प्रतिभा के साथ कुछ सुकून के पल

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Antarvasna, hindi sex kahani: मेरी नई नई नौकरी लगी थी और मैं कुछ समय पहले की दिल्ली में रहने के लिए आया था। दिल्ली में जब मैं रहने के लिए आया तो उस वक्त मेरे दोस्त सुरेश ने मेरी मदद की और मैं खुश था। मैं कुछ समय तक सुरेश के पास ही रहा लेकिन उसके बाद मैं अलग रहने लगा। मैं अपनी जिंदगी में बहुत ही ज्यादा खुश हूं मेरी लाइफ में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है और ना ही कभी मेरे माता-पिता ने मुझे किसी भी चीज की कोई कमी महसूस होने दी। उन दोनों ने मेरी पढ़ाई में भी हमेशा ही मेरा साथ दिया और मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं दिल्ली की कंपनी में नौकरी करने लगा हूं। मैं बहुत ही खुश हूं जिस तरीके से मैं अपनी भूमिका को अच्छे से निभा पा रहा हूं। एक दिन पापा और मम्मी का फोन मुझे आया और जब उन लोगों का मुझे फोन आया तो मैंने उन्हें कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए घर आ रहा हूं। इस बात से पापा और मम्मी दोनों ही खुश हो गए और मैं जब कुछ दिनों के लिए अपने घर चंडीगढ़ गया तो वह लोग बड़े ही खुश थे।

थोड़ा समय मैं चंडीगढ़ में ही रुका और फिर उसके बाद मैं दिल्ली वापस लौट आया। मैं जब दिल्ली वापस लौटा तो एक दिन मेरी मुलाकात प्रतिभा से हुई प्रतिभा जो कि हमारे कॉलेज में ही पढ़ा करती थी उससे मेरी ज्यादा बातचीत तो नहीं थी लेकिन फिर भी मैं प्रतिभा से बात किया करता था। जब मैंने प्रतिभा से बात की तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगा और मैं इस बात से बड़ा खुश था कि मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ उस दिन अच्छा समय बिता पाए। प्रतिभा की जॉब भी कुछ समय पहले ही दिल्ली में लगी थी और उस दिन मैंने प्रतिभा का नंबर ले लिया था। हालांकि उसके काफी समय तक तो मेरी प्रतिभा से बात हो नहीं पाई थी क्योंकि मैं अपनी जॉब के चलते ही काफी बिजी था और मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं था इसलिए मैं प्रतिभा से बात नहीं कर पाया था। काफी समय बीत जाने के बाद जब मेरी बात प्रतिभा के साथ हुई तो हम दोनों ने उस दिन फोन पर काफी देर तक बात की। प्रतिभा ने उस दिन मुझे कहा कि राजेश क्या तुम फ्री हो तो मैंने प्रतिभा से कहा कि हां मैं फ्री हूं।

अगले दिन मेरी छुट्टी थी उस दिन प्रतिभा और मैंने मिलने का फैसला किया और हम दोनों जब एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा। जिस तरीके से हम दोनों की मुलाकात हुई और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताया उससे हम दोनों ही बहुत ज्यादा खुश है। मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते। हम जब भी साथ में समय बिताया करते तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता था। मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ में बहुत ही ज्यादा खुश है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताते हैं उससे हम दोनों को अच्छा लगता है। मुझे नहीं मालूम था कि प्रतिभा और मेरे बीच में अब प्यार बढ़ने लगेगा और हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगेंगे। मैं प्रतिभा को अच्छे से समझता हूं और प्रतिभा भी मुझे बहुत ही अच्छे से समझती है यही वजह थी कि प्रतिभा और मैं एक दूसरे के साथ में रिलेशन में रहना चाहते थे। मैं भी प्रतिभा के साथ रिलेशन में रहना चाहता था हम दोनों ही बड़े खुश थे हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताते तो हमे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता।

मुझे काफी अच्छा लगता था जब भी मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ में होते और एक दूसरे से मिलते। एक दिन मैं और प्रतिभा बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों ने फैसला किया कि क्यों ना हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं। मैंने प्रतिभा से कहा कि आज हम लोग मूवी देखने के लिए चलते हैं तो प्रतिभा भी मेरी बात मान गई और उस दिन हम दोनों मूवी देखने के लिए चले गए। जब हम दोनों मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया। मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ में मूवी खत्म होने के बाद कुछ देर बैठे रहे फिर मैंने प्रतिभा को उसके घर पर छोड़ दिया था। प्रतिभा अपने मामा जी के घर पर रहती है और मैं जब भी प्रतिभा के साथ में होता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था। एक दिन मुझे अपने काम के सिलसिले में कहीं बाहर जाना था तो मैंने प्रतिभा से कहा कि मैं कुछ दिनों बाद वापस लौटूंगा। प्रतिभा ने कहा कि ठीक है और उस दिन हम दोनों एक दूसरे को नहीं मिले। मैं कुछ दिनों के लिए अपने काम के सिलसिले में चला गया था। मैं जब मुंबई गया तो मुझे वहां पर कुछ दिनों के लिए रुकना था और मैं वहां पर कुछ दिनों के लिए रुका फिर मैं वापस दिल्ली लौट आया था।

जब मैं दिल्ली वापस लौटा तो उस दिन प्रतिभा से मेरी मुलाकात हुई, प्रतिभा से मेरी काफी दिनों बाद मुलाकात हुई थी इसलिए हम दोनों ही एक दूसरे को मिलकर बहुत ही ज्यादा खुश थे। मैं प्रतिभा को मिलकर बहुत ही ज्यादा खुश था और प्रतिभा भी मुझे मिलकर बहुत खुश हो गई थी। प्रतिभा और मेरा मिलना होता ही रहता था प्रतिभा भी कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ जाना चाहती थी और उसने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ जा रही हूं। प्रतिभा की मम्मी की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए उसे चंडीगढ़ जाना था और कुछ दिनों के लिए प्रतिभा चंडीगढ़ चली गई थी। मैं दिल्ली में ही था और मेरी बात प्रतिभा से फोन के माध्यम से ही हो पा रही थी हम दोनों एक दूसरे को फोन करते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। मेरी और प्रतिभा की सिर्फ फोन पर बातें हो रही थी। अब मैं प्रतिभा का इंतजार कर रहा था वह कब दिल्ली आए और हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताए। में प्रतिभा को को बहुत ही ज्यादा मिस कर रहा था लेकिन वह अभी तक वापस नहीं लौटी थी। मेरी बात प्रतिभा से सिर्फ फोन पर ही हो रही थी काफी दिनों बाद जब वह वापस लौटी तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और प्रतिभा भी बहुत ज्यादा खुश थी।

हम दोनों ने उस दिन साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया मैंने प्रतिभा को कहा मैं आज तुम्हारे साथ में समय बिताना चाहता हूं। प्रतिभा पहले भी मेरी बात नहीं मानी थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान चुकी थी और उसके बाद हम दोनों ने साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया था। जब मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ थे तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रतिभा और मेरी बीच इस तरीके से सेक्स संबध बनेगे। जब मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ थे तो हम दोनों ही दूसरे के होंठों को चूमने लगे थे। जब मैं प्रतिभा के होठों को किस कर रहा था तो वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मेरे और प्रतिभा के बीच में संबंध बन रहे थे। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरीके से बढा चुके थे। जब हम दोनों की गर्मी बढ़ चुकी थी तो मैंने प्रतिभा से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। हम दोनों बिल्कुल भी एक दूसरे की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे देखते ही प्रतिभा ने अपने हाथों में ले लिया यह पहली बार था जब हमारे बीच में शारीरिक संबंध बनने वाले थे। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा गर्म करने लगे थे।

मेरे और प्रतिमा की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। जब मैंने प्रतिभा की चूत को चाटना शुरू किया वह खुश हो गई और उसकी गर्मी बहुत ही अधिक हो चुकी थी। प्रतिभा की चूत से निकलता हुआ पानी मेरी गर्मी को बढाए जा रहा था मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाने लगा था। उसकी चूत के अंदर मेरा लंड चला गया था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था उसकी गर्मी बहुत बढ़ रही थी। मैंने देखा प्रतिभा की चूत से खून निकाल रहा है। उसकी योनि से जिस तरीके से खून निकल रहा था मेरी गर्मी को वह और भी ज्यादा बढ़ाए जा रही थी। वह इतनी ज्यादा गरम हो गई थी वह बिल्कुल भी नहीं पाया। मैंने प्रतिभा को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे। इस वजह से मैंने प्रतिभा की चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया था। जैसे ही मेरा माल प्रतिभा की चूत में गिरा तो मैं खुश हो गया था और वह भी बड़ी खुश थी। अभी भी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे।

मैंने प्रतिभा की चूतडो को अपनी तरफ करते हुए जब उसकी चूत में लंड घुसाया तो वभ बहुत जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे हैं उससे हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मैं बहुत तेजी से उसे चोद रहा था और वह भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। जब मैं और प्रतिभा एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे तो उससे हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे और मेरे धक्के और भी ज्यादा तेज हो रहे थे। प्रतिभा खुश हो जाती और मुझे कहती मुझे तुम और भी अच्छी तरीके से चोदते जाओ। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने प्रतिभा की चूत मे माल गिरा दिया था। हम दोनो खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए थे और एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा दिया था।
 
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