Antarvasna, hindi sex story: काफी वर्षों बाद मैं अपने बचपन के दोस्त गौतम से मिला अब हमारी मुलाकात कम ही हो पाती है लेकिन इतने वर्षों बाद गौतम से मुलाकात हुई तो बहुत अच्छा लगा। गौतम अब पहले से काफी बदल चुका था गौतम की शादी हो चुकी है गौतम ने लव मैरिज की है गौतम अपनी शादीशुदा जिंदगी से भी बहुत खुश है। हम दोनों की मुलाकात इतने वर्षों बाद इस वजह से हो पाई कि गौतम भी अब जॉब करने के लिए मुंबई में आ चुका था और हम दोनों अब अक्सर एक-दूसरे से मिला करते। जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिला करते तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता और गौतम भी इस बात से बहुत खुश था कि हम दोनों अब एक दूसरे से मिल पा रहे हैं। मैं गौतम के घर अक्सर आया जाया करता था मेरी शादी अभी तक नहीं हुई थी क्योंकि अभी तक मैं अपने लिए कोई अच्छा लाइफ पार्टनर ढूंढ नहीं पाया था। हालांकि मैं मेरे ऑफिस में एक लड़की को पसंद जरूर करता था लेकिन जब मुझे पता चला कि उसकी सगाई होने वाली है तो मैंने अपने दिल से वह ख्याल भी निकाल दिया अब मैं सिंगल ही खुश था।
गौतम और मेरी पढ़ाई कानपुर से हुई थी तो हम लोगों ने सोचा कि क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर हो आये। जब गौतम ने मुझे यह बात बताई कि हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर चलते हैं तो मैंने गौतम को कहा ठीक है हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर हो आते हैं। गौतम और मैं अपने कुछ पुराने दोस्तों से मिलने के लिए कानपुर चले गए जब हम दोनों अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर कानपुर गए तो आज भी हमारे दोस्त कानपुर में वैसे ही हैं जैसे कि पहले थे वह लोग बिल्कुल भी बदले नहीं हैं और उन लोगों से मिलकर हमें बहुत अच्छा लगा। करीब एक हफ्ते तक हम लोग कानपुर में रुके और हमने अपनी पुरानी यादें ताजा की एक हफ्ते का पता ही नहीं चला और हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे। जब हम लोग मुंबई वापस लौटे तो मैं अपने ऑफिस जाने लगा था और गौतम भी अपने ऑफिस जाने लगा था हम लोगों की मुलाकात हो ही जाती थी क्योंकि गौतम मेरे घर के पास ही रहता है।
एक दिन गौतम ने मुझे कहा कि राजेश मेरे ऑफिस में मेरा प्रमोशन हो चुका है मैंने गौतम को कहा कि यह तो बड़ी खुशी की बात है इस बात पर तो हमें सेलिब्रेट करना चाहिए। गौतम मुझे कहने लगा हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो इसीलिए तो मैंने तुम्हें पूछा कि हमें क्या करना चाहिए। मैंने गौतम को बताया कि हम लोग क्यों ना तुम्हारी इस खुशी में और लोगों को भी भागीदार करें तुम कहो तो मैं तुम्हारे लिए एक छोटी सी पार्टी अरेंज कर देता हूं गौतम मुझे कहने लगा कि ठीक है तुम देख लो। मैंने भी गौतम के लिए छोटी सी पार्टी रखवा दी उसमें सब लोग आए हुए थे मेरे कुछ चुनिंदा दोस्त भी थे और गौतम के भी कुछ दोस्त आए हुए थे और गौतम की पत्नी माधुरी भी उस दिन बहुत खुश नजर आ रही थी। माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे हम लोग आपस में बात कर रहे थे कि तभी गौतम भी हम लोगों के साथ आकर बैठा और जब माधुरी ने मुझे कहा कि राजेश अब आपको शादी कर लेनी चाहिए। मैंने माधुरी को कहा लेकिन उसके लिए मुझे कोई लड़की भी तो पसंद आनी चाहिए माधुरी ने मुझे कहा कि लगता है मुझे ही आपके लिए कोई लड़की तलाश करनी पड़ेगी। इस बात से गौतम भी हंसने लगा और मैं भी ठहाके लगाकर हंसने लगा। पार्टी बड़ी ही शानदार थी और सब लोग बहुत खुश थे किसी को भी पार्टी में कोई कमी महसूस नहीं हुई। जब पार्टी खत्म हुई तो हम लोग होटल में काफी देर तक बैठे हुए थे अब हम लोग अपने घर लौट आए थे क्योंकि जिस होटल में मैंने पार्टी का अरेंजमेंट करवाया था वह हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए हम लोग जल्दी ही घर लौट आए थे। मैं जब अपने फ्लैट का दरवाजा खोल रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मुझे आवाज लगाई हो मैं अपने फ्लैट के कॉरिडोर में खड़ा था और जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पीछे एक सुंदर सी लड़की खड़ी थी वह बहुत सुंदर थी उसे पहली नजर में देखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे उसे मैं अपना दिल दे बैठा हूं। मेरे मुंह से कुछ आवाज आई ही नहीं और वह मुझे कहने लगी कि क्या आप मेरी मदद कर देंगे मैंने उसे कहा कि क्यों नहीं बताइए आपको क्या मदद की जरूरत है। वह मुझे कहने लगी कि मेरा दरवाजा खुल नहीं रहा है क्या आप मेरी मदद कर देंगे तो मैंने उससे कहा कि क्यों नहीं।
मैं उसके फ्लैट के पास गया तो मैंने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन मुझसे भी काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला फिर आखिरकार मैंने दरवाजा खोल ही दिया। उस लड़की ने मुझे प्यार से धन्यवाद दिया और उसके बाद वह चली गई मैं भी अपने फ्लैट में आ चुका था लेकिन मेरी आंखों से जैसे नींद गायब थी और मैं सिर्फ उसी लड़की के बारे में सोच रहा था जो मुझे थोड़ी देर पहले ही मिली थी। उसने मेरे दिल पर जैसे अपनी छाप छोड़ दी थी उस रात मुझे नींद ही नहीं आई और अगली सुबह जब मैंने गौतम को यह बात बताई तो वह मुझे कहने लगा कि चलो तुम्हारी भी प्यार की गाड़ी अब आगे बढ़ने लगी है। मैं इस बात से बहुत खुश था क्योंकि मैंने उस लड़की को जब पहली बार देखा और पहली नजर में ही मुझे उससे प्यार हो गया लेकिन मैं उस लड़की के बारे में कुछ भी नहीं जानता था परन्तु मुझे क्या मालूम था कि अब हम लोगों की बातें होने लगेंगी। कुछ दिनों बाद मुझे वही लड़की लिफ्ट में दिखाई दी मुझे वह लिफ्ट में दिखाई दी तो मैंने उससे बात की और उसने भी मुझसे बात की वह कहने लगी कि उस दिन मैं आपसे बात ना कर सकी क्योंकि मैं बहुत ज्यादा थकी हुई थी मैंने उसे कहा कोई बात नहीं। आखिरकार मुझे उस लड़की का नाम पता चल ही गया उसका नाम आकांक्षा है धीरे धीरे अब हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती होने लगी और आकांक्षा और मैं अब एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे।
उसे कभी कोई जरूरत होती तो वह मेरे पास आ जाया करती क्योंकि हम दोनों के फ्लैट एक ही फ्लोर पर थे इस वजह से वह मुझसे मिलने के लिए भी अक्सर आ जाए करती थी। आकांक्षा की रूममेट गीतिका से भी उसने मुझे मिलाया लेकिन मैं अभी तक आकांक्षा को अपने दिल की बात कह ना सका था। गौतम मुझे कहने लगा तुम्हे अपने दिल की बात बता देनी चाहिए मैंने गौतम से कहा मुझे भी लगता है कि मुझे अपने दिल की बात उसे बता देनी चाहिए लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला भी नहीं था। मेरी मुलाकत जब भी आंकाक्षा के साथ होती तो हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से बात किया करते लेकिन अभी तक मैंने अपने दिल की बात आकांक्षा को नहीं बताई थी लेकिन एक दिन आकांक्षा मुझसे मिलने के लिए मेरे फ्लैट में आई जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो उस वक्त मैं नहाने के लिए बाथरूम में जा रहा था। मैंने आकांक्षा को कहा तुम कुछ देर बैठ जाओ मैं अभी नहा कर आता हूं लेकिन जब मैं बाथरूम में गया तो मेरे मन आकांक्षा के साथ सेक्स करने का हो रहा था। मैं बिना नहाए ही बाहर आ गया जब मैं बाहर आया तो मुझे वह कहने लगी क्या तुम अभी तक नही नहाए। मैंने उसे कहा मै थोड़ी देर बाद नहा लूंगा, मैं और आंकाक्षा साथ में बैठे हुए थे। मैंने आकांक्षा की जांघ को सहलाना शुरु किया मैंने उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है। वह गुस्से में जाने लगी लेकिन मैंने किसी प्रकार से आकांक्षा को रोक लिया और फिर वह मेरे पास आकर बैठी लेकिन दोबारा से मैने उसको महसूस करना शुरू किया। आकांक्षा कहने लगी क्या तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो?
मैंने आकांक्षा को कहा हां मैं आज तुम्हें देखकर अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा हूं मैंने आकांक्षा के साथ सेक्स करने का फैसला कर लिया था और आकांक्षा भी इस बात से तैयार हो चुकी थी। हम दोनों बाथरूम में गए तो हम दोनों वहां पर शावर के नीचे नहा रहे थे हमें बड़ा ही मजा आ रहा था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगडना शुरू कर दिया था जिससे कि मेरा लंड भी खड़ा होने लगा लेकिन मुझे नहीं मालूम था आंकाक्षा की चूत से निकलता हुआ पानी इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि हम दोनों को एक दूसरे के साथ सेक्स करना ही पड़ेगा। मैंने आंकाक्षा की चूत को चाटना शुरू किया तो वह उत्तेजित हो गई मैंने अपने लंड को आकांक्षा के मुंह के अंदर डाल दिया उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी जिससे कि मैं इतना उत्तेजित हो गया था कि मै अपने लंड को उसकी चूत के अंदर समाना चाहता था।
आकांक्षा ने अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ किया मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया तो आकांक्षा मुझे कहने लगी कि तुम थोड़ा आराम से मेरी चूत के अंदर लंड को डालो। जैसे ही आकांक्षा की चूत के अंदर बाहर कर रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है मैंने जैसे ही लंड को उसकी चूत के अंदर तक लंड को डाला तो आंकक्षा कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था मै उसे इतनी तेज गति से चोद रहा था वह चिल्लाए जा रही थी। वह मुझे कहने लगी मैं ज्यादा देर तक तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी। मैंने उससे कहा मुझे भी ऐसा ही लग रहा है लेकिन फिर भी मैं आकांक्षा की चूतडो पर प्रहार कर रहा था। मुझे उसको चोदने मैं बड़ा ही आनंद आ रहा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था मै उसकी चूत की गर्मी को नही झेल पाऊंगा। जैसे ही मेरा वीर्य आकांक्षा की चूत के अंदर गिरा मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया वह बडी खुश नजर आ रही थी। उसके बाद तो हम दोनों के बीच ना जाने कितनी बार सेक्स हुआ लेकिन अभी तक हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में नहीं है बस हम दोनों एक अच्छे दोस्त बनकर रह गए हैं।
गौतम और मेरी पढ़ाई कानपुर से हुई थी तो हम लोगों ने सोचा कि क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर हो आये। जब गौतम ने मुझे यह बात बताई कि हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर चलते हैं तो मैंने गौतम को कहा ठीक है हम लोग कुछ दिनों के लिए कानपुर हो आते हैं। गौतम और मैं अपने कुछ पुराने दोस्तों से मिलने के लिए कानपुर चले गए जब हम दोनों अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर कानपुर गए तो आज भी हमारे दोस्त कानपुर में वैसे ही हैं जैसे कि पहले थे वह लोग बिल्कुल भी बदले नहीं हैं और उन लोगों से मिलकर हमें बहुत अच्छा लगा। करीब एक हफ्ते तक हम लोग कानपुर में रुके और हमने अपनी पुरानी यादें ताजा की एक हफ्ते का पता ही नहीं चला और हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे। जब हम लोग मुंबई वापस लौटे तो मैं अपने ऑफिस जाने लगा था और गौतम भी अपने ऑफिस जाने लगा था हम लोगों की मुलाकात हो ही जाती थी क्योंकि गौतम मेरे घर के पास ही रहता है।
एक दिन गौतम ने मुझे कहा कि राजेश मेरे ऑफिस में मेरा प्रमोशन हो चुका है मैंने गौतम को कहा कि यह तो बड़ी खुशी की बात है इस बात पर तो हमें सेलिब्रेट करना चाहिए। गौतम मुझे कहने लगा हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो इसीलिए तो मैंने तुम्हें पूछा कि हमें क्या करना चाहिए। मैंने गौतम को बताया कि हम लोग क्यों ना तुम्हारी इस खुशी में और लोगों को भी भागीदार करें तुम कहो तो मैं तुम्हारे लिए एक छोटी सी पार्टी अरेंज कर देता हूं गौतम मुझे कहने लगा कि ठीक है तुम देख लो। मैंने भी गौतम के लिए छोटी सी पार्टी रखवा दी उसमें सब लोग आए हुए थे मेरे कुछ चुनिंदा दोस्त भी थे और गौतम के भी कुछ दोस्त आए हुए थे और गौतम की पत्नी माधुरी भी उस दिन बहुत खुश नजर आ रही थी। माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे हम लोग आपस में बात कर रहे थे कि तभी गौतम भी हम लोगों के साथ आकर बैठा और जब माधुरी ने मुझे कहा कि राजेश अब आपको शादी कर लेनी चाहिए। मैंने माधुरी को कहा लेकिन उसके लिए मुझे कोई लड़की भी तो पसंद आनी चाहिए माधुरी ने मुझे कहा कि लगता है मुझे ही आपके लिए कोई लड़की तलाश करनी पड़ेगी। इस बात से गौतम भी हंसने लगा और मैं भी ठहाके लगाकर हंसने लगा। पार्टी बड़ी ही शानदार थी और सब लोग बहुत खुश थे किसी को भी पार्टी में कोई कमी महसूस नहीं हुई। जब पार्टी खत्म हुई तो हम लोग होटल में काफी देर तक बैठे हुए थे अब हम लोग अपने घर लौट आए थे क्योंकि जिस होटल में मैंने पार्टी का अरेंजमेंट करवाया था वह हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए हम लोग जल्दी ही घर लौट आए थे। मैं जब अपने फ्लैट का दरवाजा खोल रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मुझे आवाज लगाई हो मैं अपने फ्लैट के कॉरिडोर में खड़ा था और जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पीछे एक सुंदर सी लड़की खड़ी थी वह बहुत सुंदर थी उसे पहली नजर में देखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे उसे मैं अपना दिल दे बैठा हूं। मेरे मुंह से कुछ आवाज आई ही नहीं और वह मुझे कहने लगी कि क्या आप मेरी मदद कर देंगे मैंने उसे कहा कि क्यों नहीं बताइए आपको क्या मदद की जरूरत है। वह मुझे कहने लगी कि मेरा दरवाजा खुल नहीं रहा है क्या आप मेरी मदद कर देंगे तो मैंने उससे कहा कि क्यों नहीं।
मैं उसके फ्लैट के पास गया तो मैंने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन मुझसे भी काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला फिर आखिरकार मैंने दरवाजा खोल ही दिया। उस लड़की ने मुझे प्यार से धन्यवाद दिया और उसके बाद वह चली गई मैं भी अपने फ्लैट में आ चुका था लेकिन मेरी आंखों से जैसे नींद गायब थी और मैं सिर्फ उसी लड़की के बारे में सोच रहा था जो मुझे थोड़ी देर पहले ही मिली थी। उसने मेरे दिल पर जैसे अपनी छाप छोड़ दी थी उस रात मुझे नींद ही नहीं आई और अगली सुबह जब मैंने गौतम को यह बात बताई तो वह मुझे कहने लगा कि चलो तुम्हारी भी प्यार की गाड़ी अब आगे बढ़ने लगी है। मैं इस बात से बहुत खुश था क्योंकि मैंने उस लड़की को जब पहली बार देखा और पहली नजर में ही मुझे उससे प्यार हो गया लेकिन मैं उस लड़की के बारे में कुछ भी नहीं जानता था परन्तु मुझे क्या मालूम था कि अब हम लोगों की बातें होने लगेंगी। कुछ दिनों बाद मुझे वही लड़की लिफ्ट में दिखाई दी मुझे वह लिफ्ट में दिखाई दी तो मैंने उससे बात की और उसने भी मुझसे बात की वह कहने लगी कि उस दिन मैं आपसे बात ना कर सकी क्योंकि मैं बहुत ज्यादा थकी हुई थी मैंने उसे कहा कोई बात नहीं। आखिरकार मुझे उस लड़की का नाम पता चल ही गया उसका नाम आकांक्षा है धीरे धीरे अब हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती होने लगी और आकांक्षा और मैं अब एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे।
उसे कभी कोई जरूरत होती तो वह मेरे पास आ जाया करती क्योंकि हम दोनों के फ्लैट एक ही फ्लोर पर थे इस वजह से वह मुझसे मिलने के लिए भी अक्सर आ जाए करती थी। आकांक्षा की रूममेट गीतिका से भी उसने मुझे मिलाया लेकिन मैं अभी तक आकांक्षा को अपने दिल की बात कह ना सका था। गौतम मुझे कहने लगा तुम्हे अपने दिल की बात बता देनी चाहिए मैंने गौतम से कहा मुझे भी लगता है कि मुझे अपने दिल की बात उसे बता देनी चाहिए लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला भी नहीं था। मेरी मुलाकत जब भी आंकाक्षा के साथ होती तो हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से बात किया करते लेकिन अभी तक मैंने अपने दिल की बात आकांक्षा को नहीं बताई थी लेकिन एक दिन आकांक्षा मुझसे मिलने के लिए मेरे फ्लैट में आई जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो उस वक्त मैं नहाने के लिए बाथरूम में जा रहा था। मैंने आकांक्षा को कहा तुम कुछ देर बैठ जाओ मैं अभी नहा कर आता हूं लेकिन जब मैं बाथरूम में गया तो मेरे मन आकांक्षा के साथ सेक्स करने का हो रहा था। मैं बिना नहाए ही बाहर आ गया जब मैं बाहर आया तो मुझे वह कहने लगी क्या तुम अभी तक नही नहाए। मैंने उसे कहा मै थोड़ी देर बाद नहा लूंगा, मैं और आंकाक्षा साथ में बैठे हुए थे। मैंने आकांक्षा की जांघ को सहलाना शुरु किया मैंने उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके होंठों को चूमना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है। वह गुस्से में जाने लगी लेकिन मैंने किसी प्रकार से आकांक्षा को रोक लिया और फिर वह मेरे पास आकर बैठी लेकिन दोबारा से मैने उसको महसूस करना शुरू किया। आकांक्षा कहने लगी क्या तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो?
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आकांक्षा ने अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ किया मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया तो आकांक्षा मुझे कहने लगी कि तुम थोड़ा आराम से मेरी चूत के अंदर लंड को डालो। जैसे ही आकांक्षा की चूत के अंदर बाहर कर रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है मैंने जैसे ही लंड को उसकी चूत के अंदर तक लंड को डाला तो आंकक्षा कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था मै उसे इतनी तेज गति से चोद रहा था वह चिल्लाए जा रही थी। वह मुझे कहने लगी मैं ज्यादा देर तक तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी। मैंने उससे कहा मुझे भी ऐसा ही लग रहा है लेकिन फिर भी मैं आकांक्षा की चूतडो पर प्रहार कर रहा था। मुझे उसको चोदने मैं बड़ा ही आनंद आ रहा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था मै उसकी चूत की गर्मी को नही झेल पाऊंगा। जैसे ही मेरा वीर्य आकांक्षा की चूत के अंदर गिरा मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया वह बडी खुश नजर आ रही थी। उसके बाद तो हम दोनों के बीच ना जाने कितनी बार सेक्स हुआ लेकिन अभी तक हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में नहीं है बस हम दोनों एक अच्छे दोस्त बनकर रह गए हैं।