कहानी के पहले भाग में आपने पढा कैसे सविता भाभी बेलन बाबा के लंड के आकर्षण से खिंची चली आईं और उनके बेडरुम में आकर भागने की इच्छा भी हुई क्योंकि उनकी चूत की आज खैर नहीं थी। वो जानती थी कि बेलन से चुदने के बाद किसी की अंतर्वासना उसके लिये नही जगने वाली। यहां तक कि कुत्ता भी नहीं पूछने वाला। फ़िर देखिए आगे वो बेडरुम में इंतजार कर रही है और बेलन बाथरुम गये हैं। आगे- तब तक बेलन बाबा बाथरुम से नहा कर आ गए। अपने हाथों में पुरानी शराब की बोतल लिए बेलन ने सविता को कपड़े खोलने का इशारा किया और भय और कामोत्तेजना में सविता के हाथ अपने बटनो को खोलते चले गए। इसे कह्ते हैं चुदाई का नशा चढना और गांड के फ़टने के डर के बावजूद बेलन का मोटा लंड लेने की तैयारी करना। बेलन ने उसे अपने साथ सोफ़े पर बैठा लिया। और दो दो जाम बनाए। सविता के दूधिये चूंचे चमक रहे थे। और बेलन ने उसके होटो को चूम लिया। सविता ने अपनी चूत अपने हाथ से ढंक लिया और अपनी गांड सोफ़े मे छुपा ली, अभी तक उसने बेलन बाबा के मोटे और बड़े लंड को देखा नही था, लेकिन उसे एक अन्जाना भय सता रहा था।और फ़िर वो सोफ़े पर बैठ कुछ स्नैक्स लेने लगे। बेलन ने दो पैग बनाए, एक सविता को थमा दिया और दूसरा अपने होटो से लगा लिया। सविता की नजर बेलन के लंड की तरफ़ ही थी कि उसे अपने हाथ में कुछ सरकता हुआ सा महसूस हुआ।
वह चौंक गई, उसने देखा कि बेलन अपने होटो से वाईन लगाए हुए है और उसका लंड सरकते हुए किसी अजगर की तरह उसके हाथ के पास आ चुका है। सविता भाभी मारे डर के उठ खड़ी हुई और बेलन ने उसे अपने एक हाथ से पकड़ कर अपने सामने कर लिया। बेलन का लंड सविता की बदतमीजी से खड़ा हो चुका था, और फ़ुंफ़कारें मार रहा था। सविता मारे डर और उत्तेजना के थर थर कांप रहा थी और उसकी चूत कांपकांप कर किसी डरी हुई छोटी बच्ची की तरह आंसू की जगह पानी छोड रही थी। एक पैग पीने के बाद भी भीगी बिल्ली बनी सविता की चूत बाबा बेलन के साढे नौ इंच के लंड जिसकी मोटाई एक साल के बच्चे के सिर के बराबर थी से इतनी सहमी हुई थी जैसे वो उसे निगलने वाला हो। सविता ने सोचा कि अगर बेलन ने यह इतना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया तो क्या होगा मेरा? क्यूं मैं इस चुदक्कड़ सम्राट पेलू बाबा बेलन के चक्कर में पड़ गयी। मन ही मन वह अपने अंदर की अंतर्वासना को कोसने लगी जिसके वश में आकर वह यहां तक आ पहुंची थी। चूत की दिन पर दिन मोटे लंड की चाहत उसे आखिरी मंजिल तक लायी थी जहां वह चुद कर अपने चूत का और गांड का फ़ासला मिटवा देने वाली थी। इस मुकाम पर बेलन बाबा उसकी चूत और गांड दोनो को फ़ाड़कर एक मिला देने वाले थे। मतलब कि उसका सत्यानाश होना ही था। अगले भाग 3 में पढिए कैसे इस छिनाल सविता को बेलन ने गिरा गिरा कर चोदा और फ़िर क्या सविता अपनी गांड बचाने में कामयाब रही? पढिए कहानी का अगला भाग्।
वह चौंक गई, उसने देखा कि बेलन अपने होटो से वाईन लगाए हुए है और उसका लंड सरकते हुए किसी अजगर की तरह उसके हाथ के पास आ चुका है। सविता भाभी मारे डर के उठ खड़ी हुई और बेलन ने उसे अपने एक हाथ से पकड़ कर अपने सामने कर लिया। बेलन का लंड सविता की बदतमीजी से खड़ा हो चुका था, और फ़ुंफ़कारें मार रहा था। सविता मारे डर और उत्तेजना के थर थर कांप रहा थी और उसकी चूत कांपकांप कर किसी डरी हुई छोटी बच्ची की तरह आंसू की जगह पानी छोड रही थी। एक पैग पीने के बाद भी भीगी बिल्ली बनी सविता की चूत बाबा बेलन के साढे नौ इंच के लंड जिसकी मोटाई एक साल के बच्चे के सिर के बराबर थी से इतनी सहमी हुई थी जैसे वो उसे निगलने वाला हो। सविता ने सोचा कि अगर बेलन ने यह इतना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया तो क्या होगा मेरा? क्यूं मैं इस चुदक्कड़ सम्राट पेलू बाबा बेलन के चक्कर में पड़ गयी। मन ही मन वह अपने अंदर की अंतर्वासना को कोसने लगी जिसके वश में आकर वह यहां तक आ पहुंची थी। चूत की दिन पर दिन मोटे लंड की चाहत उसे आखिरी मंजिल तक लायी थी जहां वह चुद कर अपने चूत का और गांड का फ़ासला मिटवा देने वाली थी। इस मुकाम पर बेलन बाबा उसकी चूत और गांड दोनो को फ़ाड़कर एक मिला देने वाले थे। मतलब कि उसका सत्यानाश होना ही था। अगले भाग 3 में पढिए कैसे इस छिनाल सविता को बेलन ने गिरा गिरा कर चोदा और फ़िर क्या सविता अपनी गांड बचाने में कामयाब रही? पढिए कहानी का अगला भाग्।