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Cousin didi ki chut ki chudai ki

फ्रेंड्स! मेरा नाम रोहित सिंह है. मेरी फॅमिली में मेरे पापा, मम्मी, भाई और २ बहाने है. में वाराणसी का रहने वाला हु. में अभी २० साल का हु.

में अभी बी.कॉम फाइनल इयर में हु और मेरी हाइट ५ फीट ७ इंच है और बॉडी फिगर फिट और लंड साइज़ ७ इंच है.

ये मेरी लाइफ कि पहली सेक्स है. मैंने डीके क्लब पहली बार ज्वाइन किया है. अब में आपको बोर न करते हुए कहानी पर आता हु.

यह सेक्स मैंने अपनी ममेरी बहिन जिनका नाम ममता कुमारी है के साथ किया था. उनकी उम्र २७ साल है और बॉडी फिगर ३२- २८- ३४ है. बूब्स तो देखते ही चोदने का मन करने लगता है.

तो बात आज से २ साल पहले कि है. हम लोग गर्मियों कि छुट्टियों में मामा के यहाँ गए थे. मेरे मामा कि फॅमिली में मामा, मामी, एक बहिन और २ भाई है. कजिन सिस्टर सब से बड़ी है. उनको देख कर हमेशा चोदने का मन करता था पर डर भी लगता था.

अक्सर उनको छुप चाप नहाते हुए देखता था क्यूंकि गाँव में हैंडपंप पर हे सब नहाते थे. और हैंडपंप आँगन के बीचो बीच था. जिससे सब दीखता था. रोज़ यह देख कर मुठ मार कर संतोष कर लेता था. गाँव में अक्सर लाइट नहीं आती थी तो हम सब अक्सर छत पर ही सोते थे.

एक दिन कि बात है में रात में जल्दी सो गया और आधी रात को टॉयलेट के लिया उठा तो देखा ममता दीदी मेरे बगल में सोइए है और उनके कसे बूब्स को मैं निहारता रहा.

तभी में उसे टच करने कि कोशिश कि और धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स पर रखा आआआअह्ह्ह.. दोस्तों क्या बताऊ एक दम मखमल कि तरह लग रहा था.

थोड़ी देर तक ऐसे ही हाथ रखा रहा और कुछ एर बाद जब दीदी कि तरफ से कोई रिएक्शन नहीं हुआ तो मेरा मन अब कुछ और करने का करने लगा. और मैंने धीरे से उनके चूची को दबाने लगा.

तभी मेरे अंडरवियर में कुछ करकट होने लगी और मेरा लंड फन- फनाने लगा. कुछ देर ऐसी हे करने के बाद मेरा एक हाथ दीदी कि चूची पतो दूसरा हाथ अपने लंड पर था.

अब में चुचियो को अन्दर से टच करना छह रहा था तो मैंने धीरे से उनके सूट गले के बीच में धीरे से हाथ डाला ही था कि दीदी ने करवट बदल दिया. तो मेरी गांड ही फट गयी कि कही दीदी जग तो नहीं रही है. तो मैंने अपना हाथ वापिस लेकर सोने का नाटक करने लगा.

५ मिनट के बाद देखा कि दीदी का गर और मेरा लंड दोनों आमने सामने है. तभी मैंने सोचा कि चलो गर भी टच कर लिया जाये. तो में धीरे से अपना सिर उनके पैरो कि तरफ के लेट गया और उनके गर पर रख कर धीरे से सहलाने लगा तो मेरा लंड फिर टाइट हो गया.

अब मनन नहीं मान रहा था. तो मैंने पेंट के अन्दर ही धीरे धीरे मुठ मर ली. और सो गया. अगले दिन सुबह में जब बरामदे से होते हुए दुसरे रूम में जा रहा था. कि अचानक तभी ममता दीदी ने मुझे पीछे से हग किया और दुसरे रूम में चली गयी. उस वक़्त सब कोई आगन में बैठे हुए थे.

पहले तो में डर गया कि कहीं दीदी मुझे पकड़ के सब के सामने ले जाकर रात वाली बात न बता दे. लेकिन जब दीदी दुसरे रूम में जाते हुए पीछे मुझे देखते हुए हंस रही थी.

तो अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था तो तभी में उस रूम में चला गया और तभी दीदी ने मुझे कास के हग किया और धीरे से बोली कि रात को काफी मज़े आ रहे थे तो में भी मौके पर चौका मरते हुए उनके बूब्स को दबाने लगा.

तो वो धीरे से आँख बंद कर के मजे लेने लगी. और धीरे से कान में कहा कि रात में नीचे रूम में आ जाना. यह कह कर के तो मेरे सपनो को पूरा कर दिया उन्होंने. अब तो बस रात का इंतज़ार था मुझे. पूरा दिन काटना मुश्किल हो रहा था बस यह सोच रहा था कब रात होगी.

रात को वो धीरे से उठी और मुझे भी इशारा करते हुए नीचे चलने को कहा तो में भी धीरे से उनके पीछे चल दिया. नीचे रूम में पहुच कर दीदी मुझे देख कर हँसने लगी और पुछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है. तो मैंने कहा कि नहीं.

फिर दीदी ने कहा कभी सेक्स किया है तो मैंने कहा कि नहीं. फिर मैंने पुछा क्या आप का कोई बॉय फ्रेंड है. तो वो बोली देखो है, पर आज कल बॉयफ्रेंड होना कोई बड़ी बात नहीं है. मैंने भी हां में सिर हिला दिया.

तभी धीरे से दीदी मुझे किस करने लगी और अपने होठो को मेरे होठो के साथ सटा कर ढेर सारा किस किया. मैंने भी धीरे से उनके बूब्स को दबाने लगा. बूब्स दबाते दबाते वो गरम हो गयी. और लंड भी उफान पर आ गया.

तभी दीदी ने मेरे लंड को पकड़ के सक करने लगी. और मैंने भी उनकि चूत को ऊपर से ही टच करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद दीदी के सलवार और सूट को मैंने उतर दिया.

दीदी ने वाइट ब्रा और ग्रीन पेंटी पहनी थी अब मैंने ब्रा के हुक को धीरे से खोल दिया. अआः. दोस्तों क्या कसे कसे बूब्स लग रहे थे. मुझ से रहा नहीं जा रहा था तो में दोनों हाथो से चुन्चियो को सहलाने और दबाने लगा.

दीदी धीरे धीरे सिसकिया लेने लगी. फिर उसने कहा कि भाई इस-से चूस डाल चूस चूस के इसका रस निकल दे.

में भूखे शेर कि तरह टूट पड़ा. और चुचियो को दबाने और चूसने लगा. कुछ देर बाद दिदी के निचले हिस्से कि तरफ हाथ बढाया और अन्दर हाथ डाल के चूत को टच करने लगा.

अब दीदी ने मेरे लंड को पकडा और हिलाने लगी. और मेरी चड्डी भी उतर दे.

मेरा ७ इंच का लंड तन के दीदी के सामने था. दीदी भी भूखी शेरनी कि तरह लंड को निहारने लगी. और नीचे झुक कर मेरे मेरे लंड को अपने मुह में लेकर क्रीम रोल कि तरह चाटने लगि आआह्ह्ह. क्या मज़ा अ रहा था. लग रहा था कि मैं ज़न्नत में हु.

कुछ देर चूसने के वो बाद वो ज़मीन पर लेट गयी अपने दोनों पैर फैला कर और मुझे बुलाने लगी. में भी दोनों टांगो कि बीच जा कर बैठ गया.

मैंने अपने मुह से दीदी कि चूत को चूमा. और मेरे मुह लगाते हे दीदी के मुह से आवाज़ आई आआआह्ह्ह.. चूस भाई.

अब में दीदी के चूत को चूसने लगा. और अपनी जीभ से उनके चूत के बीच डाल कर साफ़ करने लगा.

करीब १० मिनट तक ऐसे ही चूसता रहा . अब दीद पागलो कि तरह मेरा सिर अपने हाथो से पकड़ कर अपने बुर में धकेल रही थी. दीदी कह रही थी.. अब चोद दे भाई चोद दे.

अब में अपना लंड दीदी कि चूत के बिल के पास ले जाकर डालने कि कोशिश कि. लेकिन में सफल नहीं हुआ.

तो दीदी ने मेंरी हेल्प करते हुए मेरे लंड के सुपारे को चूत के छेद के पास रखा. और मैंने धीरे से एक झटका दिया, मेरे लंड का सुपर दीदी के बुर में चला गया.

लेकिन दीदी को दर्द नहीं हुआ तो मैंने पुछा कि क्यों? तो उन्होंने कहा मेरी चूत कि झिल्ली फट चुकी है भाई.

तो यह जान कर मैंने एक और तेज़ का झटका दिया. और मेरा पूरा ७ इंच का लंड अन्दर चूत में समां गया.

अब दीदी को थोडा सा दर्द हुआ. तो में रुक कर के दीदी को किस करने और चुचियो को दबाने लगा. कुछ देर बाद जब दीद रिलैक्स हुई मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगे.

दीदी के मुह से आवाज़ आने लगी आआआ.. आअयीई.. फार दे बेहनचोद.. में भी तेज़ी से झटके देने लगा. कुछ देर बाद दीदी भी गर उठा उठा के साथ देने लगी.

१० मिनट बाद दीदीका बदन अकड गया और वो झड गयी. पर में रुका नहीं, बल्कि और जोर जोर से पेलता रहा और रूम में आवाज़ छाप. चाआप.. पाच. पछह.. होने लगी.

करीब ३० मिनट चोदने के बाद में झरने वाला था तभी दीदी को बोला कहा निकालू तो दीद ने कहा मुझे पीना है.

तो मैंने लंड बुर में से निकल कर दीदी के मुह में डाल दिया. पिचकारी कि तरह उनके मुह में सारा माल डाल दिया.

दीदी ने सारा का सारा वीर्य पी लिया. और मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया. उसके बाद में और दीदी नंगे हे एक दुसरे से लिपट गए और एक दुसरे के ऊपर सो गए.

उस रात दीदी को मैंने ५ बार चोदा. अब हर गर्मियों कि छुट्टियों में दीदी को जा कर चोदता हु.

दोस्तों ! कैसी लगी आप को मेरी यह स्टोरी प्लीज मुझे जरुर बताये और अपने कमेंट्स जरूर लिखे ताकि में आपको और बेहतर सेक्स स्टोरीज सुना सकू. और कोई गलती हो गयी हो तो माफ़ कर दिजीयेगा क्यूंकि यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. मुझे आप लोगो का के कमेंट का इंतज़ार रहेगा . बाय दोस्तों.
 
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