अकेले क्यों कर रहे हो ? | Hindi Sex Stories

अकेले क्यों कर रहे हो ?

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Jun 18, 2020.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    हाई दोस्तों,

    मेरा नाम अरविन्द हे और मैं बिहार का रहने वाला हूँ |मेरी माँ की एक दोस्त थी जो की मेरे माँ को बचपन से जानती थी | हम अपने घर में जितना रहते थे उनके घर में भी उतना ही रहते थे | उनके पती एक कंपनी में काम करते थे जिसके कारण हफ्ते में चार दिन तो वो बहार ही रहते थे और बहुत पतले थे, में अक्सर सोचता था की आंटी और उनकी शादी कैसे हुई | ख़ैर एक दिन मेरी नानी की तबियत बहुत खराब हुई और मेरे घर वाले मुझे उनके घर पे ही छोड़ के चले गए थे | अंकल सुबह साथ बजे काम पे चले जाते थे और मैं कॉलेज सिर्फ हफ्ते में तिन दिन ही जाता था | उछले चले जाते थे और मैं और आंटी घर पे रह जाते थे, आंटी पुरे दिन नाइटी पेहेन के ही रहती थी और कभी कभी अंदर कुछ नही पेहेंती थी जो की मुझे दूर से पता चल जाता था | आंटी जब बाथरूम में बैठ के कपडे धोती थी तब मेने उनकी गांड दरवाजे के निचे से झुक के कई बार देखा हे | अंकल आंटी एक कमरे में सोते थे और में दूसरे कमरे में सोता था, और कभी कभी मोबाईल में फिल्म देखता था तो नंगा सोता था और हिला लेता था |

    बुदवार को अंकल चले गए और उस दिन मैं और आंटी खाते समय बहुत हसी मजाक किये और फिर मैं और आंटी सोने के लिए चले गए | मैं अपने कमरे में चला गया और एक दो घंटे बाड मेने मोबाईल में फिल्म लगे और अपनी चड्डी उतर के पूरा नंगा सोके हिला रहा था | मुझे उसदिन कस के नींद आई और मेरा मुठ निकलने से पहले ही मेरी आँख लग गयी | शायद दस मिनट भी नही गुजरे थे की मुझे लगा की कोई मेरे लंड को पकड़ा हुआ हे, मैं झट से उठ गया तो देखा की आंटी चारपाई के बाजू में बैठ के मेरे मोबाईल में फिल्म देख रही हे और मेरे लंड को हिला रही थी | मेने आंटी को कहा की ये क्या आंटी ? आंटी बोले अकेले अकेले क्यों करते हो, घर में मैं भी तो हू मुझे भी बुला लिया करो | मेरे दिल एम् लड्डू फूटने लगे और मेने आंटी को झट से लेटा दिया और उनके होठो को चूसने लग गया | वो मस्त में मेरा साथ देने लग गयी, और मेरे सर को पीछे से दबाने लग गयी ताकी किस कस के हो | मेने आंटी को खड़ा किया और उन्हें पूरा का पूरा नंगा कर दिया न ब्रा और न ही चड्डी रहने दिया |

    मैं आंटी के उपर चड गया और उनके होठो को का रस पिने लग गया और फिर जल्दी ही उनके निप्पल को चूसने लग गया वो मस्त होके कराहने लग गयी | मैं उनके एक निप्पल को चुस्त तो दूसरे चुचे को मसलता रहता और वो इसी में एक बार झड गयी | मैं उनके मुह के पास गया और उनके मुह में लंड दे दिया और वो उसे लोली पोप की तरह चूसने लग गयी, मैं उनके मुह में दो तिन मिनट ही टिक पाया और फिर झड गया | वो सारा माल पी गयी और फिर मैं उनके चुत की तरफ आया, उनके चुत पे बाल थे न जादा बड़े और न जादा छोटे | मेने उनके टांगो को खोल दिया और उनकी चुत चाटने लग गया, वो एक दम से पगला गयी और अपने कमर उठाने लग गयी और अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्मैईईई ईई करने लग गयी और मेरे बालो को पकड़ के मेरे सर को अपनी चुत में दबाने लग गयी | मैं कस कस के चाटने लगा तो वो एक दम से झड गयी, और मैं उनकी चुत का सारा रस पी गया |

    उनकी चुत चाट के साफ़ करने के बाड मेने उनके मुह में अपना लंड फिरसे दिया और वो चूसने लग गयी और मेरे लंड पे अच्छे से थूक लगा दी और मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया | मैं गया और उनकी टांगो को पकड़ के खोल दिया और फिर उनकी चुत पे लंड रख के बिना किसी देरी के धक्का दे दिया, मेरा लंड आराम से चला गया पर वो चीखी | मेने उनकी दर्द की परवा किये बिना, लंड अंदर बहार करने लग गया और वो कस कस के कराहने लग गयी | मैं अपनी रफ्तार धीरे धीरे बढाता गया और और वो पागल सी होती गयी, इतने में वो दो बार झड चुकी थी और उनका शारीर पूरा ढीला पड चूका था पर मैं रुका नही और पेलता गया | करीब बीस मिनट में उनके चुत में झड गया और वो मुझसे कुछ पल पहले झड चुकी थी | मुठ उनके चुत में छोड़ने के बाद मैं बाजू में ही लेट गया और कुछ देर के लिए आराम किया | औंटी आराम करने के बाद मुझे चूमने लगी ताकि में फिर से गर्म हो जाऊं और उनके चुत को घिस दू | उस रात औंटी के साथ मेने तिन चार बार किया और सुबह औंटी मुझे बताई की उनके पती का लंड बहुत पतला हे तो उन्हें जादा मजा नही आता |
     
Loading...