खड़ा लंड देख लिया

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Hindi sex story, antarvasna मैं अपने काम के सिलसिले में बहुत ज्यादा बिजी रहता हूं मेरे ऑफिस के काम के सिलसिले में मुझे अक्सर बाहर जाना पड़ता है और एक बार मैं अपने मामा के पास चंडीगढ़ भी गया, जब मैं अपने मामा के पास चंडीगढ़ गया तो वह मुझे कहने लगे बेटा तुम तो हम से फोन पर भी बात नहीं करते हो, मैंने अपने मामा जी से कहा मामा मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है इसलिए मैं आपसे फोन पर बात नहीं कर पाता लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं आप लोगों को याद नहीं करता मैं मम्मी से आपके बारे में हमेशा ही पूछता हूं। मेरे मामाजी मेरी मम्मी से बहुत ही छोटे हैं उनकी उम्र मुझसे लगभग 10 वर्ष ही ज्यादा है मेरी उम्र 30 वर्ष की है और मेरे मामा की लगभग 40 वर्ष के आसपास की उम्र है, मुझे आज भी वह दिन याद है जब मैं अपने मामा की शादी में गया था वहां पर हम लोगों ने खूब मजे किए थे और शादी में मेरी एक लड़की से भी मुलाकात हुई थी उस लड़की से काफी समय तक मेरा अफेयर चला लेकिन उसके बाद ना जाने उसके और मेरे बीच में ऐसा क्या हुआ कि उसने किसी दूसरे लड़के से ही शादी कर ली।

मुझे इस बात का हमेशा ही दुख है कि मैं उस लड़की को ज्यादा समय नहीं दे पाया दरअसल हम दोनों के बीच उस वक्त इतनी ज्यादा बात नहीं हो पाती थी मैं दिल्ली में रहता हूं और वह चंडीगढ़ में रहती थी इसी वजह से तो हम दोनों के रिलेशन में खटास पैदा हो गई और उसने किसी और लड़के से शादी कर ली, उसने मुझे अपनी शादी का कार्ड भी भेजा था लेकिन मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया था, मैं जब भी अपने मामा से उसके बारे में पूछता हूं तो मेरे मामा कहते हैं क्या अब भी तुम उससे प्यार करते हो। मेरे मामा और मेरे बीच खुलकर बात होती है वह बड़े ही अच्छे हैं और बहुत ही फ्रेंडली है वह मेरे साथ मेरे दोस्त के तरीके से रहते हैं और मुझे भी उनके साथ में समय बिताना हमेशा अच्छा लगता है, मैं जितने दिन चंडीगढ़ में रुका उतने दिन मुझे बहुत ही अच्छा लगा, चंडीगढ़ में उस वक्त मैं करीब 10 दिन तक रहा और उसके बाद मैं दिल्ली वापस लौट आया।

मैं जब दिल्ली वापस आ गया तो मैं अपने काम में इतना व्यस्त हो गया कि मुझे समय ही नहीं मिल पाया और उसके बाद मैं काफी समय तक चंडीगढ़ भी नहीं जा पाया, मेरे मामा का मुझे हमेशा ही फोन आता रहता लेकिन मैं उनसे कम ही बात किया करता था उनसे जब भी मेरी बात होती तो वह कहते की आकाश तुम तो मेरा फोन भी नहीं उठाते हो मैं हमेशा मामा से कहता कि आपकी हमेशा ही यही शिकायत रहती है लेकिन आप मुझसे ही पूछिए कि मैं काम में कितना ज्यादा बिजी रहता हूं और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता। धीरे धीरे अब समय बीता जा रहा था मेरे मम्मी पापा ने मेरे लिए शादी के रिश्ते भी देखने शुरू कर दिए थे क्योंकि घर में मैं एकलौता हूं इसलिए वह चाहते थे कि मैं जल्द से जल्द शादी कर लूं परंतु मैं शादी नहीं करना चाहता था मुझे थोड़ा और समय चाहिए था मैं अपना ही कोई काम शुरू करना चाहता था इसलिए मैं इतना ज्यादा मेहनत करता हूं ताकि जल्द से जल्द मेरे पास पैसा आ जाए और उसके बाद मैं अपना ही कोई काम शुरू कर पाऊँ, इस बात से मेरे मम्मी पापा मुझे कहने लगे बेटा तुम उसके बाद भी तो अपना काम कर सकते हो मैंने मम्मी से कहा मम्मी अभी मैं अपनी पत्नी को समय ही नहीं दे पाऊंगा तो मेरा शादी करने का कोई फायदा ही नहीं है उससे अच्छा तो मैं कुछ समय और मेहनत कर लूं उसके बाद ही मैं इस बारे में सोचूं। मम्मी और मेरे बीच में इस बारे में बात होती रहती है लेकिन मैं उन्हें हमेशा कहता हूं कि मुझे थोड़ा और समय दीजिए उन्होंने मुझे बहुत अच्छी-अच्छी लड़कियां दिखाई लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मुझे अभी शादी नहीं करनी परंतु मैं भी उनके आगे कब तक इस बात का रोना रोता रहता, एक दिन उन्होंने मुझे शादी के लिए मना ही लिया और मैंने भी एक लड़की पसंद कर ली मैं जब उसे देखने गया तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा मुझे लगा कि मैं उसके साथ शादी कर सकता हूं क्योंकि मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था और उसने भी मुझे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था उसका नाम रचना है।

वह बड़ी फ्रैंक और अच्छी लड़की है मैं रचना की बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित था और जब वह मुझसे बात करती तो मुझे उससे बात कर के अच्छा लगता था हम दोनों की फोन पर घंटों बात हुआ करती थी और मुझे रचना के साथ बात करना अच्छा भी लगने लगा लेकिन जब मैं अपने काम में बिजी होता तो उसे भी यह बात बता देता तब वह मुझे इस बात को लेकर कभी डिस्टर्ब नहीं किया करती थी और धीरे-धीरे हम दोनों के बीच अब बातें ज्यादा होने लगी थी, मेरी और रचना की सगाई भी हो चुकी थी और उसके कुछ समय बाद मैंने अपना ऑफिस भी छोड़ दिया मैंने अब अपना ही काम शुरू कर लिया था मेरे पास इतने पैसे तो थे कि मैं अपना काम शुरू कर सकता था इसलिए मैंने यह रिश्क उठाया और जब मैंने अपना काम शुरू किया तो उसके बाद मैं ज्यादातर समय उसी में बिजी रहने लगा। मैंने एक ऑफिस भी किराए पर ले लिया था और ज्यादा से ज्यादा समय मैं अपने ऑफिस में दिया करता रचना और मेरी अब कभी कभार बात हुआ करती थी लेकिन रचना भी इस बात को पूरी तरीके से समझती थी कि मेरे पास समय का अभाव है इस वजह से मैं शायद उससे बात नहीं कर पा रहा हूं और मुझे उसकी यही बात अच्छी लगती थी कि वह मुझे बहुत ही अच्छी तरीके से समझती थी।

एक दिन रचना मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे साथ आज समय बिताना है उस दिन मैंने भी उसकी बात को नहीं टाला क्योंकि काफी समय से मैं रचना से बात ही नहीं कर पा रहा था और जब मैं उस दिन काफी समय बाद रचना से मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा वह भी मेरे साथ बहुत खुश थी हम दोनों ने उस दिन बहुत ही अच्छा समय साथ में बिताया मुझे इतना तो पता था कि रचना मेरा साथ बहुत ही अच्छी तरीके से दे सकती है और जिस प्रकार से उसका नेचर और व्यवहार है वह मुझे बहुत ही अच्छा लगता उसकी इसी बात से तो मैं हमेशा खुश रहता था कि वह कम से कम मुझे समझती तो है, अब हमारी शादी का दिन भी नजदीक आने लगा था मैं और रचना बहुत खुश थे मेरा काम भी अब सही चलने लगा था और मेरी मम्मी ने मुझे कहा देखा बेटा मैंने तुम्हें पहले ही कहा था एक बार तुम शादी के लिए अपना मन तो बना लो उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी आप बिल्कुल ठीक कहती थी मैंने अपना मन शादी का बना लिया है और अब सब कुछ ठीक भी चलने लगा है रचना मुझे बहुत अच्छे से समझती है और मुझे उससे कोई भी दिक्कत परेशानी नहीं है मैं जैसी लड़की चाहता था वैसे ही लड़की मुझे मिली मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश हूं,, मेरी मम्मी कहने लगी बेटा हम तो तुम्हारा हमेशा भला ही चाहते हैं और चाहते हैं कि तुम्हारा जीवन बहुत ही अच्छे से बीते। मेरी मम्मी भी रचना से बात किया करती थी और रचना भी उन्हें फोन कर दिया करती थी जिससे कि मुझे भी बहुत अच्छा लगता था। एक दिन में रचना से बात कर रहा था उस वक्त मेरे मामा का फोन भी मुझे आ रहा था मैंने उनका फोन रिसीव करते हुए कहा कि मामा कहो तो वह कहने लगे मैं और तुम्हारी मामी कल घर पर आ रहे हैं। वह लोग अगले दिन घर पर आ गए अगले दिन रात में मैं रचना से बात कर रहा था मैंने अपने पजामे के अंदर हाथ डाल रखा था मेरा लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा था।

मेरी मामी भी कमरे में आ गएई और ना जाने वह कहां से उस वक्त आ गई वह मेरे पास आकर बैठी तो उन्होंने मेरे लंड को देखा, मेरा लंड तन कर खड़ा था शायद वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाई और मैं भी अपने आप पर काबू नहीं रख पाया। उन्होंने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर बहुत देर तक सकिंग करते रहे, मुझे भी बड़ा मजा आया। जैसे ही मैंने उन्हें नंगा कर के उनके शरीर को महसूस करना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगे आज तो मुझे मजा आ गया। मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया तो वह कहने लगी आकाश तुम्हारे साथ सेक्स करने में बहुत मजा आ रहा है। मैंने उन्हें कहा मामी मैं आपको क्या बताऊं मैं अभी रचना से बात कर रहा था लेकिन आप ना जाने कहां से आ गई।

वह मुझे कहने लगी अब इस बात को तुम छोड़ दो मुझे तेजी से धक्के देते रहो मैं उन्हें बड़ी तेजी से धक्के दे रहा था। उनका शरीर गरम होने लगा था मुझे भी बहुत अच्छा महसूस होने लगा वह मेरा पूरा साथ दे रही थी वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लेती। मैंने काफी देर तक उनको अपने नीचे लेटा कर चोदा लेकिन जब मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में बनाया तो मैंने उनकी गांड के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। मेरा लंड उनकी गांड में जाते ही उनके मुंह से चीख निकल पड़ी, वह अपनी चूतड़ा को मुझसे मिलाने लगी। जब वह चूतडो को मुझसे मिलाती तो मुझे ऐसा लगता जैसे कि मैं उन्हे धक्के देता रहूं मैंने उन्हें बहुत देर तक धक्के दिए। जब मेरा वीर्य उनकी गांड के छेद में गिर गया तो वह मुझे कहने लगे मैं अभी चलती हूं नहीं तो तुम्हारे मामा जी आ जाएंगे। वह जल्दी से दूसरे रूम में चली गई लेकिन उनके साथ उस दिन सेक्स कर के मुझे बड़ा मजा आया मैंने कभी सोचा ना था कि मैं अपनी मामी को चोदूंगा, मैंने उन्हें चोदा। उसके बाद मेरी शादी रचना से हो गई मैं रचना के साथ हर रात सेक्स के मजे लेता हूं।
 
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