अर्पिता ने अपनी आँखे बंध कर ली. मैंने फिर कहा, जब तक मैं ना कहूँ आँखे मत खोलना. उसने कहा ठीक हैं. मैंने देखा की उसके गाल लाल हो रहे थे और होंठ कांप रहे थे. दोनों हाथो को उसने अपनी जवान चूत के सामने बाँध रखा था. मैंने हलके से उसके मस्तक पर पहले हल्का सा चुम्बन किया. अभी मैंने उसे छुआ नहीं था. फिर मैंने उसकी दोनों पलकों पर बारी बारी से चुम्बन किया. उसकी आँखे अभी भी बंध थी. फिर मैंने उसके गालों के उपर दोनों तरफ चुम्मा लिया. उसकी आंखे अभी भी बंध थी. इधर मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर मैंने उसकी दाढ़ी पर चुम्बन लिया.
चुदाई का मन हो गया
अब उसने अपनी आँखे खोल दी और बोली, साहब? मैंने कहा, अर्पिता शर्त हार जाओंगी मैंने आँखे बंध रखने के लिए कहा हैं. उसने झट से आँखे बंध कर दी अपनी. मैं समझ गया की लड़की रेडी हैं, बस अब मजा लेना चाहिए और उसकी चुदाई कर देनी चाहियें.
मैंने अब एक बार उसके थिरकते हुए होंठो पर हल्का सा चुम्बन लिया. उसने अपनी आँखे खोली और मैंने उसे अपने हाथ से बंध कर दी. अब मैं आगे बाधा और उसके दोनों हाथो को उठा के अपनी कमर के दोनोंतरफ रख दिया. फिर मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और उसके कांपते हुए होंठो पर अपने होंठ लगाये और उसे चुम्मे पर चुम्मा देने लगा. अब की बार मैंने उसे कस कर चूमा था. क्या नर्म होंठ थे मानो शराब के प्याले. उसके हाथ अब मेरी पीठ पर घूम रहे थे. और वो भी मेरे होंठो को चूसकर मेरे चुम्मे का जवाब दे रही थी. मैं काफी देर तक उसके होंठो के रस को पीता रहा. फिर मैंने देखा की उसकी चुंचियां तन गई थी. मैंने दायें हाथ से उसकी साडी के पल्लू को निचे कर दिया.
मेरा दायाँ हाथ फिर अपने आप उसकी बायीं चूंची पर चला गया. मैंने चूंची को दबाया और अर्पिता ने हलके से सिसकारी निकाली. उसकी चूंची तो जैसे मख्खन थी यार. मैंने उसे अपनी और खिंच के अपने लंड का अहसास उसकी चूत के ऊपर करवा दिया. शादीसुदा लड़की को चोदना आसान होता हैं क्यूंकि उन्हें सब कुछ आता हैं. और वो घबराती नहीं हैं. ब्रा तो उसने पहनी ही नहीं थी. ब्लाउज के बटन पर हाथ ले जाके मैंने उन्हें खोल दिया. मैंने ब्लाउज उतार फेंका, अंदर चुंचियां कैद थी जो बहार आने को मर रही थी जैसे. मैंने अब उसका पेटीकोट खोला और उसे भी उतार फेंका. अब वो नंगी थी बिलकुल मेरे सामने. अब उसने मेरी और देखा और उसके होंठो में हंसी दबी हुई थी. उसने फिर आँखे बंध कर दी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने बेडरूम की और ले चला. मैंने उसे अपने बेड में लिटाया और कहा, अर्पिता अब तुम अपनी आँखे खोल सकती हो.
आप बहुत ख़राब हो साहब.!, उसने हँसते हुए कहा. मैंने भी अपने कपडे झट से उतारे और नंगा हो गया. उसने मेरे तने हुए लंड को देखा और खुश हुई. मेरा हाथ अब उसकी चूत पर था. और उसी वक्त मैंने उसकी चूंची को मुहं में ले लिया. क्या मस्त रसीली चूंची थी और कितना मजा आ रहा था उसे चूस के. मैंने अब अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत की दरार पर फिराया और फिर उसे उसके बुर में घुसा दिया. ऊँगली अंदर जाते ही उसकी आह निकल पड़ी. उसकी चूत मस्त गीली थी. उसकी सिस्कारियां मुझे और भी मस्त कर रही थी. मैंने उसे पूछा, अर्पिता रानी अब बोलो क्या करूँ?
उसने आह लेते हुए कहा, साहब अब मत तडपाइये अब चुदाई कर भी दीजिए.
मैंने कहा, ऐसे नहीं पूरा बोलना होंगा मेरी जान.
अर्पिता ने मुझे अपनी और खींचते हुए कहा, साहब डाल दीजिए ना.
मैंने कहा, क्या डालूं और कहाँ?
डाल दीजिए ना अपना यह लौरा मेरे अंदर, वो बोली.
अब मैं कभी उसके बूब्स चूसता था तो कभी उसकी चूत को सहलाता था. मैंने कहा, हां मेरी रानी ये लंड तेरी चूत में ही देना हैं मुझे अब तो, बोलो चुदाई कर दूँ तुम्हारी?
हाँ, हाँ चोदिये मुझे साहब और जम के मेरी चुदाई कर दीजिये.अर्पिता बोली.
फिर क्या था. मैंने अपना लंड उसके बुर पर रखा और घुसेड दिया एक झटके से अंदर. एकदम से ऐसे घुसा मेरा लंड जैसे बुर मेरे लंड के लिए ही बना था. दोस्तों फिर मैंने हाथों से उसकी चुन्चियों को दबाते हुए, और उसके होंठो को चूसते हुए उसकी चूत को चोदना शरू कर दिया. मन कर रहा था की चोदता ही रहूँ. खूब कस कर के मैंने उसे चोदा. बस चोदते चोदते मन ही नहीं भर रहा था. क्या चीज थी यारों, बड़ी मस्त थी, उछल उछल के चुदवा रही थी.
अर्पिता ने जम के चुदवाया
अर्पिता उछलते हुए बोली, साहब आप बहुत अच्छा चोद रहे हो, चोदिये खूब चोदिये. चोदना बंध मत कीजिए. और उसके हाथ मेरी पीठ के ऊपर कस रहे थे. टाँगे उसने मेरी चूतड़ पर घुमा रखी थी और अपने चूतड़ के जोर पर उछल के चुदवा रही थी. मैं भी कहने से रुक ना सका, अर्पिता रानी, तेरी चूत तो चोदने के लिए हीबनी हैं. रानी क्या मस्त चूत हैं तेरी. बहुत मजा आ रहा हैं. बोल ना कैसे लग रही हैं तुझे मेरी चुदाई. उसने कहा. साहब बड़ा मजा आ रहा हैं हमें भी, आप रुकिए मत, जोर जोर से चोदते रहिये मुझे.आह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह.! और ऐसे ही हम पुरे 20 मिनिट एक दुसरे को उत्तेजित करते रहे और चुदाई के दाव लेते रहे. फिर हम साथ में ही झड़े और दोनों ने एक दुसरे को कस के दबोच लिया.
इतनी चुदाई के बाद भी मेरा मन जैसे भरा नहीं था. मैंने उसे कपडे नहीं पहनने दिए. 10 मिनिट के विराम के बाद मैंने फिर अपना लंड उसके मुहं में डाला और खूब चूस्वाया. हमने 69 पोजीशन ली और और वो मेरा लंड और मैं उसकी चूत चाट रहे थे. मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से ही चोदना चालु किया था.
और फिर मैंने उसे उल्टा किया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. दूसरी बार तो मैंने पुरे आधे घंटे तक उसे चोदा. एकबार वीर्य निकल चूका था इसलिए सेकंड टाइम तो देर होनी ही थी. दूसरी बार भी हम साथ में ही झड़े.
अब की उसने कपडे पहनने चालू किये. मैंने कहा, अर्पिता कहाँ जाना हैं तुम्हे, मेरा मन अभी तुम्हारी चूत से नहीं भरा हैं यार.
साहब मेरा पति मिल से आयेंगा कुछ देर में. मुझे घर जाना पड़ेंगा. आप कहो तो मैं कुछ बहाना बना के आधे घंटे में वापिस आती हूँ.
मैंने कहा, ठीक हैं जल्दी आना और आना जरुर.
अर्पिता आधे घंटे के बाद आई और मैंने उसे ब्ल्यू फिल्म दिखाई. मैंने उसे एनाल फकिंग और टिट्स फकिंग दिखाई. और कहने की कोई जरुरत नहीं हैं की हमने अगली चुदाई में वो दोनों चीजों का भी मजा लिया.
चुदाई का मन हो गया
अब उसने अपनी आँखे खोल दी और बोली, साहब? मैंने कहा, अर्पिता शर्त हार जाओंगी मैंने आँखे बंध रखने के लिए कहा हैं. उसने झट से आँखे बंध कर दी अपनी. मैं समझ गया की लड़की रेडी हैं, बस अब मजा लेना चाहिए और उसकी चुदाई कर देनी चाहियें.
मैंने अब एक बार उसके थिरकते हुए होंठो पर हल्का सा चुम्बन लिया. उसने अपनी आँखे खोली और मैंने उसे अपने हाथ से बंध कर दी. अब मैं आगे बाधा और उसके दोनों हाथो को उठा के अपनी कमर के दोनोंतरफ रख दिया. फिर मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और उसके कांपते हुए होंठो पर अपने होंठ लगाये और उसे चुम्मे पर चुम्मा देने लगा. अब की बार मैंने उसे कस कर चूमा था. क्या नर्म होंठ थे मानो शराब के प्याले. उसके हाथ अब मेरी पीठ पर घूम रहे थे. और वो भी मेरे होंठो को चूसकर मेरे चुम्मे का जवाब दे रही थी. मैं काफी देर तक उसके होंठो के रस को पीता रहा. फिर मैंने देखा की उसकी चुंचियां तन गई थी. मैंने दायें हाथ से उसकी साडी के पल्लू को निचे कर दिया.
मेरा दायाँ हाथ फिर अपने आप उसकी बायीं चूंची पर चला गया. मैंने चूंची को दबाया और अर्पिता ने हलके से सिसकारी निकाली. उसकी चूंची तो जैसे मख्खन थी यार. मैंने उसे अपनी और खिंच के अपने लंड का अहसास उसकी चूत के ऊपर करवा दिया. शादीसुदा लड़की को चोदना आसान होता हैं क्यूंकि उन्हें सब कुछ आता हैं. और वो घबराती नहीं हैं. ब्रा तो उसने पहनी ही नहीं थी. ब्लाउज के बटन पर हाथ ले जाके मैंने उन्हें खोल दिया. मैंने ब्लाउज उतार फेंका, अंदर चुंचियां कैद थी जो बहार आने को मर रही थी जैसे. मैंने अब उसका पेटीकोट खोला और उसे भी उतार फेंका. अब वो नंगी थी बिलकुल मेरे सामने. अब उसने मेरी और देखा और उसके होंठो में हंसी दबी हुई थी. उसने फिर आँखे बंध कर दी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने बेडरूम की और ले चला. मैंने उसे अपने बेड में लिटाया और कहा, अर्पिता अब तुम अपनी आँखे खोल सकती हो.
आप बहुत ख़राब हो साहब.!, उसने हँसते हुए कहा. मैंने भी अपने कपडे झट से उतारे और नंगा हो गया. उसने मेरे तने हुए लंड को देखा और खुश हुई. मेरा हाथ अब उसकी चूत पर था. और उसी वक्त मैंने उसकी चूंची को मुहं में ले लिया. क्या मस्त रसीली चूंची थी और कितना मजा आ रहा था उसे चूस के. मैंने अब अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत की दरार पर फिराया और फिर उसे उसके बुर में घुसा दिया. ऊँगली अंदर जाते ही उसकी आह निकल पड़ी. उसकी चूत मस्त गीली थी. उसकी सिस्कारियां मुझे और भी मस्त कर रही थी. मैंने उसे पूछा, अर्पिता रानी अब बोलो क्या करूँ?
उसने आह लेते हुए कहा, साहब अब मत तडपाइये अब चुदाई कर भी दीजिए.
मैंने कहा, ऐसे नहीं पूरा बोलना होंगा मेरी जान.
अर्पिता ने मुझे अपनी और खींचते हुए कहा, साहब डाल दीजिए ना.
मैंने कहा, क्या डालूं और कहाँ?
डाल दीजिए ना अपना यह लौरा मेरे अंदर, वो बोली.
अब मैं कभी उसके बूब्स चूसता था तो कभी उसकी चूत को सहलाता था. मैंने कहा, हां मेरी रानी ये लंड तेरी चूत में ही देना हैं मुझे अब तो, बोलो चुदाई कर दूँ तुम्हारी?
हाँ, हाँ चोदिये मुझे साहब और जम के मेरी चुदाई कर दीजिये.अर्पिता बोली.
फिर क्या था. मैंने अपना लंड उसके बुर पर रखा और घुसेड दिया एक झटके से अंदर. एकदम से ऐसे घुसा मेरा लंड जैसे बुर मेरे लंड के लिए ही बना था. दोस्तों फिर मैंने हाथों से उसकी चुन्चियों को दबाते हुए, और उसके होंठो को चूसते हुए उसकी चूत को चोदना शरू कर दिया. मन कर रहा था की चोदता ही रहूँ. खूब कस कर के मैंने उसे चोदा. बस चोदते चोदते मन ही नहीं भर रहा था. क्या चीज थी यारों, बड़ी मस्त थी, उछल उछल के चुदवा रही थी.
अर्पिता ने जम के चुदवाया
अर्पिता उछलते हुए बोली, साहब आप बहुत अच्छा चोद रहे हो, चोदिये खूब चोदिये. चोदना बंध मत कीजिए. और उसके हाथ मेरी पीठ के ऊपर कस रहे थे. टाँगे उसने मेरी चूतड़ पर घुमा रखी थी और अपने चूतड़ के जोर पर उछल के चुदवा रही थी. मैं भी कहने से रुक ना सका, अर्पिता रानी, तेरी चूत तो चोदने के लिए हीबनी हैं. रानी क्या मस्त चूत हैं तेरी. बहुत मजा आ रहा हैं. बोल ना कैसे लग रही हैं तुझे मेरी चुदाई. उसने कहा. साहब बड़ा मजा आ रहा हैं हमें भी, आप रुकिए मत, जोर जोर से चोदते रहिये मुझे.आह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह.! और ऐसे ही हम पुरे 20 मिनिट एक दुसरे को उत्तेजित करते रहे और चुदाई के दाव लेते रहे. फिर हम साथ में ही झड़े और दोनों ने एक दुसरे को कस के दबोच लिया.
इतनी चुदाई के बाद भी मेरा मन जैसे भरा नहीं था. मैंने उसे कपडे नहीं पहनने दिए. 10 मिनिट के विराम के बाद मैंने फिर अपना लंड उसके मुहं में डाला और खूब चूस्वाया. हमने 69 पोजीशन ली और और वो मेरा लंड और मैं उसकी चूत चाट रहे थे. मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से ही चोदना चालु किया था.
और फिर मैंने उसे उल्टा किया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. दूसरी बार तो मैंने पुरे आधे घंटे तक उसे चोदा. एकबार वीर्य निकल चूका था इसलिए सेकंड टाइम तो देर होनी ही थी. दूसरी बार भी हम साथ में ही झड़े.
अब की उसने कपडे पहनने चालू किये. मैंने कहा, अर्पिता कहाँ जाना हैं तुम्हे, मेरा मन अभी तुम्हारी चूत से नहीं भरा हैं यार.
साहब मेरा पति मिल से आयेंगा कुछ देर में. मुझे घर जाना पड़ेंगा. आप कहो तो मैं कुछ बहाना बना के आधे घंटे में वापिस आती हूँ.
मैंने कहा, ठीक हैं जल्दी आना और आना जरुर.
अर्पिता आधे घंटे के बाद आई और मैंने उसे ब्ल्यू फिल्म दिखाई. मैंने उसे एनाल फकिंग और टिट्स फकिंग दिखाई. और कहने की कोई जरुरत नहीं हैं की हमने अगली चुदाई में वो दोनों चीजों का भी मजा लिया.