नयी नवेली गर्लफ्रेंड की चुत के दर्शन | Hindi Sex Stories

नयी नवेली गर्लफ्रेंड की चुत के दर्शन

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Jun 18, 2020.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    नमस्कार दोस्तों,

    आज मैं आपको नयी नवेली गर्लफ्रेंड की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने उसकी जमकर चुत मारी | आज वो मेरे साथ नहीं है पर उसकी चुत की यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी | मैं दोस्तों अपने शहर का बहुत पुराना खिलाडी रह चूका हूँ और याद से मैंने अपने मौहल्ले की हर लड़की कि चुत मारी है और कुछ महीने पहले ही एक नहीं लड़की आई जिसके यह नहीं पता था का उसे जाने से पहले मुझे अपनी चुत के दर्शन कराने ही होंगे | मैंने उसे कुछ ही दिनों में अपने जाल में फसा भी लिया और अच्छे - खासे प्लान के साथ बस चोदना ही बाकी रह गया था | मैंने अगले हो महीने के दौरान उसकी छत पर उसे बेसब्री से लिपटकर चूमना शुरू कर दिया |

    यह सिलसिला चलता चला गया और मैंने अब उसकी चुदाई के लिए अपनी पुरानी रखैल को घर को एक दोपहर के लिए खाली करवा लिया और वहीँ अपनी नयी - नवेली प्रेमिका की मानो चुत की बुक कर ली थी | मैंने उसके साथ दोपहर में आते हुए उसके होठों को अपने होठो में दबा कर और अपने दोनों हाथों से उसके मोटे - मोटे चुचों को कसके भींचने लगा | मैंने उसे अपनी वी पुरानी बिस्तर पर लिटाया और उसकी कुर्ती और सलवार को उतार दिया और गंदे तरीके से अपनी जाँघों को उसकी चुत पर मसलते हुए उसके गुलाबी होठों को चूस रहा था | मैंने अपना लंड निकला और उसके हाथ थमा दिया |

    अब वो कसकर मेरे लंड की खाल को आगे - पीछे मसलते हुए कुछ देर बाद मुंह में लेकर चूसना शुर कर दिया जिसपर मैं इतना गरम हो गया की मेरा अगले ही पला सारा मुठ उसके मुंह में छूट गया जिसपर वो सारा मुठ चाटते हुए हँसने लगी | मैं जब फिरसे गरमाने लगा तो मैंने अब लंड को उसी चुत को खोल टिकाया धक्के देते हुए अंदर बाहर करने लगा | मैंने अपनी रफ़्तार को बड़ी उप्पर पहुंचा दिया और बस ठ्ह्ह्ह्ह्ह ठ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करके उसकी बदन से टकराते हुए उसकी चुत को जमकर चोदने लगा | मुझे बस उसकी चुत ही पूरे दिमाक में धिकायी दे रही थी और खासकर उसे गीले मज़े से तो मैं पूरा तर्र हो चूका था |

    मैंने अब बिस्तर से नीचे उतार उसकी टांगों को खोले रखा और कुछ उसकी चुत को चाटते हुए फिर से अब इस मुद्रा में उसकी चुत को चोदना ज़ारी रखा | अब उसे इस मुद्रा में ज्यादा दर्द और मज़ा रहा था और मैं खुले ढंग से अपनी तेज़ी को और उप्पर चडा पा रहा था | मैंने उसकी गीली को चुत को उसी तरह आधे घंटे तक चोदा जिसके बाद उसकी चुत का पानी निकल पड़ा और साथ - साथ ही मैं भी झड गया | मैं अब उसे प्यार - दुलार करते हुए वहीँ लिटा दिया और उसकी गांड को मसलते हुए खूब जमकर चुम्मा - चाटी की | उसके कुच्छ देर बाद जब हम थक गए तो मैंने उसे घर भेज दिया और उसके बाद ना जाने मैंने कहाँ - कहाँ उसकी चुत मारी | अगले ही महीने वो रोकर - बिलखकर अपने शहर चली गयी |
     
Loading...