छुट्टी के वक्त छुटा मेरा मुठ

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हाई दोस्तों,

आज मैं आपको अपने ही शूल की मस्त जवान शिक्षिका जिनका थोमस था उनकी चुदाई के बारे में बता रहा हूँ और यह सारी चुदाई मैंने अपने स्कूल में ही की है | मेरे अपनी शिक्षिका के साथ बड़े ही अच्छे सम्बन्ध थे और वो उम्र में भी मुझसे ज्यादा बड़ी नहीं थी | मैं उसे कभी - कभी शारीरिक छेड - खानी भी कर दिया करता जिसपर वो केवल मुस्कुरा दिया करती थी | जब मेरा भी हौसला बढ़ने लगा तो मैं उनके काम करते हुए हाथ को पकड़ लिया करता जिसपर वो कभी भी मेरा विरोध नहीं किया करती थी | हम धीरे - धीरे एक दूसरे के अब कुछ ज्यादा ही करीब आते चले गए और अब मेरे हौंसले भी जैसे अब रुकने का नाम ही नहीं लिया |

वो भी अब कभी मेरी पीट को सहलाते हुए बड़े कुमक प्रतिक्रिया जताने लगती थीं जिसपर मैं उनकी हथेली पर ऊँगली फिराने लगता था | एक दिन हमारी क्लास में वही थोमस शिक्षिका कुछ मुझे खास सवाल समझा रही थी और देखते - देखते स्कूल की छुट्टी भी हो गयी जिससे सारे बच्चे घर को चले गए | अब मैं और वो अकेले ही क्लास में रह गए थे | मेरे मन में भी अब कुछ मस्ती करने को सूझी तो मैं मैं फिर से उनकी हथेली पर ऊँगली फिराने लगा जिसपर उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ अपने से स्तनों पर रख दिया | मुझे अब किसी भी चीज़ से शर्म नहीं आ रही थी और मैंने देखते - देखते उनके चुचों को सहलाते हुए मसलन अशुरु कर दिया |

वो भी अपनी आँखों को मींचते हुए आहाहह्ह अहहह करती हुई नीचे से मेरी पैंट के उप्पर मेरी जाँघों पर हाथ फेर रही थी और अचानक मेरे लंड को अपनी हथेली की कैद में ले लिया | मुझसे अब और चस्का छाड़ने लगा तो मैंने उसनके चुचों पर जोर आजमाया और उसनके गुलाबी होठों को चूसने लगा | कुछ देर मैं उठा क्लास - रूम का दरवाज़ा बंद करा या और उनकी कुर्ती को उठा दिया और बार को खोल वहीँ बैठकर उनके चुचों को चूसने लगा | मेरी शिक्षिका ने भी मेरी पैंट को उतरवा दिया और मेरी चड्डी में से मेरे लंड को निकाल अपने हाथ में मसलने लगी | मैं भी उनके उप्पर चदते हुए उनकी सलवार को उतारने की गुजारिश की जिसपर कुछ ही पल में वो मेरे सामने नागी ही हो चलीं |

मैंने अब वहीँ पर अपनी शिक्षिका को बैंच पर लिटाया और अपनी जीभ को उनकी चुत पर रख फिराने लगा | जैसे ही उनकी चुत हो गयी तो मैंने उनके उप्पर चढ गया अपने लंड के सुपाडे उसकी चुत के द्वार पर टिकाते हुए अंदर - बहार करते हुए अपने लंड के धक्कों को बढ़ा दिया जिससे उनकी बड़ी ही मनमोहक आवाजें निकलने लगी मैं भी बस कुछ ना सोचते हुए उनकी चुत को लगातार चोदता चला गया और अपने लंड की चक्की उनकी चुत में घुमाने लगा | हम एक दूसरे को इसी प्रकार एक घंटे तक चुदाई के आहोश में खोये हुए झटके दे रहे थे की मेरा मुठ निकलने ही वाला था | तभी मैंने अपने लंड को निकल अपनी शिक्षिका के मुंह में दे दिया जिसे वो चूसने लगी और मैं चैन की राहत लेने लगा |
 
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