अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे प्यार दोस्तो, अपनी सखी प्रिया का नमस्कार स्वीकार कओ!
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है कि मैं कैसे एक सामान्य स्कूल गर्ल से चुदक्कड़ लड़की बन गई… आशा है कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी पसन्द आयेगी।
मेरी कहानी में वही सब कुछ है जो मेरा साथ घटित हुआ है।
अभी मैं 24 वर्ष की हूँ, मेरा रंग गोरा, मेरे बूब्ज़ 36″, कमर 28″ है।
मुझे सेक्स का शौक तभी लग गया था जब मैं स्कूल में पढ़ती थी, उस वक्त से लेकर आज तक मैं बेहिसाब लंड अपनी चुत में ले चुकी हूँ।
मेरी कहानी शुरु तब से हुई जब मैं पहली बार अपने स्कूल के सर से चुदी।
मेरे स्कूल में मेरी यूनिफ़ॉर्म स्कर्ट और शर्ट थी। मेरी स्कर्ट अक्सर मेरे घुटनों से ऊपर ही हुआ करती थी और मेरी छाती यानि मेरे बूब्स उमर के मुलाबिक कुछ ज्यादा बड़े थे, चलते हुए मेरी चूची मेरे शर्ट के अन्दर झूलते हिलते थे।
सर ने मेरी गांड देख ली
एक दिन मेरे एक टीचर ने मुझे अपने कैबिन में बुलाया, क्लास में कुछ बुक्स बांटनी थी।
मैंने एक साथ 20-25 बुक्स उठाई तो मैं उन्हें सम्भाल नहीं पाई और सारी बुक्स जमीन पर गिर गई।
बुक्स उठाने के लिये मैं नीचे झुकी तो मेरी शॉर्ट स्कर्ट ऊपर को खिसक गई और मेरे चूतड़ यानि मेरी गांड दिखाई देने लगी।
मैंने एक बार पीछे देखा तो मेरे सर मेरे पीछे खड़े मेरी गांड को घूर रहे थे।
मैं बुक्स उठाने लगी और मैं जानना चाहती थी कि मेरी गांड देख कर मेरे सर क्या कर सकते हैं मेरे साथ… इसलिये मैं बुक्स उठाने के बहाने से झुकी रही।
जब सर से रहा नहीं गया तो वो आगे बढ़ कर मेरी गांड पर हाथ फ़िराने लगे।
मैं तो एकदम सिहर गई।
इसके पहले कि मैं कुछ भी समझ पाती, सर ने मेरी कच्छी एक साइड पर सरकाई और एक उंगली घुसेड़ दी मेरी गांड में… और मेरी चीख निकल जाती, वो तो मैंने रोक ली और सीधी हो कर सर से बोली- यह आप क्या कर रहे हैं आप सर?
सर- कुछ नहीं… बस तुम्हारी यह चिकनी गांड देख कर मुझसे रुका नहीं गया।
मैं- सर मैं आपसे उमर में छोटी हूँ और आप मेरा साथ यह सब कर रहे हैं?
सर ने मुझे खींच कर अपनी जांघों बिठाया और बोले- तो क्या हुआ? तुम जो अपनी चूत क्लास में लड़कों के साथ रगड़ती रहती हो, मुझे सब मालूम है।
मैं- सर, ये सब आपको कैसे पता लगा?
सर- मैंने तुम्हें दो 2 लड़कों के साथ स्टोर में देखा था एक बार!
मैं- वो तो सर… मैं बस…
सर- मुझे मालूम है कि तुन्हारी चूत में खूब खुजली होती है जो मैं मिटा सकता हूँ।
मैं चुप रही।
यह देख सर ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठाई, मैं सर की जांघों पर बैठी थी, सर मेरी चूत को स्कर्ट के अन्दर से पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगे और मेरा गाल को किस करना शुरू कर दिया।
मैं अब बाकी सब कुछ भूल कर सर से चिपकने लगी, क्योंकि मुझे मजा आ रहा था।
मेरी नाजुक चुत में उंगली
मेरी सहमति देख कर सर ने मेरी पेंटी खिसकाई और मेरी कमसिन नाजुक चूत में उंगली करने लगे।
मुझे अब बहुर मजा आने लगा था, मैं सर की जांघों से उठी, पेंटी उतार कर मेज पर रखी और सर की जांघों पर दोबारा बैठ गई, इस बार मैं मुँह उनकी तरफ करके बैठी और सर के लिप्स को किस करने लगी, सर ने भी मेरे होंठों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है कि मैं कैसे एक सामान्य स्कूल गर्ल से चुदक्कड़ लड़की बन गई… आशा है कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी पसन्द आयेगी।
मेरी कहानी में वही सब कुछ है जो मेरा साथ घटित हुआ है।
अभी मैं 24 वर्ष की हूँ, मेरा रंग गोरा, मेरे बूब्ज़ 36″, कमर 28″ है।
मुझे सेक्स का शौक तभी लग गया था जब मैं स्कूल में पढ़ती थी, उस वक्त से लेकर आज तक मैं बेहिसाब लंड अपनी चुत में ले चुकी हूँ।
मेरी कहानी शुरु तब से हुई जब मैं पहली बार अपने स्कूल के सर से चुदी।
मेरे स्कूल में मेरी यूनिफ़ॉर्म स्कर्ट और शर्ट थी। मेरी स्कर्ट अक्सर मेरे घुटनों से ऊपर ही हुआ करती थी और मेरी छाती यानि मेरे बूब्स उमर के मुलाबिक कुछ ज्यादा बड़े थे, चलते हुए मेरी चूची मेरे शर्ट के अन्दर झूलते हिलते थे।
सर ने मेरी गांड देख ली
एक दिन मेरे एक टीचर ने मुझे अपने कैबिन में बुलाया, क्लास में कुछ बुक्स बांटनी थी।
मैंने एक साथ 20-25 बुक्स उठाई तो मैं उन्हें सम्भाल नहीं पाई और सारी बुक्स जमीन पर गिर गई।
बुक्स उठाने के लिये मैं नीचे झुकी तो मेरी शॉर्ट स्कर्ट ऊपर को खिसक गई और मेरे चूतड़ यानि मेरी गांड दिखाई देने लगी।
मैंने एक बार पीछे देखा तो मेरे सर मेरे पीछे खड़े मेरी गांड को घूर रहे थे।
मैं बुक्स उठाने लगी और मैं जानना चाहती थी कि मेरी गांड देख कर मेरे सर क्या कर सकते हैं मेरे साथ… इसलिये मैं बुक्स उठाने के बहाने से झुकी रही।
जब सर से रहा नहीं गया तो वो आगे बढ़ कर मेरी गांड पर हाथ फ़िराने लगे।
मैं तो एकदम सिहर गई।
इसके पहले कि मैं कुछ भी समझ पाती, सर ने मेरी कच्छी एक साइड पर सरकाई और एक उंगली घुसेड़ दी मेरी गांड में… और मेरी चीख निकल जाती, वो तो मैंने रोक ली और सीधी हो कर सर से बोली- यह आप क्या कर रहे हैं आप सर?
सर- कुछ नहीं… बस तुम्हारी यह चिकनी गांड देख कर मुझसे रुका नहीं गया।
मैं- सर मैं आपसे उमर में छोटी हूँ और आप मेरा साथ यह सब कर रहे हैं?
सर ने मुझे खींच कर अपनी जांघों बिठाया और बोले- तो क्या हुआ? तुम जो अपनी चूत क्लास में लड़कों के साथ रगड़ती रहती हो, मुझे सब मालूम है।
मैं- सर, ये सब आपको कैसे पता लगा?
सर- मैंने तुम्हें दो 2 लड़कों के साथ स्टोर में देखा था एक बार!
मैं- वो तो सर… मैं बस…
सर- मुझे मालूम है कि तुन्हारी चूत में खूब खुजली होती है जो मैं मिटा सकता हूँ।
मैं चुप रही।
यह देख सर ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठाई, मैं सर की जांघों पर बैठी थी, सर मेरी चूत को स्कर्ट के अन्दर से पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगे और मेरा गाल को किस करना शुरू कर दिया।
मैं अब बाकी सब कुछ भूल कर सर से चिपकने लगी, क्योंकि मुझे मजा आ रहा था।
मेरी नाजुक चुत में उंगली
मेरी सहमति देख कर सर ने मेरी पेंटी खिसकाई और मेरी कमसिन नाजुक चूत में उंगली करने लगे।
मुझे अब बहुर मजा आने लगा था, मैं सर की जांघों से उठी, पेंटी उतार कर मेज पर रखी और सर की जांघों पर दोबारा बैठ गई, इस बार मैं मुँह उनकी तरफ करके बैठी और सर के लिप्स को किस करने लगी, सर ने भी मेरे होंठों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया।