फ्लैट की इंडियन पड़ोसन बनी कुतिया

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आज मैं आपको इंडियन पडोसन की चुदाई की कहानी जा रहा हूँ बिलकुल उतनी ही दिलचस्पी के साथ जितनी दिलचस्पी से मैंने उसकाकांड किया था | मैं ४ साल से उस फ्लैट में रह रहा था और यह सोचकर परेशान था की साला एक भी माल लड़की नहीं है मेरी बिल्डिंग में | पर पता नहीं कैसा चमत्कार हुआ की एक दिन एक परिवार उस बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ और जिसकी एक बेटी थी बिलकुल उम्र में मेरे ही बराबर की | उसकी इंडियन लंबी जुल्फें, गहरी आँखें और और वो मोटे हिलते हुए चुतड किसी ख्वाब में आने वाली लौंडिया की तरह थे | उस परिवार की मेरे घर वालों से पडोसी होने के कारन अच्छी - खासी दोस्ती हो चुकी थी |

अब मैं भी मौके पर मौका मारना नहीं छोड़ता और उस दीप्ती नाम की इंडियन लड़की से बात कर लिया करता था | वो अपने लिए नया कॉलेज दूंध रही जिसके लिए मैं उसकी मदद कर रहा था | उसके माँ बाप दिन में दोनों ही काम पर जाते और मैं भी चुपके से उसके साथ समय बिता लेता और पूरी टाक में था की कैसे भी इसे पता लूँ फिर तो रोज चुत चोदुंगा | एक दिन जब भरी दोपहरी मैं उसके गहर में काम कर रहा था तो मैंने बातों बातों में दीप्ती के हाथ को सहलाना शुरू कर दिया जिससे अब दीप्ती गरम होने लगी थी और मैं भी उससे एक दम सैट गया | मैं पलभर में दीप्ती को चूमने लगा जिसपर वो गरमाती हुई हुई गर्म सिसकियाँ ले रही थी | मैं दीप्ती के होंठों को चूसने में खो ही गया था |

अब मैंने मौके का फाइदा उठाते हुए वहीँ उसके टेबल पर लिटाते उसके टॉप को उतार दिया और नंगे इंडियन मोटे चुचों को बारी - बारी कसके चूसने लगा | मैंने अब दीप्ती को नंगा अपने सामने देखने के लिए उसके कपडे उतार नंगी कर दिया और अब मैं नीचे से उसकी चुत की फांकों में ऊँगली भी करने लगा | वो आःह्ह आह्ह्ह कहकर अपनी प्यास को ब्यान कर रही थी और मैं उंगलियां अंदर बहार ज़ोरों से करने लग था | अब मैंने उसकी नशीली गोरी चुत को अपने सामने कर लिया और पलभर में को उसकी चुत पर लंड टिका दिया | दीप्ती इससे पहले कुछ सोचती मेरे धक्के उसकी चुत में चालू हो चुके थे |

मुझे लगता है साली दीप्ती रोज अपनी इंडियन चुत में कुछ न कुछ डालती रहती होगी इसीलिए उसे दर्द जैसे हो ही नहीं रहा था बस आह्हह्ह उह्ह्ह्ह करती हुई चुत बजवाने के मज़े को लुट रही थी | मैंने दीप्ती के उप्पर चढ़कर चोदे जा रहा था और उसकी चुत से से बहती हुई मलाई को चखते हुए और भी जोश में आ जा रहा रहा | मैंने पहली पारी १५ मिनट खेली जिसके बाद उसे अपने सामने घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चुत को चोदता हुआ किसी घोड़ी की ही तरह हांक रहा था | मैंने जब आधे घन्टे बाद अपने मुठ को गिरा दिया तो वो मेरे लंड को थाम चूसने लगी जैसी की कोई कुतिया कुत्ते के सामने पिघल जाती है | मैं आज भी अपनी कुतिया दीप्ती की रोज बजाता हूँ |
 
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