दीपा के साथ मजे किये

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Antarvasna, hindi sex kahani: कॉलेज का मेरा पहला वर्ष था और पहले ही वर्ष में जब मुझे विनीता मिली तो विनीता और मैं एक दूसरे को प्यार करने लगे। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे लेकिन विनीता के पापा का बहुत बड़ा बिजनेस है जिस वजह से वह चाहते थे की विनीता की शादी किसी अच्छे घराने में हो जाए। अब हम दोनों का कॉलेज भी पूरा हो चुका था और मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। मैं काफी खुश था कि मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब कर पा रहा हूं लेकिन दीपावली की शादी उसके पापा ने कहीं और ही तय कर दी और उसकी शादी हो जाने के बाद मैं पूरी तरीके से टूट चुका था। मेरी जिंदगी में अब कोई भी ऐसा नहीं था जो कि मेरा साथ दे पाता और जिससे मैं अपनी फीलिंग शेयर कर पाता इसलिए मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था। पापा और मम्मी भी मुझे कई बार कहते कि बेटा तुम बहुत ज्यादा परेशान रहते हो तुम्हें अब शादी कर लेनी चाहिए।

मैंने भी उम्र के 28वे वर्ष में कदम रखा और मेरी भी शादी तय हो गई। मेरी शादी दीपा से तय हो गई दीपा से जब मैं पहली बार मिला तो दीपा से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उसे भी मुझसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। अब हम दोनों के बीच काफी ज्यादा नजदीकियां बढ़ चुकी थी और हम दोनों ने एक दूसरे को पसंद भी कर लिया था। हम दोनों के परिवार पहले से ही एक दूसरे को जानते थे जिस कारण दीपा और मैंने एक दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया था और अब हम दोनों की शादी तय हो चुकी थी। मैं भी दीपा को कहीं ना कहीं पसंद करने लगा था और दीपा को भी मेरा साथ अच्छा लगने लगा तो हम दोनों की शादी हो गई और दीपा मेरी पत्नी बन चुकी थी। जब दीपा मेरी पत्नी बनी तो उसके बाद मेरे जीवन में काफी बदलाव आने लगे थे मैं ज्यादातर समय दीपा के साथ ही बिताया करता और उसे भी मेरे साथ बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते हैं। हम दोनों के बीच प्यार काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा था और अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा करीब आ चुके थे। एक समय ऐसा आया जब दीपा और मुझे कुछ समय के लिए अलग होना पड़ा क्योंकि मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था जिस कारण मैं और दीपा एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़प रहे थे मैं दीपा को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था।

जब मैं अपने घर लौटा तो उस दिन दीपा और मैंने साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया और हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने उसके साथ में समय बिताया। मुझे तो दीपा के साथ हमेशा ही अच्छा लगता है। दीपा कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती थी और उसने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती हूं मैंने दीपा को कहा कि ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिल आओ। वह कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिलने चली गयी और कुछ दिन बाद वह घर वापस लौट आई थी। उसके बाद दीपा चाहती थी कि वह किसी कंपनी में जॉब करें लेकिन मैंने उसे मना कर दिया था फिर दीपा ने हमारे घर के पास ही एक प्राइवेट स्कूल है वहां पर उसने जॉब के ट्राई किया और उसकी जॉब वहां पर लग गई। अब वह स्कूल में पढ़ाने लगी थी और जब भी हम दोनों को समय मिलता तो हम दोनों साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते हैं और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश भी थे। एक दिन मैं और दीपा साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे तो दीपा ने मुझे कहा कल उसकी छोटी बहन बबिता हमसे मिलने के लिए आ रही है। मैंने दीपा को कहा कि बबिता तो मुंबई में जॉब कर रही थी क्या वह घर आ गई है तो वह मुझे कहने लगी कि हां वह कुछ दिनों के लिए घर आई हुई है इसीलिए तो कल वह हम लोगों से मिलने के लिए आने वाली है।

मैंने दीपा को कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि बबिता कुछ दिनों के लिए घर पर आ रही है और इस बहाने हमारी उससे मुलाकात भी हो जाएगी। दीपा की छोटी बहन बबिता जो पढ़ने में बहुत ही अच्छी थी और उसका कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन हुआ और वह मुंबई की एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगी। अगले दिन सुबह मैं अपने ऑफिस चला गया था ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इसलिए मुझे घर लौटने में उस दिन काफी ज्यादा देर हो गई थी। जब मैं घर लौटा तो उस दिन बबिता घर पहुंच चुकी थी मैंने बबिता से कहा कि तुम्हारा सफर कैसा रहा तो वह कहने लगी कि जीजा जी मेरा सफर तो अच्छा रहा उसके बाद बबिता और मैं कुछ देर साथ में बैठे रहे फिर मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में चला गया था और वहां पर मैं कपड़े चेंज करने लगा फिर मैं बाहर हॉल में आकर बैठा तो बबिता और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे। थोड़ी देर तक हम लोगों ने बातें की और फिर दीपा मुझसे कहने लगी कि आप खाना खा लीजिए। हम लोगों ने खाना खा लिया था और उसके बाद मैं सोने के लिए रूम में चला गया बबिता और दीपा साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। थोड़ी देर के बाद दीपा भी रूम में आ गई और वह मेरे बगल में आकर लेट गई। वह मेरे बगल में आकर लेटी तो मैंने उसकी छाती पर अपने हाथ को रखा वह मचलने लगी

मेरा मन दीपा के साथ सेक्स करने का था मैंने दीपा के होठों को चूमना शुरू किया तो मैं पूरी तरीके से गर्म होने लगा था और दीपा भी गर्म होने लगी थी। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही हूं। मैंने दीपा के सामने अपने लंड को किया और दीपा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वह उसे सकिंग करने लगी। दीपा मेरे लंड को चूस रही थी उससे हम दोनों को मजा आ रहा था और हमारी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। हम दोनो रह नहीं पा रहे थे मैंने दीपा के बदन से उसके कपड़े उतार कर उसे बिस्तर पर लेटा दिया था और मैं उसके स्तनों का रसपान करने लगा।

मुझे उसके स्तनों को चूसने में मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उस से हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए थे। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था उसने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया मैंने दीपा की चूत को कुछ देर तक चाटा और उसकी योनि को चाटने के बाद मैंने उसकी योनि में अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा कर उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था जिस से मुझे मजा आने लगा था और दीपा को भी बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे और हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने दीपा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को तेजी से करना शुरू कर दिया था दीपा भी जोर से चिल्लाने लगी थी। दीपा की सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी। दीपा की गर्मी बढ रही थी मैं भी पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना तो दीपा अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने जैसे ही दीपा की योनि में अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई थी। हम दोनों को बड़ा मजा आया जब मैंने और दीपा ने एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।
 
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