हाय फ्रेंड्स.. मेरा नाम यश है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 22 साल और हाइट 6 फीट है।
यह मेरी पहली स्टोरी मेरी आपबीती पर आधारित है। यह खासतौर से उन लोगों के लिए है.. जिन्हें सेक्स का भूत सवार होता है.. पर वो किसी से भी कहने से डरते हैं जैसे मैं पहले किसी से सेक्स करने के लिए कहने से डरता था।
आज कहने को तो मैं 3 लड़कियों के साथ हूँ.. जो मेरी गर्ल फ्रेन्ड्स हैं.. लेकिन मैं कभी भी पूरी तरह से वैसा संतुष्ट नहीं हुआ.. जिस तरह से मैं चाहता था।
कभी मैं उनको उस तरह से नहीं चोद पाया हूँ.. क्योंकि वो मेरी उम्र की हैं और चुदते वक़्त ज्यादा नखरे दिखाती हैं।
जब मेरे पापा का क्लिनिक चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया था और मेरे घर में सिर्फ़ मैं और मेरी सौतेली मॉम ही थीं।
मेरे पापा ने मेरी मॉम के गुजर जाने के बाद दूसरी शादी कर ली थी।
मैं 3-3 गर्ल फ्रेन्ड्स होने के बावजूद अच्छी तरह सेक्स ना कर पाने से बहुत निराश सा हो गया था। इस विषय पर ज्यादा सोचने पर मुझे अपने घर में मेरी सौलेती मॉम ही मिली.. जिसे मैं अब तो बड़े आराम से चोद सकता था.. क्योंकि पापा भी घर से दूर थे।
मेरे सामने मुसीबत इस बात की थी कि वो मुझे अपने सगे बेटे की तरह मानती थीं और मुझे बहुत प्यार करती थीं।
किसी बात की परवाह ना करते हुए मैंने एक दिन सोच ही लिया कि कुछ भी हो.. मैं सोचता रहूँगा तो कुछ नहीं होगा और मैं बस मुठ ही मारता रह जाऊँगा।
उनके मम्मों का ठोस आकार.. मदमस्त फिगर और मटकती गाण्ड को देखकर मेरी वासना भड़क उठी थी।
मेरी सौलेती मॉम का नाम सोनी है.. जो कि पापा प्यार से बुलाते हैं। उनका फिगर 34-30-36 का है और रंग एकदम गोरा है। उनकी हाइट साढ़े पांच फुट की है।
यह बात करीब डेढ़ महीने पहले की है.. जब मैं कॉलेज से लौटा.. तो मॉम घर का काम कर रही थीं और काम करते-करते उनका बदन पसीने से भीग गया था।
मैंने जैसे ही घर की डोरबेल बजाई तो मॉम ने दरवाज़ा खोला और बोलीं- आ गए बेटा..
मेरा पहला ध्यान मॉम के मम्मों पर गया जो कि ब्लैक ब्रा में साफ़ झलक रहे थे।
उसी दिन से मैंने अपनी सौलेती मॉम की याद में मुठ मारना शुरू कर दिया।
उन्हें चोदने का प्लान भी इसी दिन से मेरे दिमाग में आया कि ये मेरी रियल मॉम तो हैं नहीं.. तो मैं इनके साथ ऐसा कर लूँ.. तो क्या बुराई होगी। इसी लिए मैंने प्लानिंग शुरू कर दी।
मैंने ध्यान दिया कि मेरे पापा को गए हुए 2-3 महीने हो चुके हैं और कई बार मुझे उनके कमरे से सेक्स जैसी बहुत ही हल्की आवाजें आती थीं। हो सकता है कि अभी भी मेरी मॉम हस्तमैथुन करती हों.. यानि खुद की चूत में उंगली करके मज़े लेती होंगी।
अब मैंने हर रात मॉम के कमरे की चौकीदारी शुरू कर दी और मैं लकी था कि कुछ ही दिनों की मेहनत के बाद जब मैं पानी पीने के बहाने मॉम के कमरे के साथ जो खिड़की है.. उसमें से झाँका तो मेरे होश उड़ गए।
मॉम जाग रही थीं और अपने पेट तक नाइटी को उठा कर चूत को सहला रही थी, कभी-कभी हल्के हाथ से अपनी चूत के ऊपर अपना हाथ रख कर थोड़ा सा रगड़ भी रही थीं।
यह मेरी पहली स्टोरी मेरी आपबीती पर आधारित है। यह खासतौर से उन लोगों के लिए है.. जिन्हें सेक्स का भूत सवार होता है.. पर वो किसी से भी कहने से डरते हैं जैसे मैं पहले किसी से सेक्स करने के लिए कहने से डरता था।
आज कहने को तो मैं 3 लड़कियों के साथ हूँ.. जो मेरी गर्ल फ्रेन्ड्स हैं.. लेकिन मैं कभी भी पूरी तरह से वैसा संतुष्ट नहीं हुआ.. जिस तरह से मैं चाहता था।
कभी मैं उनको उस तरह से नहीं चोद पाया हूँ.. क्योंकि वो मेरी उम्र की हैं और चुदते वक़्त ज्यादा नखरे दिखाती हैं।
जब मेरे पापा का क्लिनिक चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया था और मेरे घर में सिर्फ़ मैं और मेरी सौतेली मॉम ही थीं।
मेरे पापा ने मेरी मॉम के गुजर जाने के बाद दूसरी शादी कर ली थी।
मैं 3-3 गर्ल फ्रेन्ड्स होने के बावजूद अच्छी तरह सेक्स ना कर पाने से बहुत निराश सा हो गया था। इस विषय पर ज्यादा सोचने पर मुझे अपने घर में मेरी सौलेती मॉम ही मिली.. जिसे मैं अब तो बड़े आराम से चोद सकता था.. क्योंकि पापा भी घर से दूर थे।
मेरे सामने मुसीबत इस बात की थी कि वो मुझे अपने सगे बेटे की तरह मानती थीं और मुझे बहुत प्यार करती थीं।
किसी बात की परवाह ना करते हुए मैंने एक दिन सोच ही लिया कि कुछ भी हो.. मैं सोचता रहूँगा तो कुछ नहीं होगा और मैं बस मुठ ही मारता रह जाऊँगा।
उनके मम्मों का ठोस आकार.. मदमस्त फिगर और मटकती गाण्ड को देखकर मेरी वासना भड़क उठी थी।
मेरी सौलेती मॉम का नाम सोनी है.. जो कि पापा प्यार से बुलाते हैं। उनका फिगर 34-30-36 का है और रंग एकदम गोरा है। उनकी हाइट साढ़े पांच फुट की है।
यह बात करीब डेढ़ महीने पहले की है.. जब मैं कॉलेज से लौटा.. तो मॉम घर का काम कर रही थीं और काम करते-करते उनका बदन पसीने से भीग गया था।
मैंने जैसे ही घर की डोरबेल बजाई तो मॉम ने दरवाज़ा खोला और बोलीं- आ गए बेटा..
मेरा पहला ध्यान मॉम के मम्मों पर गया जो कि ब्लैक ब्रा में साफ़ झलक रहे थे।
उसी दिन से मैंने अपनी सौलेती मॉम की याद में मुठ मारना शुरू कर दिया।
उन्हें चोदने का प्लान भी इसी दिन से मेरे दिमाग में आया कि ये मेरी रियल मॉम तो हैं नहीं.. तो मैं इनके साथ ऐसा कर लूँ.. तो क्या बुराई होगी। इसी लिए मैंने प्लानिंग शुरू कर दी।
मैंने ध्यान दिया कि मेरे पापा को गए हुए 2-3 महीने हो चुके हैं और कई बार मुझे उनके कमरे से सेक्स जैसी बहुत ही हल्की आवाजें आती थीं। हो सकता है कि अभी भी मेरी मॉम हस्तमैथुन करती हों.. यानि खुद की चूत में उंगली करके मज़े लेती होंगी।
अब मैंने हर रात मॉम के कमरे की चौकीदारी शुरू कर दी और मैं लकी था कि कुछ ही दिनों की मेहनत के बाद जब मैं पानी पीने के बहाने मॉम के कमरे के साथ जो खिड़की है.. उसमें से झाँका तो मेरे होश उड़ गए।
मॉम जाग रही थीं और अपने पेट तक नाइटी को उठा कर चूत को सहला रही थी, कभी-कभी हल्के हाथ से अपनी चूत के ऊपर अपना हाथ रख कर थोड़ा सा रगड़ भी रही थीं।