दोस्त की हॉट बीवी महिमा

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Antarvasna, hindi sex story मैं अपने ऑफिस में था तो मुझे संजय का फोन आया वह कहने लगा तुम कहां पर हो मैंने उसे बताया कि मैं तो ऑफिस में हूँ। वह कहने लगा जब शाम को तुम फ्री हो जाओ तो मुझे बताना मुझे तुमसे कुछ काम था मैंने संजय से कहा ठीक है मैं जब फ्री हो जाऊंगा तो मैं तुम्हें बताऊंगा। जब मैं फ्री हुआ तो मैंने संजय को फोन किया और कहा संजय मैं फ्री हो चुका हूं क्या कोई जरूरी काम था वह मुझे कहने लगा हां जरूरी काम था मुझे दरअसल तुमसे मिलकर कुछ बात करनी थी। मैं संजय से मिलने के लिए चला गया जब हम दोनों मिले तो मैंने संजय से कहा हां संजय कहो क्या कुछ जरूरी काम था तो वह कहने लगा पहले हम लोग कहीं जाकर बैठ जाते हैं उसके बाद वही बात करेंगे।

हम दोनों एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गए और वहां पर मैं उससे बात करने लगा मैंने संजय से कहा तुमने मुझे क्या कुछ काम से बुलाया था वह कहने लगा हां दरअसल मुझे तुमसे एक जरूरी काम था। वह मुझे कहने लगा मनीष मैं बहुत परेशान रहने लगा हूं और परेशानी की वजह महिमा है मैंने संजय से कहा महिमा भला तुम्हारी परेशानी की वजह कैसे हो सकती है वह तो तुम्हारी पत्नी है वह तुम्हारा बहुत ख्याल रखती है। संजय कहने लगा हम दोनों के बीच रिलेशन बिल्कुल भी ठीक नहीं चल रहा है मैंने सोचा मैं तुमसे इस बारे में बात करूं। हम तीनों ही साथ में कॉलेज में पढ़ा करते थे संजय जब पहली बार महिमा से मिला तो संजय को उससे प्यार हो गया संजय ने मुझे कहा था कि मुझे उससे शादी करनी है लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि संजय को महिमा मना कर देगी। संजय को महिमा ने मना कर दिया था और उन दोनों का रिलेशन वही खत्म हो चुका था, जब महिमा की सगाई तय हो गई तो संजय काफी दुखी था लेकिन संजय और महिमा की किस्मत में एक दूसरे से शादी करना लिखा था इसलिए उन दोनों की शादी हो गई। महिमा की जिस लड़के से सगाई हुई थी उसके परिवार ने कुछ समय बाद सगाई तोड़ दी और फिर संजय ने महिमा का हाथ थाम लिया उन दोनों की शादी के बीच में कभी भी ऐसा कुछ नहीं हुआ लेकिन पहली बार ही मुझे संजय ने बताया कि वह महिमा की वजह से परेशान है।

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की आखिर महिमा की वजह से संजय क्यों परेशान है मैंने संजय से पूछा तो संजय कहने लगा महिमा मुझे बिल्कुल भी प्यार नहीं करती। हम दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते रहते हैं हम दोनों के रिश्तो के बीच में बहुत बड़ी दीवार आ चुकी है और वह शायद हम दोनों को ही एक साथ नहीं रहने दे रही अब हम दोनों एक दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते। मैंने संजय को समझाया और कहा तुम ऐसा मत कहो सब कुछ ठीक हो जाएगा तुम्हें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा संजय कहने लगा इतने समय से तो मैंने किसी को भी नहीं बताया था लेकिन अब मुझे लगने लगा है कि महिमा और मुझे अलग ही हो जाना चाहिए। मैंने संजय को समझाने की कोशिश की और कहा तुम दोनों इतने सालों से एक-दूसरे के साथ रह रहे हो और इससे तुम्हारे बच्चों पर भी गलत असर पड़ेगा। ना जाने उन दोनों के बीच में ऐसी क्या बात हुई थी जिससे कि वह दोनों एक दूसरे के साथ रहना ही नहीं चाहते थे उस दिन तो मेरी संजय के साथ ज्यादा बात नहीं हो पाई क्योंकि मुझे लगा की अब यह बात करके कोई मतलब नहीं है। मैंने एक दिन महिमा से मिलने की सोची मैं उस दिन अपनी पत्नी को भी अपने साथ लेकर गया और महिमा से हम लोग मिले। मैंने महिमा को समझाया और कहा संजय बहुत ज्यादा परेशान हैं तुम दोनों को एक दूसरे को समझाना चाहिए लेकिन तुम तो एक दूसरे का साथ ही नहीं दे रहे हो। तब मुझे महिमा कहने लगी मनीष मैं तुम्हें क्या समझाऊं संजय अब काफी बदल चुके हैं और वह मेरा ध्यान बिल्कुल भी नहीं रखते। मैंने महिमा से कहा तुम दोनों को समझना चाहिए लेकिन वह दोनों कुछ समझने को तैयार नहीं थे उस दिन भी मुझे अहसास हुआ कि उन दोनों का रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगा। कुछ ही समय बाद संजय और महिमा अलग रहने लगे थे मुझे नहीं मालूम था कि किसकी इसमे गलती है लेकिन इस वजह से उन दोनों के बच्चों पर असर पड़ रहा था।

महिमा अपने साथ बच्चों को ले गई थी लेकिन संजय और महिमा के बीच इस बात को लेकर भी झगड़े थे कि बच्चे संजय के पास ही रहेंगे परंतु महिमा उन्हें अपने पास रखना चाहती थी और उनकी परवरिश वह खुद ही करना चाहती थी। महिमा पढ़ने में पहले से ही अच्छी थी, उसके माता पिता ने महिमा से कहा कि तुम अब कहीं जॉब कर लो मैंने भी सोचा कि उसे कहीं जॉब कर लेनी चाहिए और वह जॉब करने लगी। संजय और मेरी मुलाकात हर हफ्ते हो जाया करती थी लेकिन संजय के चेहरे पर उसके रिलेशन के खत्म होने का दुख हमेशा ही रहता था ना चाहते हुए भी वह महिमा की बात कर ही बैठता था। जब भी वह महिमा से बात करता तो मैं उसे कहता कि अब तुम महिमा के बारे में भूल जाओ लेकिन वह महिमा को नहीं भुला पा रहा था वह कहने लगा मुझे कई बार महिमा की बहुत याद आती है और लगता है कि हम दोनों को दोबारा से साथ आ जाना चाहिए। मैंने संजय से कहा अब तुम महिमा के बारे में भूल जाओ वह अब दोबारा तुम्हारे साथ कभी रह नहीं सकती मैंने तुम दोनों को पहले ही समझाया था कि तुम दोनों अपने रिलेशन को एक दूसरे से बात कर के सही कर सकते थे परंतु तुमने मेरी बात नहीं मानी। उसके बाद तुम्हें अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है तुम्हारे बच्चों की जिंदगी भी तुम दोनों की वजह से खराब हो रही है क्योंकि तुम दोनों की गलती की सजा तुम्हारे बच्चों को मिल रही है।

संजय का मूड बहुत ऑफ था मैंने उसे कहा यदि कहीं घूमने का प्लान बनाया जाए तो शायद संजय का मूड ठीक हो जाए इसलिए मैंने संजय से कहा कि कुछ दिनों के लिए हम लोग शिमला चलते हैं। संजय और मैं कुछ दिनों के लिए शिमला चले गए संजय का मूड अभी भी खराब था लेकिन मैंने उसे कहा यार हम लोग यहां घूमने के लिए आए हैं और तुम ऐसे ही उदास बैठे रहोगे तो तुम पूरे टूर को खराब कर दोगे। संजय कहने लगा ठीक है मैं कोशिश तो कर रहा हूं कि मैं ठीक हो जाऊं लेकिन ना चाहते हुए भी मेरे दिल में महिमा का ख्याल आ ही जाता है। मैंने संजय को समझाया और कहा यार अब तो कम से कम तुम यहां पर महिमा की बात ना हीं करो तो ठीक रहेगा तुम उसके बारे में भूल जाओ क्यों बेवजह हमारे टूर को भी तुम खराब कर रहे हो। संजय मेरी बात समझ चुका था और हम दोनों ने शिमला में उस टूर के दौरान काफी इंजॉय किया संजय को भी अच्छा लगा मुझे लगा कि संजय भी अब ठीक है इसलिए हम दोनों वहां से वापस आ गए। जब हम दोनों वापस लौटे तो उस वक्त मुझे महिमा मिल गयी महिमा कहने लगी मनीष तुम और संजय क्या शिमला गए हुए थे मैंने महिमा से कहा हां हम दोनों शिमला गए थे। मैंने महिमा से कहा तुम्हें यह बात किसने बताई वह कहने लगी मुझे तुम्हारी पत्नी ने हीं यज बात बताइ और वह कह रही थी कि संजय आजकल काफी परेशान हैं। मैंने महिमा से कहा हां परेशान तो बहुत ज्यादा है लेकिन अब धीरे-धीरे वह समझ जाएगा। महिमा और संजय अलग हो गए थे वह कहने लगी लेकिन हम दोनों के बच्चों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिमा की भी कुछ जरूरत थी जिससे कि वह पूरा नहीं कर पा रही थी एक दिन में उसे मिलने के लिए गया तो महिमा घर के अंदर ही थी, घर का दरवाजा खुला हुआ था।

जब मैं अंदर गया तो मैंने देखा महिमा अपनी चूत में कुछ डाल रही थी मैं वह सब देख कर पूरे जोश में आ गया मैंने महिमा के नंगे बदन को देखा तो मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना कर सका मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया। महिमा ने भी जब मेरे लंड को देखा तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया उसने जब मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी। मेरे लंड को उसने अपने मुंह के अंदर लेकर अच्छे से चूसना शुरू किया उसने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा उसे बड़ा मजा आ रहा था। जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर लगाया तो उसकी योनि पहले से ही गीली थी मैंने धक्का देते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह मचलने लगी मैं बड़ी तेजी से उसे धक्के देने लगा वह अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी उसकी मादक आवाज मुझे अपनी ओर आकर्षित करती जिससे कि मैं उसे और भी तेजी से धक्के दिए जाता। मैंने उसे काफी देर तक धक्के दिए मेरा लंड पूरी तरीके से उसकी चूत के अंदर तक था।

मैं समझ गया जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था मुझसे पहले वह झड़ गई थी। जब वह झड़ी तो मैंने उसे और भी तेजी से धक्के देने शुरू किए मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए कि हम दोनों के शरीर से पसीना आने लगा। जब हम दोनों के शरीर पसीना पसीना हो गए तो मैं समझ गया कि मेरा वीर्य पतन होने वाला है मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और महिमा के स्तनों के ऊपर अपने वीर्य को गिरा दिया। जब मैंने अपने वीर्य को महिमा के स्तनों के ऊपर गिराया तो वह कहने लगी आज इतने समय बाद किसी ने मेरी इच्छा को पूरा किया है मनीष तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेने मे मजा आ गया। मैंने उसे कहा कभी तुम संजय के बारे में भी सोच लिया करो वह कहने लगी अब मुझे संजय से कोई लेना देना नहीं है और मैं अपने जीवन में खुश हूं, अब वह मेरे लंड को ही अपनी चूत मे लेकर खुश रहती है।
 
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