नौकरी धुंडने का अनजान सुहन सफर

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हाई दोस्तों,

आज मेरा लंड की सभी प्यासी लड़कियों और चुत के सभी भूके मर्दों को सलाम है | मैं रफीज़ आज आपको अपने एक नौकरी की तलाश के सफर में मिली हसीना की चुदाई के बारे में बताना चाहता हूँ जिसको मैंने अपने लंड के झटकों से निहाल कर दिया | उसका नाम नैन था और उससे मुलकात मेरी एक कंपनी की लिए इंटरव्विय देते समय ही हुई थी | हम दोनों के जस्बात एक दूसरे से काफी मिलते - जुलते थे इसीलिए हमरी दोस्ती होना लाज़मी था | हम दोनों ही नौकरी की इस तलाश में अलग - अलग शेहरों से आये हुए थे इसीलिए हमने फैसला कर लिया की दो दिन के लिए स्समने के की होटल में रुक जाएँगे जिससे हमारे पैसे भी बच जाते |

एक रात तो हमने यूँही मजाक - मजाक में काट ली और जब अगले दिन हमारी नौकरी ही पक्की हो गयी तो मैंने उसके साथ पूरा श्र घूमने का फैसला किया | हमने एक साथ कई जगहों को देख अजिस्से अब हम इतना सारा समय एक साथ बिताते हुए काफी करीब आ चुके थे | शाम को जब घर पहुंचे तो मैं हैरान था की मैं उसके इतने करीब होने के बावजूद उसकी चुत पर वश भी कर पाया अभी तक | रात को सोते वक्त मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और उसके खा की आज मैं एक साथ एक ही बिस्तर पर सो जाते हैं जिसपर उसने मेरी बात पर एक बार में ही हामी भर ली और तैयार हो गयी |

सोते हुए मेरा दिमाक धीरे - धीरे सनकने लगा और मैं उससे अब यूँही लेटे - लेटे अपनी दादी माँ की कहने सुनाने के बहाने उसके हाथ को पकिर से पकड़ लिया और उसकी हथेली के उप्पर के भगा के उप्पर अपनी दो उँगलियों को फिराने लगा | जिससे बा मेरा काम आगे बढ़ा जा रहा था | उससे कुछ - कुछ होने लगा था तभी मैं अब उसकी टांगों के उप्पर अपनी टांग को रख कर मसलने लगा था | मैंने कुछ हियो देर में अपने हाथों को को उसकी कमर तक पहुंचा दिया और उसकी कुर्ती को हलक सा उप्पर कर उसकी कमर पर कामुक गुदगुदी करने लगा | मेरा असर उसपर ऐसा छाया की वो कुछ ही पल में मेरे सामने को मुडी और मुझसे चुमने लगी और कुछ पल में हम एक -दूसरे के होठों के रस को चूसने में खो गए |

मैंने बा उसके कपड़ों को उतार चली कर दिया और कुछ ही पल गुज़रे की मैंने उसे अपने सामने नंगी कर डाला अब मैंने उसकी चुत को रगड़ते हुए उसकी जाँघों को उप्पर की और उठाते हुए सहलाने लगा | मैंने अपने लबों से उसकी चुत की फांकों को को चूमने लगा और कुछ ही देर में अपना लंड निकाला और उसकी चुत पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड अपने सुपाडे के साथ उसकी चुत अंदर चला गया | उसे दर्द तो हो रहा था पर पर वो भी रुकना नहीं छाती थी और मज़े ले रही थी | मैं तो उसकी चुत में अपने लंड को ज़ोरदार तरीके से अंदर धेकेल रहा था और कुछ देर बाद ही झड भी गया | उस दिन के बाद हम एक दूसरे से बात ना कर पाए और अपने घर वापस चले गए |
 
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