(Kavya Ki Chudai)
नहीं मैं अपना नाम नहीं बताना चाहता हूँ, लेकिन इतना समझ ले की मैं अपने दील की बात जो एक अरसे से छिपा के बैठा था उसे आज इस साईट के माध्यम से निकालना चाहता हूँ. बात तब की हैं जब मैं ग्रेज्युएशन के लास्ट इयर में था. अच्छे दिन थे जब 5 रूपये पॉकेट मनी मिलती थी जिसमे से भी 1 रुपया बच...