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हाई दोस्तों,

मेरा नाम ऋषि हे और मैं कॉलेज में पढ़ रहा हूँ | मेरे क्लास में एक लड़की पढ़ती थी जिसका नाम रेशमा हे | वो मुझे पसंद करती थी, क्युकी में आमिर घर का था और वो मिडल क्लास की थी | मेरे जन्मदिन पे वो मुझे फोन की और मिलने के लिए बोली, मेने उसे कॉलेज के गेट पे मिलने को कहा और वो शाम को समय पे पहुच गयी थी | मैं अपनी बैक लेके वह पहुच गया और उसे पीछे बिठा लिया और वह से निकल पड़ा अपने फार्म हॉउस की तरफ | वो पहुच के मेने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उसे लेके अपने कमरे में चला गया | वह वो मुझसे प्यारी प्यारी बैटिं करने लगी पर मुझे पता ही था की उसकी नजर मेरे बाप के पैसों पे हे | मैं भी मीठी मीठी बातें करने लग गया और उसके गोद पे सर रख के लेट गया |

वो मेरे सिने पे हाथ फेर रही थी टी शर्ट के अंदर से और मेरा लंड अंदर ही अंदर तन रहा था | मेने उसके सर कको पकड़ के निचे किया और किस करने लग गया, वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर मेने उसको बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर चड गया और फिरसे उसके होठो का रस पिने लग गया | वो मस्त में मेरा साथ दे रही थी और कुछ देर के बाद मैं उठा और अपने कपडे उतार दिया और सिर्फ चड्डी में उसके सामने खड़ा हो गया | वो भी बिस्तर पे खड़ी हुई और अपे सारे कपड़े उतार दी और सिर्फ पेंटी में लेट गयी, ब्रा भी उतार दिया दी वो | उसके मस्त मस्त चुचे देख के में पागल हो गया और सीधे कूद पड़ा उसपे | उसका जिस्म काफी गर्म था और मुझे काफी मजा आ रहा था उसपे लेटने में |

मैं उसके होठो को चूसते चूसते उसके चुच्चो पे आ गया और उसके मम्मे दबा के उसके निप्पल को चूसने लग गया, वो एक दम से सिसकिय भरने लगी और अपनी छाती को उठाने लग गयी | मैं काफी देर तक उसके चुच्चो को दबाते रहा और निप्पल चूस चूस के लाल कर दिया | मैं फिर उसकी चुत की तरफ बड़ा और उसकी पेंटी के उपर से उस्किक हट को काटने लगा, वो पहले भी एक बार झड चुकी थी और जब मेने उसकी चुत को काटना शूर कर दिया तब वो एक बार फिरसे झड गयी | मेने उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चिकनी चुत को चाटने लगा, वो एक दम कसमसा उठी और कराहने लग गयी अह्ह्ह्ह्ह आई एस करने लग गयी वो | मैं उसकी चुत को कस कस के चाटने लग गया और वो तड़पने लगी |

मेने उसकी चुत के पंखडियो को खोल दिया और छेद पे जीभ घुमाने लग गया, वो अब खुजली के कारण तड़पने लग गयी | वो बोली की खुजली मिटा दे वरना में मर जाउंगी, मेने उसकी टांगो को खोल दिया और लंड रगड़ने लग गया ताकी में उसे और तडपा सकू और फिर मेने धीरे से उसके छेद में लंड डाल दिया | वो चीख उठी पर मेने उसके दर्द की कोई चिंता नही की और लगातार धक्का देता रहा उसकी चुत पे और मेरा लंड उसके चुत को चीरता हुआ अंदर जाता रहा | वो दर्द से रो रो के बुरा हाल कर दी पर मेने थोडा सा भी रहें नही किया, क्युकी उसकी नजर मुझपे नही मेरे पैसों पे थी | अंत में मेरे लंड ने उसकी चुत की गहराई को छू दिया, मैं वही पे रुक गया और और फिर अपने लंड को खीच लिया और फिरसे अंदर दे मारा |

मेरा लंड खून से सना हुआ था और फिर मैं कस कस के धक्के देने लगा,करीब पाँच मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ तो वो सिसकिय भरने लगी और फिर कराहने लग गयी और अपने मम्मो को मसलने लग गयी | वो जोर जोर से चीख चीख के बोल रही थी और और जोरसे करो आह्हह्ह आईई एस्स बहुत मजा आ रहा हे और कर कर कर जोर जोर से पूरा घुसाड दे अह्ह्ह किये जा रही थी | मेने अपनी रफ़्तार पूरी कर दी और उसकी टांगो को खोल के कस कस के पेलने लग गया | करीब चालीस मिनट तक में पेला और वो एसी बिच तिन बार झड गयी और फिर मैं भी उसी के चुत में झड गया | झड़ने के बाद मैं उसी के उपर लेट गया और फिर आधे घंटे बाद उठा तो वो मुझे चूमने लगी और फिर मेने उसकी गांड भी मारी |
 
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