प्रतिमा की चूत चाटी | Hindi Sex Stories

प्रतिमा की चूत चाटी

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Jun 18, 2020.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    Antarvasna, desi kahani: मैं अपनी दुकान पर रोज की तरह सुबह पहुंचा। उस वक्त सुबह के 9:00 बज रहे थे मैं दुकान की साफ सफाई करने लगा साफ सफाई करने के बाद मैं दुकान पर बैठा और कुछ कस्टमर दुकान पर सामान लेने के लिए आए। जब वह लोग सामान लेने के लिए आए तो उसके बाद मैंने उन्हें सामान दिया और वह लोग वहां से चले गए। उस दिन मेरी काफी अच्छी बिक्री हुई थी और मैं काफी खुश था इसलिये मैं अपने घर पर देर से पहुंचा। जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो उस दिन मेरी पत्नी अपने मायके गई हुई थी मैंने उसे फोन किया और कहा कि तुम अपने मायके से कब वापस लौट रही हो तो उसने मुझे कहा कि मैं दो-तीन दिनों में वापस लौट आऊंगी। मेरी पत्नी और मेरे बीच काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है और हम दोनों की शादी को दो वर्ष हो चुके हैं हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है और हम लोग अपनी शादी से बड़े ही खुश हैं।

    मैं अपनी पत्नी प्रतिमा से पहली बार अपने चाचा जी के घर पर मिला था और उसके बाद मेरे चाचा जी ने हीं हम दोनों की शादी की बात आगे बढ़ाई। हम दोनों की शादी की बात आगे बढ़ने के बाद हम दोनों की शादी हो गई। प्रतिमा और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं और मुझे बड़ा अच्छा लगता है जब भी प्रतिमा और मैं साथ में टाइम स्पेंड करते हैं। प्रतिमा दो तीन दिनों में अपने मायके से वापस लौटने वाली थी इसलिए मैं भी अगले दिन अपने चाचा जी के घर पर चला गया। मैं जब चाचा जी से मिला तो वह मुझे कहने लगे कि कुनाल बेटा तुम हमसे मिलने के लिए आते ही नहीं हो। मैंने उन्हें कहा कि चाचा जी आपको तो पता ही है कि दुकान में कितना काम रहता है और इसी वजह से मैं आप लोगों से मिलने नहीं आ पाता हूं।

    चाचा जी को इस बात से कोई शिकायत तो नहीं थी लेकिन मुझे भी लगा की मुझे चाचा जी से मिलने के लिए आते रहना चाहिए और मैं उस दिन चाचा जी के घर पर काफी देर तक रहा। उस दिन चाचा जी ने मुझे कहा कि बेटा आज तुम हमारे घर से ही डिनर कर के जाना। मैंने भी उस दिन फैसला किया कि आज मैं चाचा जी के घर से ही डिनर कर के जाऊंगा। मैंने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था कि मुझे आने में देर हो जाएगी। मैं जब चाचाजी के घर से डिनर करने के बाद घर लौट रहा था तो मेरी पत्नी प्रतिमा का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगी कि अभी आप कहां पर हैं तो मैंने उसे बताया कि मैं अभी चाचा जी के घर से बस निकलने ही वाला हूं। प्रतिमा मुझे कहने लगी कि क्या आज आप चाचा जी के घर पर गए थे तो मैंने प्रतिमा को बताया कि हां आज मैं चाचा जी से मिलने के लिए गया हुआ था काफी समय हो गया था मैं चाचा जी को मिला भी नहीं था इसलिए मैं उनसे मिलने के लिए चला गया था।

    मैंने प्रतिमा से आधे घंटे तक बात की और उसके बाद मैंने फोन रख दिया, फोन रखने के बाद मैं अपने घर के लिए निकल पड़ा। मैं अपने घर के लिए निकला और जब मैं घर पहुंचा तो उस दिन मुझे घर पहुंचने में काफी देरी हो गई थी। घर पर सब को इस बारे में पता था कि मैं आज चाचा जी के घर पर उनसे मिलने के लिए गया हूं। अगले दिन मैं अपनी दुकान पर सुबह 9:00 बजे तक पहुंच चुका था क्योंकि दुकान में काफी ज्यादा काम बढ़ने लगा था इसलिए मुझे अब दुकान में काम करने के लिए एक लड़के को रखना पड़ा। वह लड़का हर रोज सुबह 8:00 बजे दुकान पर आ जाया करता और दुकान की साफ सफाई करने के बाद मैं और वह दुकान का काम संभाला करते। कभी कबार मैं अपनी फैमिली के साथ कहीं बाहर चला जाया करता तो रामू जो कि दुकान में काम संभालता है वही दुकान का पूरा काम संभालने लगा था और सब कुछ अच्छे से चल रहा था।

    मेरे जीवन में भी बहुत ज्यादा खुशियां थी और मैं अपनी जिंदगी से बहुत ज्यादा खुश हूँ जिस तरीके से मैं और मेरी पत्नी एक दूसरे के साथ होते हैं। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता। एक दिन मैं अपने घर जल्दी लौट आया था उस दिन मैंने देखा कि मेरी बड़ी बहन भी घर पर आई हुई है मेरी बड़ी बहन की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और वह अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत ही खुश हैं। मेरी बहन का नाम सुनीता है और वह दिल्ली में ही रहती है उस दिन वह हम लोगों से मिलने के लिए आई हुई थी। मुझे भी काफी अच्छा लगा कि सुनीता दीदी काफी दिनों के बाद हम लोगों से मिलने के लिए आई थी और सुनीता दीदी बहुत ज्यादा खुश हुई थी। मैंने जब दीदी से पूछा कि दीदी आज आप बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही है तो वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारे जीजा जी की एक विदेशी कंपनी में जॉब लग चुकी है और वह कुछ समय के बाद ऑस्ट्रेलिया चले जाएंगे।

    मैंने दीदी को कहा कि यह तो बड़ी ही खुशी की बात है और मैंने दीदी से कहा कि मैं अभी जीजा जी को फोन कर देता हूं। दीदी और मां सोफे पर बैठी हुई थी मैंने जीजा जी को फोन लगाया और उनसे मैंने बातें की और उन्हें उनकी नई नौकरी की बधाई दी तो वह बड़े ही खुश थे। जीजा जी मुझे कहने लगे कि कभी तुम घर पर मिलने के लिए आना तो मैंने उन्हें कहा हां जीजा जी मैं जरूर समय निकालकर आपसे मिलने के लिए आऊंगा। जीजा जी के पास समय नहीं रहता था इसलिए वह मुझसे मिल नहीं पाते थे लेकिन काफी समय हो गया था तो मैंने भी सोचा कि उनसे मैं मुलाकात कर लेता हूँ। मैंने उस दिन जीजा जी से कहा कि मैं जल्द ही आपसे मिलने आऊंगा और जीजा जी कुछ ही दिनों के बाद ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। जब जीजा जी ऑस्ट्रेलिया गए तो उस वक्त मैं उनको छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक भी गया था और वहीं पर हम लोगों की मुलाकात हो पाई थी।

    मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था जब मेरी मुलाकात जीजा जी से उस दिन हुई। जीजा जी कंपनी के साथ एक लंबे कांटेक्ट के लिए अब ऑस्ट्रेलिया चले गए थे और वहां से वह करीब दो वर्ष बाद लौटने वाले थे। दीदी बड़ी ही खुश थी जिस तरीके से जीजा जी की जॉब एक विदेशी कंपनी में लगी थी और अब उनके जीवन में सब कुछ बड़े ही अच्छे तरीके से चल रहा था। दीदी हम लोगों से मिलने के लिए अक्सर घर पर आ जाया करती थी और जब भी दीदी हम लोगों से मिलने के लिए आती तो हम लोगों को बड़ा ही अच्छा लगता। मेरी पत्नी प्रतिमा और सुनीता दीदी के बीच बहुत ही अच्छी बातचीत है उन लोगों की काफी अच्छी बनती है जिस वजह से मुझे भी बड़ा अच्छा लगता है। जब भी दीदी हमसे मिलने के लिए घर पर आया करती हैं और जब भी वह घर पर रूकती हैं तो सब लोग बड़े ही खुश रहते हैं। मैं प्रतिमा को बहुत प्यार करता हूं। एक दिन हम दोनो मूवी देखकर घर लौटे तो उस दिन मैंने प्रतिमा के कंधे पर हाथ रखा और प्रतिमा को अपनी बाहों में ले लिया।

    वह मेरे लंड को अपने हाथों में लेने लगी उसने मेरे लंड को जब अपने कोमल हाथों में लिया तो मैं बहुत ज्यादा गर्म होने लगा था और मैंने उससे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में समा लो। उसने मेरे लंड को अपने मुंह में समा लिया और वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। जब उसे मजा आने लगा तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और वह बड़े अच्छे से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी जिस से कि मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी। वह काफी ज्यादा गरम हो चुकी थी मैंने उसे कहा तुम अब अपने कपड़ों को उतार दो। उसने अपने कपड़ों को उतार दिया वह मेरे सामने नंगी थी। उसके नंगे बदन को देख कर मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया मैं उसकी चूत के अंदर उंगली डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी चूत मे उंगली नहीं जा रही थी वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मुझे उसके स्तनों को चूसने में बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था वह इतनी ज्यादा गरम हो गई थी वह एक पल के लिए भी रह नहीं पा रही थी। जिस तरीके से मैं उसके बदन की गर्मी को महसूस कर रहा था मुझे मजा आता।

    मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया और उसे चोदना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। मै उसकी चूत को चाट रहा था और मै उसकी गर्मी को बढ़ाए जा रहा था हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढा रहे थे लेकिन जब मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को लगाकर अंदर डालने की कोशिश की तो वह मचलने लगी। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत के अंदर डाला तो मेरा लंड उसकी चूत में चला गया। मेरे लंड पर तेल लगा हुआ था इस वजह से मेरा लंड चिकना हो चुका था। उसकी चूत की चिकनाई भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जिस तरीके से मैं और वह एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले गए थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ अच्छे से दिया मेरा लंड प्रतिमा की चूत के अंदर जा रहा था। मेरा लंड उसकी योनि में अंदर बाहर होता तो वह बहुत तेजी से चिल्ला रही थी और मुझे भी अच्छा लग रहा था। हम दोनों ने काफी देर तक सेक्स किया।

    मेरा माल उसकी चूत में गिरती ही मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था वह मुझे कहनी लगी आज मजा आ गया। उसकी चूत से खून निकल रहा था उसकी चूत के अंदर से काफी ज्यादा खून निकल रहा था मैंने उसे कहा मैं तुम्हे दोबारा चोदना चाहता हूं। मैंने उसकी चूतड़ों को अपनी तरफ किया और उसे डॉगी स्टाइल पोजीशन में बनाते ही मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया था। जब उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड होता तो मुझे प्रतिमा को चोदने में बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा ले रहे थे तो मैंने प्रतिमा को कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी मै उसकी चूतडो पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था। मै जिस तेज गति से उसकी चूतड़ों पर प्रहार कर रहा था उस से वह मुझे कहती मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा है। मैं उसे बड़ी तेजी से चोदता जा रहा था वह अब इतनी गरम हो चुकी थी मेरा माल उसकी चूत में गिरने को था जैसे ही मैंने अपने माल को उसकी चूत में डाला तो वह खुश हो गई और मुझे भी बड़ा अच्छा लगा।
     
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