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Padosan bhabhi ki pyari aur pyasi chut - Desi sex kahani

हाई फ्रेंड्स, मैं अरविन्द आप लोगो के पास एक नयी कहानी ले कर हाजिर हुआ हु. ये मेरी पहली कहानी है. ये घटना एक सच्ची घटना है. जिनको मेरे बारे में नहीं पता है उनको मैं बता देता हु, कि मेरा नाम अरविन्द है और मैं चंडीगढ़ से हु. मुझे घूमना पसंद है और लड़कियों से फ़्लर्ट करना भी. मेरी उम्र २२ साल है और मेरी हाइट लगभग ६ फिट है. अब मैं ज्यादा ना पकाते हुए कहानी पर आता हु. बात उन दिनों की है, जब मैं चंडीगढ़ नया - नया आया था और एक फ्लैट ढूंढ रहा था. बाई लक, एक अच्छा फ्लैट रेंट पर मिल गया, गुड एरिया भी था और मैं जल्दी से वहां पर शिफ्ट हो गया.

वहां पर कुछ दिन बाद पता चला, कि मेरे बगल वाले फ्लैट में एक फैमिली रहती है और बस हस्बैंड - वाइफ है और उनके हस्बैंड जॉब की वजह से अक्सर बाहर ही रहते है, ये मुझे कुछ दिन बाद पता चला. स्टार्टिंग में, मैं भाभी से बातें नहीं करता था. डरता था, कि कोई गड़बड़ ना हो जाए और इतना अच्छा फ्लैट मेरे हाथ से ना निकल जाए. बड़ी मुश्किल से इतना अच्छा फ्लैट मिला था और इतना अच्छा फ्लैट इतनी आसानी से मिलता भी नहीं था. एक दिन की बात है, कि आफ्टर माय क्लास मैं जब फ्लैट पर आया और अपनी बाइक पार्किंग में लगा रहा था, तो अचानक से वो भाभी आई और मुझे हेल्प के लिए कहा. उन्होंने कहा, मुझे पूजा के लिए कुछ सामान मंगवाना है. क्या तुम मार्किट से ला दोगे?

मैंने हाँ में सिर हिला दिया. मैंने कहा - भाभी बस मैं फ्रेश हो लु और लंच कर लु. फिर ला देता हु. भाभी ने ओके कहा और कहा, ठीक है. लेकिन ज्यादा देर मत करना. फिर मैं ३० मिनट में निकल गया और सामान खरीद में २ घंटे लग गए. मैं जब वापस आया, तो भाभी बोली - इतना लेट कर दिया. अभी सब रेडी करना है. मैंने उनको सॉरी कहा और निकल गया वहां से. नेक्स्ट डे सुबह, जब मैं रेडी हो रहा था. तो पॉकेट चेक करके याद आया. कि मैंने उनको बचे हुए पैसे तो वापस ही नहीं किये थे. मैंने रेडी हो कर भाभी के घर गया और डोरबेल बजायी. भाभी बोली - तुम सुबह - सुबह यहाँ? मैंने कहा - वो आप के पैसे वापस करने थे.

भाभी बोली - मुझे तो लगा, कि तुमको पैसे कम पड़े होंगे और तुम्हे और देने पड़ेंगे. मैंने तुमको बुलाने ही वाली थी. मैंने कहा - नहीं और उनको पैसे देने लगा. जैसे ही मैं जाने के लिए मुड़ा, वो बोली - कहा चल दिए? चाय तो पीते जाओ. सुबह - सुबह का टाइम था. इसलिए मैंने चाय पीने के लिए हाँ कर दी. मैं ड्राइंगरूम में बैठ गया और न्यूज़पेपर पढ़ने लगा. इतने में वो २ कप चाय ले कर आ गयी और जब उन्होंने नीचे झुक कर चाय के कप नीचे टेबल पर रखे, तो मुझे उनकी क्लीवेज नजर आने लगी, उनकी सलवार की वजह से. उन्होंने नोटिस कर ली और दुपट्टा ठीक कर लिया और साथ में ही बैठ गयी. फिर उन्होंने मुझको पूछा, कि कहाँ पढ़ते हो?

मैंने कहा, हाँ भाभी. कोचिंग कर रहा हु. उसने बोला - समझ में आता है ना सब, क्लास में? मैंने कहा - हाँ भाभी. उसने कहा - धयान से पढ़ो. वरना लाइफ इतनी आसान नहीं है. सरवाइव करने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती है आजकल. मैंने उनको कहा - जी हाँ. जरूर करूँगा. फिर मैंने उनको पूछा - आप कहाँ से पढ़े हो भाभी? उसने एक ठण्डी आह भरी और बोली - वैसे तो एमसी की है, लेकिन सब बेकार है. मैंने कहा - कोई ना. अपने बच्चों को तो पढ़ा ही सकती है कम. वो बोली - कोई भी प्रॉब्लम हो, तो मुझे बताना. मैं हेल्प कर दूंगी. वैसे भी मैं दोपहर के बाद, घर में बोर ही होती हु. मैं कहा - जी. अब मैं चलता हु, क्लास है. उसने ओके कहा बाई बोल कर कहा, तुम मुझे अपना नंबर दे दो, कभी जरूरत पड़ी तो.

मैंने अपना नंबर दे दिया और आ गया क्लास में. उसके बाद मेरी भाभी से व्हाट्सएप पर बातें होने लगी. पहले तो केवल पढाई के बारे में और फिर धीरे - धीरे जोक्स भी. फिर मैं उनके और भी करीब आ गया और फिर एक दिन भाभी ने कहा - आज रात को डिनर मेरे घर करना. मैंने भी हाँ कर दी. मैं रात को अच्छे से नहा कर और तैयार हो कर भाभी के घर गया और उनके लिए फ्लावर और चॉकलेट भी ले ली. मैंने डोरबेल बजायी. तो भाभी के हस्बैंड ने डोर खोला. मैंने उनको हेलो बोला और अंदर आ गया. भाभी आई और बोली - तुम १० मिनट बैठो और बातें करो. इनको निकलना है अभी. इनका खाना पैक कर दू.

मैंने कहा - ओके भाभी. मैं बैठ कर टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद भाभी आई और हम साथ बैठ कर टीवी देख रहे थे. उन्होंने कहा - उनके पति को अचानक से किसी काम से डेल्ही जाना है और ट्रैन अभी है. सो सॉरी तुम्हे वेट करना पड़ेगा. मैंने कहा - ओके भाभी. मैंने उनको फ्लावर और चॉकलेट दिए, तो वो मुस्कुराने लगी और उन्होंने मुझे थैंक यू बोला. फिर हम ऐसे ही इधर - उधर की बातें करने लगे. कुछ पढाई की, कुछ फैमिली की. फिर मैंने उनको पूछा, कि आप से एक पर्सनल बातें पुछु, अगर आप गुस्सा न हो तो? भाभी ने बोला - नहीं, नहीं. तुम पूछो. मैंने उनको पूछा - आप की शादी को कितनी साल हो गए? उन्होंने बोला - ४ साल.

फिर भाभी ने कहा - शादी के लिए पूछने में, मैं ग़ुस्सा क्यों होंगी? मैंने फिर से कहा - एक बात और पुछु? उन्होंने कहा - हाँ - हाँ पूछो, डरो मत. मैंने कहा - आप की शादी को इतने साल हो गए और कोई बच्चा नहीं? भाभी एकदम से चुप हो गयी. मुझे लगा, कि मैं कुछ गलत पूछ लिया.मैंने उनको सॉरी बोला. उनकी आँखों में आंसू आ गए थे. मैंने उनको कहा - भाभी, आई एम रियली सॉरी. आपकी पर्सनल बात नहीं पूछनी चाहिए थी. मुझे आपको हर्ट करने का मन नहीं था. भाभी बोली - मेरी जिंदगी मैं बहुत दुःख है. बस जी रही हु मैं. तुम्हारे भैया कोई दिल्ली नहीं गए है, वो मेरी सौतन के साथ एेयाइशी करने गए है. वो मुझसे कोई बच्चा नहीं चाहते है. मेरी आँखे तो एकदम चौडी हो गयी और मैंने उनको पूछा - आप को ये सब कैसे मालूम?

भाभी ने कहा - मैंने उनका फ़ोन चेक किया था. शक तो मुझे उनके ऊपर पहले से ही था. लेकिन अब कन्फर्म हो गया है. उसने बोला - चलो छोड़ो ये सब बातें. मैंने उनकी आँखों में से आंसू पूछे और उनकी बैक पर हाथ रख कर कंसोल करने लगा. मैं उनको दिलासा दे रहा था और उनको चुप करवाने की कोशिश कर रहा था. मैंने उनको कहा - रोना बंद कीजिये अब. चलिए खाना निकालिये अब. बहुत भूख लगी है. भाभी बोली - चलो मुझे भी भूख लगी है. साथ में खाना खाते है. हम साथ में खाने बैठ गए और पहला निवाला मैंने अपने हाथ खिलाया और कहा - देवर ही समझ कर खा लीजिए.

उन्होंने माइंड नहीं किया और खा लिया. फिर उन्होंने मुझे भी खिलाया और फिर हम ने अपना - अपना डिनर खत्म किया. जब मैं जाने लगा, तो भाभी ने कहा - आज रात यहीं रुक जाओ. वैसे भी कल संडे है. कल तुम्हारी क्लास तो है नहीं.

मैंने कहा - चलो ओके. मैं चेंज कर के आता हु. मैं जल्दी से फ्लैट में गया और चेंज कर के आ गया. फिर हम ने गेम खेली और सोने के टाइम मैंने कहा, कि मैं बाहर सोफे पर सौ जाता हु. भाभी ने कहा - क्यों मैं अपने छोटे देवर के साथ नहीं सो सकती? मैंने कहा - क्यों नहीं सो सकती. फिर हम दोनों बैडरूम में सोने चले गए. वो गिलास में कुछ ले कर आई और कहा - पी लो. अच्छे से नींद आएगी. मैंने पी लिया. टेस्ट अच्छा था. मैंने जल्दी से गिलास खत्म लिया और लिफ्ट ऑफ कर के दूसरी तरफ मुंह कर के सोने लगा.

थोड़ी देर बाद, मैं टॉयलेट कर ने के लिए उठा; तो देखा, उनकी नाइटी ऊपर उठी है और उनकी टाँगे दिख रही है. मैं टॉयलेट कर के आया और बेड पर लेटे - लेटे हिलाने लगा. मुझे लगा, कि भाभी जाग रही थी. सो मैं लण्ड अंदर कर लगा. वो बोली - क्या हुआ? बाहर ही निकाल करो ना. मेरी तो फट के हाथ में आ गयी. मैंने डरते हुए कहा - भाभी. उस ने बोला - ज्यादा भोले मत बनो. उन्होंने एकदम से मेरे लण्ड को बाहर निकाल लिया और बोली - क्या मस्त लण्ड है. कब चोदेगा मुझे? एकदम से उन्होंने मेरे लण्ड को अपने मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह से चूसने लगी. मेरी हालत ख़राब हो रही थी. पता नहीं क्यों, मेरा माल निकल ही नहीं रहा था.

फिर मैंने भाभी को लिटाया और उनकी नाइटी को उतार दिया. उनकी चूत एकदम साफ़ थी और मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और लिक करने लगा. कोई ३० मिनट तक लिक करने के बाद, मैं उनको किस कर रहा था बूब्स दबाने लगा. भाभी तब तक एक बार झड़ चुकी थी. उन से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा - अब रुका नहीं जा रहा है. बरदाश्त नहीं हो रहा है. डाल दो अंदर. साला वो भड़वा तो चोदता ही नहीं है. अब तू ही मेरी प्यास बुझ दे. फिर मैंने उन को २० मिनट से ज्यादा चोदा, लेकिन मेरा माल निकल ही नहीं रहा था. तभी भाभी ने बोला - देखा कमाल वाइग्रा का. मैंने कहा - उस ड्रिंक में वाइग्रा था. मतलब आप मुझ से चुदवाने के मूड में थी.

उस ने कहा - यस. इसलिए तो मैंने तुम्हे डिनर पर बुलाया था. अब चोदो मुझे. मैंने उनकी पूरी रात में ३ बार चुदाई की. फिर हम नंगे ही सो गए और सुबह फिर से मैंने उनको चोदा. मैं उनको अभी भी चोदता हु और वो भी मुझ से मजे ले कर चुदवाती है. हम दोनों रोज़ाना मजे लेते है.
 
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