नए मौहौल की ढकी हुई सुन्दर चुत

sexstories

Administrator
Staff member
नमस्कार दोस्तों,

आज में कर्मा आपको अपनी हसीन चुदाई की मुसल्ली कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने एक मुसल्ली चुत मारी | मेरे दोस्त हमेशा की कहा करते थे जो कोई बंद अपनी शादी से पहले मुसल्ली चुत मार लेता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है इस बात को दोस्तों मैंने कभी इतना ध्यान से नहीं लिया पर जब मुझे एक मुसल्ली चुत मिली तो उसकी चुत मारने के बाद पता चला की उसकी चुत की असला में स्वर्ग होता होता है | दोस्तों जब मैं अपने शहर में नया - नया आया हुआ तो मेरा घर सही मुसल्लों के कसबे के सामने ही था | मतलब मेरे आजू - बाजू ही हर कोई उसकी की तरह परदे में सब लड़कियां नज़र आती थी |

मेरे सामने की बालकोनी में से एक मुसल्ली लड़की का घर दिखा करता था जिनकी मत - जवान बेटी भी थी जोकि मुझे कभी - कभार बालकोनी में कुछ काम करते हुए नज़र आया करती थी | वो अक्सर नीचे अपना मुंह धक् कर ही निकलती थी पर मैं ही बंद था जिसने उसकी खूबसूरती को पहले से देख रखा था क्यूंकि वो घर में कोई कपडा मुंह पर नहीं ढकती थी | मैंने उसे तभी वहीँ से इशारों - इशारों में बात करने की कोशिस की जिसपर पहले तो उसने मुझे कोई पागल समझकर सारी बात वहीँ टाल दी फिर कुछ दिनों बाद जब मैंने उसे कोई इशार नहीं दिया तो मुझे खुद बा खुद अपने हाथ को हिलाकर इशारा करने लगी |

अब हमने एक दिन समय तय करके नीचे मिलना सही समझा जहाँ मैं अपनी रोमांटिक बातों से प्रभावित करता चला गया और उसके बाद से मैं कभी तो अपनी बालकोनी से उसे हवाई - चुम्मे दे दिया करता जिसपर वो भी अच्छी प्रतिक्रिया किया करती थी | एक दिन मैंने उसे छुपकर बहार बुलाया और अपनी बाइक पर बिठाकर उसे बहुत दूर ले गया जहाँ एक पार्क था और वहीँ बैठकर बात करने लगे | मैं उसे अब असला की चुम्मी मांगने लगा जिसपर पहले वो कुछ शरमाई फिर कुछ हि देर में हम चुम्मा - चाटी करने लगे और एक दूसरे में पूरी तरह से ही खो गए |

आज वो जान बुझ कर सादा सा कुर्ती सलवार पहन कर आई थी इसलिए मैंने आसानी से उसकी कुर्ती को उतारा हाथों से उसकी नारम चुचियों को दबाने लगा और कुछ पल में ही उसके चुचों को पीने लगा | मैंने वहीँ उसके उसकी सलवार को खोलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया और वहीँ लिटाकर उसकी उसकी चुत में ऊँगली करने लगा जिसपर वो पागलों की तरह इधर से उधर झिल्मीलाने लगी | मैंने भी उसकी इस मस्ती पर उत्सुक होकर उसकी चुत में ऊँगली की और फिर बेसबर होता हुआ उसे चोदने के लिए तरसने लगा |

मैंने उसकी चुत में अपने लंड के सुपाडे को सटाया और अपने हाथ से उसकी चुत के अंदर का रास्ता दिखाते हुए झटका दे दिया और फिर अपने ज़ोरदार झटके उसकी चुत में देने लगा | कुछ पल में वो भी पिगल गयी और वहीँ नागी लेती हुई अपनी गांड को उछालने लगी ताकि उसकी गांड में अछ्से अपने लंड को उछाल - उछाल कर डाल सकूँ और इस तरह उसकी चुत - चुदाई करते हुए अंत में झड भी गया | और उन् दिनों के बाद से जब तक मैं उस किराये के मकान में रहा जब तक की मैंने उस मुसल्ली चुत के स्वर्ग को अपनी आहोध में दबाये रखा |
 
Back
Top