भाई की फ्रेंड की खेत में चुदाई

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम करन है. इससे पहले भी मैं कई चुदाई स्टोरी लिख चूका हु. मेरा यहीं प्रयास होगा, कि आप को भरपूर आनंद आये. दोस्तों, ये चुदाई की कहानी बिलकुल रियल है बट उस समय की है, जब मैं अलीगढ के पास एक गाँव में रहता था पूरी फॅमिली के साथ. मेरी ऐज करीब १८ साल की होगी. मेरी बॉडी अच्छी थी और गाँव में रहने की वजह से और वर्जिश करने के वजह से. मैं खेतो में काफी काम करता था सुबह और शाम को खेतो में काम ज्यादा करते थे. दोपहर में धुप में काम नहीं कर पाते थे, तो हम लोग आराम करते थे. एक दिन सारा काम ख़तम करके मैं आराम से घर सोया था. कि तभी अचानक हमारे घर, हमारे ताऊ जी, जो दिल्ली में रहते थी.. पहुच गये. ताऊ जी के साथ एक लड़की भी थी. जब उस लड़की के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वो उनके बेटे की दोस्त है और वो गाँव देखना चाहती थी. इसलिए उनके साथ आ गयी.

मेरी आँख करीब ४ बजे खुली, तो मैंने थोड़ा हंसी - मजाक सुना और मैं बाहर आया. मैंने देखा, क्या लड़की थी वो. गुलाब जैसे होठ, गोरा चेहरा, नीली रंग की जीन्स पहने थी. उसके चुचे उसकी टॉप से कसे हुए थे. मैं तो उसको देखकर पागल ही हो गया. जैसे ही, मैं कमरे में बाहर गया, तो मुझे देखकर चुप हो गयी. मेरी मम्मी ने कहा - ये मेरा बड़े से छोटा बेटा है. उसने मुझे नमस्ते की और मैंने रिप्लाई में हलके से मुस्कुरा दिया. मम्मी बोली - ये पायल है. तेरे भैया की फ्रेंड है. ये कह रही रही थी, कि इसका मन नहीं लग रहा है, तो इसको जरा खेतो की तरफ घुमा ला. मैंने कहा - ठीक है. फिर मैं और पायल, हम दोनों खेतो की तरफ चल दिए. वो बोलती बहुत ज्यादा थी, इसलिए उससे जल्दी ही दोस्ती हो गयी. हम एक दुसरे के काफी अच्छे दोस्त बन गये थे. मैंने उसे खूब खेतो की सैर करवाई. तभी खेतो में चलते हुए, वो थोड़े पानी में गिर गयी. मैं उसके पास गया और मैंने उसे उठाया. वो बोली - अब कैसे होगा? मैंने कहा - कुछ नहीं, बस घर जाकर कपडे बदल लेना. वो बोली - मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मैंने कहा - फिर क्या करोगी? यहाँ जंगल में कुछ नहीं मिलने वाला. वो बोली - तुम मुझे अपनी शर्ट उतार कर दे दो. मैं टॉप उतार देती हु. मैंने कहा - जैसे आप की मर्जी, बट चेंज कैसे करोगी? वो बोली - तुम दूसरी तरफ अपना मुह करो और मैं चेंज करती हु. मैंने कहा - ठीक है.

उसने मेरी शर्ट पहन ली और अपना टॉप उतार लिया. वो मुझसे बोली, कि और सुनाओ. मैंने कहा - कुछ नहीं. फिर वो बोली - आप शरमाते बहुत हो.. आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मैंने कहा - नहीं. वो बोली - झूठ. होगी तो जरुर. मैंने कहा - नहीं, आप की कसम. बोली - अच्छा, तो तुमने कभी सेक्स नहीं किया है. मैंने कहा - सेक्स क्या होता है? वो बोली - सब पता है तुम्हे, बता नहीं रहे हो. तो मैंने कहा - मुझे नहीं पता है. आप ही बता तो अच्छा. वो बोली - एक लड़का - लड़की आपस में जो करते है, उसे सेक्स कहते है. मैं समझ गया और शर्मा गया. तो वो बोली - शरमाओ मत. सच - सच बताओ ना. मैंने कहा - जब मैं किसी लड़की को जनता ही नहीं, तो सेक्स किसके साथ करूँगा? तो वो बोली - आजकल जमाना तो बहुत आगे चला गया. तो आप को किसी से अब तक प्यार नहीं हुआ? क्या किसी लड़की ने आपको पसंद नहीं किया. आप की बॉडी तो बहुत अच्छी है. मैंने कहा - मैं किसी से ज्यादा बात नहीं करता हु. वैसे भी अब हम बात करते हुए, घर तक पहुच चुके थे.

फिर मैंने भेंसो के लिए चारा डाला, तो पायल भी मेरे साथ गयी. जो भी मैंने करू, उसी काम को वो भी करने लगी. मैंने उसे मन किया, लेकिन वो मानी नहीं. इसी तरह रात हो गयी और हमने साथ में खाना खाया और उसका उसने अपना बिस्तर मेरे ही बिस्तर के पास लगवाया. हम रात में काफी देर तक बातें करते रहे. जब सब सो चुके थे, तो करीब रात को २ बजे मुझे लगा, कि कोई मुझे किस कर रहा था. मैंने आँखे खोली, तो पायल मेरे पास खड़ी थी और किस करे जा रही थी. मैं जाग गया और मैंने कहा - ये क्या कर रही हो? कोई जाग जाएगा. आप जाओ. वो मुझसे बोली - सेक्स कैसे करते है.. बस वो ही बता रही हु. उसने कहा - तुम मेरे बूब्स को मुह में लो और मैंने उसके बूब्स अपने मुह में ले लिए. पहले तो बुरा लगा. पर थोडी देर में मज़ा आने लगा. उसने मेरा निकर नीचे खीच दिया और मेरे लंड को हाथ ले कर सहलाने लगी.

मुझे मज़ा आ रहा था. उसने मेरा लंड मुह में ले लिया और चूसने लगी. पता नहीं क्या हो गया, फिर उसने मुझे अपने ऊपर लेटने को कहा और दोनों टाँगे फैला ली. मैं ऊपर आ गया. उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखा और कहा - धीरे - धीरे अन्दर करना. क्या बताऊ दोस्तों.. जिस चीज़ के सपने देखता था.. वहीँ आज हक्कीकत में मेरे सामने थी. एक झटका मारा, तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया. वो हलकी सी चीखी और छटपटाने लगी. पर मैं भी कहाँ हटने वाला था. उसकी आँखों में से आसू बहने लगे और वो कांपने लगी. मैंने उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया, मैंने ब्लूफिल्म में ऐसे देखा था. जब थोड़ी देर बाद, वो कुछ शांत हुई तो मैंने फिर से एक जोरदार दूसरा झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. पर अब वो मुझसे चिपक गयी और मैंने फिर पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

अब मैं लंड को आगे - पीछे करके उसे चोद रहा था. मैं ये पहली बार कर रहा था. करीब ४५ मिनट तक उसे खूब चोदा. कभी घोड़ी बनाकर, कभी टांग उठाकर. फिर मैं झड़ गया. उस बीच में वो ३ बार झड़ चुकी थी. वो मेरे पास ही पड़ी रही. करीब ५ बजे तक मैंने उसे बहुत चोदा और फिर सुबह ही सब जाग गये. सुबह - सुबह खेत से ज्वार (चारा) भेंसो के लिए होता है. काटने के लिए जाना होता है, जोकि करीब ३ किमी दूर खेत से लाना होता था. बेलगाडी से तो मैं चारा लेने जा रहा था, तो वो बोली - मैं भी साथ चलती हु. मैंने कहा - ठीक है और वो बैलगाड़ी में बैठ गयी. हम खेत पर पहुचे. रास्ते में वो रोने लगी. मैंने पूछा - क्या हुआ? वो बोली - मैंने तुमसे शादी करना चाहती हु. मैं तुमसे प्यार करने लगी हु और अब मैं तुम्हारे बिना जीना नहीं चाहती हु. मैंने कहा - चुप हो जाओ. रो मत. मैंने उसे गले से लगा लिया और फिर मैं उसे चारी के खेत में ले गया. अन्दर कुछ पेड़ तोड़कर, वहां जगह बनायीं.

फिर मैंने उसके कपडे उतारे और फिर उसने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और इस बार उसने मुझसे अपने मुह में ही झड्वाया. फिर उसने मेरा लंड चूसकर फिर से खड़ा किया और मैंने उसे डौगी स्टाइल में किया और लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड पर लंड रखा. मैंने एक जोरदार झटका मारा और लंड चिकना होने की वजह से एकदम अन्दर. उसकी चीख निकल गयी. वो वहीँ गिर पड़ी और उसकी गांड से खून निकल रहा था. मैंने उसे बड़ी मुश्किल से चुप करवाया और फिर उसकी चूत में लंड डाला और चुदाई की. उसके बाद, हम लोग घर आये. वो दिल्ली के लिए रवाना हो गयी. उसने मुझसे शादी तो नहीं की और ना भी उसने फिर से मुझसे कांटेक्ट करने की या मिलने की कोशिश की. लेकिन, मुझे उसकी बहुत याद आती है..

कैसी लगी, आपको मेरी पहली चुदाई की कहानी. अपने कमेंट से मुझे बताना जरुर...
 
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