दोस्तों से करवाई प्यारी दीदी की चूत चुदाई -2

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(Doston Se Karwai Pyari Didi Ki Chut Chudai-2)

कथा पूरी तरह से काल्पनिक है.. इसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है।

मैंने कहा सलोनी से- मैं दो दिन के लिए काम से बाहर जा रहा हूँ, तो दो दिन के लिए ये सब तुम्हारा ख्याल रखेंगे।
तो उसने भी कहा- ठीक है।
इसके बाद सब दोस्त यह कह कर चले गए कि हम सब कल सुबह आयेंगे।
इस तरह मैंने अपनी सगी बहन को अपने यारों के हवाले कर दिया।

उसके दो दिन बाद में अपने घर लौटा, उसके बाद उसके दो दिन की पूरी कहानी अमर ने मुझे बताई और उसका वीडियो भी दिखाया। वीडियो देखने के बाद मुझे भी बहुत मज़ा आया।
मेरे दोस्तों ने मेरी दीदी की जम कर चुदाई की थी।

अब कहानी की बात करते हैं.. उस दिन जो क्रीम मेरे दोस्तों ने उसकी चूत में डाली थी.. उस क्रीम ने सलोनी को पूरी तरह से पागल बना दिया था।

सबके जाने के बाद उसने विजय को फोन करके पूछा- तुम लोगों ने मेरी चूत में कौन सी क्रीम लगाई है।
उसने बताया.. तो सलोनी ने उससे कहा- यार इसका कुछ इलाज़ बताओ ना..
तब विजय ने कहा- इसका एक ही इलाज़ है.. अपनी चूत की गर्मी को चुदाई करवा के ठण्डा करो।
सलोनी बोली- तो फिर आ जाओ ना प्लीज.. मेरी चूत मारो।

विजय ने कहा- जरूर मारेंगे.. एक साथ मारेंगे.. लेकिन कल सुबह.. आज रात सुबह जो तुमने हमारे खड़े लौड़े पर लात मारी थी.. उसकी सजा भुगतो..
हँसते हुए उसने फोन काट दिया और रात भर सलोनी चूत में उंगली डालती रही.. पर उसे नींद नहीं आई।

सुबह जब मैं जाने के लिए उठा तो मैंने उसे बर्थडे विश किया और गिफ्ट भी दिया और चला गया।
मेरे जाने के बाद आधे घंटे बाद मेरे दोस्त आ गए.. उन्होंने घन्टी बजाई.. सलोनी ने दरवाजा खोला। सबने अन्दर आते ही उसे हग किया।
सबसे पहले अमर ने उसे गले लगाते ही उसके चूतड़ के ऊपर से हाथ फेरा और दबाने लगा, उसके बाद विजय राहुल मधुर ने भी वही किया, उसके बाद पप्पू और संतोष उसके स्तनों को दबाने लगे।

तो बाकी के लोगों ने कहा- रुक अभी.. इसको पूरी सजा तो देने दे।
तब सलोनी ने कहा- बस हो गया.. अब मैं चुदना चाहती हूँ.. प्लीज स्टार्ट करो।

अमर ने कहा- तो फिर ठीक है तुम्हें हमारी हर शर्त माननी होगी।
सलोनी- क्या शर्त है तुम्हारी?

अमर- हम सब तुम्हें जब चाहेंगे.. तब चोदेंगे.. तुम हमें मना नहीं करोगी चुदाई के बीच हम कुछ भी करें.. तू मना नहीं करेगी।
'मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है..' सलोनी ने कहा।

तब सब उस पर कुत्ते की तरह टूट पड़े.. सबने उसे उठाकर बिस्तर पर पटक दिया उसकी नाईटी को उतारने लगे।
कुल 2 मिनट में सलोनी पूरी नंगी हो चुकी थी, पप्पू ने कैमरा ऑन किया और वीडियो शूट करने लगा.. बाई के पांच लोग सलोनी को हर जगह सहला रहे थे।

अमर ने उसकी चूत चाट रहा था.. विजय उसकी गाण्ड पर हाथ फेर रहा था.. राहुल और मधुर रसीले आम चूस रहे थे.. संतोष ने अपना लण्ड उसके मुँह में डाला था.. और वो उसको चूस रही थी, उसकी वासना धीरे-धीरे बढ़ रही थी।
सलोनी पूरी तरह से अपने होश खो बैठी थी। उसके मुँह से सिर्फ सिसकारियाँ फ़ूट रही थीं।

इस बीच अमर ने उसको सीधा लिटाया और उसकी चूत की फांक में अपना लण्ड सैट कर दिया। उसका 9 इंच का लौड़ा पूरी तरह से मेरी दीदी की चूत में प्रवेश करने के लिए तैयार था, एक ज़ोर के झटके के साथ अमर ने मेरी प्यारी दीदी की कोमल चूत में आधा लौड़ा घुसेड़ दिया था। इस जोर के झटके ने सलोनी के आँसू निकाल दिए।

अगले ही पल अमर ने और एक जोर का झटका लगाया और इसी के साथ पूरा 9 इंच का लण्ड मेरी दीदी के चूत में पेवस्त हो चुका था।

उसने बाकी के दोस्तों ने सलोनी को दबा कर रखा हुआ था.. जिससे वो उठ नहीं पाई।
अब अमर अपने लण्ड को आगे-पीछे करने लगा.. उसकी स्पीड बढ़ चुकी थी।
अब सलोनी को भी मज़ा आने लगा था.. तो वो भी पूरी तरह से साथ देनी लगी।

लगातार 15 मिनट के बाद अमर का छूटने वाला था.. तो उसने सलोनी से पूछा- कहाँ निकालूँ..
तब सलोनी ने कहा- सब माल मेरी चूत में ही जाएगा.. एक बून्द भी बाहर नहीं गिरनी चाहिए..
और अमर उसकी चूत में झड़ने लगा, पूरा वीर्य उसने सलोनी की चूत में छोड़ा.. उसे गरम वीर्य के एहसास से बहुत मज़ा आया।

उसके बाद सबने अपनी जगह बदली.. उसके बाद संतोष ने उसकी जम कर चूत मारी और वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ा।
इसी तरह मेरे सभी 6 दोस्तों ने जम कर उसकी चूत मारी।
सलोनी भी लगभग 9 बार झड़ चुकी थी.. सबको चूत चुदाई में काफी मज़ा आ रहा था। अब तक दोपहर के 12 बज चुके थे.. सब सलोनी को लेकर नहाने घुस गए।

वहाँ फिर से एक बार सबने उसकी चूत मारी। इस बार सबने अपना वीर्य सलोनी को ज़बरदस्ती पिलाया। नहाने के बाद खाना आर्डर किया था.. सलोनी अपने कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगी तो विजय ने उससे कपड़े ले लिए और कहा- अभी कहाँ पहन रही हो.. अभी पूरे 2 दिन हैं.. अभी तो सिर्फ चूत मारी है.. तेरा पिछवाड़ा अभी बाकी है।

उसको वो बिना कपड़ों के ही हॉल में लाया.. तब सबने सलोनी से कहा- यार तू कमाल की चीज़ है.. हम तो तुझे कब से चोदना चाहते थे।
सलोनी बोली- फिर क्यों नहीं चोदा?
संतोष बोला- तेरे भाई के डर से..
सलोनी बोली- क्या यार.. मैं तुम लोगों की दोस्त हूँ.. मुझे एक बार बोल दिया होता.. मैं भी तुम सबसे चुदवाना चाहती थी।

पप्पू बोला- ये तुम्हारी कौन सी बार की चुदाई थी..?
सलोनी बोली- मुझे क्या याद है कि ये मेरी कौन सी बार की चुदाई थी.. अब तक मैं बार बार चुद चुकी हूँ।
इतना कहते ही मेरे सारे दोस्तों के कान खड़े हो गए।

विजय ने फिर उसे अपनी गोद में बिठाया और कहा- तभी हम सोच रहे थे.. हमारी प्यारी सलोनी दिन व दिन इतनी सुन्दर कैसे दिख रही है.. हमें क्या पता वो हर दिन अपनी गाड़ी में ऑयल डाल रही है।
सब हँसने लगे।

तब सलोनी ने पूछा- अब बताओ तुम लोगों ने मेरा वीडियो क्यों बनाया?
तब संतोष बोला- ताकि तुम कभी भी हमसे चुदने को मना ना कर सको।
सलोनी ने कहा- मतलब?

'जिस दिन तुम हमें चोदने नहीं दोगी.. उस दिन ये वीडियो तुम्हारे भाई को हम दिखा देंगे।'
सलोनी बोली- तुम लोग ऐसा कुछ नहीं करोगे और हर वक्त चुदने के लिए मैं कोई रंडी नहीं हूँ।
पप्पू ने कहा- हर वक्त नहीं.. हम सब जब चाहें.. तब।

सलोनी बोली- एक काम करते हैं.. तुम 6 लोग हो 6 दिन बांट लेते हैं। सोमवार को अमर, मंगल को विजय, बुध को राहुल.. गुरुवार को मधुर.. शुक्र को संतोष.. और शनिवार को पप्पू.. इस तरह सबको मजा मिलेगा और महीने में एक बार ग्रुप सेक्स होगा।
तो सबने एक साथ कहा- ठीक है..

संतोष ने पूछा- तुमने अपना पहला सेक्स किसके साथ किया था.. बताओ न सलोनी प्लीज?
'क्यों बताऊँ?' सलोनी ने कहा।

तब अमर ने उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे चूमने लगा। इस बीच विजय ने उसके हाथ में अपना 9 इंच का लण्ड निकाल कर दे दिया, सलोनी उसे जोर-जोर हिलाने लगी।
बाकी सब लोग भी अपने लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगे।
अब सबके लण्ड एक बार फिर खड़े हो चुके थे।

तब विजय ने कहा- इस बार तुम्हारी पूरी चुदाई होगी.. आगे से और पीछे से पिछवाड़े से.. लगता है कि तुमने अब तक पिछवाड़ा किसी को मारने नहीं दिया।
'हाँ.. बिल्कुल सही पहचाना.. पीछे से मैं पूरी कुंवारी हूँ.. आज तक मैंने पीछे किसी को कुछ करने नहीं दिया..'

अब पप्पू ने उसके चूतड़ सहलाते हुए कहा- सच कहूँ सलोनी.. तुम जितनी अपनी गाण्ड मरवाओगी.. उतनी ये सुन्दर दिखेगी.. ठीक उसी तरह से.. जितने तुम मम्मे दबवाया करोगी.. उतने वो बढ़ेंगे। इसका सीधा मतलब ये है कि जितनी तुम चुदोगी.. उतनी ही सुन्दर दिखोगी। अगर तुम रास्ते पर भी चलोगी.. तो जिसका लौड़ा उठना बंद हो गया होगा.. वो भी तुम्हें चोदेगा।

सब हँसने लगे।

अब सब पूरी तरह से तैयार थे.. इस बार विजय ने मेरी टाँगें ऊपर कर दीं और सीधा लण्ड चूत में डाल दिया और आगे-पीछे करना चालू हो गया।

इस बार विजय पूरी जोश के साथ लगा हुआ था.. सलोनी की चूत से लगातार पानी आ रहा था।
सलोनी को भी पूरा मज़ा आ रहा था उसकी चूत मक्खन से कम चिकनी नहीं थी।

दस मिनट बाद विजय झड़ गया.. बाकी के पांचों ने भी अपना नम्बर लगा दिया। विजय ने इस बार वीर्य उसके मुँह पर ऊपर डाल दिया।
बाद में अमर ने उसे उल्टा लिटा दिया।
अब यह साफ था कि अब उसकी गाण्ड का बाजा बजने वाला है।

अमर ने फिर एक झटके में लण्ड अन्दर धकेल दिया। आधा इंच लण्ड उसकी चूत में जा चुका था.. सलोनी जोर-जोर से चिल्लाने लगी- छोड़ो मुझे.. जाने दो..

बाकी सबने झट से उसके मुँह पर हाथ रखा.. बाकी दो ने पैर पकड़ लिए। अब वो पूरी तरह से तड़प रही थी।
मेरे कमीने दोस्त कहाँ रुकने वाले थे।
उसने और एक जोर का झटका मारा और इसी के साथ उसका 9 इंच का लण्ड पूरा अन्दर चला गया।

सलोनी की गाण्ड 'छप छप' करके बजने लगी। अब उसकी गाण्ड ज़ोर-ज़ोर से बजनी चालू थी। उसे भी अब मज़ा आ रहा था। करीब 30 मिनट तक सबने सलोनी की गाण्ड मारी.. उसके बाद सबने एक-एक बार उसकी चूत भी चोदी।

अब शाम होने वाली थी। सलोनी की चूत पूरी तरह से लाल हो गई थी.. गाण्ड भी लाल-लाल हो गई थी, उससे उठा भी नहीं जा रहा था, उसके शरीर पर सब जगह वीर्य के धब्बे पड़े थे.. उसी हालत में वो बेसुध हो गई और सो गई।
वो दूसरे दिन दोपहर को उठी।

इसके आगे की कहानी सलोनी खुद बताएगी.. तब आपकी खिदमत में पेश करूँगा।
आपके इमेल का इन्तजार है।
 
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