें खोल कर अपनी गोरी चिकनी फूली फूली चूत उठाने लगी।
‘वाह भाभी, तेरी चूत बहुत सुंदर है।’ मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी, चूत एकदम गीली हो गई थी, रस बह रहा था, बहुत गर्म हो रही थी।
मैंने अंगूठे से उसका दाना रगड़ दिया, भाभी मस्ती में उछल पड़ी- हाय… सीई… उफ़ मार ही डालेगा राजा… उफ़ हां.. राजा… हां रगड़ दे! भाभी अपने चूतड़ हिला हिला कर सिसकार कर अपनी मस्ती और चुदास का मज़ा ले रही थी।
मैं उसको कमर पेट नाभि पर चूस कर और चूची मसल कर चुदास की चरम पर पहुँचा रहा था, इधर भाभी मेरे लंड को हाथ से हिला कर और अपनी गर्म चिकनी जांघ से रगड़ कर पत्थर की तरह कठोर कर दिया था।
चूत में अब दो उंगली घुसा कर आगे पीछे करने से चूत से रस बाहर आने लगा। सरला की मस्त चुदासी जवानी झड़ने को तैयार थी।
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया- हाय राजा, अब रुक जा, नहीं तो सब ऐसे ही निकल जायेगा, मुझे तो तेरे मस्त लंड से अपनी चूत का पानी निकालना है। अब तो बस पटक दे और घुसा दे अपना मूसल मेरी चूत में!
मैंने सरला भाभी को चूमते हुए उसकी जांघें पकड़ कर नीचे कालीन पर खींच लिया और एक कुशन उसके सर के नीचे और दूसरा उसके चूतड़ के नीचे लगा दिया।
फूली फूली गोरी चिकनी बिना बाल की मोटे मोटे गीले होंठों वाली चूत ऊपर उठ कर मेरी तरफ देख रही थी जैसे कह रही हो- आ जा.. घुसा कर ले ले इस चुदासी चूत का मज़ा!
भाभी अपनी जांघें दूर तक खोल कर लेट गई और मस्ती चुदासी आँखों से मुझे देख कर मुस्करा रही थी- हां …हां.. राजा बस… अब पेल दे अपना लंड… उफ़ बहुत आग लगी है राजा…