कहीं दूर चलें और नईया पार करें

sexstories

Administrator
Staff member
नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको अपनी मीना नाम की गर्लफ्रेंड की हँसी गुलाबी चुत की मजेदार कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसके होंठों को हमेशा ही अपने होंठों के तले दबाना पसंद करता था | दोस्तों वो व्यहवार से बहुत ही सीधी थी यौन सम्बन्ध के बारे में इतना ज्ञान नहीं रखती थी इसलिए आज तक उसे जो कुछ भी यौन - सम्बन्ध के बारे में पता है वो मैंने ही उसे धिक्लाया और शिकाया है | मेरी गर्लफ्रेंड बनने के बाद ही उसके तो जैसे मेरे जिस्म से हमेशा ही छिपते रहने की जैसे लत सी लग चुकी थी | मैं अब जब कभी भी उससे मिला करता तो उसकी चुचियों को उप्पर से दबाता हुआ उसके होंठों चूसता चले जाता | एक दिन मैंने वासना की सारी हदों को पार कर उसकी चुत को चोदने की सोची |

मेरा दिल तो नहीं चाहता था की शादी से पहले हद पार करूँ पर मेरे लंड से टंक भी सबर नहीं किया जा रहा था | मैंने उसे एक दिन घुमाने के बहाने एक सुनसान सी घटी में ले गया और जब उसने मुझे आँख मारते हुए पूछा की जान इधर अकेले में क्यूँ लाये हो तो मैंने भी उसके होठों को अपने होठो में दबा कर और अपने दोनों हाथों से उसके मोटे - मोटे चुचों को कसके भींचते हुए कहा की तेरे बदन की अच्छे से सेवा करने के लिए और वो कामुक मुस्कराहट देती हुई मुझे इशार - उधर भाग कर तड़पाने लगी | मैंने उसे अब उसे वहीँ एक बिस्तर पर अपने साथ चूमा - चाटी करते हुए बिठाया और अगले ही पल उसकी जींस और टॉप को उतरवा दिया |

मैं उसकी नरम जाँघों को मसलते हुए उसके गुलाबी चुत को चुस रहा था और वो मस्त तरीके से मेरे सर अपर अपने हाथस इ दबाव डाल रही थी | मैंने अपना लंड निकला और उसके हाथ थमा दिया | जब मैंने उसकी चुत का पानी निकला उसकी चुत को गीला कर दिया तो इस बार उसे झुकाकर अपने लंड को उसके मुंह में थमा दिया जिसपर वो कसकर मेरे लंड की मसलते हुए आगे - पीछे अपने हाथ में मसलने लगी | कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना भी शुर कर दिया जिसपर मैं इतना गरम हो गया मैंने अपने लंड को उसकी चुत में टिकाया और मस्त वाले धक्के देते हुए अंदर बाहर करने लगा |

मैंने अपनी रफ़्तार को बढात हुए बहुत ही उप्पर पहुंचा दिया और पागल सांड की तरह उसकी चुत को जमकर चोदने लगा | मैंने अब जोर आजमाते हुए उसकी टांगों को अच्छे से खोले रखा और उसकी चुत को चाटते हुए नयी पोसिशन में उसकी चुत को चोदना ज़ारी रखा जिससे उससे कुछ ज्यादा दर्द हो रहा था क्यूंकि मेरा लंड उसकी चुत में अब जैसे बड़ा ही होता जा रहा था | मैंने उसकी चुत पर थोडा भी रहम नहीं खाया और वहीँ भीत पर लिटाकर बस एक घंटे तक चोदता ही चला गया जिससे मेरा गाढ़ा मुठ भी फटाक से निकल पड़ा उसके मुंह को भिगो दिया | उस दिन के बाद से उसे मेरे लंड का चस्का उसके सर पर ही चड गया है और रोज मेरे लंड की मांग करती है |
 
Back
Top