नमस्कार दोस्तों,
आखिर किसी ना किसी बहाने मैंने अपनी पड़ोसन रंजीता की आह्ह भी सुनी ही ली | दोस्तों रंजीता कोई मामूली लड़की नहीं थी वो एक अच्छी - खासी कंपनी में काम का रही थी और मना की मई उसकी जिस्म का बहुत बड़ा दीवाना था पर उसकी चुत कोई मंदिर का घंटा भी ना थी | दोस्तों, वो मेरी हवसी कई सालों...