पति से बहुत दिनो बाद चुदी

sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, hindi sex kahani: दिव्या मुझे कहती है कि भाभी जल्दी से तुम तैयार हो जाओ मैंने दिव्या को कहा बस थोड़ी देर बाद मैं तैयार हो जाऊंगी। दिव्या के कहने पर मैं उसके साथ शॉपिंग करने के लिए जा रही थी मैं तैयार हो चुकी थी और मैं शॉपिंग करने के लिए दिव्या के साथ चली गई। दिव्या और मैं शॉपिंग मॉल में गए और वहां पर हम दोनों ने काफी शॉपिंग कि जब हम लोग घर वापस लौट रहे थे तो उस वक्त मेरे पति महेश का फोन आया और वह कहने लगे कि आशा तुम घर कब तक लौटोगी। मैंने अपने पति से कहा कि हम लोग बस थोड़ी देर बाद ही घर पहुंच जाएंगे और थोड़ी देर के बाद दिव्या और मैं घर पहुंच चुके थे मेरे पति महेश भी घर आ चुके थे। जब वह घर पहुंचे तो वह कहने लगे कि क्या तुम शॉपिंग करने के लिए चली गई थी तो मैंने उन्हें कहा हां मैं शॉपिंग करने के लिए चली गई थी। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं शॉपिंग करने के लिए दिव्या के साथ गई क्योंकि काफी समय बाद मैं कहीं शॉपिंग करने के लिए गई थी।

महेश और मेरी शादी को 3 वर्ष हो चुके हैं इन 3 वर्षों में मेरी जिंदगी में कुछ भी बदलाव नहीं आया है मैं आज भी वैसे ही हूं जैसे की पहली बार मैं महेश को मिली थी महेश ने भी मुझे शायद ऐसे ही स्वीकार कर लिया है। एक दिन महेश मुझे कहने लगे कि आशा मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से जा रहा हूं तो तुम अपना और दिव्या का ध्यान रखना। उस वक्त मेरी सासू मां भी घर पर नहीं थी और मेरे ससुर जी भी घर पर नहीं थे वह लोग अपने किसी रिश्तेदार के घर पर गए हुए थे। मैंने महेश को कहा आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए मैं दिव्या का ध्यान रख लूंगी। मेरे पति उस दिन चले गए थे जब वह गए तो उसके बाद दिव्या और मैं ही घर पर रह गए थे हम दोनों घर पर थे। मैंने दिव्या को कहा कि तुम अपने कॉलेज से घर जल्दी लौट आना तो दिव्या ने कहा ठीक है भाभी मैं कॉलेज से घर जल्दी लौट आऊंगी, दिव्या भी कॉलेज से घर जल्दी लौट आई थी। रात के 9:00 बज रहे थे और हम लोग खाने की तैयारी कर रहे थे मुझे महेश का फोन आया और वह मुझे कहने लगे की तुम अभी क्या कर रही थी। मैंने महेश को बताया कि मैं तो अभी खाने की तैयारी कर रही हूं महेश से कुछ देर तो मैंने बात की और फिर मैंने फोन रख दिया।

हम लोगों ने रात का डिनर कर लिया था और उसके बाद हम लोग कुछ देर के लिए छत में बैठे हुए थे तभी घर के बाहर से कुछ लोगों के चिल्लाने की आवाज बड़ी तेजी से आ रही थी जैसे ही हम लोग बाहर की तरफ गए तो हमारे पड़ोस में ही रहने वाले घर में चोरी हो गई थी। जब इस बात की खबर मुझे मिली तो मैंने दिव्या को कहा कि दिव्या हम दोनों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि कुछ दिनों पहले भी घर के आसपास चोरी हुई थी। इस बात से मैं थोड़ा डर जरूर गई थी रात के वक्त हम लोग बहुत डरे हुए थे उस दिन मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी लेकिन जब मुझे नींद आई तो सुबह उठने में हम लोगों को देर हो गई थी। अगले दिन सुबह सब लोग चोरी को लेकर बात कर रहे थे मैं जब नाश्ता बनाकर पड़ोस में गई तो पड़ोस में रहने वाली भाभी कहने लगी कि कल रात को चोर घर से सामान चुराकर ले गए। मैंने उनसे कहा कि आपने क्या पुलिस में कोई कंप्लेंट नहीं लिखवाई तो उन्होंने कहा पुलिस में तो कंप्लेंट लिखवाई है लेकिन अभी तक तो कुछ पता नहीं चल पाया है। कुछ दिनों पहले ही पड़ोस में भी चोरी हुई थी जिस वजह से सब लोग इस बात से घबराए हुए थे महेश का मुझे फोन आया तो मैंने महेश को इस बारे में बताया, महेश ने मुझे कहा कि तुम लोग घर का दरवाजा अंदर से बंद रखना और डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने मुझे काफी समझाया लेकिन कुछ दिनों से छोरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ चुकी थी इस वजह से आस पड़ोस में दो चौकीदार को रखवा दिया गया था। महेश अभी तक अपने काम से लौटे नहीं थे और ना ही मेरे सास ससुर अभी तक लौटे थे दिव्या भी अपने कॉलेज से वापस लौट रही थी कि दिव्या की स्कूटी का भी एक्सीडेंट हो गया जिस वजह से मैं बहुत ज्यादा घबरा गई थी। मुझे इस बात का डर था कि कहीं यह बात महेश को पता चली तो महेश दिव्या को डांट ना दे और दिव्या भी बहुत डरी हुई थी मैंने दिव्या को कहा तुम घबराओ मत कुछ ना कुछ तो जरूर ठीक हो जाएगा।

दिव्या और मैं एक दूसरे के बहुत ही नजदीक है मैंने दिव्या से कहा कि तुम्हारी स्कूटी को मैं ठीक करवा देती हूं। मैंने पास के ही एक गेराज में उसकी स्कूटी ठीक करवाने के लिए दे दी करीब दो दिन बाद उसकी स्कूटी ठीक हो चुकी थी। जब दिव्या का एक्सीडेंट हुआ था उसमें उसकी कोई भी गलती नहीं थी दिव्या को चोट नहीं लगी लेकिन उसकी स्कूटी को काफी नुकसान पहुंचा था। महेश भी अब अपने काम से लौटने वाले थे और वह जब लौटे तो उस वक्त रात हो रही थी मैंने महेश के लिए खाना बना कर रखा हुआ था। हम लोगों ने खाना खा लिया था और दिव्या अपने कमरे में सो रही थी जब महेश आए तो महेश मुझे कहने लगे कि आशा मम्मी पापा अभी तक नहीं लौटे मैंने उन्हें कहा नहीं वह तो अभी तक लौटे नहीं लौटे। महेश भी अपने काम से लौट रहे थे और महेश मुझे कहने लगे कि तुम मेरे लिए खाना लगा दो मैंने महेश के लिए खाना लगाया और महेश ने अब खाना खा लिया था। महेश ने जब खाना खा लिया तो उसके बाद वह कहने लगे मैं बहुत ज्यादा थक चुका हूं और मुझे बहुत नींद आ रही है। मैंने महेश को कहा आप आराम कर लीजिए वो कहने लगे ठीक है मैं आराम कर लेता हूं।

महेश काफी दिनों बाद अपने काम से लौट रहे थे मुझे बहुत अच्छा लगा। इतने दिनों से महेश मुझसे दूर थे हम दोनों के बीच में काफी समय से सेक्स भी नहीं हो पाया था मैं भी काफी दिनों से सेक्स के लिए तड़प रही थी आखिरकार मैंने महेश को कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। महेश कहने लगे मुझे बहुत ज्यादा नींद आ रही है मैं बहुत ज्यादा थका हुआ हूं मैंने महेश को कहा मैं अभी आपकी थकान दूर कर देती हूं। मैंने महेश के कपड़े उतारे और मैने महेश बदन की तेल से मालिश करनी शुरु कर दी जब मैंने महेश के लंड को हिलाना शुरू किया तो महेश का लंड बहुत ही ज्यादा कठोर हो चुका था। महेश मुझे चोदने के लिए तैयार हो चुके थे उन्होंने मुझसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लो मैंने महेश के मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया मै महेश के लंड को बड़े ही अच्छे से चूस रही थी और वह बहुत ही ज्यादा खुश थे। महेश मुझे कहने लगे तुम ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करते रहो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। मैंने महेश को कहा मुझे भी बहुत मजा आ रहा है काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ ऐसे ही करते रहे। महेश ने भी मेरे बदन की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था उन्होंने मेरे कपड़ों को उतार दिया मैं अब उनके सामने नंगी लेटी हुई थी। महेश को मालूम था कि जब वह मेरी चूत को चाटते हैं तो मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है थोड़ी देर तक उन्होंने मेरे स्तनों को दबाया और जब उन्होंने मेरे निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू किया तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी मैं बहुत जोर से सिसकियां लेने लगी। मै जिस प्रकार से सिसकियां ले रही थी उससे महेश भी उत्तेजित होते जा रहे थे वह मुझे कहने लगे मेरे अंदर की गर्मी को तुमने पूरी बढ़ा दिया है। जब महेश ने मेरी चूत का रसपान करना शुरू किया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था वह मेरी चूत को बहुत देर तक चाटते रहे।

जिस प्रकार से वह मेरी चूत का रसपान कर रहे थे उससे मैं इतनी ज्यादा खुश हो गई कि मैंने महेश को कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत को चाटते रहो। उन्होंने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से निकलते हुए पानी को उन्होंने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया था। जब उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसाया तो मैंने उन्हें कहा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। वह मुझे कहने लगे मजा तो मुझे भी बहुत ज्यादा आ रहा है मै भी उनका पूरा साथ देती रही और वह मुझे ऐसे ही चोद रहे। मैं उनके नीचे लेटी हुई थी और जिस प्रकार से वह मेरी चूत मार रहे थे उससे मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था मैं इतनी ज्यादा गरम हो गई कि उनका वीर्य भी बाहर की तरफ को निकल चुका था और उन्होंने अपने वीर्य को मेरी चूत में गिरा दिया उनका वीर्य मेरी चूत में गिर चुका था।

मेरी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई थी मैं चाहती थी महेश मेरे साथ एक बार सेक्स करें। मैंने जब महेश के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो वह खुश हो गए और मुझे कहने लगे मुझे तुम्हारे साथ बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैने उनके लंड को बहुत देर तक चूसा और उनकी गर्मी को मैंने बढ़ा दिया था वह अपने आपको बिल्कुल रोक ना सके और जैसे ही उन्होंने मेरी चूत के अंदर दोबारा से अपने लंड को घुसाया तो मैं चिल्ला उठी। मेरी चूत के अंदर तक उनका लंड घुस चुका था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगे थे वह मुझे जिस गति से धक्के मार रहे थे उससे मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था मैं इतनी ज्यादा खुश हो गई उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो मैं उनसे लिपट गई और वह कहने लगे अब मैं बहुत ज्यादा थक चुका हूं। मैं भी समझ गई थी कि वह बहुत ज्यादा थक चुके हैं मैंने उन्हें कहा आप लेट जाइए मैं उनकी बाहों में थी और हम दोनों बहुत गहरी नींद में सो चुके थे।
 
Back
Top