इंडियन जवानी के साथ पूरी की कामवासना

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मैं इंडियन जवानी नरीमा को जवानी से ही जाने लगा था और अब हमारे बीच ऐसे तालुकात हो गए हैं की जब में हमारे बदन में चिंगारियां उठती है तो एक दूसरे के साथ सेक्स बिने किया नहीं रहा जाता | दिन मैं नरीम की एक बार चुत ज़रूर मारता हूँ आखिर अब मेरे लंड को भी उसकी आदत लग चुकी है | दोस्तों यह किस्सा तब शुरू हुआ था जब हम नरीम की २० साल की उम्र में मिला था और उसके बाद जैसे एक दूसरे के करीब आ गए तो मुझे अपनी नौकरी के लिए दूसरे श्र जाना पड़ गया | मुझे खुद भी नहीं पता की आखिर उप्पर वाले ने मेरे अंदर कितनी वासना को कूट - कूट के भेजा है | नरीमा हमेशा मेरे दिल में बसी रही जब तक मैंने ६ सालों के दूर चला गया | पर मैं उसकी का दीवाना हूँ की उसकी याद में मैंने कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बायीं |

उस दिन के बाद जब मैं उससे२६ वर्ष की आई में मिला तो बस देखता ही रह गया | नरीमा एकदम इंडियन जवानी के माफिक चिकनी माल बन चुकी थी | हम दोनों जब पहली दफा मिले तो उसने अपनी सारे बात दिल खोल के बता दी की वो हमेशा से मुझे ही चाहती थी और मेरे गालों पर प्यारी सी चुम्मी भी दे दी | अब शायद वो वक्त आ चूका था की की मैं जवानी के अधूरे कामुक सफर को उसके साथ मिलन को पूरा कर दूँ | अब हम दोनों प्रेम रिश्ते में बंध चुके थे बस सेक्स रिश्ते में बंधना बाकी था | करीब कुछ दिन बाद मैंने उसके साथ के होटल में कमरा लिया वहीँ रोमांटिक होते हुए हम बिलकुल पहले दफा मिलने की बातों को याद करने जब वो मुझसे बतियाती हुई खूब शरमाया करती थी |

वहीँ सभी पलों को याद करते हुए मैंने नरीम को वहीँ बिस्तर पर गिरा दिया और चुम्मा - चाटी करते हुए नरीमा की जींस और टॉप को उतरवा दिया | मैंने नरीमा की इंडियन जवानी जाँघों को मसलते हुए उसके गुलाबी चुत तक पहुंचा और वहीँ मुंह गडाते हुए मस्त तरीके उसकी चुत पर अपनी जीभ को लहर रह था | कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकला और नरीमा के हाथ थमा दिया जिसे नरीमा ने अपनी चुत पर रगड़ते हुए गीला कर दिया | मैंने वहीँ खड़ा हुआ और फिर उसने अब चुसाई के लिए मेरे लंड को मुंह में घुसेड लिया और कसकर मेरे लंड की मसलते हुए आगे - पीछे अपने हाथ में मसलने हुए मुंह में | मैं अब चुदाई के गरम हो गया था और अब मैंने अपने लंड को नरीमा की चुत में टिकाया दिया और उलटी गिनती गिननी चालू कर दी |

मैंने अब एक झटका देते हुए नरीमा की चुत में मस्त वाले धक्के देते हुए अंदर बाहर करते हुए अपनी चुदाई की रफ़्तार को बढाता हुआ जमकर चोदने लगा | मेरे शुरूआती झटकों में नरीमा को जरों को दर्द हो रहा था पर मैंने अपनी गति को धीमा नहीं किया और बस उसकी पीठ को थपथापाता हुआ बस लंड के तीव्र झोटे दिए जा रहा | मैंने कंडोम नहीं पहना था और अब मैं झड़ने की कगार पर भी आ चूका था इसीलिए जल्द ही मैंने अपने लंड को निकाला और उसके मुंह में ठुंसते हुए झड पड़ा | नरीमा एक एक तरफ से मेरे लंड को चूस रही थी तो मैं दूसरी तरफ से उसकी चुत की मलाई का स्वाद चख रहा था |
 
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