Antarvasna, sex stories in hindi: मैंने गगन को उसकी शादी तय होने के लिए बधाई दी मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया था गगन मुझे कहने लगा कि राजेश तुम घर पर आए तो मुझे काफी अच्छा लगा। काफी समय बाद मैं गगन से मिल रहा था गगन से मिलकर मुझे भी काफी अच्छा लगा और हम दोनों उस दिन साथ में काफी देर तक बैठे रहे मेरी गगन से काफी बातचीत हुई और उसके बाद मैं अपने घर लौट आया। मेरी पत्नी संजना ने मुझे सुबह के वक्त उठाया मैंने जब घड़ी में देखा तो उस वक्त 6:00 बज रहे थे मैं हर सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जाया करता हूं इसलिए मैं उस दिन भी सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकल पड़ा। करीब एक घंटे बाद मैं वापस लौटा तो संजना ने मेरे लिए चाय बनाई और कहने लगी कि राजेश आप चाय पी लीजिए मैंने चाय पी और उसके बाद मैं फ्रेश होने के लिए चला गया। मैं फ्रेश हुआ और अपने ऑफिस जाने के लिए मैं तैयारी करने लगा संजना मुझे कहने लगी कि राजेश आज रमेश आ रहा है, रमेश संजना का भाई है मैंने संजना से कहा कि मैं भी शाम के वक्त लौट आऊंगा और वैसे भी रमेश यहां पर कुछ दिनों तक तो रुकेगा ही।
संजना मुझे कहने लगी कि हां रमेश अपने किसी काम से आ रहा है और वह कुछ दिनों के लिए यहां रुकने वाला है मैंने संजना से कहा ठीक है मैं शाम को जब ऑफिस से लौट आऊंगा तो मैं रमेश से मिल लूंगा फिर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस से शाम के वक्त लौटा तो उस वक्त करीब 7:00 बज रहे थे मैं जब घर लौटा तो रमेश और संजना साथ में बैठे हुए थे और वह दोनों बात कर रहे थे मैं भी अपने हॉल में उन लोगों के साथ बैठ गया। मैं रमेश से उसके बारे में पूछने लगा तो रमेश ने मुझे बताया कि उसकी नौकरी कुछ समय पहले ही छूट गई थी और वह अपनी नौकरी की तलाश में दिल्ली आया हुआ है। मैंने रमेश को कहा की तुमने किसी कंपनी में इंटरव्यू दिया था वह मुझे कहने लगा नहीं जीजा जी मैंने तो अभी किसी भी कंपनी में इंटरव्यू नहीं दिया है। मैंने रमेश को कहा कि कल तुम अपना रिज्यूम मुझे दे देना मैं भी अपने कुछ दोस्तों से बात कर लूंगा तो रमेश मुझे कहने लगा कि ठीक है जीजा जी आप भी बात कर लीजिएगा वैसे कल मेरा इंटरव्यू है और मैं कल इंटरव्यू देने के लिए जाने वाला हूं।
मैं उसी शाम अपनी मां के साथ बैठा हुआ था मां काफी ज्यादा बीमार लग रही थी तो मैंने मां से पूछा कि मां आपकी तबीयत तो ठीक है ना तो वह कहने लगी कि हां बेटा मैं ठीक हूं बस थोड़ा सा सर में दर्द हो रहा था। मैंने उन्हें कहा मां आप आराम कर लीजिए वह अब आराम करने लगी और अगले दिन सुबह मैं अपने मॉर्निंग वॉक पर चला गया हमेशा ही मैं सुबह के 6:00 बजे मॉर्निंग वॉक पर जाया करता और हर रोज की तरह मैं एक घंटे बाद घर लौट आया करता। अगले दिन मैंने रमेश के रिज्यूम को अपने दोस्तों को भेज दिया था लेकिन रमेश का सिलेक्शन एक कंपनी में हो गया जिस कंपनी में वह इंटरव्यू देने के लिए गया था उसी कंपनी में उसका सिलेक्शन हो चुका था। रमेश का सिलेक्शन हो चुका था और कुछ समय के लिए वह हमारे साथ ही रहने लगा लेकिन कुछ समय बाद रमेश ने कहा कि मैं अपने लिए अलग घर लेना चाहता हूं पहले तो मैंने मना कर दिया था लेकिन फिर रमेश ने जिद की और कहा कि नहीं जीजा जी मैं अलग रहना चाहता हूं। संजना ने भी उसे कहा कि तुम हमारे साथ रह लो लेकिन वह हमारे साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुआ और संजना ने उसके लिए एक नया घर तलाशना शुरू किया। हमारे घर के पास में ही उसने एक घर ले लिया अब रमेश वहीं रहने लगा था रमेश बीच-बीच में हमसे मिलने के लिए आ जाया करता था उसकी जब भी छुट्टी होती तो वह हमारे घर पर आ जाया करता था। मुझे भी कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस की मीटिंग से बाहर जाना था इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए घर पर ही रहना रमेश ने कहा कि जीजा जी ठीक है। मां की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी और संजना को भी रमेश का साथ मिल जाता इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम घर पर आ जाना। रमेश घर पर आ गया और मैं अपने ऑफिस की मीटिंग से कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ चला गया करीब एक हफ्ते तक वहां रहने के बाद मैं वहां से वापस लौटा। मुझे एक दिन गगन का फोन आया और गगन ने मुझे कहा की तुम्हे मेरी शादी में आना है मैंने गगन से कहा कि हां क्यों नहीं गगन मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा।
मैं गगन की शादी में जाने को तैयार हो गया था मैंने उस दिन संजना को कहा कि तुम आज तैयार हो जाना आज गगन की शादी है तो संजना कहने लगी कि ठीक है, क्या रमेश को भी अपने साथ आने के लिए कह दूं तो मैंने संजना को कहा कि हां तुम रमेश को भी आने के लिए कह दो। उस दिन हम लोग गगन की शादी में चले गए जब मैं गगन की शादी में गया तो गगन काफी खुश नजर आ रहा था। हम लोग रिसेप्शन में पहुंचे तो वहां पर गगन से जब मैं मिला तो मैंने गगन को उसकी शादी की बधाई दी और कहा कि चलो तुम्हारी अब शादी होने वाली है तो गगन मुझे कहने लगा कि हां राजेश आखिरकार पापा और मम्मी मेरी शादी के लिए मान ही गए। मैंने गगन से कहा उन्हें तो मानना ही था अगर वह तुम्हारी बात नहीं मानेंगे तो भला किसकी बात मानेंगे इस बात पर गगन हंसने लगा और कहने लगा हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। गगन मुझे कहने लगा कि राजेश क्या भाभी भी आई हैं तो मैंने गगन से कहा हां भाभी भी आई हैं लेकिन वह अपने छोटे भाई के साथ हैं। मैंने भी संजना को गगन से मिलवा दिया था और उसके बाद हम लोग अपने घर लौट आए थे।
हर रोज की तरह सुबह में मॉर्निंग वॉक पर गया। जब उस दिन मैं मॉर्निंग वॉक पर गया तो मुझे एक सुंदर सी भाभी दिखाई दी वह बडा ही मेकअप कर के आई हुई थी उनके चेहरे पर देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वह किसी फैशन शो में जा रही हो उनके होठों पर गुलाबी लिपस्टिक लगी हुई थी, उनकी लिपस्टिक देख मैंने उन्हें कहा भाभी जी आप बहुत अच्छी लग रही हैं। वह मुस्कुराने लगी अगले दिन से वह मुझे सुबह दिखने लगी तो मुझे उनका नाम पता चल चुका था। वह हमारे पड़ोस में ही रहने के लिए कुछ समय पहले आई थी उनके पति एक डॉक्टर हैं और मुझे नहीं पता था कि उनकी इच्छा को वह पूरा नहीं कर पाते हैं इसलिए उन्होंने एक दिन मुझे अपने घर पर बुला लिया। मैं जब उनके घर पर गया तो मुझे नहीं मालूम था कि वह अपनी चूत मरवाने के लिए इतनी उतावली है कि जब मैं उनके घर पर जाऊंगा तो मुझे वह अपने स्तनों को दिखाने लगेंगी। मैं उनके स्तनो को देखने लगा मेरा लंड खड़ा होने लगा और वह मेरे पास आई और उन्होंने जब मेरे लंड को कसकर दबाया तो मैंने उन्हें कहा भाभी लगता है आपकी चूत की गर्मी बढ़ चुकी है। वह मुस्कुराने लगी और मुझे कहने लगी तुम इस गर्मी को शांत कर दो। हम दोनों अब उनके बेडरूम में चले गए जब हम लोग उनके बेडरूम मे गए तो उन्होंने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और मुझसे कहा तुम भी अपना कपड़ा उतार दो। मैंने भी अपने कपड़े उतारे मैं उनके गोरे बदन को देख रहा था उनके बदन को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह हर रोज दूध से नहाती हो। वह इतनी ज्यादा गोरी थी कि मैं उनकी चूत जल्दी से मारना चाहता था। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों मे लिया तो वह उसे हिलाने लगी और मेरे मोटे लंड को वह अपने हाथों से हिला रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया अब मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि मै उनकी चूत मारे बिना रह ही नहीं सकता था।
मैंने उनकी चूत के अंदर उंगली घुसाई और अपनी उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया तो वह बहुत जोर से सिसकियां लेने लगी और कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं मेरी उंगली उनकी योनि के अंदर तक जाती तो वह बहुत तेज आवाज मे सिसकिया लेती। मैंने अपने मोटे लंड को उनकी चूत के अंदर डालने का फैसला कर लिया मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनके दोनों पैरों को खोला और अपने लंड को अंदर डालना शुरू किया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया। जब मेरा लंड पूरी तरीके से उनकी योनि के अंदर प्रवेश हो चुका था तो उनके मुंह से हल्की सी चीख निकली वह मुझे बोली आज तुम मेरी चूत फाड़ कर रख दो। मैंने अपनी पूरी ताकत के साथ उनको धक्के देना शुरू कर दिया लेकिन मैं उनकी योनि से निकलती हुई गर्मी को बिल्कुल भी झेल ना सका और उनकी चूत के अंदर ही मैंने अपने वीर्य को गिरा दिया। मेरा वीर्य उनकी योनि के अंदर गिर चुका था अब वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं तुम दोबारा से मुझे चोदो।
मैंने उनसे कहा पहले आप अपनी चूत को तो साफ कर लो उन्होंने अपनी योनि को साफ़ किया और मेरे सामने अपनी चूतड़ों को किया। मैं उनकी बड़ी गांड देखकर बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा था मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया और वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही तुम मुझे धक्के मारते रहो। मैं उनकी चूत के अंदर अपने लंड को कर रहा था मेरा लंड बड़ी आसानी से उनकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं बस उनको धक्के ही मारता रहूं। उन्होने मेरी इच्छा को पूरी तरीके से बड़ा कर रख दिया था मेरी गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी कि मेरा वीर्य जल्द ही बहार निकलने वाला था। जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने उनसे कहा आप मेरे वीर्य को अपने मुंह मे ले लीजिए, भाभी ने अपने मुंह के अंदर मेरे सारे वीर्य को निगल लिया। मेरा जब भी मन होता तो मैं भाभी के साथ संभोग करने के लिए उनके घर पर चला जाता।
संजना मुझे कहने लगी कि हां रमेश अपने किसी काम से आ रहा है और वह कुछ दिनों के लिए यहां रुकने वाला है मैंने संजना से कहा ठीक है मैं शाम को जब ऑफिस से लौट आऊंगा तो मैं रमेश से मिल लूंगा फिर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस से शाम के वक्त लौटा तो उस वक्त करीब 7:00 बज रहे थे मैं जब घर लौटा तो रमेश और संजना साथ में बैठे हुए थे और वह दोनों बात कर रहे थे मैं भी अपने हॉल में उन लोगों के साथ बैठ गया। मैं रमेश से उसके बारे में पूछने लगा तो रमेश ने मुझे बताया कि उसकी नौकरी कुछ समय पहले ही छूट गई थी और वह अपनी नौकरी की तलाश में दिल्ली आया हुआ है। मैंने रमेश को कहा की तुमने किसी कंपनी में इंटरव्यू दिया था वह मुझे कहने लगा नहीं जीजा जी मैंने तो अभी किसी भी कंपनी में इंटरव्यू नहीं दिया है। मैंने रमेश को कहा कि कल तुम अपना रिज्यूम मुझे दे देना मैं भी अपने कुछ दोस्तों से बात कर लूंगा तो रमेश मुझे कहने लगा कि ठीक है जीजा जी आप भी बात कर लीजिएगा वैसे कल मेरा इंटरव्यू है और मैं कल इंटरव्यू देने के लिए जाने वाला हूं।
मैं उसी शाम अपनी मां के साथ बैठा हुआ था मां काफी ज्यादा बीमार लग रही थी तो मैंने मां से पूछा कि मां आपकी तबीयत तो ठीक है ना तो वह कहने लगी कि हां बेटा मैं ठीक हूं बस थोड़ा सा सर में दर्द हो रहा था। मैंने उन्हें कहा मां आप आराम कर लीजिए वह अब आराम करने लगी और अगले दिन सुबह मैं अपने मॉर्निंग वॉक पर चला गया हमेशा ही मैं सुबह के 6:00 बजे मॉर्निंग वॉक पर जाया करता और हर रोज की तरह मैं एक घंटे बाद घर लौट आया करता। अगले दिन मैंने रमेश के रिज्यूम को अपने दोस्तों को भेज दिया था लेकिन रमेश का सिलेक्शन एक कंपनी में हो गया जिस कंपनी में वह इंटरव्यू देने के लिए गया था उसी कंपनी में उसका सिलेक्शन हो चुका था। रमेश का सिलेक्शन हो चुका था और कुछ समय के लिए वह हमारे साथ ही रहने लगा लेकिन कुछ समय बाद रमेश ने कहा कि मैं अपने लिए अलग घर लेना चाहता हूं पहले तो मैंने मना कर दिया था लेकिन फिर रमेश ने जिद की और कहा कि नहीं जीजा जी मैं अलग रहना चाहता हूं। संजना ने भी उसे कहा कि तुम हमारे साथ रह लो लेकिन वह हमारे साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुआ और संजना ने उसके लिए एक नया घर तलाशना शुरू किया। हमारे घर के पास में ही उसने एक घर ले लिया अब रमेश वहीं रहने लगा था रमेश बीच-बीच में हमसे मिलने के लिए आ जाया करता था उसकी जब भी छुट्टी होती तो वह हमारे घर पर आ जाया करता था। मुझे भी कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस की मीटिंग से बाहर जाना था इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए घर पर ही रहना रमेश ने कहा कि जीजा जी ठीक है। मां की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी और संजना को भी रमेश का साथ मिल जाता इसलिए मैंने रमेश को कहा कि तुम घर पर आ जाना। रमेश घर पर आ गया और मैं अपने ऑफिस की मीटिंग से कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ चला गया करीब एक हफ्ते तक वहां रहने के बाद मैं वहां से वापस लौटा। मुझे एक दिन गगन का फोन आया और गगन ने मुझे कहा की तुम्हे मेरी शादी में आना है मैंने गगन से कहा कि हां क्यों नहीं गगन मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा।
मैं गगन की शादी में जाने को तैयार हो गया था मैंने उस दिन संजना को कहा कि तुम आज तैयार हो जाना आज गगन की शादी है तो संजना कहने लगी कि ठीक है, क्या रमेश को भी अपने साथ आने के लिए कह दूं तो मैंने संजना को कहा कि हां तुम रमेश को भी आने के लिए कह दो। उस दिन हम लोग गगन की शादी में चले गए जब मैं गगन की शादी में गया तो गगन काफी खुश नजर आ रहा था। हम लोग रिसेप्शन में पहुंचे तो वहां पर गगन से जब मैं मिला तो मैंने गगन को उसकी शादी की बधाई दी और कहा कि चलो तुम्हारी अब शादी होने वाली है तो गगन मुझे कहने लगा कि हां राजेश आखिरकार पापा और मम्मी मेरी शादी के लिए मान ही गए। मैंने गगन से कहा उन्हें तो मानना ही था अगर वह तुम्हारी बात नहीं मानेंगे तो भला किसकी बात मानेंगे इस बात पर गगन हंसने लगा और कहने लगा हां राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। गगन मुझे कहने लगा कि राजेश क्या भाभी भी आई हैं तो मैंने गगन से कहा हां भाभी भी आई हैं लेकिन वह अपने छोटे भाई के साथ हैं। मैंने भी संजना को गगन से मिलवा दिया था और उसके बाद हम लोग अपने घर लौट आए थे।
हर रोज की तरह सुबह में मॉर्निंग वॉक पर गया। जब उस दिन मैं मॉर्निंग वॉक पर गया तो मुझे एक सुंदर सी भाभी दिखाई दी वह बडा ही मेकअप कर के आई हुई थी उनके चेहरे पर देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वह किसी फैशन शो में जा रही हो उनके होठों पर गुलाबी लिपस्टिक लगी हुई थी, उनकी लिपस्टिक देख मैंने उन्हें कहा भाभी जी आप बहुत अच्छी लग रही हैं। वह मुस्कुराने लगी अगले दिन से वह मुझे सुबह दिखने लगी तो मुझे उनका नाम पता चल चुका था। वह हमारे पड़ोस में ही रहने के लिए कुछ समय पहले आई थी उनके पति एक डॉक्टर हैं और मुझे नहीं पता था कि उनकी इच्छा को वह पूरा नहीं कर पाते हैं इसलिए उन्होंने एक दिन मुझे अपने घर पर बुला लिया। मैं जब उनके घर पर गया तो मुझे नहीं मालूम था कि वह अपनी चूत मरवाने के लिए इतनी उतावली है कि जब मैं उनके घर पर जाऊंगा तो मुझे वह अपने स्तनों को दिखाने लगेंगी। मैं उनके स्तनो को देखने लगा मेरा लंड खड़ा होने लगा और वह मेरे पास आई और उन्होंने जब मेरे लंड को कसकर दबाया तो मैंने उन्हें कहा भाभी लगता है आपकी चूत की गर्मी बढ़ चुकी है। वह मुस्कुराने लगी और मुझे कहने लगी तुम इस गर्मी को शांत कर दो। हम दोनों अब उनके बेडरूम में चले गए जब हम लोग उनके बेडरूम मे गए तो उन्होंने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और मुझसे कहा तुम भी अपना कपड़ा उतार दो। मैंने भी अपने कपड़े उतारे मैं उनके गोरे बदन को देख रहा था उनके बदन को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह हर रोज दूध से नहाती हो। वह इतनी ज्यादा गोरी थी कि मैं उनकी चूत जल्दी से मारना चाहता था। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों मे लिया तो वह उसे हिलाने लगी और मेरे मोटे लंड को वह अपने हाथों से हिला रही थी तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। काफी देर तक उन्होंने ऐसा ही किया अब मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि मै उनकी चूत मारे बिना रह ही नहीं सकता था।
मैंने उनकी चूत के अंदर उंगली घुसाई और अपनी उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया तो वह बहुत जोर से सिसकियां लेने लगी और कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं मेरी उंगली उनकी योनि के अंदर तक जाती तो वह बहुत तेज आवाज मे सिसकिया लेती। मैंने अपने मोटे लंड को उनकी चूत के अंदर डालने का फैसला कर लिया मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनके दोनों पैरों को खोला और अपने लंड को अंदर डालना शुरू किया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया। जब मेरा लंड पूरी तरीके से उनकी योनि के अंदर प्रवेश हो चुका था तो उनके मुंह से हल्की सी चीख निकली वह मुझे बोली आज तुम मेरी चूत फाड़ कर रख दो। मैंने अपनी पूरी ताकत के साथ उनको धक्के देना शुरू कर दिया लेकिन मैं उनकी योनि से निकलती हुई गर्मी को बिल्कुल भी झेल ना सका और उनकी चूत के अंदर ही मैंने अपने वीर्य को गिरा दिया। मेरा वीर्य उनकी योनि के अंदर गिर चुका था अब वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं तुम दोबारा से मुझे चोदो।
मैंने उनसे कहा पहले आप अपनी चूत को तो साफ कर लो उन्होंने अपनी योनि को साफ़ किया और मेरे सामने अपनी चूतड़ों को किया। मैं उनकी बड़ी गांड देखकर बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगा था मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया मेरा मोटा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया और वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे ही तुम मुझे धक्के मारते रहो। मैं उनकी चूत के अंदर अपने लंड को कर रहा था मेरा लंड बड़ी आसानी से उनकी योनि के अंदर बाहर हो रहा था। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं बस उनको धक्के ही मारता रहूं। उन्होने मेरी इच्छा को पूरी तरीके से बड़ा कर रख दिया था मेरी गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी कि मेरा वीर्य जल्द ही बहार निकलने वाला था। जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने उनसे कहा आप मेरे वीर्य को अपने मुंह मे ले लीजिए, भाभी ने अपने मुंह के अंदर मेरे सारे वीर्य को निगल लिया। मेरा जब भी मन होता तो मैं भाभी के साथ संभोग करने के लिए उनके घर पर चला जाता।