भाभी के कजरारे नैन

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Bhbahi sex stories, antarvasna मेरा नाम अविनाश है मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता हूं मेरे पास 20 से 30 बच्चे ट्यूशन पढ़ने के लिए आते हैं मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मेरा कॉलेज जब खत्म हुआ तो उसके बाद से ही मैं बच्चों को ट्यूशन देने लगा लेकिन मुझे एक दिन एक ट्यूशन सेंटर से कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि क्या आप हमारे यहां पर पढ़ा सकते हैं। उन्हें ना जाने मेरे किसी परिचित ने हीं नंबर दिया था मैंने उनसे कहा मैं आपसे मिल लेता हूं मैं उनसे मिलने के लिए चला गया। जब मैं उनसे मिलने के लिए गया तो मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास 20 30 बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं और मेरे पास काफी कम समय होता है तो वह कहने लगे आप यदि हमें सुबह 3 से 4 घंटे दे देंगे तो हमारा काम चल जाएगा।

दरअसल उनके यहां पर जो ट्यूशन पढाया करते थे उन्होंने वहां से छोड़ दिया था वह किसी और जगह ही चले गए थे इसी वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही थी। उनके ट्यूशन सेंटर से बच्चे भी छोड़ कर जा रहे थे वह नहीं चाहते थे कि उनके ट्यूशन सेंटर से बच्चे छोड़कर जाए इसीलिए उन्होंने मुझसे कहा। मैंने उनसे पूछा आखिर आपको मेरा नंबर किसने दिया तो वह कहने लगे हमें आपका नंबर आपके पड़ोस में रहने वाले मनोज ने दिया है मैं समझ गया और उन्हें कहा अच्छा तो आपको मेरा नंबर मनोज ने दिया था। मैं उन्हें मना ना कर सका मैंने वहां पर पढ़ाने के बारे में सोच लिया मैं सुबह के वक्त उनके ट्यूशन सेंटर में चला जाया करता था वहां पर काफी बच्चे आते हैं। मैं सुबह 3 से 4 घंटे वहां दीया करता और उसके बाद शाम के वक्त अपने घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता। कुछ समय बाद मुझे मनोज मिला मनोज ने मुझे कहा भैया आप वहां ट्यूशन पढ़ाने के लिए जा रहे हैं मैंने मनोज से कहा तो तुमने ही मेरा नंबर वहां दिया था मनोज कहने लगा हां भैया मैंने ही आपका नंबर वहां पर दिया था। मैंने मनोज से कहा हां मैं वहां ट्यूशन पढ़ाने के लिए जाता हूं मनोज से मेरी ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई क्योंकि मुझे उस दिन कहीं जाना था। मैंने मनोज से कहा मैं तुम्हें बाद में मिलता हूं अभी मुझे कहीं जाना है मैं तुमसे शाम के वक्त बात करूंगा मैं वहां से चला गया और शाम के वक्त मुझे मनोज मिला तो मैंने मनोज से बात की और उसे बताया कि मैं वहां पर ट्यूशन पढ़ाने के लिए जा रहा हूं।

इसी बीच मेरे मामा जी का फोन आया और उन्होंने मुझे कहा बेटा तुम्हारी बहन माधुरी के लिए हमने एक लड़का देखा है और तुम्हें यहां आना है। मैंने मामा से कहा आपने मम्मी को भी फोन किया तो वह कहने लगे तुम्हारी मम्मी का फोन लग ही नहीं रहा है इसलिए तो हमने तुम्हें फोन किया। उसके बाद मेरे मामा ने मेरी मम्मी को फोन किया तो मम्मी ने फोन रिसीव किया मेरे मामा ने कहा कि माधुरी का रिश्ता होने वाला है हमने उसके लिए एक लड़का देखा है। हम लोगों को मेरे मामा ने सगाई पर बुलाया कुछ दिन बाद हम लोग लुधियाना चले गए माधुरी की सगाई हो चुकी थी वह बहुत खुश थी। हम एक-दो दिन तक लुधियाना में रुके और उसके बाद हम लोग चंडीगढ़ वापस लौट आए लेकिन कुछ समय बाद ही माधुरी की शादी का दिन तय हो गया और फिर मामा जी ने हमें फोन कर के कहा कि कुछ समय बाद माधुरी का शादी का मुहूर्त है। मामा ने हमारे घर पर शादी के कार्ड भिजवा दिए थे हम लोगो को तो सबसे पहले जाना ही था इसलिए हम लोग शादी से 5 दिन पहले ही चले गए थे। हम लोग जब मेरे मामा जी के घर पहुंचे तो वहां पर उस वक्त उनके सारे मेहमान नहीं आए हुए थे। मैंने मामा से कहा कि आप मुझे बता दीजिए कि क्या काम करना है मामा कहने लगे बेटा घर में जो भी सामान की जरूरत हो तुम उसे ले आया करना। मामा ने मुझे बहुत जिम्मेदारी सौंप दी थी और घर में जब भी कुछ सामान की जरूरत होती तो मैं उसे लेकर आ जाया करता। मैंने माधुरी से पूछा तुम्हे कैसा लग रहा है लड़का तो तुम्हें पसंद है ना, माधुरी कहने लगी हां भैया मुझे तो अच्छा लग रहा है और मैं अपनी शादी के लिए बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं। माधुरी जैसा लड़का चाहती थी उसे वैसा ही लड़का मिला और वह बहुत ज्यादा खुश थी माधुरी के साथ मैंने काफी समय बिताया। एक दिन माधुरी मुझे कहने लगी कि भैया वैसे तो मैंने शॉपिंग कर ली है लेकिन आप मुझे मार्केट तक छोड़ देंगे मैंने उसे कहा हां क्यों नहीं।

मैं माधुरी को लेकर चला गया वह कहने लगी भैया आप चले जाइए मैंने उसे कहा नहीं मैं तुम्हें ही घर लेकर जाऊंगा मैं तुम्हारे साथ ही रहता हूं तुम शॉपिंग कर लो। वह कहने लगी भैया मुझे देर हो जाएगी बेवजह आप भी अपना समय बर्बाद करेंगे। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं रुक जाता हूं लेकिन ना जाने उसे क्या सामान लेना था वह फिर अपना सामान लेने लगी। मैंने भी बाइक को किनारे खड़ा किया और वहीं पर मैं खड़ा हो गया लेकिन मुझे काफी भूख लग रही थी तो मैंने सोचा कुछ खा लिया जाए वही पर एक छोले कुलचे की ठेली लगी हुई थी मैं वहां पर चला गया। मैंने उसे कहा भैया एक छोले कुलचे लगा देना मैंने वहां पर छोले कुलचे खाये और उसके बाद मैं वहां से पैदल चलते हुए वहीं आया जहां पर मैंने बाइक लगाई हुई थी। मैंने माधुरी को फोन किया और उसे पूछा क्या तुमने शॉपिंग कर ली है तो वह कहने लगी बस भैया आधे घंटे और रुक जाओ। मैं वहीं पर खड़ा था मेरा टाइम पास नहीं हो रहा था तो मैंने अपने पुराने दोस्त को फोन किया और उससे फोन पर काफी देर तक बात की। मैंने उससे पूछा तुम आजकल क्या कर रहे हो तो उसने मुझे बताया कि मैंने तो अपना ही बिजनेस खोल लिया है मैंने उससे पूछा तुमने किस चीज का काम खोला है वह कहने लगा मैंने अपना एक रेस्टोरेंट ओपन किया है। मुझे नहीं मालूम था कि उसने अपना रेस्टोरेंट चंडीगढ़ में ही खोला है।

मैंने उसे कहा तुम मुझे अपने रेस्टोरेंट का एड्रेस तो भेजो जब मैं चंडीगढ़ आऊंगा तो मैं तुम्हारे पास जरूर आऊंगा वह कहने लगा तुम मुझे मिलते ही नहीं हो और ना जाने आज तुमने मुझे कैसे फोन कर दिया। मैंने उसे कहा यार तुम्हें क्या बताऊं सुबह के वक्त बच्चो को ट्यूशन पढ़ाने के लिए जाता हूँ और उसके बाद जब शाम को घर पर होता हूं तो शाम को भी बच्चे ट्यूशन पढ़ने आते हैं बड़ी मुश्किल से हफ्ते में एक ही दिन मिलता है उस दिन भी कोई ना कोई काम रहता है। वह मुझसे पूछने लगा की आजकल तुम कहां हो मैंने उसे बताया कि मैं तो लुधियाना आया हूं और यहां मेरे मामा की लड़की की शादी है उसी के सिलसिले में मैं लुधियाना आया हुआ हूं। मेरी उससे काफी देर तक बात हुई लेकिन अब भी माधुरी नहीं आई थी पर मैंने जैसे ही फोन रखा तो माधुरी मेरे पीछे खड़ी थी वह कहने लगी भैया मेरी वजह से आपको भी इतनी देर तक इंतजार करना पड़ा। मैंने माधुरी से कहा कोई बात नहीं तुमने अपनी शॉपिंग तो कर ली है वह कहने लगी हां मैंने सारा सामान ले लिया है अब हम लोग कर चलते हैं। मैंने मधुरी से कहा ठीक है हम लोग घर चलते हैं तुम्हें यदि कोई और काम हो तो तुम देख लो वह कहने लगी नहीं मुझे कुछ और काम नहीं है। हम दोनो वहां से घर चले आए हम लोग जब घर पहुंचे तो मेरी मम्मी कहने लगी तुम लोग इतनी देर से कहां थे। मैंने उन्हें सारी बात बताई और कहा माधुरी को कुछ काम था तो मैं उसके साथ चला गया था।

उसी दौरान वहां एक भाभी बैठी हुई थी उनकी नजरें मुझे कुछ ठीक नहीं लग रही थी वह अपनी प्यासी नजरों से मुझे घूर रही थी जब उन्हें मौका मिला तो वह मुझसे बात करने लगी वह मेरे पास आई और मुझे कहने लगी आप बड़े हैंडसम है उन्होंने मेरी छाती पर हाथ लगा दिया और कहने लगी आप घर पर चलिए। मैं उनके साथ उनके घर पर गया उनके घर में कोई भी नहीं था वह मुझे कहने लगी आइए बेडरूम में चलते हैं हम दोनों उनके बेडरूम में चले गए। वह बिस्तर पर लेट गई उन्होंने अपनी सलवार को खोला और अपनी चूत को मुझे दिखाने लगी मैंने उनकी चूत देखी तो मैं उत्तेजित होने लगा। मैंने उनकी चूत को चाटा मैं उनकी चूत को बहुत देर तक चाटता रहा जिससे कि मेरे अंदर एक अलग ही जोश पैदा हो जाता। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी योनि के अंदर डाला तो वह मचलने लगी मैं बड़ी तेजी से धक्के दे रहा था मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और उन्हे धक्के मारने लगा। उनकी चूत बहुत टाइट थी मैं उन्हें बड़ी तेजी से धक्के मारता जाता जिससे मेरे अंदर एक अलग जोश पैदा हो जाता और वह भी पूरी तरीके से मेरे काबू में थी। कुछ देर तक मैंने उन्हें अपने नीचे लेटा कर धक्के दिए लेकिन जैसे ही मैंने उनकी चूत के अंदर अपने लंड को दोबारा से डाला तो वह मचलने लगी मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया था और बड़ी तेजी से मै धक्के मार रहा था।

मेरे धक्के इतने तेज होते कि वह पूरी तरीके से मचल जाती और उनको बहुत मजा आता। वह अपनी बड़ी चूतडो को मुझसे अच्छे से मिला रही थी मैं भी उन्हें बहुत तेज गति से धक्के दिए जाता। उनकी चूत और मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन उसके बावजूद भी मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के दिए। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी वह मुझे कहती तुम धक्के मारो मैंने उन्हें काफी देर तक धक्के दिए जब मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो गया तो वह कहने लगी आपने तो आज मेरे बदन की गर्मी को बड़े ही अच्छे से महसूस किया। मैंने उन्हें कहा भाभी आप बहुत ही लाजवाब है मैंने उनसे पूछा आपका क्या नाम है तो वह कहने लगी मेरा नाम संगीता है। मैने उन्हे कहा आपके अंदर बड़ा ही जोश भरा हुआ है आपको देखकर मैं अपने आपको ना रोक सका और आपकी चूत मारने के लिए मैं तैयार हो गया। वह कहने लगी आप मेरा नंबर ले लो मैंने उनका नंबर ले लिया और अब भी मैं उनसे फोन पर बात करता हूं, माधुरी की शादी बडे ही अच्छे से हुई।
 
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