कार्यलय की छुट्टी में कर दी आंटी की छुट्टी

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नमस्कार दोस्तों,

मैंने अपने ही कार्यालय के नीचे वाली आंटी की चुदाई की जिनके बारे में आज आपको मैंने बताने जा रहा हूँ | उनका नाम शीला था और मैं शीला की जवानी के नाम से आंटी को चिडाया भी करता था | अब हमारे तालुकात भी एक दूसरे से बढते ही जा रहे थे और कुछ ही दिनों में मेरा अपने कार्यलय की छुट्टी के बाद उनके घर में रुकना भी चलता भी चला गया | मैंने उनकी चुत को अब अपना बना चाहता था | इसलिए मैंने अपने मजाकों को बिलकुल बेहूदा और शारीरिक स्पर्शों के साथ बना शुरू कर दिया जिसपर वो हंस मेरा पूरा सहयोग दिया करती थी | एक दिन मैंने जब चुम्मे के उप्पर मजाक बनाया तो आंटी उसपर खूब हंसी जिसपर मैंने उन्हें कहा क्यूँ ना आज किया जाये और उन्होंने अपनी गर्दन भी हिला दी |

मैंने तभी आंटी को चूमना शुरू कर दिया और कुछ पल में हम एक - दूसरे को मस्त में सहयोग करते हुए होठों को चूसने में बिलकुल खो गए | मैंने अब आंटी के ब्लाउस के उप्पर से ही चुचों को दबाते हुए उनके पेटीकोट के नाडे खोल दिया साथ ही ब्लाउस भी खोल दिया | मैंने आंटी के चुचों को दबाते हुए चूसा अब उन्हें लिटा दिया और चढ़कर उसके चूचकों के सतह खेलते हुए पिने लगा | अब तो मेरा लंड भी तैनात हो चूका था इसीलिए मैंने शीला आंटी की चुत को भी मसलने लगा और अपनी पैंट खोलते हुए उनकी चुत की फांकों के बीच रगड़ते आगे - पीछे करना शुरू कर दिया | आंटी इतनी जोश में अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को ले रही थीं की कुछ देर बाद ही इनकी चुत भी गीली हो गई और मैं अब भी उनकी चुत को पागलों की तरह चोद रहा था |

आंटी कुछ ही देर में मेरी तेजी से उत्तजित होकर जोर - जोर से उह्ह्ही मा मार गयीई हहह्हा हहह्हा करके चिल्ला रही थी जिससे मेरा हौंसला बढ़ता ही जा रहा था | हम दोनों बेलाज्वाब होकर एक दूसरे को धक्के दिए जा रहा थे और मैंने तो अब किसी जंगली कुत्ते की तरह उनके उप्पर चड बेझिझक तरीके से चोदा और आखिर में अपने लंड को मसलते हुए झड भी गया और मेरा सारा मुठ शीला आंटी को चुत में ही समां गया और उसके बाद मैंने आंटी को अपनी गांड दिखाकर मुड जाने को कहा | आंटी अब गांड को उठाकर झुक गयी और मैंने फिर अपने लंड को तैयार करते हुए पीछे से अपने लंड को देना शुर कर दिया | मैंने साथ उनकी गांड में भी ऊँगली कर रहा था और अपने झटके भी दिए जा रहा था |

मेरी रफ़्तार अब उनकी गांड में भी बढती चली गयी और मैं बारी - बारी से अपने लंड और ऊँगली को उनकी गांड और चुत में देकर चोदे जा रहा था जिसपर मुझसे भी जवान आंटी की जान निकलने को हो गयी थी | चुदाई के इस बीच के समय में तो आंटी की पाआऊओअओ करके पाद भी निकल बड़ी और कुछ देर में जब आंटी हद्द नशे में हो चली तो उनकी चुत भी बह गयी और उसके कुछ देर बाद मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुच गया और उनकी गांड में डाले हुए ही झड पड़ा | उस कांड के बाद में अपने कार्यालय की छुट्टी में आंटी की छुट्टी निकाल देता हूँ |
 
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