दोस्तो.. मेरा नाम अबरार है.. मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मैं एक कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरी उम्र 22 साल है।
मेरी यह पहली कहानी है। मैं आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
यह कहानी मेरी और मेरी सहकर्मी रूबीना की है.. जो जोधपुर की रहने वाली है, पर काम वो जयपुर में मेरे साथ करती है।
मुझे बचपन से ही लड़कियों में दिलचस्पी रही है.. इसलिए मैं शुरू से ही रूबीना पर लाइन मारने लग गया था।
रूबीना एक बहुत ही गरम माल की लौंडिया थी उसके बार में मैंने सुन रखा था कि ये पक्की चुदक्कड़ है।
एक दिन शाम को ऑफिस से निकलते वक़्त बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण रूबीना की बस मिस हो गई।
उसने मुझसे बोला- तुम मुझे अपनी मोटरसाइकिल पर मेरे घर छोड़ दो।
मैं भी तो यही चाहता था, मैंने भी उसे ‘हाँ’ बोला।
हम दोनों बाइक पर बैठ कर उसके घर की तरफ चल पड़े।
रास्ते में बारिश और तेज हो गई और हम लोग पूरी तरह से भीग गए। उसके घर पहुँचते पहुँचते मुझे सर्दी लग गई और छींक आना शुरू हो गई।
उसके दरवाजे पर मैंने अपनी मोटरसाइकिल रोकी.. तो उसने मुझे अन्दर आने के लिए बोला।
मैंने अन्दर जाकर देखा तो अन्दर कोई नहीं था। वो अकेली ही रहती थी।
उसने मुझसे कहा- मैं तुम्हें तौलिया देती हूँ.. तुम बहुत भीग गए हो।
मैंने कहा- तुम भी तो पूरी भीग गई हो।
उसके टॉप से उसकी गोलाईयां पूरी तरह नुमायां हो रही थीं.. जो मेरे लौड़े को खड़ा कर रही थीं।
उसने भी मेरा उठता हुआ लण्ड देख लिया था।
रूबीना मुझसे इठला कर बोली- तुम्हें बहुत जुकाम हो रहा है.. व्हिस्की या कुछ और लोगे?
मैं बोला- तुम पीती भी हो?
रूबीना कहने लगी- नहीं.. आज मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.. इसलिए पी रही हूँ।
मेरे मन में भी कुछ-कुछ होने लगा, मैं बोला- कौन सी बात करनी है?
तो चूचे खुजाते हुए कहने लगी- बता दूँगी.. इतनी भी क्या जल्दी है।
मैंने कहा- ठीक है.. पिलाओ, क्या पिला रही हो।
वो अपनी गाण्ड मटकाती हुई अन्दर गई और बोतल और गिलास ले आई।
मुझे बैठने का इशारा करके उसने पैग बनाए।
हम दोनों पीने लगे।
एक पैग खत्म होते ही उसने दूसरा पैग भी बना दिया।
मैंने कहा- तुम बहुत सेक्सी लग रही हो।
दूसरा खत्म होते ही वो कुछ नशे में आ गई और मुझे गाली देते हुए बोली- मादरचोद साले तू मुझ पर लाइन मारता है.. मुझे चोदना चाहता है.. आ आज चोद ले मुझे.. मैं भी लंड के लिए तड़फ रही हूँ.. आज मेरी प्यास बुझा दे।
मैं भी यही चाहता था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और किस करने लगा।
रूबीना बोली- कुत्ते.. कपड़े तो उतार दे।
मैं बोला- तुम खुद ही उतार लो।
मेरे इतना कहते ही उसने मेरी शर्ट फाड़ दी और मेरी पैन्ट उतार फेंकी और खुद के कपड़े भी उतार दिए।
उसका 34-30-36 का साइज़ देख कर मेरा लौड़ा लम्बा और मोटा होकर रॉड की तरह खड़ा हो गया।
वो बोली- कुत्ते चल.. मेरी चूत चाट..
उसकी चूत एकदम गुलाबी और चिकनी थी, मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
वो मस्ती के कारण तरह-तरह की आवाजें निकाल रही थी- आआह्ह.. ओह्ह्ह..
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी। वो मेरा सर अपनी टांगों में फंसा कर तड़फने लगी। थोड़ी देर बाद उसने अपना कीमती रस छोड़ दिया.. जिसे मैंने पूरी तरह साफ़ कर दिया।
मेरी यह पहली कहानी है। मैं आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
यह कहानी मेरी और मेरी सहकर्मी रूबीना की है.. जो जोधपुर की रहने वाली है, पर काम वो जयपुर में मेरे साथ करती है।
मुझे बचपन से ही लड़कियों में दिलचस्पी रही है.. इसलिए मैं शुरू से ही रूबीना पर लाइन मारने लग गया था।
रूबीना एक बहुत ही गरम माल की लौंडिया थी उसके बार में मैंने सुन रखा था कि ये पक्की चुदक्कड़ है।
एक दिन शाम को ऑफिस से निकलते वक़्त बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण रूबीना की बस मिस हो गई।
उसने मुझसे बोला- तुम मुझे अपनी मोटरसाइकिल पर मेरे घर छोड़ दो।
मैं भी तो यही चाहता था, मैंने भी उसे ‘हाँ’ बोला।
हम दोनों बाइक पर बैठ कर उसके घर की तरफ चल पड़े।
रास्ते में बारिश और तेज हो गई और हम लोग पूरी तरह से भीग गए। उसके घर पहुँचते पहुँचते मुझे सर्दी लग गई और छींक आना शुरू हो गई।
उसके दरवाजे पर मैंने अपनी मोटरसाइकिल रोकी.. तो उसने मुझे अन्दर आने के लिए बोला।
मैंने अन्दर जाकर देखा तो अन्दर कोई नहीं था। वो अकेली ही रहती थी।
उसने मुझसे कहा- मैं तुम्हें तौलिया देती हूँ.. तुम बहुत भीग गए हो।
मैंने कहा- तुम भी तो पूरी भीग गई हो।
उसके टॉप से उसकी गोलाईयां पूरी तरह नुमायां हो रही थीं.. जो मेरे लौड़े को खड़ा कर रही थीं।
उसने भी मेरा उठता हुआ लण्ड देख लिया था।
रूबीना मुझसे इठला कर बोली- तुम्हें बहुत जुकाम हो रहा है.. व्हिस्की या कुछ और लोगे?
मैं बोला- तुम पीती भी हो?
रूबीना कहने लगी- नहीं.. आज मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.. इसलिए पी रही हूँ।
मेरे मन में भी कुछ-कुछ होने लगा, मैं बोला- कौन सी बात करनी है?
तो चूचे खुजाते हुए कहने लगी- बता दूँगी.. इतनी भी क्या जल्दी है।
मैंने कहा- ठीक है.. पिलाओ, क्या पिला रही हो।
वो अपनी गाण्ड मटकाती हुई अन्दर गई और बोतल और गिलास ले आई।
मुझे बैठने का इशारा करके उसने पैग बनाए।
हम दोनों पीने लगे।
एक पैग खत्म होते ही उसने दूसरा पैग भी बना दिया।
मैंने कहा- तुम बहुत सेक्सी लग रही हो।
दूसरा खत्म होते ही वो कुछ नशे में आ गई और मुझे गाली देते हुए बोली- मादरचोद साले तू मुझ पर लाइन मारता है.. मुझे चोदना चाहता है.. आ आज चोद ले मुझे.. मैं भी लंड के लिए तड़फ रही हूँ.. आज मेरी प्यास बुझा दे।
मैं भी यही चाहता था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और किस करने लगा।
रूबीना बोली- कुत्ते.. कपड़े तो उतार दे।
मैं बोला- तुम खुद ही उतार लो।
मेरे इतना कहते ही उसने मेरी शर्ट फाड़ दी और मेरी पैन्ट उतार फेंकी और खुद के कपड़े भी उतार दिए।
उसका 34-30-36 का साइज़ देख कर मेरा लौड़ा लम्बा और मोटा होकर रॉड की तरह खड़ा हो गया।
वो बोली- कुत्ते चल.. मेरी चूत चाट..
उसकी चूत एकदम गुलाबी और चिकनी थी, मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
वो मस्ती के कारण तरह-तरह की आवाजें निकाल रही थी- आआह्ह.. ओह्ह्ह..
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी। वो मेरा सर अपनी टांगों में फंसा कर तड़फने लगी। थोड़ी देर बाद उसने अपना कीमती रस छोड़ दिया.. जिसे मैंने पूरी तरह साफ़ कर दिया।