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नमस्कार मित्रों मै राजीव, आज आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूं। यह कहानी मेरे कॉलेज लाइफ की है, जब मै बारहवी के बाद अपना ग्रेजुएशन पूरा करने कोलकाता गया था। मैने अब तक की पढाई गांव में रहकर की थी, तो मुझे शहरों में रहने का और यहां के लोगों की सोच के बारे में ज्यादा कुछ नही पता था। यह सब मेरे लिए पहली बार था। इस कहानी में पढिए, मेरे पहले प्यार की कहानी और जानिए कैसे यह प्यार का सफर चुदाई तक पहुंचा।

मैने एक नामांकित कॉलेज में अपना दाखिला करवा लिया, और उसी कॉलेज के पास ही एक कमरा लेकर पीजी में रहने लगा। शुरू के कुछ दिन तो मुझे कुछ समझ ही नही आया, कि यह सब चल क्या रहा है? फिर धीरे धीरे कॉलेज में मेरे दोस्त बनने लगे, और उनके साथ इधर उधर घूमना चलने लगा। फिर कोलकाता जैसे बडे शहरों में रात के समय घूमने का मजा ही कुछ और होता है। नए दोस्त बनने के बाद उनके साथ मिलकर रात में हम शहर घूमने निकल पडते, कुछ दोस्तों के पास अपनी गाडी थी, तो हम उनके साथ निकल पडते।

ऐसे ही एक दिन हम दोस्त लोग बाहर घूमने के लिए निकले थे, तभी दूसरे कॉलेज का एक ग्रुप भी वहां आ गया। और फिर हमारी आपस मे बातें होने लगी। लेकिन मेरी नजर तो बस एक ही तरफ थी, मुझे दूसरे कॉलेज के ग्रुप से एक लडकी पसंद आ गई थी। तो मैने उससे भी बातें करी। उसने अपना नाम श्रेया बताया, दिखने में वह दीपिका पादुकोण की तरह लग रही थी। उसे देखकर कोई भी बोलेगा कि, यह दीपिका की बहन ही है।

श्रेया भी दूसरे कॉलेज से मेरा वाला कोर्स ही पढ रही थी, तो हमारी बातें बढती ही चली गई। मै भी नही चाह रहा था कि, हमारी बातें कभी खत्म हो। वहां से जाने से पहले मैंने उसे कॉफी के लिए पूछ लिया, और उसी बहाने से उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया।

श्रेया ने भी मेरा नंबर लिया और जल्द ही मिलने का बोलकर वह अपने दोस्तों के साथ चली गई। उस दिन के बाद हमारी बातें रोज होने लगी थी। पहले तो फेसबूक पर ही मेसेज करते थे, उसके बाद जब हम और दो-तीन बार मिले। ऐसे ही हम एक-दूसरे के करीब आते-आते फिर फेसबुक छोडकर कॉल पर बातें होने लगी थी।

अब हम दोनों को पता था कि, हम दोनों ही एक-दूसरे को पसंद करते है, लेकिन शुरू में बोलेगा कौन? पहले बोलने के चक्कर मे हम ऐसे ही बातें करने लगे थे। आखिर में हार मानकर मुझे ही पहले बोलना पडा, और फिर भी उसने अपना जवाब देने के लिए मुझसे दो दिन का समय मांग लिया। वो दो दिन हमने ना ही मेसेज पर बात की और ना ही कॉल पर।

तीसरे दिन सुबह सुबह मुझे श्रेया का फोन आया और उसने मुझे आज शाम को एक कॉफी शॉप में मिलने के लिए बुलाया। जैसे ही मै वहां पहुंचा, श्रेया पहले से ही वहां बैठकर मेरा इंतजार कर रही थी। उसने आज पीले रंग का टॉप पहना था, जो की उस पर एकदम मस्त दिख रहा था। नीचे उसने नील रंग की जीन्स पहनी हुई थी, और गले मे स्कार्फ डाला हुआ था। उस समय पूरे कॉफी शॉप में बस पांच-छह लोग ही थे।

जैसे ही मै श्रेया के साथ जाकर वहां बैठा, वेटर हमारे पास आ गया। तो मैने उससे दो कॉफी लाने के लिए बोल दिया, और श्रेया के कुछ बोलने का इंतजार करने लगा।
अब श्रेया और मै बस एक-दूसरे की तरफ देखने लगे थे, ना तो वो कुछ बोल रही थी और ना ही मै। फिर मैने अपना हाथ आगे बढाकर उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया। और उसकी आंखों में देखते हुए मैने उससे पूछा, "तो तुमने क्या सोचा हमारे बारे में?"

उसने मेरी तरफ देखते हुए मेरे हाथ को अपने पास लेकर कहा, "तुम्हे मना करने की कोई वजह मेरे पास नही है। तुम मुझे बहुत पसंद हो, और आय लव यू।"

यह सुनकर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा। मैने तभी उसके हाथ को अपने पास खींचकर उसके हाथ को चूम लिया। फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम वहां से निकलकर एक-दूसरे का हाथ थामकर कुछ दूर तक चले और फिर अपने अपने रूम चले गए। अब रोज हमारी घंटो तक बातें होती रहती थी, धीरे धीरे प्यार भरी बातों से हम सेक्सी बातों की तरफ बढने लगे।

अब हम रोज ही फोन पर एक दूसरों से सेक्सी बातें करते थे, और रोज ही एक-दूसरे से मिलने की सोचकर सो जाते थे।

जल्द ही मेरा जन्मदिन आने वाला था, तो मैने उससे कहा, मुझे मेरे जन्मदिन पर क्या तोहफा दोगी? तो उसने कहा, "तुम्हारे इस जन्मदिन पर मै तुम्हे सबसे अनमोल तोहफा देने वाली हुं। तुम बस इंतजार करो।"

मेरा जन्मदिन भी आ गया, उसने मुझे सबसे पहले विश किया और सुबह जल्दी तैयार हो जाना बोलकर वो सो गई। सुबह आठ के करीब श्रेया के फोन से ही मेरी नींद खुली, मैने फोन उठाया तो उसने कहा, वो मेरे रूम के नीचे खडी है, मै जल्दी से तैयार होकर आ जाऊं। उसके कहे अनुसार मै जल्दी से तैयार हो गया, और नीचे उसके पास पहुंच गया।

वो क्या लग रही थी, उसे देखते ही मै वहीं रुक सा गया। ऐसा लग रहा था, आज मेरा जन्मदिन न होकर श्रेया का ही जन्मदिन है। उसने आज गुलाबी रंग का स्लीव लेस टॉप पहना हुआ था, और गले में स्कार्फ लटका दिया था। श्रेया नीचे जीन्स पहने हुए थी, जो उसके फिगर के लिए एकदम सही थी। टॉप भी बहुत टाइट था, जिसमे से कोई भी देखकर उसका फिगर बता सकता था।

दिनभर उसने मेरे लिए कुछ न कुछ प्लान करके रखा था। तो पूरा दिन हम उसके प्लान के अनुसार ही रहे, और फिर शाम को उसने कहा, "तुम अब बहुत थक चुके होंगे, अब चलो तुम्हारे पीजी पर चलकर फ्रेश हो जाना और आराम कर लेना।"

इस बात पर मैने भी अपनी सहमती दिखाई, और हम दोनों ही मेरे रूम में आ गए। कमरे में आते ही उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले के पीछे ले जाकर मुझे अपनी तरफ खींचते हुए मेरे होठों पर अपने नाजुक, कोमल से होंठ रख दिए। यह हमारा पहला किस था, फोन पर तो हम बातों बातों में बोल देते थे, लेकिन अब तक कभी भी हमने एक-दूसरे को किस नही किया था।

अब वो मेरे होंठ चूसे जा रही थी, और मै भी उसका साथ दे रहा था। धीरे धीरे उसके होठों को चूमते हुए मै उसके पूरे बदन को अपने हाथों से सहला रहा था। फिर उसने मेरे एक हाथ को पकडकर अपने स्तनों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगी। उसका इशारा मै समझ गया, और फिर मैने उसे चूमते हुए उसके स्तनों को मसलना जारी रखा। उसके दूध मुलायम से थे, लेकिन एकदम सही आकार में थे।

फिर उसने मेरे होठों को छोडते हुए मुझसे कहा, "फोन पर तुम जो जो करने की बातें करते हो, वो सब आज तुम कर सकते हो। यही तुम्हारे जन्मदिन पर मेरी तरफ से तोहफा है।"

उसका इतना कहना था कि, मैने उसे फिर से अपने पास खींचकर चूमना शुरू कर दिया। और अब मेरे हाथ उसके टॉप को उपर की ओर खिसकाकर उसकी कमर पर आ गए थे। मै उसकी कमर सहलाते हुए उसे चुम रहा था। फिर मैंने उसे अपने बिस्तर पर लिटाया और उसका टॉप उतार दिया। टॉप उतारने में उसने भी मेरी हेल्प की,और अब वो मेरे सामने बिना टॉप की लेटी हुई थी।

ब्रा मे से उसकी चुचियां बहुत ही सुडौल लग रही थी, जिसे देखकर मै अपने आप को रोक नही पाया। और मैने सीधे अपना मुंह उसके स्तनों पर लगा दिया। पहले तो मैंने ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को चूसा और फिर ब्रा को साइड में हटाकर उसके स्तनों को नंगा करके अपने मुंह मे भर लिया।

वह भी मेरे सर को अपने चूचियों मे दबाए जा रही थी। फिर मैने ज्यादा देरी न करते हुए उसकी जीन्स भी उतारनी चाही, लेकिन मै उसकी जीन्स का बटन नही खोल पा रहा था, जो आखिर में उसी ने खोला। और फिर मैंने उसकी जीन्स नीचे खींचकर उसके पैरों से निकालकर अलग कर दी। अब वो मेरे सामने नंगी अवस्था मे लेटी हुई थी, बस ब्रा और पैंटी पहने हुए। फिर मैंने अपने भी सारे कपडे उतार दिए, और नंगा हो गया।

वो मेरे लंड को देखकर हैरान हो गई। मेरा लंड अपने पूरे जोश में खडा था, और उसकी चुत चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार था।
अब जल्द ही मैने उसकी ब्रा पैंटी भी निकाल दी, और उसे भी पूरी तरह से नंगी कर दिया। जैसे ही मैने उसे नंगी करके उसके ऊपर आया, तो उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और नीचे मेरा लंड ठीक उसकी चुत के ऊपर आकर झटके मारने लगा। मै उसकी चुत के अंदर की गर्माहट का अंदाजा लगा सकता था। उसके बाद क्या हुआ, यह सब आप जानते ही होंगे।

उस दिन हमने दो बार चुदाई की। और उसका शीलभंग भी उसी दिन हुआ, यह हम दोनों के लिए पहली चुदाई थी। पहले प्यार में पहली चुदाई का कुछ और ही मजा होता है।

आपको यह कहानी कैसी लगी, यह हमें जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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