दोस्तो, मेरा नाम पवन है और मैं उत्तर प्रदेश कानपुर से हूँ। मेरी उम्र 23 साल है।
आज मैं अपनी पहली और सच्ची कहानी आप सबको बताने जा रहा हूँ।
बात एक साल पहले की है जब मेरे पापा ने मेरे चाचा के शादीशुदा लड़के को ये कहकर बुलवाया था कि यहाँ आ जाओ तुम्हारी जॉब लगवा देंगे क्योंकि चाचा जी उस लड़के कि नौकरी न लग पाने के कारण बहुत परेशान रहते थे।
मेरे चचेरे भाई ने पापा की बात मान ली और वो अपनी पत्नी के साथ हमारे शहर आ गए।
मैं आप सबको सही-सही बता दूँ तो उनकी पत्नी मतलब मेरी भाभी वो क्या माल थी। गाँव के लोग ऐसा हुस्न कहाँ से पा जाते हैं.. मुझे समझ में ही नहीं आता था। भाभी को देख कर मेरा तो मन खराब हो गया। जब मैंने भाभी को देखा तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
भईया ने मुझे नजदीक बुलाया और बोला- ये तेरी भाभी है।
मैं उन्हें देख कर हाथ जोड़े।
फिर पापा ने कहा- जाओ तुम दोनों फ्रेश हो जाओ.. फिर खाने पर मिलते हैं।
मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं।
कुछ दिन बीते तो मेरी भाभी से बात भी होने लगी थी। भाभी मुझसे मजाक करती थीं और मैं उनसे खूब हँस बोल कर बातें करता था.. लेकिन मेरे मन में तो उन्हें चोदने का प्लान बन रहा था।
कभी कभी मैं भाभी को नहाते देखता और कभी उनकी पेंटी अपने लंड पर रगड़ता।
एक दिन की बात है, मैं अपने कमरे में कंप्यूटर पर ब्लू-फिल्म देख रहा था.. तो मेरा मन मुठ मारने का हुआ.. तो मैंने भाभी के नाम पर मुठ मार ली और बाथरूम में लंड धोने चला गया।
तभी मेरे कमरे में भाभी आ गईं और वो मेरे कम्प्यूटर पर चलती हुई ब्लू-फिल्म को देखने लगीं जो मैंने ऑन छोड़ दिया था।
मैं बाथरूम से बाहर निकला.. तो देखा कि भाभी बड़े गौर से फिल्म देख रही थीं।
मैं कमरे में आया.. तो वो मुझसे कहने लगीं- तुम ये क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- मूवी है।
वो बोलीं- यही सब देखते हो?
मैंने भी ढीठता से कहा- हाँ।
भाभी हँसते हुए यह कहकर चली गईं- मतलब बड़े हो गए हो।
मैं सोचने लगा कि भाभी ने कुछ कहा ही नहीं.. मतलब वो चुदासी हैं और इसके बाद मैं उनको चोदने के लिए मौका ढूंढने लगा।
एक दिन सुबह जब मैं सोकर उठा तो देखा कि भाभी नहा कर आ रही थीं। उन्हें देख कर मेरा लंड कड़ा हो गया। उनकी चूचियां एकदम टाइट दिख रही थीं।
मेरा अपने आप से काबू खोए जा रहा था, मैं उन्हें देख कर अपना लंड सहलाने लगा।
भाभी ने मुझे लंड सहलाते हुए देख लिया और वे मुस्कुरा कर चली गईं।
एक दिन घर पर कोई नहीं था, पापा और भैया ऑफिस ग़ए थे और मम्मी और छोटा भाई मौसी के यहाँ जाने के लिए तैयार हो रहे थे।
मैं अपने कमरे में चला गया।
थोड़ी देर बाद भाभी मेरे कमरे में मेरे लिए नाश्ता ले कर आईं।
नाश्ता करने के बाद मैं और भाभी बात करने लगे। मैं भाभी से बात कम कर रहा था और उनकी चूचियों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहा था।
भाभी ने मुझे मम्मों को घूरते हुए देखा तो वे मेरे कमरे से चली गईं।
मैंने झट से ब्लू-फिल्म लगा कर मुठ मारना शुरू कर दी।
आज मैं अपनी पहली और सच्ची कहानी आप सबको बताने जा रहा हूँ।
बात एक साल पहले की है जब मेरे पापा ने मेरे चाचा के शादीशुदा लड़के को ये कहकर बुलवाया था कि यहाँ आ जाओ तुम्हारी जॉब लगवा देंगे क्योंकि चाचा जी उस लड़के कि नौकरी न लग पाने के कारण बहुत परेशान रहते थे।
मेरे चचेरे भाई ने पापा की बात मान ली और वो अपनी पत्नी के साथ हमारे शहर आ गए।
मैं आप सबको सही-सही बता दूँ तो उनकी पत्नी मतलब मेरी भाभी वो क्या माल थी। गाँव के लोग ऐसा हुस्न कहाँ से पा जाते हैं.. मुझे समझ में ही नहीं आता था। भाभी को देख कर मेरा तो मन खराब हो गया। जब मैंने भाभी को देखा तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
भईया ने मुझे नजदीक बुलाया और बोला- ये तेरी भाभी है।
मैं उन्हें देख कर हाथ जोड़े।
फिर पापा ने कहा- जाओ तुम दोनों फ्रेश हो जाओ.. फिर खाने पर मिलते हैं।
मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं।
कुछ दिन बीते तो मेरी भाभी से बात भी होने लगी थी। भाभी मुझसे मजाक करती थीं और मैं उनसे खूब हँस बोल कर बातें करता था.. लेकिन मेरे मन में तो उन्हें चोदने का प्लान बन रहा था।
कभी कभी मैं भाभी को नहाते देखता और कभी उनकी पेंटी अपने लंड पर रगड़ता।
एक दिन की बात है, मैं अपने कमरे में कंप्यूटर पर ब्लू-फिल्म देख रहा था.. तो मेरा मन मुठ मारने का हुआ.. तो मैंने भाभी के नाम पर मुठ मार ली और बाथरूम में लंड धोने चला गया।
तभी मेरे कमरे में भाभी आ गईं और वो मेरे कम्प्यूटर पर चलती हुई ब्लू-फिल्म को देखने लगीं जो मैंने ऑन छोड़ दिया था।
मैं बाथरूम से बाहर निकला.. तो देखा कि भाभी बड़े गौर से फिल्म देख रही थीं।
मैं कमरे में आया.. तो वो मुझसे कहने लगीं- तुम ये क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- मूवी है।
वो बोलीं- यही सब देखते हो?
मैंने भी ढीठता से कहा- हाँ।
भाभी हँसते हुए यह कहकर चली गईं- मतलब बड़े हो गए हो।
मैं सोचने लगा कि भाभी ने कुछ कहा ही नहीं.. मतलब वो चुदासी हैं और इसके बाद मैं उनको चोदने के लिए मौका ढूंढने लगा।
एक दिन सुबह जब मैं सोकर उठा तो देखा कि भाभी नहा कर आ रही थीं। उन्हें देख कर मेरा लंड कड़ा हो गया। उनकी चूचियां एकदम टाइट दिख रही थीं।
मेरा अपने आप से काबू खोए जा रहा था, मैं उन्हें देख कर अपना लंड सहलाने लगा।
भाभी ने मुझे लंड सहलाते हुए देख लिया और वे मुस्कुरा कर चली गईं।
एक दिन घर पर कोई नहीं था, पापा और भैया ऑफिस ग़ए थे और मम्मी और छोटा भाई मौसी के यहाँ जाने के लिए तैयार हो रहे थे।
मैं अपने कमरे में चला गया।
थोड़ी देर बाद भाभी मेरे कमरे में मेरे लिए नाश्ता ले कर आईं।
नाश्ता करने के बाद मैं और भाभी बात करने लगे। मैं भाभी से बात कम कर रहा था और उनकी चूचियों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहा था।
भाभी ने मुझे मम्मों को घूरते हुए देखा तो वे मेरे कमरे से चली गईं।
मैंने झट से ब्लू-फिल्म लगा कर मुठ मारना शुरू कर दी।