किसी गैर को लिया अपनी बाहों में

sexstories

Administrator
Staff member
हाई दोस्तों,

आज मैं तिरुमा की मस्तानी चुदाई के बारे में बड़े ही जोश में सब - कुछ किस्सा लिखकर आपको सुनाने जा रहा हूँ जिसको मैंने कहीं और नहीं बल्कि उसके ही घर में चोदा था | वो आज मरे साथ नहीं है पर उसकी वो मनमोहक खुसबू और याद मेरे साथ हमेशा ही रहेगी | वो मेरे साथ ही एक विशाल कंपनी में काम किया करती थी और मुझे हद्द से ज्यादा भाव भी दिया करती थी | मैं आपको बता दूँ की मैंने पहले से ही शादी - शुदा हूँ फिर भी उसकी गुबरीले बदन के पीछे अपना सब कुछ खो बैठना चाहता था | मैंने भी अब उसको घास डालते हुए उसे उत्तेजित करने लगा जिसपर वो कभी काम करती हुई मुझे झुककर अपनी गांड को धिकया करती थी और मैं अपने लंड को ही पकड कर बैठ जाया करता था |

किस्सा आगे यूँ बढ़ा की मैं अब उससे अपनी यारी - दोस्ती भी कुछ दिनों में बढ़ा ली और उने मुझे एक दिन अपने घर पार्टी बोलकर बुलाया जिसपर मैं शाम को तैयार होकर उसके घर भी पहुँच गया पर वहाँ जाकर पता चला की कोई पार्टी नहीं थी वो तो बस मुझसे अकेले में ही निलना चाहती थी | मैं जैसे ही उसके घर पहुंचा तो उसने अपने आप को मेरी बाहों में गिरा लिया और जैसे ही मैंने उसे अपने हाथों के सहारे थामा था तो वो बस मेरी आँखों में आँखें डालती हुई उझे हरकर कहने लगी कि जान . . . मैंने तुम्हारी इतनी मर्दाना बाहों के लिए कब से तरस रही थी ! ! जिसपर मैंने पहले तो उसे दूर करने कि कोशिस कि फिर उसके गीले भीगे बदन के आगे मैं भी झुक गया |

मैंने धेरे ही धीरे एक दूसरे के करीब आते चले गए और मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिए और कुछ पल में ही उसके अपनी बाहों में भरकर उसके होठों को चूसते हुए उसके चुचों को मसलने लगा | वो मुझसे किस भी हाल में अब चुदना ही चाहती थी इसीलिए उसने भी अपने टॉवेल को गिरा दिया और कुछ पल में ही मेरे सामने नंगी हो गयी | मैं अब अपनी उँगलियों से उसकी चिकनी चुत को रगड़ने लगा जिसपर वो तडपती हुई नीचे से मेरे लंड को मसलने लगी | मैंने अब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसकी चुत के मुहाने में दे मारा और एक बार में झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में घुसा दिया | मैंने कुछ पल में ही अपने झटकों की रफ़्तार को उप्पर चढाते हुए उसकी चुत को कहीं ना छोड़ा और वो भी इसपर बहुत खुस नज़र आ रही थी |

मरे लंड के इतने तेज़ी से जाते हुए धक्कों के कारण उसकी चुत का पानी भी बह निकला और वो मेरे सामने वहीँ अपनी गांड को दिखाते हुए घोड़ी बन गयी जिस्पर मैं भी उसकी गांड को चाटने लगा जिस तरह मैं किसी जमाने में अपनी बिर्वी कि गांड को चाटा करता था पर अब वो मुझसे कभी इतनी अच्छी तरह नहीं चुदवाती थी | मैंने तिरुमा की गांड कि तरफ से उसकी चुद में अपने लंड को तेज़ी से घुसाते हुए अंदर - बाहर करने लगा जिसपर उसकी हवा ही निकल पड़ी थी और उसकी गांड पूरी तरह से लाल टमाटर कि तरह लग रही थी | मैंने उसके बाद उसे चुमते हुए वहीँ उसकी गांड पर ही झड गया और मैंने उसी के बाद अपने होश में आते हुए अपने कपड़े पहन वहाँ से निकल गया और अगली बार से कभी भी तिरुमा कि तरफ आँख उठाकर नहीं देखा |
 
Back
Top