Antarvasna, hindi sex kahani मेरी मुलाकात मोना से पिछले वर्ष हुई थी हम दोनों एक दूसरे को एक वर्ष से जानते हैं मोना से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी है उसकी और मेरी दोस्ती इतनी अच्छी है कि मैं कभी भी उसके घर जाता हूं तो उसके मम्मी पापा ने मुझे आज तक कभी कुछ नहीं कहा उसके मम्मी पापा भी बहुत खुले विचारों के हैं उसके पापा तो बहुत ज्यादा फ्रेंडली हैं उसकी मम्मी भी बहुत मॉडर्न है। एक दिन मैं मोना को अपने साथ अपनी बाइक पर लेकर जा रहा था तो उस दिन सामने से एक लड़का बड़ी ही तेजी में आ रहा था जैसे ही उसकी टक्कर मेरी बाइक से हुई तो मोना के पैर में काफी चोट आ गई वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने जब उसके पैर पर देखा तो उसके पैर से खून निकल रहा था मैंने मोना से कहा मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं वह कहने लगी कि मम्मी बहुत ज्यादा डाटेंगी।
मैं उसे पास के एक क्लीनिक में लेकर गया वहां पर उसके पैर की मरहम पट्टी की उसके बाद उसे थोड़ा आराम था लेकिन उसे दर्द भी काफी ज्यादा हो रहा था। उसके बाद मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया उसने घर में किसी को नहीं बताया जब मैंने फोन करके मोना से पूछा तो वह कहने लगी यार पैर में तो बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मैंने मोना से कहा चलो कोई बात नहीं तुम्हारा पैर ठीक हो जाएगा। कुछ दिनों बाद उसका पैर तो ठीक हो गया वह एक दिन मुझे कहने लगी यार मेरी जॉब बेंगलुरु में लगने वाली है और मुझे वहीं जाना पड़ेगा लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी नहीं है। मैंने उसे कहा तुम यहां पुणे में ही क्यों जॉब नहीं कर लेती वह कहने लगी वहां मुझे अच्छी सैलरी मिल रही है और मेरा फ्यूचर भी बेंगलुरु में ही है तो मुझे वहीं जाना पड़ेगा मैंने मोना से कहा ठीक है जैसा तुम्हे अच्छा लगता है तुम देख लो। कुछ समय बाद मोना बेंगलुरु चली गई मैं पुणे में ही जॉब करता हूं और मैं अपने ऑफिस से सीधे ही घर चला आता था मेरे ऑफिस में बहुत कम दोस्त हैं लेकिन उसी बीच एक दिन मुझे मोना का फोन आया और वह मुझे कहने लगी रमन तुम कैसे हो। मैंने उसे कहा मैं तो ठीक हूं तुम बताओ तुम क्या कर रही हो वह कहने लगी बस यार आजकल तो अपने ही काम में बिजी हूं मैंने मोना से कहा इसका मतलब तुम्हारी जॉब बहुत अच्छी चल रही है।
वह कहने लगी हां जॉब तो अच्छी चल रही है और सोच रही हूं कि कुछ समय के लिए घर आ जाऊं मैंने मोना से कहा तुम तो काफी समय से बेंगलुरु में ही हो और तुम्हें मिले हुए मुझे काफी समय हो चुका है। मोना मुझे कहने लगी मैं देखती हूं कि कुछ दिनों के लिए घर का प्रोग्राम बनाती हूं मैंने मोना से कहा जब तुम आओ तो मुझे फोन कर देना मैं भी उस वक्त अपने ऑफिस से छुट्टी ले लूंगा ताकि तुम्हारे साथ अच्छा समय बिता पाऊं। मोना कुछ दिनों के लिए पुणे आ गई उसने मुझे फोन किया और कहा कि मैं घर पर हूं तुम मुझे कब मिल रहे हो। मैंने उसे कहा कि मैंने तुम्हें कहा था कि मुझे फोन करना मैं अपने ऑफिस से छुट्टी लूंगा लेकिन तुम तो यहां पहुंच कर फोन कर रही हो अभी तो मेरा आना मुश्किल होगा लेकिन मैं ऑफिस से फ्री होने के बाद तुम्हें मिलता हूं। मोना कहने लगी ठीक है तुम अपने ऑफिस से हो आओ उसके बाद मुझे शाम को मिलना उसके बाद मैं अपने ऑफिस चला गया जब मैं शाम को फ्री हुआ तो मैंने मोना को फोन किया और उसे कहा क्या तुम घर पर ही हो वह कहने लगी हां मैं घर पर ही हूं। मैं उसे मिलने के लिए घर पर चले गया जब मैं उसके घर गया तो मैंने देखा उसके साथ एक और लड़की बैठी हुई थी मोना ने मुझे उससे मिलवाया और कहा यह मेरी दोस्त सुहानी है। मैंने सुहानी से हाथ मिलाया और मोना से कहा अच्छा तुम अपनी दोस्त को भी अपने साथ ले आई। सुहानी मुझसे कहने लगी मोना मुझसे जिद कर रही थी कि तुम भी मेरे साथ चलो तो मैंने सोचा कि चलो इस बहाने कम से कम पुणे में भी खूब लिया जाएगा। मैंने सुहानी से कहा क्या तुम पहली बार पुणे आ रही हो वह कहने लगी हां मैं पहली बार पुणे आ रही हूं। मुझे मोना ने बताया कि सुहानी बेंगलुरु की ही रहने वाली है मैंने मोना से पूछा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो वह कहने लगी मेरी जॉब अच्छी चल रही है और सब कुछ बहुत ही ठीक-ठाक चल रहा है।
सुहानी ने मुझे कहा मोना तुम्हारी बड़ी तारीफ करती है और उसने मुझे बताया कि तुम लोग पहली बार कैसे मिले थे मैंने सुहानी से पूछा मोना ने तुम्हें क्या बताया कि हम लोग पहली बार कैसे मिले थे। सुहानी कहने लगी कि तुम दोनों एक ही गिफ्ट सेंटर में गए हुए थे और वहां पर एक ही गिफ्ट बचा हुआ था जिसको तुम दोनों ने पसंद कर लिया और उसके बाद तुम दोनों के बीच झगड़ा शुरू हुआ लेकिन आखिर में तुमने ही मोना को वह दे दिया और कहा तुम इसे ले जा लो। उसके बाद तुम दोनों एक दूसरे से मिलते रहे और तुम दोनों की अच्ची दोस्ती हो गई, मैंने सुहानी से कहा अच्छा तो मोना ने तुम्हें यह सब बता ही दिया। मैं उस दिन काफी देर तक मोना के साथ बैठा रहा और सुहानी भी काफी अच्छी है उससे बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने मोना से कहा कि मैं घर चलता हूं मैं तुम्हें फोन करूंगा तो कल हम लोग घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं मोना कहने लगी ठीक है हम लोग साथ में कल कहीं चलते हैं। मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और हम तीनों साथ में सुबह के वक्त निकल पड़े मैंने सुहानी से पूछा तुम्हें क्या पसंद है वह कहने लगी मुझे तो ऐसा कुछ पसंद नहीं है लेकिन मुझे मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है।
मैंने उससे कहा तुम कौन सी मूवी देखोगे तो वह कहने लगी कोई हॉलीवुड की मूवी लगी हो तो हम लोग देख सकते हैं मैंने मोना से कहा क्या फिर हम लोग मूवी देखने चले मोना कहने लगी हां क्यों नहीं। मैंने हम तीनों की टिकट ली और मूवी का शो करीब आधे घंटे बाद था तो हम लोग मॉल में ही घूमते रहे जैसे ही शो शुरू होने वाला था तो हम लोग जल्दी से अंदर चले गए हम तीनो ने उस दिन साथ में मूवी देखी। मुझे मूवी देखना ज्यादा पसंद नहीं है लेकिन सुहानी कि वजह से हम लोगों को मूवी देखनी पड़ी लेकिन मूवी इतनी भी बुरी नहीं थी नही तो उसे देख कर मैं बोर हो जाता। उसके बाद हम लोग वहां से बाहर आए तो मैंने दोनों से पूछा क्या तुम कुछ लोगी मोना कहने लगी कि हम लोग फूड कोर्ट में बैठ जाते हैं, हम तीनों ही फूड कोर्ट में चले गए और उसके बाद वहां पर हम तीनों ने साथ में अच्छा समय बिताया। समय का पता ही नहीं चला कि कब अंधेरा हो गया हम लोग वहां से बाहर निकले तो मैंने उन दोनों से कहा आज का दिन तो हमारा यहीं खत्म हो गया टाइम का कुछ मालूम ही नहीं पड़ा। मोना और सुहानी कहने लगे कि कोई बात नहीं कल का प्रोग्राम रख देंगे मैंने मोना से कहा कल तो मुझे ऑफिस जाना होगा मोना कहने लगी कोई बात नहीं मैं और सुहानी कल कहीं और चले जाएंगे तुम जब ऑफिस से फ्री हो जाओगे तो हमें फोन कर देना। मैंने कहा ठीक है मैं तुम दोनों को फ्री होते ही फोन कर दूंगा और वहां से मैं उन दोनों को छोड़ने के लिए चला गया। मैं जब उन दोनों को छोड़ने के लिए गया तो सुहानी मेरे साथ ही बैठी हुई थी मैं कार चला रहा था मेरा हाथ उसकी जांघ पर पड़ा। उसने उस दिन जो ड्रेस पहनी हुई थी उसमें उसके पैर साफ दिखाई दे रहे थे मैने जब उसकी जांघ की तरफ देखा तो वह समझ चुकी थी कि मेरे दिल और दिमाग में क्या चल रहा है।
मैने उन दोनों को घर छोड़ दिया था वहां से जैसे ही मै निकला तो मेरे नंबर पर एक फोन आया और वह फोन सुहानी का था। मैंने सुहानी से उस दिन काफी देर से फोन पर बात की रात को हम दोनों की बात इतनी बढ़ गई कि मुझे हस्तमैथुन करना पड़ा। अगले दिन जब मैं मोना और सुहानी को मिला तो मुझे मौका नहीं मिल रहा था कि सुहानी को मैं कैसे अपने साथ लेकर जाऊं तभी मोना ने कहा कि मैं अभी आती हूं मुझे कोई जरूरी काम है तुम दोनों घर पर बैठो। मोना चली गई हम दोनों अकेले थे मुझे उस दिन मौका मिल चुका था हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को सहलाना शुरु किया मैंने जब सुहानी के नरम होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी। उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ चुकी थी वह अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल ना कर सकी उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो वह उसे बड़े ही अच्छे से अपने मुंह में लेकर सकिंग करने लगी जिससे कि हम दोनों के अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढने लगी। मैंने जैसे ही सुहानी की योनि को चाटना शुरू किया तो मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा गया मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया।
जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में प्रवेश हुआ तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी उसके अंदर जोश बढ़ने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा मेरे धक्के इतने तेज होते कि उससे सुहानी के अंदर एक अलग ही उत्तेजना पैदा हो जाती। हम दोनों पूरी तरीके से जोश में आ जाते और जब सुहानी झडने वाली थी तो उसने अपनी चूत को और भी ज्यादा टाइट कर लिया जिससे कि मेरे अंदर का जोश और भी ज्यादा बढ़ गया। मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था जब सुहानी की टाइट योनि के अंदर मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बड़ा मजा आया। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए हम दोनों मोना का इंतजार करने लगे जैसे ही मोना आई तो वह कहने लगी यार कोई जरूरी काम आ गया था। हम दोनों ने कहा कोई बात नहीं सुहानी और मोना बेंगलुरु जा चुके थे लेकिन अब भी मेरी सुहानी से बात होती रहती हैं।
मैं उसे पास के एक क्लीनिक में लेकर गया वहां पर उसके पैर की मरहम पट्टी की उसके बाद उसे थोड़ा आराम था लेकिन उसे दर्द भी काफी ज्यादा हो रहा था। उसके बाद मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया उसने घर में किसी को नहीं बताया जब मैंने फोन करके मोना से पूछा तो वह कहने लगी यार पैर में तो बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मैंने मोना से कहा चलो कोई बात नहीं तुम्हारा पैर ठीक हो जाएगा। कुछ दिनों बाद उसका पैर तो ठीक हो गया वह एक दिन मुझे कहने लगी यार मेरी जॉब बेंगलुरु में लगने वाली है और मुझे वहीं जाना पड़ेगा लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी नहीं है। मैंने उसे कहा तुम यहां पुणे में ही क्यों जॉब नहीं कर लेती वह कहने लगी वहां मुझे अच्छी सैलरी मिल रही है और मेरा फ्यूचर भी बेंगलुरु में ही है तो मुझे वहीं जाना पड़ेगा मैंने मोना से कहा ठीक है जैसा तुम्हे अच्छा लगता है तुम देख लो। कुछ समय बाद मोना बेंगलुरु चली गई मैं पुणे में ही जॉब करता हूं और मैं अपने ऑफिस से सीधे ही घर चला आता था मेरे ऑफिस में बहुत कम दोस्त हैं लेकिन उसी बीच एक दिन मुझे मोना का फोन आया और वह मुझे कहने लगी रमन तुम कैसे हो। मैंने उसे कहा मैं तो ठीक हूं तुम बताओ तुम क्या कर रही हो वह कहने लगी बस यार आजकल तो अपने ही काम में बिजी हूं मैंने मोना से कहा इसका मतलब तुम्हारी जॉब बहुत अच्छी चल रही है।
वह कहने लगी हां जॉब तो अच्छी चल रही है और सोच रही हूं कि कुछ समय के लिए घर आ जाऊं मैंने मोना से कहा तुम तो काफी समय से बेंगलुरु में ही हो और तुम्हें मिले हुए मुझे काफी समय हो चुका है। मोना मुझे कहने लगी मैं देखती हूं कि कुछ दिनों के लिए घर का प्रोग्राम बनाती हूं मैंने मोना से कहा जब तुम आओ तो मुझे फोन कर देना मैं भी उस वक्त अपने ऑफिस से छुट्टी ले लूंगा ताकि तुम्हारे साथ अच्छा समय बिता पाऊं। मोना कुछ दिनों के लिए पुणे आ गई उसने मुझे फोन किया और कहा कि मैं घर पर हूं तुम मुझे कब मिल रहे हो। मैंने उसे कहा कि मैंने तुम्हें कहा था कि मुझे फोन करना मैं अपने ऑफिस से छुट्टी लूंगा लेकिन तुम तो यहां पहुंच कर फोन कर रही हो अभी तो मेरा आना मुश्किल होगा लेकिन मैं ऑफिस से फ्री होने के बाद तुम्हें मिलता हूं। मोना कहने लगी ठीक है तुम अपने ऑफिस से हो आओ उसके बाद मुझे शाम को मिलना उसके बाद मैं अपने ऑफिस चला गया जब मैं शाम को फ्री हुआ तो मैंने मोना को फोन किया और उसे कहा क्या तुम घर पर ही हो वह कहने लगी हां मैं घर पर ही हूं। मैं उसे मिलने के लिए घर पर चले गया जब मैं उसके घर गया तो मैंने देखा उसके साथ एक और लड़की बैठी हुई थी मोना ने मुझे उससे मिलवाया और कहा यह मेरी दोस्त सुहानी है। मैंने सुहानी से हाथ मिलाया और मोना से कहा अच्छा तुम अपनी दोस्त को भी अपने साथ ले आई। सुहानी मुझसे कहने लगी मोना मुझसे जिद कर रही थी कि तुम भी मेरे साथ चलो तो मैंने सोचा कि चलो इस बहाने कम से कम पुणे में भी खूब लिया जाएगा। मैंने सुहानी से कहा क्या तुम पहली बार पुणे आ रही हो वह कहने लगी हां मैं पहली बार पुणे आ रही हूं। मुझे मोना ने बताया कि सुहानी बेंगलुरु की ही रहने वाली है मैंने मोना से पूछा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो वह कहने लगी मेरी जॉब अच्छी चल रही है और सब कुछ बहुत ही ठीक-ठाक चल रहा है।
सुहानी ने मुझे कहा मोना तुम्हारी बड़ी तारीफ करती है और उसने मुझे बताया कि तुम लोग पहली बार कैसे मिले थे मैंने सुहानी से पूछा मोना ने तुम्हें क्या बताया कि हम लोग पहली बार कैसे मिले थे। सुहानी कहने लगी कि तुम दोनों एक ही गिफ्ट सेंटर में गए हुए थे और वहां पर एक ही गिफ्ट बचा हुआ था जिसको तुम दोनों ने पसंद कर लिया और उसके बाद तुम दोनों के बीच झगड़ा शुरू हुआ लेकिन आखिर में तुमने ही मोना को वह दे दिया और कहा तुम इसे ले जा लो। उसके बाद तुम दोनों एक दूसरे से मिलते रहे और तुम दोनों की अच्ची दोस्ती हो गई, मैंने सुहानी से कहा अच्छा तो मोना ने तुम्हें यह सब बता ही दिया। मैं उस दिन काफी देर तक मोना के साथ बैठा रहा और सुहानी भी काफी अच्छी है उससे बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा मैंने मोना से कहा कि मैं घर चलता हूं मैं तुम्हें फोन करूंगा तो कल हम लोग घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं मोना कहने लगी ठीक है हम लोग साथ में कल कहीं चलते हैं। मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और हम तीनों साथ में सुबह के वक्त निकल पड़े मैंने सुहानी से पूछा तुम्हें क्या पसंद है वह कहने लगी मुझे तो ऐसा कुछ पसंद नहीं है लेकिन मुझे मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है।
मैंने उससे कहा तुम कौन सी मूवी देखोगे तो वह कहने लगी कोई हॉलीवुड की मूवी लगी हो तो हम लोग देख सकते हैं मैंने मोना से कहा क्या फिर हम लोग मूवी देखने चले मोना कहने लगी हां क्यों नहीं। मैंने हम तीनों की टिकट ली और मूवी का शो करीब आधे घंटे बाद था तो हम लोग मॉल में ही घूमते रहे जैसे ही शो शुरू होने वाला था तो हम लोग जल्दी से अंदर चले गए हम तीनो ने उस दिन साथ में मूवी देखी। मुझे मूवी देखना ज्यादा पसंद नहीं है लेकिन सुहानी कि वजह से हम लोगों को मूवी देखनी पड़ी लेकिन मूवी इतनी भी बुरी नहीं थी नही तो उसे देख कर मैं बोर हो जाता। उसके बाद हम लोग वहां से बाहर आए तो मैंने दोनों से पूछा क्या तुम कुछ लोगी मोना कहने लगी कि हम लोग फूड कोर्ट में बैठ जाते हैं, हम तीनों ही फूड कोर्ट में चले गए और उसके बाद वहां पर हम तीनों ने साथ में अच्छा समय बिताया। समय का पता ही नहीं चला कि कब अंधेरा हो गया हम लोग वहां से बाहर निकले तो मैंने उन दोनों से कहा आज का दिन तो हमारा यहीं खत्म हो गया टाइम का कुछ मालूम ही नहीं पड़ा। मोना और सुहानी कहने लगे कि कोई बात नहीं कल का प्रोग्राम रख देंगे मैंने मोना से कहा कल तो मुझे ऑफिस जाना होगा मोना कहने लगी कोई बात नहीं मैं और सुहानी कल कहीं और चले जाएंगे तुम जब ऑफिस से फ्री हो जाओगे तो हमें फोन कर देना। मैंने कहा ठीक है मैं तुम दोनों को फ्री होते ही फोन कर दूंगा और वहां से मैं उन दोनों को छोड़ने के लिए चला गया। मैं जब उन दोनों को छोड़ने के लिए गया तो सुहानी मेरे साथ ही बैठी हुई थी मैं कार चला रहा था मेरा हाथ उसकी जांघ पर पड़ा। उसने उस दिन जो ड्रेस पहनी हुई थी उसमें उसके पैर साफ दिखाई दे रहे थे मैने जब उसकी जांघ की तरफ देखा तो वह समझ चुकी थी कि मेरे दिल और दिमाग में क्या चल रहा है।
मैने उन दोनों को घर छोड़ दिया था वहां से जैसे ही मै निकला तो मेरे नंबर पर एक फोन आया और वह फोन सुहानी का था। मैंने सुहानी से उस दिन काफी देर से फोन पर बात की रात को हम दोनों की बात इतनी बढ़ गई कि मुझे हस्तमैथुन करना पड़ा। अगले दिन जब मैं मोना और सुहानी को मिला तो मुझे मौका नहीं मिल रहा था कि सुहानी को मैं कैसे अपने साथ लेकर जाऊं तभी मोना ने कहा कि मैं अभी आती हूं मुझे कोई जरूरी काम है तुम दोनों घर पर बैठो। मोना चली गई हम दोनों अकेले थे मुझे उस दिन मौका मिल चुका था हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को सहलाना शुरु किया मैंने जब सुहानी के नरम होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी। उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ चुकी थी वह अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल ना कर सकी उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो वह उसे बड़े ही अच्छे से अपने मुंह में लेकर सकिंग करने लगी जिससे कि हम दोनों के अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढने लगी। मैंने जैसे ही सुहानी की योनि को चाटना शुरू किया तो मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा गया मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया।
जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में प्रवेश हुआ तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी उसके अंदर जोश बढ़ने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा मेरे धक्के इतने तेज होते कि उससे सुहानी के अंदर एक अलग ही उत्तेजना पैदा हो जाती। हम दोनों पूरी तरीके से जोश में आ जाते और जब सुहानी झडने वाली थी तो उसने अपनी चूत को और भी ज्यादा टाइट कर लिया जिससे कि मेरे अंदर का जोश और भी ज्यादा बढ़ गया। मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था जब सुहानी की टाइट योनि के अंदर मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बड़ा मजा आया। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए हम दोनों मोना का इंतजार करने लगे जैसे ही मोना आई तो वह कहने लगी यार कोई जरूरी काम आ गया था। हम दोनों ने कहा कोई बात नहीं सुहानी और मोना बेंगलुरु जा चुके थे लेकिन अब भी मेरी सुहानी से बात होती रहती हैं।