प्ले बॉय के दर्द का कठिन सफर | Hindi Sex Stories

प्ले बॉय के दर्द का कठिन सफर

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Jun 18, 2020.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    हाई दोस्तों,

    मैं आपको अपने बारे में क्या बताऊँ बस यही मेरी सबसे बड़ी पहचान है की मैं बहुत बड़ा प्ले - बॉय हूँ मैं ह्य्देराबाद मैं एक नेहा - फ्रेंडशिप के नाम पर चल रहे रंडीबाजी के दूर - दराज के नेटवर्क यानि गोरख - धंधे के लिए काम भी करता हूँ | मुझे मेरी इसी चुदाई के लम के पैसे हर महीने मिलते है और अब तो मेरी कंपनी को बहुत ज़रूरत है क्यूंकि मैं अब सभी आंटी की किट्टी पार्टी की ज़रूरत सा बन गया हूँ | यूँ समझ लो की मेरे ही नाम से अब मेरी इस कंपनी को सब जनता है क्यूंकि मेरे ओरतों और लड़कियों को रिझाने और चुदाई से पहले तैयार करने का ढंग की कुछ मसलदार और अतरंगी है | मैं अक्सर ही सभी आंटी या लौंडिया के साथ उनके साथ जब अकेले में मिलता हूँ तो अपने आपको पूरी तरह से उनकी चुत का यमराज बना लेता हूँ |

    इसी वजह से एक दिन मेरी कंपनी को एक किट्टी - पार्टी के लिए कुछ आंटियों की भारी रकम में स्पेशल ही मांग की गयी और मैं समझ गया की इस बार कुछ मेरे साथ ही अलग होने वाला है है यूँ कहो अतरंगी | मेरी गांड भी फट रही थी की किसी बहाने इतनी सारी आंटी मिलकर मेरा खून क ना करदे या मेरा लंड की काट कर अलग ना कर दे क्यूंकि मैं मैं ही जनता हूँ की मेरा इकलौता लंड ही मेरी कमई का जरिया है | मैं वहाँ गया तो कुल ५ आंटियां ३० से ३५ की उम्र के बीच मस्त - मौला बैठी हुई थी और वहाँ दारु और बीअर पीते हुए मुझे कामुक मुस्कान दे रही थी | मैंने जाते ही पहले कई देर तो उनके सामने कामुक नाच किया जिसके बाद वो मुझे नंगा होने की मांग करने लगी |

    दोस्तों मैं कुछ ही देर में उस पार्टी में अपनी इकलौती चड्डी में आ चुकी था और अब आंटियां गाने पर थिरकती हुई मेरे करीब आकार मुझसे लिपट जाती और कोई तो मेरा लंड भी छूकर चली जाती | इतने में अब आंटी ने भी अपने कपड़ों को उतारना चालू कर दिया | मुझे उनके केवल ब्रा , पैंटी और कुछ को नागी अपने सामने देखकर रुका ना जा रहा था पर मैंने अपने उप्पर काबू पाया | थोड़ी देर में मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरी चड्डी पर उभार आने लगा जिससे सभी ने मेरी चड्डी को भी उतरवा दिया | गांड चली रहा था की एक आंटी आई और घुटनों के बल झुककर अपने मुंह को खोल दिया | मैंने भी अपने लंड को उनके मुंह में दे दिया और उनके चुचों को मसलने लगा |

    इतना हुआ की सभी आंटी बारी - बारी मेरे करीब आती चली गयी और कोई पीछे से अपनी गांड मिलाती तो कोई मेरी गांड को भींचने लग जाती | कुछ देर बाद आंटी ने वहीँ बिस्तर पर लेट गयी और मुझे अपने और बुलाया जिसपर मैंने भी जाते हुए अंटी की टांगों को खोल उनकी चुत में जीभ डालने लगा तो पीछे से दूसरी आंटी मेरी छाती को चूमती तो कोई मेरे लंड को नीचे से चूस रही थी | इसी दौरान मैं २ - ४ बार तो झड ही चूका था | मैं अब आंटियों के उप्पर चडना शुरू कर दिया और उनकी मोटी चुत में बारी लंड को घुसना शुर कर दिया जिसपर दूसरी आंटियां मेरी गांड पर थूक लगाकर चाटने लगती तो कोई एक - दूसरे से ही लिपट जाती | उस दिन मैं पूरी रात सभी को संतुष्ठी पहुंचाने के चक्कर में सारी आंटियों को चुत को चोदता रहा और सुबह जाकर अपने घर पहुंचा तो अपने गोत्टों में हो रहे दर्द को ही लेकर बैठा रह गया |
     
Loading...