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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और मैं लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहा हु. वैसे मैं कानपूर का रहने वाला हु. लखनऊ में मैं हॉस्टल में रहता हु. मेरा बड़ा भाई एक बैंक में है और उसकी शादी कुछ साल पहले ही हुई है और उसके पास एक छोटी सी बच्ची है. पहले मेरा भाई दिल्ली में था और कुछ ही समय पहले लखनऊ शिफ्ट हो गया है. भाई के लखनऊ शिफ्ट होने की खबर से मैं बहुत खुश था, कि चलो अब कुछ समय तो घर का खाना मिलेगा. और मुझे भाभी के साथ रहना भी अच्छा लगता था. वो मुझसे १ साल ही बड़ी थी और भैया से करीब ५ साल छोटी. हम दोनों की अच्छी जमती थी. भैया जब आ गए, तो मैंने कुछ दिन की छुट्टी ले ली थी और भैया का घर सेट करवा दिया. इस दौरान मैंने कई बार भाभी को छुआ और उनके मम्मो के दर्शन भी हो गये.

मेरी भाभी का नाम सविता है और वो बहुत गोरी, कामुक और गरम औरत है. उनकी फिगर ३४-३२-३६ है. वो साड़ी पहनती है और उनके ब्लाउज का गला थोड़ा डीप होता है. उनके मम्मो की शेप एकदम तनी हुई है और उनके निप्पल उनकी ब्लाउज में से पॉइंट करते हुए दीखते है. जब वो शादी होकर आई थी, तो मेरे और भैया के सारे दोस्त भाभी के पीछे पड़ गये थे और भैया के लिए बड़ी मुश्किल हो गयी थी. इसलिए भैया ने दिल्ली ट्रान्सफर ले ली थी और अगर कोई दिल्ली जाता था, तो वो उस से मिलते ही नहीं थे. 2 साल ऐसे ही बीत गये और अब उनके एक बच्चा हो गया, तो वो घर वापस आना चाहते थे, लेकिन उन्हें लखनऊ ही मिल पाया. ख़ैर उनके पास कोई आप्शन नहीं था और वो शिफ्ट हो गये.

मैंने उनके घर तो शिफ्ट नहीं हुआ, लेकिन हर फ्राइडे को चले जाता और मंडे सुबह वापस आ जाता था. मैं भाभी के साथ और बच्ची के साथ खूब मस्ती करता और उनको लखनऊ भी घुमाता. भैया के कुछ खास समय नहीं होता था. तो भाभी मेरे साथ ही घुमती थी. उनको अगर बीच में भी जरूरत होती थी, तो वो मुझे फ़ोन कर के बुला लेती थी. अब मेरा समय उनके साथ बीत रहा था और मैं उनके काफी करीब आ गया था. बाइक पर मैंने पता नहीं कितनी बार उनके मम्मो के दबाव को महसूस किया और उस अहसास से अपने बदन में करंट दौड़ते हुए महसूस किया था. पहले तो मैंने कभी उनके बारे में नहीं सोचा था, लेकिन एक बार जब हम घुमने गये थे, तो लौटते हुए, हम बारिश में भीग गये थे और उनकी साड़ी उसके जिस्म से चिपक गयी थी. उस समय उनकी गोरी कमर ने पहली बार मेरे लंड को जागने पर मजबूर किया.

उनकी साड़ी उनकी कमर से चिपकी हुई थी और उनकी शेप मुझे मस्त नज़र आ रही थी. मेरी नजरो में एकदम से हवस चमक उठी और मेरा लंड तन्न गया. शायद उन्होंने भी मेरी आँखों में जगी उस हवस को पढ़ लिया और जल्दी से अपने कमरे में घुस गयी. फिर वो कपड़े चेंज करके मेरे लिए टॉवल ले आई और मेरे सिर को रगड़ दिया और मुस्कुरा कर बोली - लगता है तू बड़ा हो गया है. मैं समझ गया, कि बात बन सकती है. वो गुडिया के कपड़े बदल रही थी और मैं उनको घुर रहा था. फिर मेरे मन में क्या आया, कि मैं उठा और किचन में घुस गया और बोला - आज मैं चाय बनाता हु. मैंने चाय बनायी और भाभी मेरी तारीफ कर रही थी. अब तो मुझे अपना रास्ता क्लियर नजर आने लगा था. रात के ८ बज रहे थे. भाभी ने गुडिया को सुला दिया था और भैया भी ११ बजे तक ही आते थे. भाभी किचन में खाना बना रही थी. तभी मैं अन्दर गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया.

उन्होंने बनावटी अंदाज में कहा, अरे.. क्या कर रहे हो? मैंने कुछ भी नहीं सुना और उनकी गरदन पर अपने होठो को रख दिया. भाभी कुछ नहीं बोल पायी और उनके मुह से सिर्फ एक कामुक आहे आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् गरम साँस के साथ निकल गयी. मैंने किस करने का सिलसिला चालू कर दिया और उसको तब तक नहीं छोड़ा, तब तक भाभी ने पलट कर अपने चेहरे को मेरी छाती में छुपा नहीं लिया. मैंने अपनी जीभ उनकी गरदन पर रख दी और उसको चाटने लगा. भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरी छाती पर किस कर दी. अब मैंने उनको पीछे किचन की सेल्ब पर टिका दिया और उनकी गर्दन को किस करते हुए, नीचे आ गया और उसके मम्मो को उनकी ब्लाउज के ऊपर से ही अपने दातो से काटने लगा. मैं बहुत ही मस्ती से उनके बूब्स को अपने हाथो में लेकर दबा रहा था. बहुत ही मस्त मौहाल था. वो गरम हो चुकी थी और अब मेरे बालो को उन्होंने पकड़ लिया था और उसको खीच रही थी.

मैंने ज्यादा देर करना उचित नहीं समझा और आगे बढकर उनकी ब्लाउज के बटन खोल दिए और उनकी ब्रा भी उतार दी. उनके गदराये हुए मम्मे एकदम से मेरे सामने लटक गये. मैं तो मानो पागल ही हो गया था. मैंने बहुत ही बैचेन होते हुए, उनके मम्मो को हाथ में ले लिया और उसको मस्ती में दबा रहा था. भाभी के मुह से गरम सिसकिया निकलने लगी थी और वो बोल रही थी जल्दी करो. वरना तुम्हारे भैया आ जायेंगे.. प्लीज. अहहहः अहहाह.. मैंने फिर एकदम से उनकी साड़ी उतार दी और उनका पेटीकोट भी खोल दिया. मैंने अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर भी उतार कर आधा नंगा हो गया. फिर मैंने भाभी को उल्टा किया और स्लेब के सहारे खड़ा करके आगे झुका दिया. भाभी एक तरह से मेरे सामने डोग्गी स्टाइल में ही थी. उनकी मस्त गांड को देख कर मेरे मुह में पानी आ गया और अपने अपने हाथो से उनके बुत्ट्स को खोला और उनके गुलाबी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी.

वूऊ.. ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ.. क्या मस्त टेस्ट था. मैं पीछे से ही उनकी चूत और गांड के छेद को चाट रहा था और वो अपने कुलहो को मटकाती हुई अपनी गांड को हिला रही थी और उनके हाथ मेरे बालो को सहला रहे थे. कुछ देर की मस्त चूसवाई के बाद, भाभी ने मुझे कहा, और नहीं.. बस अब डाल दो.. ज्यादा टाइम नहीं है. १५ मिनट में वो आ जायेंगे. फिर रात में वो मुझे पूरा नहीं कर पाएंगे और मैं पूरी रात तड़पती ही रहूंगी.. प्लीज डाल दो अब.. मैंने भाभी की बात मान कर अपने लंड को उनकी चूत पर घिसना शुरू किया और १५ मिनट धक्को के साथ, उनकी चुदाई करता रहा था. भाभी के मुह से लगातार आह्हह अहहहः आआआआआआ मार साले. मार. चोद मुझे. उनकी गांड मेरी लंड को आगे पीछे करके पूरा अन्दर ले रही थी.

करीब १५ मिनट की चुदाई के बाद, भाभी आगे गिर गयी और उनका शरीर ढीला हो गया. मैंने भी अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और अगले १५ मिनट में अपने लंड से अपने वीर्य को उनकी चूत में गिरा दिया. भाभी ने जैसे ही मेरे वीर्य की गरमाहट को महसूस किया, उनके मुह से एक जोरदार आआआआआ निकली और उन्होंने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को बाहर खीच लिया और अपने कपड़े उठा कर बाथरूम में भाग गयी. मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े पहने. मैंने जीन्स चढाई ही थी, कि भैया आ गए. वो तो शुक्र था, कि भाभी कपड़े पहन कर बाहर आ गयी और मैं फिर मैं किचन से निकला. भैया ने मुझे किचन में देखा, भाभी बोली - आज आपको आपका भाई चाय पिलाएगा.. अच्छी बनाता है और मुस्कुराने लगी. तो दोस्तों, इस तरह से मैंने पहली बार अपनी भाभी की चुदाई की. उसके बाद तो मैंने भाभी को कई बार चोदा और मज़े लिए.
 
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