पडोस वाली आंटी से एक कप दूध

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हेल्लो दोस्तों, Kamukta मैं नॉन वेज स्टोरी का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ। मेरा नाम अमरेन्द्र साहनी है। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इसके के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं नॉन वेज स्टोरी पर स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।

उस दिन बहुत बारिश हो रही थी। मेरा चाय पीने का बड़ा दिल कर रहा था। पर दूध खत्म हो गया था। मेरा दूध वाला दूध लेकर नही आया था इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ ना पड़ोस वाली आंटी से एक कप दूध मांग लूँ। दोस्तों मेरे पड़ोस में एक मस्त आंटी रहती थी जो अभी कुछ दी दिन पहले आई थी। वो देखने में बहुत गोरी और हॉट माल थी। उनको देखकर मैंने कई बार मुठ मारी थी। मुझे वो हमेशा अपने घर बुलाती रहती थी, पर मैं बहुत शर्मीले किस्म का था। इसलिए उनके घर कभी नही जाता था। आंटी के हसबैंड किसी बड़ी कम्पनी में काम करते थे और बहुत बिसी रहते थे। वो हफ्ते में सिर्फ २ दिन ही घर आ पाते थे। इसलिए मैं उस बारिश वाले दिन आंटी के घर दूध मांगने चला गया।

मैंने बारिश से बचने के लिए एक छाता ले लिया और रोली आंटी के घर दूध मांगने चला गया। मैंने उनके घर की घंटी बजाई पर कोई निकला नही। फिर मैंने देखा की दरवाजा तो पहले से ही खुला है। "आंटी-आंटी???" मैंने आवाज लगाई पर कोई नही दिखाई दिया। फिर मैं उनके बेडरूम की तरह जाने लगा। कुछ देर बाद मैंने देखा की रोली आंटी लैपटॉप पर कोई ब्लू फिल्म देख रही थी। उस फिल्म में गरमा गर्म चुदाई चल रही थी और "आआआअह्हह्हह..ईईईईईईई..ओह्ह्ह्हह्ह..अई. .अई..अई..." की आवाज आ रही थी। रोली आंटी बेड पर लेटकर वो फिल्म देख रही थी।

"आंटी !!" मैंने आवाज लगाई तो वो घबरा गयी और जल्दी से लैपटॉप का पॉवर ऑफ वाला बटन दबाने लगी। पर जल्दबाजी में रोली आंटी ने कई बार वो बटन दबा दिया जिससे वो हैंग हो गया। वो फिल्म बंद नही हुई और उसमें चुदाई वाला सीन चलता ही रहा। रुकने का नाम ही नही ले रहा था। आंटी बहुत शर्मिंदा हो गयी। उनके चेहरे पर पसीना आ गया। वो बहुत शर्मिंदा फील कर रही थी। उन्होंने जल्दी से लैपटॉप बंद कर दिया पर हैंग हो जाने के कारण वो चुदाई वाला विडियो अंदर चल रहा था और"..मम्मी.मम्मी...सी सी सी सी.. हा हा हा ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." की आवाज बार बार आ रही थी।

"अह्ह्ह्ह हा हा हा बेटा ! कभी कभी मैं ब्लू फिल्मे देख लेती हूँ जब टाइम नही कटता है। अमरेन्द्र बेटा, कैसे आना हुआ?? क्या कुछ चाहिए??" वो बात बदलती हुई बोली

"आंटी क्या आप मुझे १ कप दूध दे सकती है। शाम को मैं वापिस कर दूंगा!!" मैंने कहा

"हाँ हाँ.क्यों नही" वो बोली और रसोई में चली गयी। उसी समय मेरा रोली आंटी को चोदने का दिल करने लगा। मैं भी उनके पीछे पीछे रसोई में चला गया। वो मेरे लिए एक कप दूध फ्रिज से निकाल रही थी, पर गलती से उनका हाथ छूट गया और दूध नीचे गिर गया और कप टूट गया। सारा दूध फर्श पर फ़ैल गया।

"ओह्ह्ह्ह .ये क्या हुआ???" आंटी बोली और कपड़े से दूध पोछने लगी। तभी मैं भी वहां पहुच गया। वो फर्श पर बैठकर कपड़े से दूध साफ़ कर रही थी।

"अरे आंटी .ये क्या हुआ???" मैंने पूछा

"अरे बेटा..पता नही कैसे मेरे हाथ से कप छूट गया और दूध नीचे गिर गया!!" आंटी बोली तो मैंने भी रसोई से एक कपड़ा उठा लिया और उनके साथ फर्श पर बिखरा दूध साफ करने लगा। तभी रोली आंटी का साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया और उसके खुले कट वाले ब्लाउस से उनके मस्त मस्त दूध दिखने लगे। मेरी नजर सीधा उनके मम्मो पर चली गयी। दोस्तों रोली आंटी गजब की खूबसूरत औरत थी। उनका जिस्म भरा हुआ था और वो बिलकुल जवान माल थी। उनकी उम्र ३४ ३५ साल होगी। उनका फिगर ३६ ३२ ३० का था और जिस्म काफी भरा हुआ था। उनके चेहरे की छप बहुत सुंदर थी और उनकी शक्ल मनमोहिनी थी। जैसे ही आंटी की साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया वैसे ही मेरी नजर उनके गदराये स्तनों पर चली गयी। मैं खुद को रोक नही पा रहा था क्यूंकि मैंने आजतक इतने हसीन दूध और इतनी हसीन औरत आजतक नही देखी थी। रोली आंटी ने गहरे कट वाला बलाउस पहन रखा था और उनके दूध मैं साफ साफ देख सकता था। उफ्फ्फ्फ़.क्या मस्त भरे भरे ३६" के गदराये आम थे वो। आंटी जान गयी की मैं उनके कबूतरों को ताड़ रहा हूँ। वो जल्दी से साड़ी का पल्लू उठाकर फिर से अपने कंधे पर डालने लगी तभी मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया और अपने मुंह के पास लाकर किस कर लिया। मैंने गौर किया की आंटी जरा भी गुस्सा नही हुई।

"ये क्या अमरेन्द्र बेटा???" रोली आंटी हैरान होकर पूछने लगी

"आंटी आप बहुत खूबसूरत है। मैंने आजतक आप जैसी हसीना नही देखी। आपको अपने जिस्म को छिपाने की कोई जरूरत नही है। आपको तो अपने खूबसूरत जिस्म को दिखाना चाहिए। पर आंटी आप ब्लू फिल्म क्यों देख रही थी???" मैंने पूछा

"क्या बताऊँ अमरेन्द्र बेटा, तुम्हारे अंकल तो दिन रात अपनी कम्पनी में ही लगे रहते है। अपनी सेक्रेटरी से वो खूब इश्क लड़ाते है। उसकी ऑफिस में ही खूब चुदाई करते है, उसकी जी भरकर चूत बजाते है और हफ्ते में सिर्फ १ या २ दिन ही घर लौटते है। मैं इधर लंड खाने के लिए तड़पती रहती हूँ। बेटा मुझे तो कभी सेक्स करने को मिलता ही नही है" रोली आंटी बोली

"आंटी अंकल आपको चोदकर मजा नही देते है तो क्या हुआ, मैं आपको मजा दे सकता हूँ" मैंने कहा और एक बार फिर से आंटी के हाथ को लेकर मैंने होठों से चूम लिया। वो इकदम चुप थी और शांत हो गयी थी। तभी मैंने आंटी को पकड़ लिया और बाहों में भरके किस करने लगा। हम दोनों किचेन में खड़े होकर किस कर रहे थे। मैंने उनको दोनों हाथो से पकड़ लिया था और उसके गोरे चिकने गालों पर दना दन किस कर रहा था।

"आंटी आज आपको मेरा लंड खाना हो तो बताओ????" मैंने बड़े प्यार से सेक्सी अंदाज में पूछा

"पर बेटा..अगर किसी को हमारे कांड के बारे में पता चल गया तो????" आंटी घबराकर पूछने लगी

"ओह्ह्ह्ह आंटी, आप कितना डरती हो। किसी को पता नही चलेगा। चलो बेडरूम में आपकी रसीली चूत में मैं लंड डालता हूँ!!" मैंने कहा और उनको कमरे में ले गया। दोस्तों रोली आंटी चुदाई में डर रही थी पर मैंने उनको बहुत समझाया की बंद कमरे में कोई हमारे काण्ड के बारे में नही जान पाएगा। फिर वो शांत हो गयी और आराम से मुझसे चिपकने लगी। मैंने उनके साथ बिस्तर में आ गया और हम दोनों आपस में किस करने लगे। धीरे धीरे मैंने रोली आंटी की सदी निकाल दी। वो साली ब्लौस म आ गयी थी और बहुत हॉट और सेक्सी माल लग रही थी। मैंने उसके गोर गोरी गालों पर किस कर रहा था। वो भले की ३५ साल की अदद औरत थी पर किसी लड़की ने कम खूबसूरत नही लगती थी। उनके गाल बहुत चिकने थे। मैंने तो उनके गोरी गालों को पिए जा रहा था। धीरे धीरे मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। फिर आंटी के डीप कट वाले ब्लाउस को मैंने अपने हाथों से खोलने लगा। उनके ३६" के कबूतर उस ब्लाउस में साफ साफ़ दिख रहे थे। क्या मस्त गोरी गोरी छातियाँ थी। मैंने धीरे धीरे करके रोली आंटी के ब्लाउस की साडी बटन खोल दी और उसे निकाल दिया। फिर मैंने उनकी लाला रंग की कसी ब्रा भी खोल कर निकाल दी। अब आंटी मेरे सामने बिलकुल नंगी थी।

मैंने आंटी के उपर लेट गया और उनके रसीले आम पीने लगा। जैसे ही मैंने अपने हाथ आंटी के स्तनों पर रखे और जोर जोर से दबाना शुरू किया आंटी "...उई. .उई..उई...माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह."बोल बोलकर चिल्लाने लगी। दोस्तों वो मेरे सामने नंगी हो गयी थी। दिल तो कर रहा था की बस जल्दी से आंटी को मैं चोद डालू, पर मैं पूरा मजा लेना चाहता था। इसलिए मैंने अपने हाथों से धीरे धीरे रोली आंटी के मस्त मुलायम कबूतरों को दबा रहा था। वो गर्म गर्म सिसिकरियां ले रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने एंटी के पेटीकोट का नारा भी खोल दिया और उनका पेटीकोट भी निकाल दिया। फिर उनकी लाल रंग की पेंटी भी मैंने उतार दी। अब तो मुझे फुल मजा मिल रहा था क्यूंकि रोली आंटी मेरे सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। उनका जिस्म बहुत गोरा और अभूत खूबसूरत था। मैं तो बिलकुल ललचा गया था और आंटी को मैंने अपनी बाहों में कस लिया था।

फिर मैं धीरे धीरे आंटी के ३६" के बूब्स दबाने लगा और मजा लेने लगा। आंटी "..हाईईईईई.. उउउहह..आआअहह" बोल बोलकर कराहने लगी और मजा लेने लगी। मैं सोच रहा था की चलो अज दूध मागने मैं बड़ी किस्मत से रोली आंटी के घर आ गया। चलो दूध के बहाने चूत मरने को मिल जाएगी। फिर मैंने उनके गोल गोल बेहद खूबसूरत स्तनों को मुंह में भर लिया और मुंह में लेकर ऐसी चूसने लगा जैसे कोई आम चूसता है। आंटी को उल मजा मिल रहा था। वो अपने ही बिस्तर पर आज मेरे जैसे एक गैर मर्द से चुदने वाली थी। मैंने सोच लिया था की आज उनकी रसीली बुर मैं फाड़ के रख दूंगा और आज आंटी को मैं इतना चोदुंगा की उनकी इक्षा बिलकुल भर जाए और वो मुझे रोज घर बुलाकर चुदवाया करे। दोस्तों, धीरे धीरे मैं रोली आंटी पर हावी होता जा रहा था। उनके गोल गोल खूबसूरत मम्मे को मैं मुंह में लेकर चूस रहा और मजा लूट रहा था।

आज तो मुझे भी बहुत मजा मिल रहा था। आंटी के चुच्चे वाकई बहुत खूबसूरत थे। मैंने उनकी निपल्स को मुंह में चूस रहा था। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। कुछ देर बाद मैंने आंटी के खूबसूरत पेट को चूमने लगा। उनका पेट नाभि के पास तो बहुत ही सेक्सी था। उनकी एक एक पसली मैं साफ साफ़ देख पा रहा ता। लग रहा था की किसी मॉडल को मैं आज चोदने जा रहा हूँ। मै उनके पेट को चूमने लगा और धीरे धीरे उनकी नाभि पर पहुच गया। दोस्तों रोली आंटी की नाभि तो बहुत हसीन और बहुत सुंदर थी। मैं बड़े कामोद अंदाज में उनकी नाभि को अपनी जीभ से छेड़ने लगा और फिर मुंह लगाकर पीने लगा। साफ था की आंटी को भी खूब मजा मिल रहा था। वो मचल रही थी और बेकाबू हुई जा रही थी।मैं अपनी जीभ को उनकी सेक्सी नाभि में गड़ाए दे रहा था। कुछ देर बाद मैं रोली आंटी की सेक्सी चूत पर आ गया। दोस्तों मैं आपको बताना चाहूँगा की आंटी की चूत बहुत सुंदर थी। खूब बड़ी सी सेक्सी चूत थी। बिलकुल भरी हुई और गद्रे चूत थी। उपर की तरफ उठी हुई चूत थी औनती की। मैं जिब्भ लगाकर रोली आंटी की चूत पिने लगा तो वो "...उई. .उई..उई...माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह." करने लगी।

मैं आज इस मस्त माल आंटी को देखकर पागल हो गया था। फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा होकर आंटी की मस्त मस्त बुर पर लेट गया और जीभ लगाकर पिने लगा। मैं अपनी जीभ से आंटी की रसीली चूत को चाट रहा था। कुछ देर बाद रोली आंटी को बहुत मजा आने लगा और उन्हें चुदाई का नशा छाने लगा। वो अपनी कमर और गांड उठाने लगी। मैं समझ गया था की आंटी को मजा आ रहा है इसलिए मैं और तेज तेज उनकी चूत पीने लगा। मैं आज उनकी चूत को बिलकुल खा जाना चाहता था। मैं बहुत जादा जोश में आ गया था और मुझपर चुदाई का नशा छा गया था। कुछ देर बाद मैंने आंटी के दोनों पैर खोल दिए और उनकी मस्त मस्त भरी हुई उपर की तरफ उठी हुई बुर के दर्शन करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपना ८" का मोटा लौड़ा रोली आंटी के भोसड़े में डाल दिया और धीरे धीरे उनको चोदने लगा।

आंटी ने मुझे पकड़ लिया और "उ उ उ उ ऊऊऊ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी. हा हा हा.. ओ हो हो.." की आवाज लगाने लगी। वो मुझे मेरे गाल पर चूम रही थी। शायद उनको मेरी ठुकाई बहुत अच्छी लग रही थी। आंटी ने मुझे पीठ से दोनों हाथों से कसके पकड़ लिया था और मुझे चूम रही थी और प्यार कर रही थी। मैं उनको गमागम चोद रहा था। उनकी रसीली चूत बजा रहा था। आज रोली आंटी की चूत मुझे बड़ी किस्मत से मारने को मिल गयी थी। वो मेरे सामने पूरी तरह से नगी थी और उनके ही घर में मैं उनकी चूत ले रहा था। कुछ देर में मेरे लौड़े में उनकी चूत से निकला मक्खन लग गया जिससे मेरा लंड और भी चिकना हो गया और जल्दी जल्दी रोली आंटी के भोसड़े में फिसलने लगा। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं अपनी पूरी ताकत लगा कर आंटी को ठोंक रहा था और उनकी चूत बजा रहा था। आंटी मेरे गालों पर किस कर रही थी और मेरी नंगी पीठ को अपने गोरे हाथों से सहला रही थी।

आज इस मस्त माल आंटी को चोदकर मुझे बहुत मजा मिल रहा था। कुछ देर बाद आंटी को मैं और तेज तेज हौंकने लगा और वो "..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई..." बोल बोलकर चुदवाने लगी। वो बार बार किसी देसी रंडी की तरह अपना मुंह खोल देती थी और जोर जोर से चिल्ला रही थी। मैं अपनी कमर हिला हिलाकर उनकी बुर चोद रहा था। फिर मुझे उनपर कुछ जादा ही प्यार आ गया और मैंने झुककर उनके माथे और सर पर चूम लिया। मेरे चहरे से पसीना निकलने लगा था। दोस्तों मुझे रोली आंटी को चोदने में अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ रही थी। फिर मैं उनके गोरे चिकने कंधे पर अपने दांत गड़ाकर काटने लगा। आंटी के कंधे तो सच में बहुत खूबसूरत थे। मैं अपने दांत उनके भरे हुए कंधों पर गडा रहा था और उनको बजा रहा था। कुछ देर बाद मैं आंटी को पेलते पेलते ही आउट हो गया। मैं उनके उपर ही लेट गया। हम दोनों के जिस्म से पसीना निकला रहा था। क्यूंकि चुदाई के मस्त खेल में हम दोनों की ताकत खर्च हुई थी।

आंटी मुझे अपने हसबैंड की तरह प्यार करने लगी। कुछ देर बाद मैंने उनको बिस्तर पर ही कुतिया बना दिया और उसकी कुवारी गांड में अपना मोटा ८" लैंड डाल दिया और आंटी की मैंने १ घंटे तक गांड मारी। वो "आऊ...आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा.." बोल बोलकर चीख रही थी और मजे से गांड मरा रही थी। दोस्तों अब रोली आंटी मुझसे पूरी तरह से सेट हो चुकी है और मैं रोज उनकी चूत और गांड मारता हूँ।
 
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