दोस्त की माँ की चुदाई की

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हेलो मैं सिद, आप सभी को अपना एक चुदाई एक्सपीरियंस शेयर करने करने जा रहा हु. ये स्टोरी मेरी और मेरे फ्रेंड की मम्मी की कहानी है. मैं लखनऊ का रहने वाला हु. मेरा एक फ्रेंड है, उसका नाम रूद्र है और वो मेरे हाउस से ४ हाउस छोड़ कर रहता है. उसके घर में उसके फादर है विजय, मम्मी का नाम साधना है और एक सिस्टर है साक्षी. अब मैं आप सब को साधना के बारे में डेस्क्रिब करता हु. नाम - साधना सिंह, ऐज - ४६, बॉडी स्टेटस - ३८-३४-३६.

अब मैं स्टोरी पर आता हु. रूद्र के फादर ओमान में रहते है और मोस्टली २ बार ही आते है साल में. १२थ पासआउट करने के बाद, रूद्र हायर स्टडी के लिए दिल्ली चले गया और घर पर सिर्फ साधना आंटी और साक्षी ही रह गये थे. रूद्र मेरा चाइल्डहुड फ्रेंड था, तो नॉर्मली कोई भी काम होता; तो आंटी मेरे को कहती थी. मैं आंटी से मिलने के बहाने ढूंढता ही था, क्योंकि आंटी एक मस्त माल थी. उनके बड़े - बड़े बूब्स देखते ही, मेरा लंड खड़ा हो जाता था. मैं नॉर्मली आंटी के साथ मार्किट जाता था और कभी भी उन्हें टच करने का मौका नहीं छोड़ता था. एक साल बाद, साक्षी भी दिल्ली पढने चली गयी और अब सिर्फ आंटी ही रह गयी थी अकेली घर पर. मुझे तो अब और भी मज़ा आने लगा. आंटी फुल्ली मेरे पर डिपेंडेंट थी और मैं रोज़ इवनिंग में ५ बजे, उनसे पूछने जाता, कि कोई काम तो नहीं है? और इस बहाने उनसे बातें करता और कभी कुछ करने का मौका नहीं मिला.

एक दिन, मैं जब आंटी से ऐसे ही बात कर रहा था, तो आंटी ने फेसबुक के बारे में पूछा और कहा, कि उनकी फ्रेंड उसे कहती है एंड शी आल्सो वांट टू यूज़ इट. आई अग्रिद तो हेल्प हर. मैंने उनका अकाउंट बना दिया और उन्हें यूज़ करना सिखाने लगा. धीरे - धीरे वो सब सिख गयी. एकदिन मैंने सोचा, देखू. आंटी फेसबुक पर किस से चैट करती है. मैंने ही उनका अकाउंट बनाया था, तो मुझे पासवर्ड तो पता ही था. मैंने उनकी आईडी ओपन की और सब कुछ नार्मल ही लग रहा था. फिर मैंने उनके मेसेज रीड करने शुरू किये. वो वहां एक आंटी से चैट कर रही थी अबाउट हर लोनलीनेस, फिजिकल नीड और उनकी फ्रेंड उन्हें सजसट कर रही थी, कि शी शुड ट्राई समवन तू फुलफिल हर नीड. मैंने सोचा, क्यों ना मैं ही समवन बन जाऊ, पर कैसे? कुछ दिनों के बाद, मैंने फिर उनके मेसेज चेक किये. आई वाज शोक्केड़, कि आंटी वाज टेलिंग कि शी ईज स्पीकिंग विद समवन और कल उसके साथ डेट पर जा रही है.

मैंने प्लान बनाया, कि मैं आंटी को फॉलो करूँगा. और मैंने फॉलो किया. डेट पर कुछ खास नहीं हुआ. दोनों एक रेस्टुरेंट में गये, मिले और बातें की. मैंने उनकी पिक्स क्लिक की. पर डेट वाज नॉट एनफ टू ब्लाच्क्मेल हर. अब मैं आंटी को फोलो करने लगा था, लेकिन वो ज्यादातर फ़ोन पर रहती थी. अब मैंने ओब्सेर्व किया, कि उनके फेस पर अजीब सा ग्लो था. एक दिन मैंने उन्हें अच्छे से तैयार होकर कहीं जाते हुए देखा. मैं उन्हें फॉलो करने लगा. इस बार वो लोग एक पार्क में मिले और थोड़ा ज्यादा कम्फ़र्टेबल थे. फिर वो आदमी आंटी को किस करने लगा. मैं उनकी सारी एक्टिविटी की पिक्स ले रहा था. उस आदमी को भी आंटी ने किस दिए और हग किया. फिर वो लोग वहां से चले गये. मैं भी घर आ गया और रात को मैंने साधना आंटी को अपने अल्टरनेट नंबर से वो पिक्स व्हाट्सएप कर दी. ये नंबर आंटी के पास नहीं था. आंटी डर गयी और उन्होंने मुझे कॉल किया. मैंने अननॉन बनकर उनसे बात की और कहा - मैं कल इवनिंग में ५ बजे, उनके घर आऊंगा और तब बताऊंगा, कि मुझे क्या चाहिए. वो फस चुकी थी, तो उन्होंने हाँ कर दी.

मैंने सोच लिया था, कुछ भी हो जाए. आज साधना आंटी को चोद कर रहूँगा. मैंने ५ बजे उनकी डोरबेल बजायी और उन्होंने डोर ओपन किया. उनको लगा, कि मैं रोज़ की तरह आया हु. उन्होंने मुझे जाने को कहा.

आंटी - अरे बेटा, आज मेरे कुछ गेस्ट आने वाले है. तुम कल आना. आज कोई काम नहीं है.

मैं - कौन आंटी, वो व्हाट्सएप वाला गेस्ट?

आंटी - (शौक होते हुए) कौन व्हाट्सएप वाला?

मैं - आंटी मुझे सब मालूम है. मैं ही हु आपका वो गेस्ट.

फिर क्या था. आंटी की हवा ख़राब हो गयी और वो रोने लगी. मैंने उन्हें अपनी आर्म्स में लिया और प्यार से कहा - साधना आंटी, अगर प्यार की जरूरत थी. तो हम क्या मर गये थे. और मैंने उन्हें एक किस कर दिया लिप्स पर. उन्होंने मुझे पीछे धकेला और कहा - ये सब गलत है. मैंने समझाया, कि अगर मेरे और तुम्हारे बीच हुआ, तो कोई शक भी नहीं करेगा. वरना अगर पकड़ी गयी, तो आपकी मेरिज बर्बाद हो जायगी. आंटी थोड़ा सोचने लगी. मैंने सोचा, अब टाइम सही है और मैंने फिर से किस करना स्टार्ट कर दिया, उनके लिप्स पर. इस बार आंटी ज्यादा रेजिस्ट नहीं कर रही थी. मैंने धीरे से आंटी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.

अब तो आंटी भी फॉर्म में आ रही थी और मुझे किस में रेस्पोंड कर रही थी. मैंने उन्हें खीचा और बेडरूम में ले गया. मैं उन्हें फिर से किस करने लगा और बूब्स मसल रहा था. आंटी भी धीरे - धीरे मोअन कर रही थी. अहहहह्हा अहहहः हम्मम्मम्म मुझे यकीन नहीं हो रहा था, कि जिस साधना आंटी को मैं चोदने का सपना देखता था, वो मेरे सामने थी और मुझे किस कर रही थी. फिर मैंने आंटी के साड़ी के पल्लू को हटाया और उनके क्लीवेज को दबा कर किस करने लगा. फिर मैंने आंटी के बेकसाइड पर गया और उनकी नेक पर किस करते - करते साड़ी निकालने लगा. फिर मैंने ब्लाउज निकाल दिया. आंटी अब सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी. ब्रा में से आंटी के बूब्स, मैं पागलो की तरह दबा रहा था और मसल रहा था और आंटी को किस किये जा रहा था. आंटी भी मोअन किये जा रही थी. धीरे आराम से . कह रही थी. पर मैं कहा मानने वाला था. मैंने आंटी की ब्रा रिमोव कर दी और मेरे सामने आंटी के साइज़ ३८ बूब्स थे. मैंने उन्हें लिटाया और उनके बूब्स पर टूट पड़ा और उनके निप्पल काटने लगा. वो मुझे रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी. पर मैं कहाँ रुकने वाला था.

अब साधना आंटी के पेटीकोट की बारी थी. मैंने उसका नाडा खोल दिया और झटके में निकाल दिया. मेरी साधना आंटी बस एक पेंटी में थी, जोकि पूरी गीली हो चुकी थी. ये देख कर मैंने आंटी से कहा - बड़ी आग है. तो आंटी मुस्कुरा दी. अब वो मुझे किस कर रही और मेरी टीशर्ट रिमोव कर दी. मैंने अपना लोअर और जॉकी निकाल दिया और अपना ६ इंच का लुंड उनको पकड़ा दिया. वो उसे हिलाने लगी और मैं अपनी साधना आंटी को किस कर रहा था और बूब्स मसल रहा था और उनके निप्पल काट रहा था. मैंने आंटी की पेंटी निकाली और उनकी हलकी झांटो वाली बुर में अपनी मिडिल फिंगर डाल दी. वो अचानक हुए इस मूवमेंट से सहम गयी और उनके मुह से आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह की आवाज़ निकल गयी और उन्होंने अपनी आईज क्लोज कर दी. मैंने अब अपना लंड आंटी की प्यारी सी पिंक बुर पर सेट किया और रगड़ने लगा. साधना आंटी से अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा - अब डाल दो अन्दर.. ये सुनकर मुझे अचानक से बहुत जोश आ गया और मैंने अपनी साधना आंटी की टाँगे फैला दी और एक तगड़ा झटका लगाया और मेरा लंड उनकी बुर के अन्दर पूरा घुस गया.

साधना आंटी ने भी आईज क्लोज कर ली और बोली - धीरे कर, दर्द हो रहा है. ८ मंथ से कुछ नहीं हुआ है. पर मैं कहाँ रुकने वाला था. मेरा तो सपना पूरा हो रहा था. मैंने जोर - जोर से आंटी को घस्से देने शुरू कर दिए और साथ में किस कर रहा था. आंटी भी एन्जॉय कर रही थी और अहहाह अहाह अहहः की आवाज़े निकाल रही थी और मैं और भी ज्यादा एक्साइट हो रहा था. अब मैंने आंटी को डॉगी स्टाइल में पेलना शुरू कर दिया. आंटी भी फुल चुदाई मूड में मेरा साथ दे रही थी. मैं पीछे से उनकी बुर पेल रहा था और उनके बूब्स मसल रहा था. उनके बूब्स लाल हो गये थे और पुरे रूम में पच - पच - पच की सेक्सी आवाज़े गूंज रही थी. १५-२० मिनट चुदाई के बाद, मैं और मेरी सेक्सी साधना आंटी एक साथ झड गये. हम दोनों बेड पर ऐसे ही बिना कपड़ो के सो गये. मैं जब उठा, तो रात के ९ बज रहे थे और आंटी वहां नहीं थी. मैंने एक टॉवल लिपेटा और बहार किचन की साइड आया. आंटी को किचन में देखा, वो खाना बना रही थी. मैंने उन्हें पीछे से पकड़ा और किस करने लगा. उन्होंने सिर्फ एक नाईट रॉब डाला हुआ था.

मैंने कहा, कि अब मैं चलता हु. तो उन्होंने कहा, कि वो मेरे डेड से परमिशन ले चुकी है. कि आज रात तुम यहीं रुक जाओ. ये सुन कर मैं तो बस खुश ही हो गया और मैंने अपनी साधना आंटी का रॉब हटा दिया. मैंने पीछे से उनके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और पीछे से लंड उनकी चूत में घुसा दिया और फिर से चुदाई करने लगा. उस रात, मैंने उसे २ बार और चोदा. मैं आज भी साधना आंटी को वीक में 2 बार चुदाई का डोज़ देता हूँ. दोस्तों, मुझे बताना कि आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी..
 
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