गाईड हूं मजाक नहीं चूत चाहिए

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चूत दो मुझे चूत दो मैं प्रोफेसर हूं चूत दो।

हाय दोस्तों मैं हूं हरिकेश चौधरी खान, जामिया मिलैया चूत यूनिवर्सिटी का प्रोफेशर। अब तक आप समझ ही गये होंगे कि मैं किस यूनिवर्सिटी की बात कर रहा हूं। यह एक प्रेस्टिजियस कालेज है इंडिया में और अपने कल्चर और प्रोफेशनलिज्म के लिए जाना जाता है। तो इसलिए क्या हुआ कि जब पीएचडी में एडमिशन हो रहा था तो मेरे से कुछ् कंडिडेट्स मिलने आए। उनमे महजबीन भी एक थी। वैसे तो मेरे अंदर में पहले से लाईन लगा के लड़के लड़किया खड़े थे लेकिन महजबीन को देखते ही मेरा दिमाग खराब हो गया। मेरे को कल एडमिशन कंडिडेट्स की लिस्ट देनी थी, इसलिए मैने अपने फेवरेट के लिए आज ही शाम को अप्ना प्रेफरेंस देना था। मैं सोच रहा था कि अगर इस एडमिशन में किसी लौंडिया की चूत नहीं मिली तो बेकार है ये टीचर की नौकरी।

मैने अपनी प्रेफरेंस देने के बारे मे सोचा ही था कि मेरे पास महजबीन आ गयी वो आगरा की लौंडीया थी। वो इतनी सेक्सी तो नहीं थी पर चूत तो थी उसके पास और जब आप धनवान हैं और आप् लुटा नही सकते तो आप बेकार है हमारे लिये। इसका मतलब ये है कि आप को अपनी जवानी को लुटाना भी आना चाहिए अगर आप यूनिवर्सिटी लेव्वल पर आप कुछ करना चाहते है। वैसे भी रिसर्च करने के लिए आपके पास कुछ तो एबीलीटी होनी चाहिए या तो आप बहुत टैलिंटेड हो या तो आपके पास बहुत ही उम्दा हुस्न हो। मैने कहा की आज जो भी लौंडिया अपनी चूत मेरे को देने को बोलेगी मै उसे ही अपने अंदर में रिसर्च कराउंगा। मैं उस दिन अपने लंड को तसल्ली दे कर बैठा था कि आओ बेटा आज तेरे को कोई टाईट चूत दिला कर छोड़ूंगा। उस दिन ही महजबीन सात बजे रात को मेरे चेम्बर में आ गयी। आफिशियली फैकल्टी बंद हो चुकी थी और पूरे कैंपस में वो दारुबाज चुदक्कड लौंडिया बाज गार्ड ही बैठा था।

चूत का तराना सुनता दीवाना

मैने उसे क्वार्टर के पैसे देकर दारु लाने को भेज दिया। वो चला गया। अब महजबीन मेरे पास बैठी थी। सलवार सूट में ढंकी लेकिन मैं उसकी चूत के सपने देख रहा था और कह रहा था कि आ जाती तो आज ही चोद कर कल तेरा एडमीश्न करा देता। महजबीन अपनी सलवार में मेरे सामने सिम्टी बैठी थी। मैने पूछा कोई स्कालरशिप। तो बोली कि सर मौलाना स्कालरशिप मिल जाएगी। तो अच्छा लगा मुझे। मैने कहा आज आजा मेरी जान मुझे एक जवान हसीन तरीन कंवारी चूत मिल जाएगी। मैने अपना लंड पहले से सहलाके टाईट कर रखा था। सो महजबीन मेरे बगल मे बैठी थी। मैने उससे बात करते हुए कहा कि यार पहले से कई सारे जेआरएफ लड़कियां खड़ी है लाईन लगा के । क ई सारे लौंडे ख्ड़े हैं तुझमें ऐसा क्या है जो मैं तुझको अपने अंदर में ले लूं? मैने कहा कि यार देखो, माना कि तुझमें कुछ तो होगा उनसे अलग, तो वो मुस्करा के बोली कि सर मेरे पास तो कुछ नही है लेकिन मैं आपकी सेवा करने को हर तरह से तैयार जरुर हूं। मैने कहा कि चलो बताओ कैसी सेवा कर सकती हो तो वो मुस्कराने लगी मैं समझ गया कि आज मेरे लंड को एक खुराक मिलने वाली है।

मैने अपने पैंट की जीप पहले से खोल रखी थी। उसने अपने हाथों से मेरे पैंट में हलचल करनी शुरु कर दी। शाम के सवा सात बज रहे थे। मैने अपने मन को तसल्ली दी। वो मेरा जीप खोलने की कोशिश कर रही थी और मैने अपने हाथों से प हले से ही अपने लंड को फ्री कर रक्खा था। उसने जैसे ही मेरी जिप पर हाथ लगाया, उसका हाथ मेरे लंड पर सीधा आ गया। मैने उसका हाथ पकड़ के उसको अपना सुपाड़ा पकड़ाना चाहता था कि उसने खुद ही मेरे अंडे पकड़ लिये। अब माहोल गरम था। उसने मेरा सुपाड़ा पकड़ कर रगड़ना शुरु कर दिया था और खुद टेबल के नीचे बैठ कर आ गयी मेरे लंड के सामने। मैने उसको कुछ नही बोला। अब वो मेरा लंड पकड़ के चूसने के लिए बेताब दिख रही थी। मैने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वो ना मानी और कहने लगी सर मैं आपकी कोई भी सेवा कर सकती हूं। मैने कहा अच्छा? तो वो मेरा लंड पकड़ के चूसने लगी। वो इतनी बेसब्री से चूस रही थी कि मुझे लगा कि मेरी जान ही लंड के रास्ते चूस जाएगी। फिर भी मैने उसे चूसने दिया। अच्छे से चूस के उसने मेरा लंड खाड़ा कर दिया तो उसने कहा सर आपको और भी कुछ चाहिए तो मैने अपने खड़े लंड की तरफ इशारा करके कहा कि इससे पूछ लो। तो वो मुस्करा के मेरे टेबल पर बैठ गयी और अपनी सलवार उतार दी।

उसकी गोल गोल चूंचियां मेरे सामने थीं लेकिन वो मैने अपने आप को जान बूझ कर कंट्रोल कर रखा था। वो मेरे सामने आकर मेरे मुह के सामने अपनी नंगी चूंचिया करके कहने लगी क्या सर क्या आपको ये पसंद नही हैं? मैने अपनी आंखें जानबूझ कर मूंद ली। उसने चूंचे मेरे मुह मे डालते हुए कहा कि सर जरा इनका टेस्ट तो लेकर बताईये कैसे लग रहे हैं। क्या ये आपको सालो भर नही चाहिए? मैने कहा हां चाहिए तो सही और उसने म्रेरे मुह में चूंचे अंदर बाह्र करने शुरु कर दिये। वो मेरे मुह में पेल रही थी अपनी क्ठोर चूंचियों से। मैने उसको चूसना शुरु कर दिया और उसने अपनी चूत मेरे सामने नंगी कर दी। अब मेरे लंड का सबर खतम हुआ और उसके सामने आकर मैने उसके पैर्रों को खीचते हुए उसको चोदने के लिए अप्ना लंड उसके चूत के मुहाने पर रख दिया। उसने खुद ही सरकते हुए मेरे लंड को अपने अंदर में लेने की कोशिश की। शायद उसे चुदाई की प्रैक्टिस थी और इसलिए उसने मुझे चुदने के लिए आफर दिया। मैने अपने अधेड़ लंड से उसकी चूत की भरपूर जवानी का पूरा मजा उठाने के लिए उसे चोदना शुरु किया। वो आह॰ ओ माई गाड़, आला॰ पेलो मुझे आला रे आला तू कैसा सर जी करके चुदवाती रही। अंत में मैने उसे गालिया देते हुए चोदना जारी रखा। वो मस्त होकर चुदाती रही और मै चोदता रहा। अगले दिन वो मेरिट लिसट में थी। अगर आपको चूत देखनी है सजीव कैमरे में तो क्लिक करें।
 
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