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हेलो रीडर्स, हाउ आर यू? मेरा नाम सुजाता है और मैं १९ साल की हॉट और सेक्सी लड़की हु. मैं एक बहुत ही कामुक और गरम सिडयूज़र हु. मैं एक तमीलियन लड़की हु और नॉर्मली तमीलियन लड़की वैसे तो सिंपल नहीं होती है. वो हमेशा से ही बहुत ही गरम, कामुक लडकिया होती है. मैं भी इसी तरह की हु. मैं कोई प्रोसटीयूट तो नहीं हु, लेकिन मुझे अनजान लोगो के साथ सेक्स करना पसंद है. मुझे वाइल्ड सेक्स ज्यादा पसंद है और उसी तरह के सोच वाले लोग भी. मेरी फेंटेसी भी बहुत हॉट और वाइल्ड ही है. मुझे ३० साल से ऊपर के मर्द पसंद है और जिनकी छाती पर बहुत सारे बाल हो और वो लुंगी पहनते हो. जब भी मुझे कोई मर्द चेक प्रिंट वाली कलरफुल लुंगी पहने हुए दीखता है, मैं एक्साइट हो जाती हु. जब भी मुझे कोई लुंगी वाला मर्द सड़क के किनारे पेशाब करता हुआ दिख जाता है, तो मैं उनके लंड के दर्शन के लिए रुक जाती हु.

अभी हाल-फिलहाल में, मेरे फ्लैट के अपोजिट में एक आदमी ने शिफ्ट किया है. मेरे मम्मी और पापा दोनों वोर्किंग है और मैं हमेशा ही घर पर अकेले होती हु. जब उसने शिफ्ट किया, तो मुझे पता नहीं था. कि उसकी फॅमिली में कौन - कौन है? पर जब एक सुबह वो मेरे पापा से बात कर रहा था और जान पहचान कर रहा था, तब पता चला कि वो दुसरे शहर से ट्रान्सफर पर आया है अकेले ही है. उसका नाम सुरेश था और वो किसी कंप्यूटर कंपनी में था. उसका ऑफिस ५ दिन होता था.

जब सुरेश पापा से बात कर रहा था, तो मैं उसे सिर्फ सुन ही पा रही थी. मैंने उसको ठीक से देखा नहीं था. लेकिन, जब से मुझे पता चला था. कि वो अकेला है और उसकी भारी आवाज़ से वो मुझे काफी मर्दाना लग रहा था. मेरे अन्दर कि बैचेनी काफी बढ़ गयी थी. मुझे उसको देखने का मौका बहुत जल्दी ही मिल गया. उसी दिन, शाम को मेरा कूरियर आया. मैंने कूरियर लिया और देखा, सुरेश का कूरियर भी आया था. मैं उत्सुकता वश वहीँ रुक कर देखने लगी, कि उसके कूरियर में क्या है? जब सुरेश बाहर निकला, तो मेरा अपने पर काबू नहीं रहा. वो बिलकुल मेरी फेंटेसी वाले मर्द की तरह था.. उसकी छाती पूरी बालो से भरी हुई थी और उसने प्रिंटेड चेक वाली लुंगी पहनी हुई थी. मैं तो उसे देख कर ही हॉर्नी हो गयी और मेरा अपने पर से कण्ट्रोल छुटने लगा.

लगभग ४ बजे, मैं उसके घर गयी और उसकी डोरबेल बजायी. मैंने उसको कहा - क्या, मैं आपके घर के अन्दर आ सकती हु? उसने मुझे देखा, कि मैं उसकी नंगी छाती को घुर रही थी. तो वो शरमा गया और बनियान पहनने चला गया. मैंने उसको रोका और कहा - कोई बात नहीं. उसके घर के अन्दर दारू की स्मेल आ रही थी. वो शायद अकेले बैठा ड्रिंक कर रहा था. मैं दारू कि स्मेल उसके मुह से निकलती भांप से महसुस कर सकती थी और उसकी जबान भी थोड़ी लड़खड़ा रही थी.

मैंने उससे एक ग्लास पानी माँगा और जब वो किचन में पानी लेने गया. तो मैंने अपनी शर्ट को ढीला कर दिया और ऐसे कर लिया, कि मेरी क्लीवेज साफ़ दिखे. वो पानी ले आया और मैंने पानी पीते - पीते ग्लास को नीचे गिरा दिया. जब मैं ग्लास नीचे उठाने के लिए झुकी. तो मेरे बूब्स मेरी शर्ट से बाहर आने लगे थे. उसकी नज़र मेरे बूब्स पर ही टिक गयी थी. मैंने इस बात को नार्मल लेते हुए, अपने बूब्स को ठीक किया और कहा - आर यू ओके? वो स्माइल कर रहा. लेकिन, कहीं मैं बुरा ना मान लू, इसलिए उसको कण्ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था. मैं जो करना चाहती थी, वो काम हो गया था. अब वो मेरे बदन को घुर रहा था. उसके सिर पर दारू का नशा तो वैसे ही चड़ा हुआ था और मेरे बूब्स को देखने के बाद, उसके मुह से लार टपकने लगी थी. मैंने उसको कहा - क्या तुम इन्हें छुना चाहते हो?

मैंने ही पहल की और मैंने अपनी शर्ट उतार दी और लोअर भी. अब मैं उसके सामने सिर्फ पेंटी में खड़ी थी. वो किसी भूखे भेडिये की तरह मेरे बदन को देख कर लार टपका रहा था. वो मेरे पास आया और मेरे शरीर को छुने लगा. उसने बिना कुछ सोचे - समझे मुझे अपनी गोद में उठा दिया और अपने बेडरूम में ले जाने लगा. उसने मेरे होठो पर एक चुम्मा जड़ा और बोला - मैडम, कैन आई फक यू? मैंने स्माइल करते हुए कहा - एस, बट ओनली थ्री कंडीशन. १. मुझे तुम्हे प्यार करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है. मुझे सिर्फ तुमसे चुदना है. २. तुम मेरे मम्मी - पापा को इस बारे में कुछ नहीं बताओगे. ३. मैं जो भी करना चाहू, तुम मुझे करने दोगे और मैं जो तुम्हे करने को बोलू, वो तुम्हे करना पड़ेगा. वो मुस्कुराते हुए बोला - ओके मैडम जी.. जो हुकुम.

वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और उनको चूमने लगा. उसने मेरे निप्पल को अपने मुह में भर लिया. मैंने मस्ती में मोअन कर रही थी. वो अपनी लुंगी खोलने लगा, तो मैंने उसे रोक दिया. मैंने उसको कहा - मुझे लुंगी पहन कर ही चोदना. मुझे उन मर्द से चुदवाना बहुत पसंद है, जो लुंगी पहनते है. फिर उसने मेरी पेंटी उतार दी और उसको सूंघने लगा. मैंने उसको बेड पर धक्का मार दिया और उसकी लुंगी को ऊपर उठा दिया. उसने अपनी लुंगी को आधी बाँध लिया. फिर मैं उसके कड़क लंड को लुंगी के ऊपर से सहलाने लगी. वो करीब ११ इंच का होगा.. एकदम मोटा और कड़क.. मैंने फिर उसके लंड को लुंगी से बाहर निकाला और अपने हाथो में ले लिया. मैंने उसकी फोरस्किन को पीछे खीचा और उसके गुलाबी टोपे को बाहर किया.

मैंने उसके लंड को अपने मुह में ले लिया और अपने हाथो को उसकी जड़ पर रख कर आगे - पीछे करने लगी. उसने मेरे बालो को पकड़ा और मेरे मुह को चोदने लगा. उसका ११ इंच का लंड मेरे मुह में फस गया था और मेरे गले तक नीचे जा रहा था. फिर, मैं उलटी होकर उसकी छाती पर बैठ गयी. मेरी चूत उसकी बालो भरी छाती पर थी और मैंने अपनी चूत को उसकी छाती से रगड़ना शुरू कर दिया. मेरी चूत बहुत ही गीली हो चुकी थी और मेरा सारा रस निकल कर उसकी छाती के बालो को गीला कर रहा था.

अब मैंने उसके लंड को छोड़ा और उसके छाती को चूमने लगी और उसके निप्पल को काटने लगी. मैं उसके शरीर को काट रही थी और वो मस्त मोअन कर रहा था. फिर मैंने उसको आर्डर दिया - मेरी चूत चूसने का. वो नीचे कि तरफ आया और अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी और मस्ती में अपनी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल कर उसकी दीवारों को चाट रहा था. फिर उसने अपनी एक फिंगर मेरी चूत में डाल दी और जोर - जोर से अपनी ऊँगली से मेरी चूत को चोदने लगा.

फिर, मैंने अपने दोनों बूब्स को जोर से दबा लिया और उसके लंड के लिए छेद बना दिया. उसने भी मेरा इशारा समझते हुए, मेरे ऊपर आया और अपने लंड को मेरे दोनों बूब्स के अन्दर घुसा दिया. उसने मेरे कंधे पकडे और जोर - जोर से मेरे बूब्स को चोदने लगा. उसने झुक कर मेरे कंधो पर काट लिया. मैंने गुस्से से बोला - तुमने ऐसा क्यों किया? मैंने तो तुम्हे मना किया था और बोला था, तुम वहीँ करोगे.. जो मैं तुमको बोलूंगी. अब मैं तुम पनिश करुँगी. मैंने उसकी लुंगी को पूरा ऊपर तक उठा दिया और उसके लंड कि खाल को पीछे खीच कर, उसके टोपे पर काट लिया और फिर उसकी बॉल को पकड़ा और बहुत जोर से दबा दिया. उसके मुह से बहुत जोर कि चीख निकल गयी. फिर, मैंने उसको पीछे कि और झुकाया और जमीन पर से एक चप्पल उठा कर उसकी चुतड पर मारने लगी. उसकी चुतड पूरी लाल हो गयी थी और वो दर्द भरी सिस्कारिया ले रहा था.

फिर मैंने पास पड़ी, दाऊ की खली बोटल उठाई और उसकी गांड के छेद में डाल दी. वो दर्द से चीख उठा. मैं बड़ी ही बेरहमी से बोटल को उसकी गांड में घुसा रही थी. उसको गुस्सा आने लगा था और उसने अपने हाथ को पीछे करके बोटल को पकड़ लिया और बाहर खीच लिया. फिर वो तेजी से पलटा और अपने ११ इंच के लंड को मेरी चूत के मुह पर रख कर एकदम से धक्का मार दिया. मेरी चूत बहुत गीली थी, तो उसका कुछ लंड अन्दर चले गया. मैं दर्द के मारे चीखी.

उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया और वो मुझे जानवरों की चोद रहा था और मुझे गलिया दे रहा था, मुझे दर्द तो हो रहा था. लेकिन मज़ा भी आ रहा था. वो बिलकुल वाइल्ड कर रहा था, जो मुझे पसंद था. फिर, उसने अपने लंड को निकाला और मुझे उल्टा कर के घोड़ी बना दिया और मेरी गांड में अपने लंड को घुसा दिया और बोला - मेरा आने वाला है और मैं अपना माल तेरी गांड में छोड़ रहा हु. उसके लंड ने बहुत ही गरम पिचकारी के साथ अपना माल मेरी गांड में छोड़ दिया और मेरी गांड पूरी उसके माल से भर गयी. उस थोड़े ही समय कि चुदाई में, मैं बहुत थक गयी हु और वहीं बिस्तर पर गिर गयी.

उसके बाद, तो मैंने उससे रोजाना चुदवाया और हर बार नये एक्सपेरिमेंट किये और नई - नई टेक्नीक से अपनी चुदाई करवाई..
 
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