प्रोफेसर के साथ कॉलेज गर्ल का सेक्सी रोमांस

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(Professor Ke Sath College Girl Ka Sexy Romance)

COllege Sex, Sexy College Girl, Hindi Sex Story, मेरा नाम नव्या है मैं कॉलेज में पढ़ने वाली स्टूडेंट हूं, मेरी उम्र 19 वर्ष है और मैं मुंबई में रहती हूं। मेरे पिताजी भी हमारे कॉलेज में ही प्रोसेसर हैं इसलिए मैं हमेशा ही उनके साथ कॉलेज जाती हूं। मेरे कॉलेज में मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, उनमे से कुछ दोस्त मेरे स्कूल टाइम से हैं। मेरा कॉलेज का यह दूसरा वर्ष है, मेरे जितने भी दोस्त हैं वह सब मुंबई के ही रहने वाले हैं। वह लोग बहुत ही अच्छे हैं और उनमें से कई लोग मेरे घर पर भी आते हैं उन्हें यह भी पता है कि मेरे पिताजी भी इसी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। हमारे कॉलेज में इस वर्ष एक नए प्रोफेसर आए हैं, उनका नाम दीक्षित है। दीक्षित सर हमें भी क्लास में पढ़ाते हैं, वह बहुत ही अच्छे हैं और उन्हें मेरे बारे में भी पता है कि मेरे पिताजी इसी कॉलेज में पढ़ाते हैं इसीलिए मेरी और उनकी अक्सर बात हो जाती है। Professor Ke Sath College Girl Ka Sexy Romance.

उनके पढ़ाने का तरीका भी बहुत अच्छा है, वह बहुत ही प्यार से हर चीज को समझाते हैं और बहुत ही अच्छे से सब बच्चों से बात करते हैं। मैंने उन्हें कभी भी किसी पर गुस्सा होते हुए नहीं देखा, उनका स्वभाव मुझे बहुत अच्छा लगा। दीक्षित सर और मेरे पिताजी के बीच में भी अच्छी दोस्ती हो गई हालांकि वह उम्र में उनसे काफी छोटे हैं लेकिन उसके बावजूद भी वह कई बार हमारे घर पर आते हैं। जब भी वह हमारे घर पर आते हैं तो हमेशा ही मेरी पढ़ाई के बारे में जरूर पूछते हैं।

एक दिन मैं दीक्षित सर के साथ बैठी हुई थी, उनसे मैं पूछने लगी की क्या आपकी शादी हो चुकी है, वह कहने लगे कि हां मेरी शादी हो चुकी है, मेरी शादी पिछले वर्ष की हुई है। मैंने उनसे पूछा कि आप की पत्नी कहां रहती हैं, वह कहने लगे कि मेरी पत्नी दिल्ली में रहती हैं। दीक्षित सर दिल्ली के ही रहने वाले हैं वह मुंबई में किराए के घर में रहते हैं, मुझे यह बात उसी दिन ही पता चली थी यदि मुझे कभी भी किसी प्रकार की कोई आवश्यकता होती तो मैं दीक्षित सर से कह देती थी, वह हमेशा ही मेरी मदद करते थे।

उन्होंने मेरे नोट्स बनाने में भी बहुत मदद की और वह हमेशा ही मुझे काफी मदद करते रहते थे इसी वजह से मैं हमेशा ही उनकी रिस्पेक्ट करती हूं। एक बार हमारे कॉलेज में हमारी क्लास के बच्चे अपने सीनियरो को पार्टी देने वाले थे इसलिए सब बच्चों ने आपस में पैसे कलेक्ट कर लिए, उसके बाद उन लोगों ने हमारे सीनियर को पार्टी देने की सोची क्योंकि यह उनका आखिरी बर्ष था, इसीलिए हम लोगों ने यह डिसाइड किया कि हम किसी अच्छे होटल में उन लोगों को अपनी तरफ से पार्टी देंगे। हम लोगों ने एक होटल में हॉल बुक कर लिया, उसके बाद हम लोगों ने अपने सीनियर को बता दिया और अपने टीचरों को भी हम लोगों ने वहां पर इनवाइट किया। "Professor Ke Sath College"

हम लोगों ने कुछ प्रोग्राम भी रखे थे और सब लोग बहुत ही खुश थे। जब हम लोग उस पार्टी में गए तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मेरे सीनियर से भी बहुत अच्छे रिलेशन थे। वह मुझे भी बहुत अच्छा मानते थे, उनमें से कई लड़कियां तो मेरी अच्छी दोस्त भी बन चुकी थी। हमारे क्लास वालों ने बहुत ही अच्छे से अरेंजमेंट करा था। मेरे पिताजी भी उस पार्टी में आए हुए थे और हम लोगों ने उसमें अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम रखे हुए थे, कुछ बच्चों ने गाना गाया तो कुछ बच्चों ने उसमें डांस किया। हमारे सीनियर भी बहुत खुश हुए लेकिन जब हमारे टीचर वहां बैठे हुए थे तो सब लोग घबरा रहे थे, जब हमारे टीचर चले गए तो उसके बाद सब लोग खुलकर डांस करने लगे और सब लोगों ने उस दिन जमकर मस्ती की। दीक्षित सर भी उस पार्टी में आए हुए थे, वह काफी देर तक वहां पर रहे।

वह हम लोगों को बहुत सपोर्ट कर रहे थे और सबसे लेट में वही हमारी पार्टी से गए। उन्होंने भी हमारे साथ डांस किया, मुझे बहुत अच्छा लगा जब वह डांस कर रहे थे। अगले दिन जब हम लोग कॉलेज गए तो दीक्षित सर मुझे मिले और कहने लगे कि कल तुम लोगों ने बहुत ही इंजॉय किया, मैंने उन्हें कहा कि हां कल हम लोगों ने बहुत इंजॉय किया, कल आप भी बहुत अच्छा डांस कर रहे थे। वह कहने लगे कि मुझे डांस का काफी पहले से ही शौक था और मैं कभी भी डांस का कोई मौका नहीं छोड़ता। उसके बाद दीक्षित सर अपनी क्लास पढ़ाने चले गए। हम लोग भी जल्दी घर चले गए, जब मैं घर गई तो मुझे दीक्षित सर का फोन आया वह कहने लगे कि तुमने मुझे कुछ नोट्स के लिए कहा था वह तुम मुझसे आकर ले लेना। मैंने उन्हें कहा कि मैं कल आपसे वह नोट्स ले लेती हूं।
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मुझे बिल्कुल भी याद नहीं था कि मैंने दीक्षित सर से कुछ नोट के लिए कहा हुआ है। मैंने सर से कहा कि मैं कुछ देर बाद घर से निकलूंगी तो मैं आपसे वह नोट्स ले लूंगी। वह कहने लगे ठीक है जब तुम मेरे घर की तरफ आओ तो मुझे फोन कर देना। मैं शाम को दीक्षित सर के घर की तरफ से गई और मैंने उन्हें फोन कर दिया, वह कहने लगे मैं अभी कहीं बाहर आया हुआ हूं, 10 मिनट बाद मैं घर पर पहुंच जाऊंगा। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं 10 मिनट तक आपके घर के बाहर ही आपका इंतजार करती हूं। मैं अब उनका इंतजार कर रही थी और कुछ देर बाद दीक्षित सर आ गए। जब दीक्षित सर आए तो वह कहने लगे कि मेरी वजह से तुम्हें इंतजार करना पड़ा आओ तुम घर के अंदर बैठो मैं तुम्हें कुछ चीज खिलाता हूं। वह मुझे अपने साथ अपने घर ले गए उन्होंने गरमा गरम समोसे मुझे दिए जब मैं वह समोसा खा रही तो मैं उन समोसा को देख कर हंसने लगी। दीक्षित सर मुझसे पूछने लगे तुम इन समोसो को देख कर क्यों हंस रही हो। मैंने उन्हें कहा कि मुझे कुछ बात याद आ गई। उन्होंने मुझसे पूछा तुम्हें कौन सी बात याद आई मैंने उन्हें कहा कि एक बार हम लोगों ने बचपन में अपने स्तनों पर समोसे रखे हुए थे और हमने उसके ऊपर ब्रा पहनी हुई थी उस समय मेरे स्तन इतने बड़े नहीं थे। "Professor Ke Sath College"

जब यह बात दीक्षित सर से मैने कही तो उनका मूड खराब हो गया वह मेरे पास आकर बैठ गए और मेरी जांघ को सहलाने लगे। उन्होंने मेरी जांघ को इतने अच्छे से सहलाया कि मेरी योनि से पानी बाहर निकलने लगा और मैंने भी उनके होठों को किस कर लिया। मुझे उनके होठों को किस करने में बड़ा अच्छा लग रहा था और मै उनको किस कर रही थी। यह मेरा पहला ही मौका था जब मैंने किसी को किस किया था। जब उन्होंने अपने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाला तो मुझे पहले बहुत बदबू आ रही थी लेकिन बाद मे मुझे अच्छा लगने लगा मैं उनके लंड को अपने गले तक लेने लगी। उन्होंने मुझे नंगा किया और बहुत देर तक उन्होंने मेरी चूत को चाटा जिससे की मेरी चूत गीली हो चुकी थी।

उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत पर टच किया तो मेरे शरीर से एक अलग ही प्रकार का करंट निकलने लगा। जब उन्होंने धक्का मारते हुए मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मैं चिल्लाने लगी और मुझे बहुत दर्द होने लगा। उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा हुआ था वह मुझे कह रहे थे यह बस कुछ देर का दर्द है उसके बाद तुम्हें भी अच्छा लगने लगेगा लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मेरी योनि से खून भी बड़ी तेजी से बाहर निकल रहा था। "Professor Ke Sath College"

उन्हें मुझे धक्के मारते हुए समय हो गया मुझे भी अब अच्छा लगने लगा था और मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकल रही थी और मेरी गर्म गर्म सांसे जब उनके मुंह से टकराती तो वह मुझे और भी तेज तेज धक्के मारते मैं अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी। वह पूरे मूड में थे और कहने लगे कि मुझसे बिल्कुल भी तुम्हारी टाइट चूत की गर्मी नहीं झेली जा रही है। जैसे ही उनका माल मेरी योनि में गिरा तो उन्होंने मेरे स्तनों को बड़े तेजी से दबाया और उसके बाद उन्होंने अपने माल को मेरी योनि के अंदर गिरा दिया। जब उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत से निकाला तो मेरी योनि से खून निकल रहा था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। उसके बाद से तो दीक्षित सर मेरी चूत के दीवाने हो गए और उसके बाद ना जाने कितनी बार उन्होंने मेरी योनि के मजे ले लिए है। "Professor Ke Sath College"
 
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