मकान खरीदने गया वहाँ चूत मिल गई
आज मैं उस वम्या नाम की औरत की चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे मेरी पहली मुलाकात उसके मकान को खरीदने के मौके पर हुई थी | मैं अखबार में उसके इश्तेहार देखा और मैं उसके घर को खरीदने के लिए उसके पास ही पहुँच गया | मैंने वहाँ जाकर देखा की वो पुरे घर में अकेली ही रहा करती थी और उसकी बहुत ही मोटी गांड और तरबूज जैसे लटके हुए चुचे थे जिन्हें तो मैं सीडी पर चढ़ते हुए देखता ही रहा गया | हम कुछ देर में उसके बेड - रूम में पहुंचे जहाँ सही बिस्तर के पीछे की ओर आईना लगा हुआ था और उसे देख मैं मजाक मस्ती करता हुआ दिखाने लगा की अगर मैं अपनी बीवी को खाट पर चोदुंगा तो हमें सब कुछ आईने में धिकायी देगा. . !! जिसमें से एक पोशिशन में वो मेरे ही उप्पर चडी हुई थी |
उसने ताभि मुझे कहा की अगर मैं यह मकान अभी खरीद लूँ तो वो मुझे साथ में अपनी चुत भी मुफ्त में मरवाने के लिए देगी और मैंने तभी कलम को उठाकर उसके सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिया | अब हम बिस्तर पर हम एक दूसरे का हाथ थामते हुए और मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए चूम रहा था और साथ ही उसके होठों पर भी पहुँच गया | मैं उसके धीरे - धीरे अंगों को छेड़ता हुआ गरम करने लगा और मस्त में उसके टॉप और स्कर्ट को भी खींच के निकाल दिया | अब जब मैंने उसे मेरा लंड दर्शाया तो वो भूकी शेरनी की तरह मेरे लंड का पकड़ते हुए मुंह में भरकर चूसने लगा | अब दो पल में ही उसकी चुसम - चुसाई से गरमा चूका था |
उसेनंगी कर के उसकी चुत में लंड दे दिया
मैं भी उसे उसकी पैंटी को निकाल कर उसे नग्न किया और उसकी चुत को रगड़ के हुए उसकी टांगों को उठाया और चुत को अपनी जीभ को टिका के उपर की तरफ से चाटने लगा जिस पर वो सिसकियाँ लेती हुई खुद ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगी | मैंने तब उसकी चूत को चाटा और खूब उत्तेजित किया जब उसकी चिकनी ना हो चली फिर अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड अपने सुपाडे के साथ उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया | उसे कतई भी दर्द नहीं हो रहा था बल्कि वो अपनी गांड आगे - पीछे हिलाते हुए ज़बरदस्त तरीके से चुदना चाहती थी |
मैं भी उसकी चूत में लंड को ज़ोरदार तरीके से अंदर धेकेलते हुए मज़े ले रहा था और अभी भी उप्पर से अपनी चूत पर उँगलियाँ रगड रही थी | मैंने भी कुछ पल बाद उसके बिस्तर के कोने में लाते हुए उसकी दोनों टांगों को पकड़ नीचे को खड़ा हो गया और उसकी चूत में अपने लंड को धकेलने लगा | यह चुत का गरम - गरम मौसम रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और साथ ही वो भी मुझे प्रोत्साहित करती हुई जोर - जोर से चोदने को कह रही थी और मैंने आखिरी दम तक अपने लंड का निवाला उसकी चूत में दिया जिसके बाद मैंने अपने लंड को उसके मुंह में देते ही झड गया |
आज मैं उस वम्या नाम की औरत की चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे मेरी पहली मुलाकात उसके मकान को खरीदने के मौके पर हुई थी | मैं अखबार में उसके इश्तेहार देखा और मैं उसके घर को खरीदने के लिए उसके पास ही पहुँच गया | मैंने वहाँ जाकर देखा की वो पुरे घर में अकेली ही रहा करती थी और उसकी बहुत ही मोटी गांड और तरबूज जैसे लटके हुए चुचे थे जिन्हें तो मैं सीडी पर चढ़ते हुए देखता ही रहा गया | हम कुछ देर में उसके बेड - रूम में पहुंचे जहाँ सही बिस्तर के पीछे की ओर आईना लगा हुआ था और उसे देख मैं मजाक मस्ती करता हुआ दिखाने लगा की अगर मैं अपनी बीवी को खाट पर चोदुंगा तो हमें सब कुछ आईने में धिकायी देगा. . !! जिसमें से एक पोशिशन में वो मेरे ही उप्पर चडी हुई थी |
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मैं भी उसे उसकी पैंटी को निकाल कर उसे नग्न किया और उसकी चुत को रगड़ के हुए उसकी टांगों को उठाया और चुत को अपनी जीभ को टिका के उपर की तरफ से चाटने लगा जिस पर वो सिसकियाँ लेती हुई खुद ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगी | मैंने तब उसकी चूत को चाटा और खूब उत्तेजित किया जब उसकी चिकनी ना हो चली फिर अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड अपने सुपाडे के साथ उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया | उसे कतई भी दर्द नहीं हो रहा था बल्कि वो अपनी गांड आगे - पीछे हिलाते हुए ज़बरदस्त तरीके से चुदना चाहती थी |
मैं भी उसकी चूत में लंड को ज़ोरदार तरीके से अंदर धेकेलते हुए मज़े ले रहा था और अभी भी उप्पर से अपनी चूत पर उँगलियाँ रगड रही थी | मैंने भी कुछ पल बाद उसके बिस्तर के कोने में लाते हुए उसकी दोनों टांगों को पकड़ नीचे को खड़ा हो गया और उसकी चूत में अपने लंड को धकेलने लगा | यह चुत का गरम - गरम मौसम रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और साथ ही वो भी मुझे प्रोत्साहित करती हुई जोर - जोर से चोदने को कह रही थी और मैंने आखिरी दम तक अपने लंड का निवाला उसकी चूत में दिया जिसके बाद मैंने अपने लंड को उसके मुंह में देते ही झड गया |