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सविता का विवाह

दोस्तो, ये सेक्सी कहानी आप सबकी प्रिय सविता भाभी के मदभरे जीवन से जुड़ी एक यादगार चुदाई की कहानी है.

एक बार सविता भाभी अपने पति अशोक के साथ एक शादी में जा रही थीं. रास्ते मैं उन्हें लगा कि कहीं वे शादी में पहुँचने में लेट न हो जाएं, तो उन्होंने अपने पति से इस बात को कहा, जिस पर अशोक ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे लोग सही वक्त पर पहुँच जाएंगे.

शादी में पहुँचने पर सविता भाभी अपनी सहेली ममता से मिलीं और उसे बधाई दी.
इसके बाद अशोक ने सविता भाभी को यह कह कर अकेले छोड़ दिया कि वे अपने मित्रों से मिलने जा रहे हैं, तुम भी शादी में अपनी फ्रेंड्स के साथ एन्जॉय करो.

सविता भाभी को इस बात पर अपने पति अशोक पर गुस्सा आने लगा कि हमेशा ही अशोक ऐसा करते हैं, उन्हें अकेला छोड़ कर चले जाते हैं.
सविता भाभी जब अकेली रह गईं तो वे सोचने लगीं कि काश उनका पति का सोच मेरे पूर्व प्रेमी प्रेम जैसा होता तो कितना सुहाना होता.

सविता भाभी को प्रेम की याद आते ही वे उस समय की यादों में डूब गईं जब उनका विवाह हो रहा था.

सविता के विवाह के समय उनकी कुछ अन्तरंग सहेलियां मजाक कर रही थीं कि सविता जैसी लड़की को एक लंड से कैसे संतुष्टि मिलेगी.

ये तो आप सब भी जानते हो कि सविता ने अपने विवाह से पूर्व खूब गुल खिलाए थे. इस वक्त उनकी सहेलियां सविता के स्कूल टाइम में क्लास में साथ पढ़ने वाले मुदित की बात कर रही थीं कि किस तरह सावी ने मुदित का लंड क्लास में ही चूस लिया था.

उस घटना को संक्षेप में बताना उचित होगा कि मुदित से अपना काम निकलवाने के लिए सविता ने डेस्क के नीचे बैठ कर मुदित का लंड बड़े मस्ती से चूस लिया था और उसके लंड का सारा माल भी चट कर गई थीं.

इस घटना के बाद सविता की फ्रेंड्स को मालूम हो गया था कि सावी ने एक बार स्कूल की पिकनिक में भी रवि से चुदाई करवाई थी.

इन्हीं सब घटनाओं को लेकर सविता की सहेलियां चर्चा कर रही थीं कि जब सावी की शादी हो जाएगी तो साथी लड़कों के लंड खड़े होने ही बंद हो जाएंगे. इसी सबको को लेकर सविता की सहेलियों में उनसे मजाक करते हुए पूछा था कि जब तुम्हारा ब्याह हो जाएगा तो तुम एक लंड से कैसे काम चलाओगी.

इस बात पर सविता को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपनी सहेलियों को कमरे से बाहर जाने के लिए कह दिया. फिर सविता उस वक्त अपनी सहेलियों की बात को सोच कर कामुक होने लगीं.
अभी वे अपने होने वाले पति के बारे में सोच ही रही थीं कि इतने में उनके कमरे में किसी ने दस्तक दी. सविता को लगा कि उनकी सहेलियां उन्हें फिर से तंग करने आ गईं तो उन्होंने झुंझलाते हुए कमरे का दरवाजा खोला तो सामने अपने पति के दोस्त प्रेम को खड़ा पाया.
सविता को प्रेम के बारे में मालूम था कि वो ख़ास उनकी शादी के लिए विदेश से भारत आया है. सविता उससे बड़ी गर्मजोशी से बात करने लगीं.

इस वक्त सविता शादी के जोड़े में थीं और उन्होंने चुनरी नहीं ओढ़ी थी, जिस कारण से उनकी बड़ी चूचियां जोरदार जलवा बिखेर रही थीं, जिसे प्रेम बड़े ही कामुक अंदाज से निहार रहा था.
इस बात को सविता ने भी ताड़ लिया था कि प्रेम मेरी चूचियों में खो रहा है.
प्रेम ने सविता से बातचीत शुरू की कि आपकी सहेलियों ने बताया है कि आप कुछ परेशान हैं. क्या मैं आपकी कोई समस्या हल कर सकता हूँ?

इस पर सविता के दिमाग की बत्ती जल उठी और उन्होंने प्रेम को अपने हुस्न के जाल में लपेटना शुरू कर दिया, सविता ने अपने मम्मों का नजारा दिखाते हुए प्रेम से कहा- मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं अपने होने वाले पति को किस तरह से रिझा पाऊंगी. आने वाली मिलन की रात में अपने पति को किस तरह खुश कर पाऊंगी, इसका मुझे कोई अनुभव ही नहीं है.

इस बात को सुनते समय प्रेम सविता भाभी के फूले हुए मम्मों में कहीं खो सा गया था. उसका लंड पैन्ट में फूल गया था, जिसे सविता भाभी ने देख लिया था.
सविता भाभी ने जब ये कहा तो प्रेम ने सविता भाभी की जांघ पर हाथ रखते हुए उन्हें समझने की कोशिश की कि ये माल किस हद तक पट सकता है.

‘सविता भाभी आप परेशान न हों, आपके पास इतना जबरदस्त हुस्न है, आप अशोक को जरूर खुश कर दोगी.’
सविता ने अपने हाथों को अपने मम्मों पर रखते और उन्हें उभारते हुए कहा- ओह भैया आप भी मुझे चरकी दे रहे हो, क्या आपको नहीं लगता कि मेरे स्तन कुछ ज्यादा ही बड़े हैं?

उधर प्रेम की वासना भरी नजरें सविता भाभी की जवानी का रस ले रही थीं. प्रेम समझ रहा था कि सविता भाभी एक सीधी-सादी अल्हड़ अक्षत यौवना हैं. अब प्रेम सविता भाभी से कहने लगा कि आप मुझे अपने स्तनों का आकार ठीक से दिखाओ तो मैं आपको कुछ बता सकूँ.

इस पर सविता भाभी ने इठला कर कहा- लेकिन अभी तक मैंने इन्हें किसी गैर मर्द को नहीं दिखाया है.
प्रेम- घबराओ नहीं भाभी, मैं तो आपका देवर हूँ.. मुझसे कैसी शर्म!

बस सविता समझ गईं कि उनकी अदाकारी काम कर गई और उन्होंने अपने ब्लाउज को प्रेम के सामने खोल दिया.
प्रेम ने ब्रा में कसे हुए सविता भाभी के मम्मे देखे तो उसने सविता भाभी की चूचियों पर हाथ फेरते हुए कहा- ब्रा भी उतारनी होगी!
सविता ने झिझक दिखाई तो प्रेम ने खुद ही उन्हें अपनी बांहों में लेकर सविता भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया.

सविता भाभी की ब्रा क्या खुली, समझो कामदेव और रति की सुनामी रूपी खेल शुरू हो गया. प्रेम ने सविता भाभी की छलकती जवानी का रस कैसे पिया और सविता भाभी ने अपने रूपजाल में प्रेम के लंड को कैसे अपनी चुत में लिया. इस सबका नजारा आपको सविता भाभी की सचित्र कॉमिक्स में पढ़ने को मिलेगा.
 
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