गुरुदक्षिणा में मिली कंवारी चूत [भाग-1]

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कहानी तो सच्ची है यारों जब गुरुजी ने मारी चूत गुरुदक्षिणा में। बस पात्रों के नाम बदल दिये गये हैं। राजेश गुरु मेरठ में एक बीएड कालेज के ट्रेनर थे, हर साल नये नये लड़के लड़कियां एडमीशन लेते, एक साल का कोर्स बीएड का बहते पानी की तरह लड़कियां आईं और गयीं। हमारे राजेश गुरु भी बहते पानी और रमते जोगी हैं। शादी हो चुकी है, दो बच्चे हैं, लेकिन भाभी फ़ूल कर आलू की तरह हो गयी हैं और उनके अनुसार अब उनका भोसड़ा मारने में वो मजा और एक्स्प्रेशन नहीं आ पाता इस लिये वो आये दिन नयि नयी लड़कियों के साथ सेटिंग करते रहते हैं। इस बार 2011 का बैच था और उसमें एक लड़की सरला फ़्रेश ग्रेजुएशन करके आयी थी डोनेशन पर बीएड करने। उमर भी कम अकल भी कम और बेटी बड़े घर की। साली अंगूर की तरह रसदार थी, छू दो तो खून टपक जाए। देखते ही राजेश गुरु ने सेट कर लिया इसकी जवानी का रस लेके रहना है। बीएड में एक पार्ट होता है टीचिंग प्रैक्टिस का जिसमें लड़के लड़कियों को स्कूलों में पढाने को भेजते हैं और एक बीएड टीचर वहां सुपरवाईजर बनता है। राजेश गुरु ने सरला को अपने स्कूल में ले लिया। अब कहानी शुरु होती है चूत की सेटिंग की राजेश गुरु ने पहले ही दिन उसकी क्लास लगा दी, ऐसे पढाते हैं, तुम्हारा लेसन प्लान कबाड़ा है, तुम फ़ेल हो जाओगी। बेचारी सरला की मोटी मोटी आंखों में आंसू आ गये। वो बोली सर आप बता दो ना, तो राजेश गुरु ने कहा कल तुम थोड़ा पहले आ जाना, तुम्हें समझा दूंगा।

अगले दिन सरला मार्निंग में ही स्कूल चली आयी, कोई भी नहीं आया था, न टीचर न स्टाफ़ और सुनसान स्कूल का स्टाफ़ रुम खोलवा कर राजेश गुरु ने सरला को अपने पास बिठा लिया, धीरे धीरे समझाने लगे और उसकी पीठ पर हाथ फ़ेरने लगे, वह पहले तो असहज महसूस कर रही थी पर बाद में बर्दाश्त करने लगी। राजेश गुरु ने उसे समझाया, देखो जैसे ही हम कोई मिठाई देखते हैं हमें लार टपकने लगती है, यह भी लर्निंग का पार्ट है, जैसे कोई लड़का लड़की देखता है, उसके पीछे चल देता है, पता है क्यूं? सरला ने कहा नहीं सर्। सच तो ये है कि सहला सहला कर सरला की चूत वो गीली कर रहे थेगुरुजी ने सरला की पीठ से हाथ नीचे खिसकाते हुए कमर पर ले जाकर कहा, पागल यही तो सीखना है। और उन्होंने उसकी कमर बंद में एक उंगली लगा कर उसे चांपना शुरु कर दिया। अब तक सरला भी गुरुजी के ईरादों को भांप चुकी थी, और उसका मौन रहना स्वीकृति का लक्षण था। राजेश गुरु ने उसे अपने गोद में उठा कर बिठा लिया और अपना लंड को साड़ी के उपर से ही चूत पर चुभाते हुए कहा। छोड़ो ना ये सब प्रैक्टिकल मैं तुम्हें ऐसे ही पास कर दूंगा, आओ थोड़ी मस्ती करते हैं। और सरला की मस्त मस्त चूंचियां दबा दीं। सरला बोली सर ये ठीक नहीं है तो बोले ये गुरुदक्षिणा है क्या तुम्हें बीएड नहीं करना है। सरला बोली सर वो करना है पर मैंने पहले ये सब नहीं किया इस लिये अजीब लग रहा है। राजेश गुरु बोले, कोई बात नहीं बेटा तुम बस शांत रहो। ये लो जरा अपनी ब्लाउज खोलो, और ब्लाउज खोल उन्होंने उसकी टीनेजर ब्रा सरका दी। काली ब्रा से गोरी चूंचियां झलकने लगी। राजेश गुरु ने चूंचियां दबा कर चूसनी शुरु कर दीं और धीरे धीरे सरला की गांड और चूत को साड़ी के उपर से सहलाने लगे। अब कहानी के अगले भाग में बताते हैं कैसे राजेश गुरु ने अपनी चेली को पूरी चुदाई के लिए राजी किया और उसकी कंवारी चूत पर अपने लंड का ठप्पा लगाया। पढें भाग 2
 
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