नोकरानी को हर सुबह डोस देता हूँ

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हाई दोस्तों,

मेरा नाम रमेश हे और मैं आगरा का रहने वाला हूँ | मैं यही काम करता हू और मेने यहाँ एक फ्लैट ले रखा हे और मेरे घर पे एक काम करने वाली भी आती हे जिसकी उम्र ३० के करीब ही होगी | उसकी शादी हो चुकी हे और उसका पती बेवड़ा हे जिसका मुझे बहुत फाइदा होता हे | उसका पती उसे पेलता नही हे जिसके कारण उसकी चुत में अक्सर खुजली रहती हे और ये अक्सर मुझे गर्म करने के कोशिश करती रहती हे | वो अक्सर जब भी घर पे पोछा मारती हे तो अपने ब्लाउस को ऐसे सेट करती हे की मुझे उसके चुचे पुरे साफ़ साफ़ दिख जाते हे और एक बार तो निप्पल के दर्शन भी हो गए थे | एक दिन मेने सोच लिया की साली को आज पेल के रहूँगा |

सुबह का समय था काली साडी में आई हुई थी और मैं कुर्सी पे बैठा हुआ था, वो निचे बैठ के पोछा लगा रही थी, मुझे चुचे साफ़ दिख रहे थे तो मेने अपने गांड का दम लगा के उसके ब्लाउस के अंदर हाथ डाल दिया और वो एक दम से रुक गयी और अह्हह्ह कर के उठ गयी | मेने कहा क्या हुआ, वो बोली आप मुझसे समझने में बहुत देरी कर दिए ? मेने बोला अब तो समझ गया न, आब चलो | वो मेरे साथ कमरे में आई, और फिर मेने कहा शुरू हो जाओ | उसने मेरे सारे कपडे उतार दिए और फिर मेने उसकी साडी उतार दी, हम एक मिनट में पुरे नंगे हो गए | वो झट से निचे बैठ गयी और मेरे लंड को पकड़ के हिलाने लगी और फिर उसे मुह में लेके चूसने लग गयी |

मैं पाँच मिनट में ही उसके मुह में झड गया पर उसने पिया नही और बाथरूम में जाके थूक के आई | आके वो बिस्तर पे लेट गयी और फिर मेने उसके टांगो को खोल के उसके चुत पे जीभ फेरने लग गया, वो एक दम से कसमसा उठी और मेरे बालो को नोचने लग गयी | उसने मेरे पीठ पे अपने पैर रख दिए और मुझे अपनी तरफ खिचने लग गयी | मेने जेसे ही उसके चुत को कस कस के चाटना शुरू किया तो वो झड गयी और उसके पैर ढीले पड गए | मेने उसके निप्पल को चूसना शुरू किया और फिरसे अपने लंड को उसके मुह में दे दिया तो वो उसे फिरसे चूसना शुरू कर दी | दो मिनट में मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया और फिरसे मेने उसके टांगो को खोल के उसकी चुत पे लंड सटा दिया और रगड़ने लग गयी | वो तड़पने लगी और बोली साहब और मत तड़पाओ जल्दी से डाल दो लंड, तिन साल के में लंड की प्यासी हू |

मेने उसपे रहम किया और एक झटके में लंड अंदर डाल दिया | वो इतने कस के चिल्लाई की मेरे कान के परदे फटने को आए | मेने उस वक्त उसपे रहम नही किया और लंड को फिरसे निकाल के फिरसे अंदर दे दिया | वो रोने लगी पर मेने अपने धक्के जारी रखे और कुछ ही मिनटों में उसका दर्द उसके सुख एम् बदल गया और वो मुझे पकड़ के जोर जोर से कराहने लग गयी | मैं कस कस के पेले जा रहा था और वो इसी बिच एक बार झड गयी | मैं लगातर उसके चुत को धक्के पे धक्के दिए जा रहा था | उसने कुछ देर के बाद अपने टांगो को मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे अपनी तरफ खिचने लग गयी और अपने नाख़ून मेरे हाथो में गाड़ने लग गयी और जोर जोर से अह्ह्ह्ह्ह ई हम्म्म्म और जोर से पेलो मुझे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईई उई उ इ उई उ इ अम्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वो किये जा रही थी और इतने में मैं उसके छु के अंदर ही अपना मुठ छोड़ दिया और वो उसके कुछ पल बाद वो भी झड गयी |

मैं थक के उसके उपर ही लेट गया और वो मुझे चूमने लगी | इसी तरह एब बात को दो महीने हो गए और मैं सुबह काम पे जाने से पहले उसे डोस देके जरुर जाता हूँ |
 
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