Antarvasna, hindi sex story मैं अपने घर से ऑफिस के लिए निकल रहा था सुबह मेरा मूड बहुत ही अच्छा था और मैं जैसे ही अपने घर के पास के सिग्नल पर पहुंचा तो रेड लाइट हो चुकी थी इसलिए मैं वहीं खड़े होकर रेड लाइट खुलने का इंतजार करने लगा। रेड लाइट पर मेरी नजरे बनी हुई थी गाड़ियां भी इतनी ज्यादा नहीं थी उस दिन ना जाने क्यों ट्रेफिक कम था रेड लाइट खुलते ही मैंने अपनी कार को आगे की तरफ बढ़ाया तो सामने से एक कार बड़ी तेजी से आई और उसने मेरी कार को बड़ी जोरदार तरीके से टक्कर मारी। मैं जब कार से उतरा तो मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था और मेरा पारा बहुत बड़ चुका था मैंने कार से उतरते हुए ही उस कार वाले से कहा क्या आपको दिखाई नहीं देता कि सिग्नल ऑन था और आप गलत साइड से आ रहे हैं। वह उल्टा मेरे ऊपर ही रौब दिखाने लगे मैंने उन्हें कहा मिस्टर एक तो आपकी गलती है और ऊपर से मेरे ऊपर ही आप रौब दिखा रहे हैं आप अपनी गलती को मानने को तैयार नहीं है।
हम दोनों की बहस बढ़ता देख सिग्नल पर खड़ी पुलिस वाले को वहां आना पड़ा जब वह ट्रैफिक पुलिस का जवान हमारे नजदीक आया तो उसने हम दोनों को पहले शांत होने को कहा। हम दोनों अब चुप हो चुके थे लेकिन मेरे खून भरी आंखें उन्हें अभी भी घूर रही थी मुझे उन पर बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि मेरे कार के आगे के हिस्से में बड़ी जोरदार टक्कर लगी थी जिससे की आगे का हिस्सा पूरी तरीके से पिछड़ चुका था। वह कोई सरकारी अधिकारी प्रतीत हो रहे थे वाह पुलिस का जवान हमें कहने लगा लेकिन सर अब आप दोनों आपस में मामले को सुलझा लीजिए बेवजह ही पुलिस को यहां आना पड़ेगा और आप दोनों को ही परेशानी होगी। उनका गुस्सा अब शांत हो चुका था क्योंकि गलती उन्ही की थी इसलिए उन्होंने अपनी नजरों को छुपाते हुए अपने जेब से पैसों से भरे बटवे को बाहर निकाला। वह मुझे कहने लगे मैं आपको पैसे दे देता हूं आपका जितना भी खर्च हुआ है उसकी भरपाई मैं कर दूंगा उन्होंने मुझे पैसे तो दे दिए लेकिन मेरा जो समय बर्बाद होने वाला था और मेरा जो मूड खराब हुआ था शायद उस वक्त उसे मैं ही समझ सकता था। मैं वहां से अपनी कार को सर्विस सेंटर में ले गया और जब मैं कार सर्विस सेंटर में ले गया तो वहां पर उन्होंने कहा सर आपको कार आज यहीं छोड़ना पड़ेगा आपको कार एक हफ्ते बाद ही मिल पाएगी।
मैंने उन्हें कहा कि मुझे जल्दी नहीं मिल सकती क्या वह कहने लगे नहीं सर जल्दी तो हम नहीं दे पाएंगे लेकिन आपको कम से कम कार यहां छोड़नी पड़ेगी। ऑफिस से मेरे फोन पर फोन आए जा रहे थे मैंने फोन रिसीव नहीं किया था लेकिन जब मैंने फोन देखा तो उसमें 20 मिस कॉल आई हुई थी मैं अब अपने ऑफिस के लिए ऑटो से चला गया। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो मेरे बॉस को मैंने सारी बात बताई वह कहने लगे कोई बात नहीं दीपक जी ऐसा कई बार हो जाता है लेकिन उस दिन मेरा काम करने का बिल्कुल भी मन नहीं हो रहा था मैंने सोचा कि आज मैं काम नहीं करता हूं। मैंने अपने बॉस से कहा सर मैं अभी घर निकल रहा हूं मेरे बॉस कहने लगे ठीक है दीपक जी यदि आपको आज अच्छा नहीं लग रहा तो आप घर चले जाइए। मैं उस दिन घर पहुंचा तो घर पहुंचते ही मेरी पत्नी कहने लगी आपकी कार कहां गई मैं मन ही मन में बहुत क्रोधित हो रहा था मैंने अपनी पत्नी को सारी बात बताई तो मेरी पत्नी कहने लगी आजकल लोग अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं होते। मैंने अपनी पत्नी से कहा वह व्यक्ति बड़े ही खड़ूस किस्म के थे यदि मुझे दोबारा वह कहीं मिले तो मैं उन्हें बताऊं कि आखिरकार किसी के साथ ऐसा करना क्या होता है। मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और मैं बहुत ज्यादा क्रोधित हो चुका था मेरी पत्नी ने मुझे पानी का गिलास दिया मैंने कहा अभी मेरा कुछ भी मन नहीं है मैं अंदर लेटने के लिए जा रहा हूं। मैं अपने रूम में लेटने के लिए चला गया लेकिन मुझे नींद भी नहीं आ रही थी तभी कुछ देर बाद में ताऊ जी हमारे घर पर आए काफी समय बाद वह हमारे घर पर आए थे। मैंने अपने ताऊ जी से कहा ताऊ जी आप काफी समय बाद घर पर आ रहे हैं तो वह कहने लगे बेटा तुम तो हमें याद करते नहीं हो तो मैंने सोचा मैं ही तुमसे मिल आता हूं।
ताऊ जी को जब मैंने कहा कि आज मेरी कार का एक्सीडेंट हो गया था तो वह कहने लगे तुम्हें तो कुछ नहीं हुआ मैंने अपने ताऊ जी से कहा नहीं मुझे कुछ नहीं हुआ लेकिन वह भी बहुत चिंतित हो गए और कुछ समय बाद वह चले गए। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी चलिए आज पार्क में टहल आते हैं मैं अपने पार्क में कम ही जाया करता था हमारी कॉलोनी के अंदर की पार्क है वहां पर बच्चे खेलते रहते हैं और मैं वहां बहुत कम जाया करता हूं। उस दिन मैंने सोचा कि अपनी पत्नी के साथ मैं ठहलने के लिए चला जाता हूं और मैं अपनी पत्नी के साथ टहलने के लिए चला गया। जब मैं अपनी पत्नी के साथ टहल रहा था तो हमारे ऑफिस के ही एक सदस्य मुझे मिले उन्होंने मुझे कहा कि आप यहां रहते हैं मैंने उन्हें कहा हां साहब मैं तो यहीं रहता हूं। उन्हें नहीं मालूम था कि मेरा घर भी यही है वह कहने लगे मेरी बहन भी यही रहती है मैं तो अपनी बहन के पास आया हुआ था। वह हमारे साथ ही चलने लगे तभी कुछ देर बाद उनकी बहन भी आ गई उनकी बहन और उनके पति से उन्होंने हमारा परिचय करवाया मेरी पत्नी उनकी बहन को बड़े अच्छे तरीके से जानती थी। मेरा कॉलोनी में ज्यादा किसी से कोई मतलब नहीं रहता था मैं सुबह अपने ऑफिस जाता और शाम को घर लौट आता था इसलिए मैं उन्हें पहचानता नहीं था लेकिन मेरी पत्नी उन्हें बड़े अच्छे तरीके से पहचानते थी। मेरी पत्नी कहने लगी अरे शालिनी आपके भैया मेरे पति के ऑफिस में काम करते हैं देखो यह भी बड़ा अजीब संयोग है।
शालिनी कहने लगी हम लोग एक दूसरे को इतने समय से जानते हैं लेकिन आज तक कभी भी इस बारे में कोई जिक्र ही नहीं हो पाया लेकिन आज भैया भी बिल्कुल सही समय पर आए। शालिनी और मेरी पत्नी आपस में बात कर रहे थे तो मैं भी अपने ऑफिस के संजीव जी से बात कर रहा था। काफी देर तक मैंने उनसे बात की और उसके बाद मेरी पत्नी कहने लगी अभी हम लोग घर चलते हैं और फिर हम लोग घर चले आए उसके बाद तो जैसे शालिनी और उसके पति का हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था। संजीव जी भी अपनी बहन की खैरियत मुझसे पूछ लिया करते थे क्योकि शालिनी हमारे पड़ोस में ही रहती थी। मैं भी एक दो बार शालिनी से मिला था लेकिन मैं घर पर कम रहता था इसलिए मेरी मुलाकात शालिनी से नहीं हो पाती थी परंतु एक दिन शालिनी से मेरी मुलाकात हुई तो मैंने उससे कहा तुम्हारे भैया तुम्हें याद कर रहे थे। शालिनी कहने लगी भैया तो मुझे हमेशा याद करते रहते हैं यह कहते हुए उसने मुझे कहा भैया आपकी बहुत तारीफ करते हैं वह कह रहे थे कि आप ऑफिस में बॉस के सबसे ज्यादा चाहते हैं। मैंने शालिनी से कहा अच्छा तो तुम्हारे भैया तुम्हे सारी बातें बताते हैं? वह कहने लगी हां भैया मुझे हर बात शेयर किया करते हैं मैंने शालिनी से कहा ठीक है फिर हम लोग कभी मिलते हैं। उस दिन मैने शालिनी का नंबर ले लिया है मैंने जब उसके नंबर पर मैसेज भेज दिया तो उसका भी रिप्लाई मुझे आया। उसने मुझे अश्लीलता से भरा हुआ मैसेज भेजा जब मेरे पास उसका मैसेज आया तो मैंने उसे रिप्लाई करते हुए कहा तुम तो बड़ी नटखट हो। वह कहने लगी मैं तो बहुत नटखट हूं मेरे पति भी यही कहते हैं। उसने जब यह बात कही तो मैंने उसे कहा लगता है तुमसे मिलना पड़ेगा।
वह मुझे कहने लगी आप घर पर ही आ जाइए जब भी आपको समय मिलता है। मैंने उसे कहा लेकिन मैं अकेले तुमसे मिलने आऊंगा। वह कहने लगी मैं ऐसे मौके सबको नहीं देती। मुझे वह तडपा रही थी उसने मुझे एक दिन फोन करते हुए कहा घर पर आ जाइए तो मैं घर पर चला गया। मैं जब शालिनी के घर पर गया तो उस दिन वह घर पर ही थी। शालिनी ने मुझे बैठने के लिए कहा मैं बैठ गया जब उसने मुझे बैठने के लिए कहा तो मैंने उसके हाथ को छू लिया। वह मुझे कहने लगी आप तो बड़ी जल्दी में है। मैंने उसे कहा जल्दी तो होगी ही ना क्योंकि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है। वह कहने लगी अच्छा तो आपसे रहा नहीं जा रहा मैंने शालिनी से कहा मैं नहीं रह पा रहा हूं। मैं जब यह बात शालिनी को कही तो उसने मुझे कहा तो फिर चलिए अंदर चलते हैं? मैं शालिनी के बेडरूम के अंदर गया था शालिनी बिस्तर पर लेट गई। मैं शालिनी के ऊपर से लेट गया उसके पहाड़ जैसे स्तन को जब मैंने अपने हाथ से मसलते हुए उन्हें दबाने की कोशिश की तो उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली।
उसके बाद मैंने उसके कपड़ा को उतार कर उसके काले रंग की पैंटी को भी उतार दिया। मैंने जब अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था और उसके मुंह से सिसकिया निकल रही थी। उसकी तेज सिसकियां मेरे कानों में जा रही थी जिससे कि मेरे अंदर की उत्तेजना में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो रही थी। अब वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी बढ़ चुकी थी। मैं चरम सीमा पर पहुंच चुका था मेरा वीर्य मेरे अंडकोष स बाहर लंड तक आ चुका था जैसे ही मैंने अपने वीर्य को शालिनी के पहाड़ जैसे स्तनों के ऊपर गिराया तो वह मुझे कहने लगी अब तो आपकी इच्छा पूरी हो गई। मैंने शालिनी से कहा मेरी तो इच्छा पूरी हो गई लेकिन मैंने तुम्हें भी तो खुश कर दिया शालिनी मेरे साथ कुछ देर तक लेटी रही।
हम दोनों की बहस बढ़ता देख सिग्नल पर खड़ी पुलिस वाले को वहां आना पड़ा जब वह ट्रैफिक पुलिस का जवान हमारे नजदीक आया तो उसने हम दोनों को पहले शांत होने को कहा। हम दोनों अब चुप हो चुके थे लेकिन मेरे खून भरी आंखें उन्हें अभी भी घूर रही थी मुझे उन पर बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि मेरे कार के आगे के हिस्से में बड़ी जोरदार टक्कर लगी थी जिससे की आगे का हिस्सा पूरी तरीके से पिछड़ चुका था। वह कोई सरकारी अधिकारी प्रतीत हो रहे थे वाह पुलिस का जवान हमें कहने लगा लेकिन सर अब आप दोनों आपस में मामले को सुलझा लीजिए बेवजह ही पुलिस को यहां आना पड़ेगा और आप दोनों को ही परेशानी होगी। उनका गुस्सा अब शांत हो चुका था क्योंकि गलती उन्ही की थी इसलिए उन्होंने अपनी नजरों को छुपाते हुए अपने जेब से पैसों से भरे बटवे को बाहर निकाला। वह मुझे कहने लगे मैं आपको पैसे दे देता हूं आपका जितना भी खर्च हुआ है उसकी भरपाई मैं कर दूंगा उन्होंने मुझे पैसे तो दे दिए लेकिन मेरा जो समय बर्बाद होने वाला था और मेरा जो मूड खराब हुआ था शायद उस वक्त उसे मैं ही समझ सकता था। मैं वहां से अपनी कार को सर्विस सेंटर में ले गया और जब मैं कार सर्विस सेंटर में ले गया तो वहां पर उन्होंने कहा सर आपको कार आज यहीं छोड़ना पड़ेगा आपको कार एक हफ्ते बाद ही मिल पाएगी।
मैंने उन्हें कहा कि मुझे जल्दी नहीं मिल सकती क्या वह कहने लगे नहीं सर जल्दी तो हम नहीं दे पाएंगे लेकिन आपको कम से कम कार यहां छोड़नी पड़ेगी। ऑफिस से मेरे फोन पर फोन आए जा रहे थे मैंने फोन रिसीव नहीं किया था लेकिन जब मैंने फोन देखा तो उसमें 20 मिस कॉल आई हुई थी मैं अब अपने ऑफिस के लिए ऑटो से चला गया। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो मेरे बॉस को मैंने सारी बात बताई वह कहने लगे कोई बात नहीं दीपक जी ऐसा कई बार हो जाता है लेकिन उस दिन मेरा काम करने का बिल्कुल भी मन नहीं हो रहा था मैंने सोचा कि आज मैं काम नहीं करता हूं। मैंने अपने बॉस से कहा सर मैं अभी घर निकल रहा हूं मेरे बॉस कहने लगे ठीक है दीपक जी यदि आपको आज अच्छा नहीं लग रहा तो आप घर चले जाइए। मैं उस दिन घर पहुंचा तो घर पहुंचते ही मेरी पत्नी कहने लगी आपकी कार कहां गई मैं मन ही मन में बहुत क्रोधित हो रहा था मैंने अपनी पत्नी को सारी बात बताई तो मेरी पत्नी कहने लगी आजकल लोग अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं होते। मैंने अपनी पत्नी से कहा वह व्यक्ति बड़े ही खड़ूस किस्म के थे यदि मुझे दोबारा वह कहीं मिले तो मैं उन्हें बताऊं कि आखिरकार किसी के साथ ऐसा करना क्या होता है। मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और मैं बहुत ज्यादा क्रोधित हो चुका था मेरी पत्नी ने मुझे पानी का गिलास दिया मैंने कहा अभी मेरा कुछ भी मन नहीं है मैं अंदर लेटने के लिए जा रहा हूं। मैं अपने रूम में लेटने के लिए चला गया लेकिन मुझे नींद भी नहीं आ रही थी तभी कुछ देर बाद में ताऊ जी हमारे घर पर आए काफी समय बाद वह हमारे घर पर आए थे। मैंने अपने ताऊ जी से कहा ताऊ जी आप काफी समय बाद घर पर आ रहे हैं तो वह कहने लगे बेटा तुम तो हमें याद करते नहीं हो तो मैंने सोचा मैं ही तुमसे मिल आता हूं।
ताऊ जी को जब मैंने कहा कि आज मेरी कार का एक्सीडेंट हो गया था तो वह कहने लगे तुम्हें तो कुछ नहीं हुआ मैंने अपने ताऊ जी से कहा नहीं मुझे कुछ नहीं हुआ लेकिन वह भी बहुत चिंतित हो गए और कुछ समय बाद वह चले गए। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी चलिए आज पार्क में टहल आते हैं मैं अपने पार्क में कम ही जाया करता था हमारी कॉलोनी के अंदर की पार्क है वहां पर बच्चे खेलते रहते हैं और मैं वहां बहुत कम जाया करता हूं। उस दिन मैंने सोचा कि अपनी पत्नी के साथ मैं ठहलने के लिए चला जाता हूं और मैं अपनी पत्नी के साथ टहलने के लिए चला गया। जब मैं अपनी पत्नी के साथ टहल रहा था तो हमारे ऑफिस के ही एक सदस्य मुझे मिले उन्होंने मुझे कहा कि आप यहां रहते हैं मैंने उन्हें कहा हां साहब मैं तो यहीं रहता हूं। उन्हें नहीं मालूम था कि मेरा घर भी यही है वह कहने लगे मेरी बहन भी यही रहती है मैं तो अपनी बहन के पास आया हुआ था। वह हमारे साथ ही चलने लगे तभी कुछ देर बाद उनकी बहन भी आ गई उनकी बहन और उनके पति से उन्होंने हमारा परिचय करवाया मेरी पत्नी उनकी बहन को बड़े अच्छे तरीके से जानती थी। मेरा कॉलोनी में ज्यादा किसी से कोई मतलब नहीं रहता था मैं सुबह अपने ऑफिस जाता और शाम को घर लौट आता था इसलिए मैं उन्हें पहचानता नहीं था लेकिन मेरी पत्नी उन्हें बड़े अच्छे तरीके से पहचानते थी। मेरी पत्नी कहने लगी अरे शालिनी आपके भैया मेरे पति के ऑफिस में काम करते हैं देखो यह भी बड़ा अजीब संयोग है।
शालिनी कहने लगी हम लोग एक दूसरे को इतने समय से जानते हैं लेकिन आज तक कभी भी इस बारे में कोई जिक्र ही नहीं हो पाया लेकिन आज भैया भी बिल्कुल सही समय पर आए। शालिनी और मेरी पत्नी आपस में बात कर रहे थे तो मैं भी अपने ऑफिस के संजीव जी से बात कर रहा था। काफी देर तक मैंने उनसे बात की और उसके बाद मेरी पत्नी कहने लगी अभी हम लोग घर चलते हैं और फिर हम लोग घर चले आए उसके बाद तो जैसे शालिनी और उसके पति का हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था। संजीव जी भी अपनी बहन की खैरियत मुझसे पूछ लिया करते थे क्योकि शालिनी हमारे पड़ोस में ही रहती थी। मैं भी एक दो बार शालिनी से मिला था लेकिन मैं घर पर कम रहता था इसलिए मेरी मुलाकात शालिनी से नहीं हो पाती थी परंतु एक दिन शालिनी से मेरी मुलाकात हुई तो मैंने उससे कहा तुम्हारे भैया तुम्हें याद कर रहे थे। शालिनी कहने लगी भैया तो मुझे हमेशा याद करते रहते हैं यह कहते हुए उसने मुझे कहा भैया आपकी बहुत तारीफ करते हैं वह कह रहे थे कि आप ऑफिस में बॉस के सबसे ज्यादा चाहते हैं। मैंने शालिनी से कहा अच्छा तो तुम्हारे भैया तुम्हे सारी बातें बताते हैं? वह कहने लगी हां भैया मुझे हर बात शेयर किया करते हैं मैंने शालिनी से कहा ठीक है फिर हम लोग कभी मिलते हैं। उस दिन मैने शालिनी का नंबर ले लिया है मैंने जब उसके नंबर पर मैसेज भेज दिया तो उसका भी रिप्लाई मुझे आया। उसने मुझे अश्लीलता से भरा हुआ मैसेज भेजा जब मेरे पास उसका मैसेज आया तो मैंने उसे रिप्लाई करते हुए कहा तुम तो बड़ी नटखट हो। वह कहने लगी मैं तो बहुत नटखट हूं मेरे पति भी यही कहते हैं। उसने जब यह बात कही तो मैंने उसे कहा लगता है तुमसे मिलना पड़ेगा।
वह मुझे कहने लगी आप घर पर ही आ जाइए जब भी आपको समय मिलता है। मैंने उसे कहा लेकिन मैं अकेले तुमसे मिलने आऊंगा। वह कहने लगी मैं ऐसे मौके सबको नहीं देती। मुझे वह तडपा रही थी उसने मुझे एक दिन फोन करते हुए कहा घर पर आ जाइए तो मैं घर पर चला गया। मैं जब शालिनी के घर पर गया तो उस दिन वह घर पर ही थी। शालिनी ने मुझे बैठने के लिए कहा मैं बैठ गया जब उसने मुझे बैठने के लिए कहा तो मैंने उसके हाथ को छू लिया। वह मुझे कहने लगी आप तो बड़ी जल्दी में है। मैंने उसे कहा जल्दी तो होगी ही ना क्योंकि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है। वह कहने लगी अच्छा तो आपसे रहा नहीं जा रहा मैंने शालिनी से कहा मैं नहीं रह पा रहा हूं। मैं जब यह बात शालिनी को कही तो उसने मुझे कहा तो फिर चलिए अंदर चलते हैं? मैं शालिनी के बेडरूम के अंदर गया था शालिनी बिस्तर पर लेट गई। मैं शालिनी के ऊपर से लेट गया उसके पहाड़ जैसे स्तन को जब मैंने अपने हाथ से मसलते हुए उन्हें दबाने की कोशिश की तो उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली।
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