भूत भगाने के बहाने बाबा ने कस के चोदा

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(Bhut Bhagane Ke Bahane Baba Ne Kas Ke Choda)

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अनुरक्ति है। मैं आजमगढ़ की रहने वाली हूँ। मैं 24 साल की शादी शुदा औरत हूँ। आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ। 6 महीने पहले मेरी शादी हो गयी थी। ससुराल आकर मेरे सारे सपने हो गये। मेरे पति भूपेंद्र मुझे खूब मजे देते थे। मुझे बहुत प्यार करते थे। मेरे दूध पी पीकर खूब सेक्स करते थे। मेरी चूत भी खूब पीते थे। सब कुछ अच्छा चल रहा था। फिर मैं पेट से हो गयी पर 1 महीने के गर्भ के बाद ही मेरा बच्चा गिर गया। मेरी देवरानी और जिठानी के साथ भी ऐसा ही हुआ था। जब उनका बच्चा गिर गया था तब वो पास वाले गाँव में एक बाबा के पास गयी थी। मेरे ससुराल में सब लोग बाबाओ के पास जाती थी और वही पर बुरी आत्मा को भगाने का इलाज करवाती थी। Bhut Bhagane Ke Bahane Baba Ne Kas Ke Choda.

मैं इन बाबा लोगो को अच्छा नही मानती थी। क्यूंकि कई बार बाबा इलाज करने के नाम पर औरतो को चोद लेते है। मैंने अखबार में कई बार इस तरह की खबर पढ़ी थी। टीवी पर भी देखा था। पर कभी सोचा नही था की एक दिन मेरे साथ भी ये सब हो जाएगा। मेरी नन्द अनीता मुझे उस बाबा के पास ले गयी। मैंने पीली रंग की साड़ी पहनी हुई थी। कसा ब्लाउस आगे से जरा गहरा था जिसमे मेरे दूध की झलक बाबा को मिल रही थी। मैंने पीठ खुला वाला बैकलेस ब्लाउस पहना था। उस बाबा को पीपल के पेड़ वाला सब बोलते थे। क्यूंकि वो पीपल के पेड़ के नीचे कुटिया बनाकर रहता था। झोपडी जैसी बना रखी थी उसने।

"बाबा के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम!!" मेरी ननद अनीता बोली और दौड़ कर उसके पैर छू लिए

फिर मुझे भी इशारा किया तो मैंने भी उसके पैर छू लिए। वो देखने में पट्ठा जैसा दिखता था। 50 साल की उम्र थी बाबा की। बड़ी बड़ी दाढ़ी थी। उनसे नारंगी कुरता और सफ़ेद धोती पहनी हुई थी। Baba Ne Kas Ke Choda

"कल्याण हो बेटी!! कहो क्या परेशानी है" बाबा मुस्कुराकर बोला

अनीता ने पूरी बात बताई की मेरा एक महीने का बच्चा गिर गया। बाबा मुझे प्यासी नजरो से देखने लगा। मैं सजी संवरी हुई थी। गले में मंगलसूत्र, ओंठो पर गाढ़ी लाल लिपस्टिक लगाई थी। नीले रंग का लिप लाइनर लगाया था। हाथो में मैंने साड़ी से मैच करती पीली रंग की चूड़ियाँ पहनी थी। पैरो में रंग लगाया था और पायल पहनी हुई थी। नाक में मैंने सोने की रिंग पहनी थी। सब मिलाकर मैं बिलकुल छम्मक छल्लो लग रही थी। बाबा मुझे ध्यान से देख रहा था।

"ओह्ह !! तो ये बात है। बेटी! अपना दोनों हाथ दो!!" वो बोला

मैंने उसे दोनों हाथ दे दिए। बाबा ने पकड़ लिए और बड़ी तेर तक आँखे बंदकर कोई मन्त्र पढता रहा। 5 मिनट बाद उसने आँखे खोली। उसने बताया की काली आत्मा का साया मुझ पर है। उसी ने मेरे बच्चे को गिरा दिया। अब 5 मंगलवार आकर बाबा से इलाज करवाना होगा और पीपल के पेड़ वाले हनुमान जी के मन्दिर में पूजा करनी होगी। तब समस्या दूर होगी। धीरे धीरे मैं अपनी नन्द अनीता के साथ बाबा के पास इलाज करवाने के लिए आने लगी। दूसरी और तीसरी बार उसने कुछ नही किया। फिर चौथी बार में उसने अनीता को बाहर बैठा दिया और इंतजार करने को कहा। मुझे अंदर ले गया।

जमीन पर उसने मुझे बिठा दिया और तरह तरह के मन्त्र पढने लगा। बार बार मेरे ब्लाउस के तरफ ही देख रहा था। मुझे आसक्ति की नजर से देख रहा था। मुझे उसका हाव भाव कुछ अच्छा नही लग रहा था। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगा। Baba Ne Kas Ke Choda

"बाबा जी!! ये आप क्या कर रहे है??" मैंने पूछा

"शांत रहो बेटी!! तुम्हारे उपर जो काली आत्मा है उसे भगा रहा हूँ" वो दाढ़ी वाला बाबा बोला

मुझे उस पर शक हो रहा था। कुछ सही नही लग रहा था। फिर मुझे उसने प्रसाद खिला दिया। उसका लड्डू खाते ही मैं बेसुध होने लगी। मुझे नींद आने लगी। फिर मैं बैठे बैठे ही एक तरफ लुढक गयी और सो गयी। उस बाबा ने मुझे कोई नशीला पदार्थ खिला दिया था। मेरे पास आया और मुझे गोद में उठा लिया फिर अपनी चौकी (तखत) पर ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया।

"उपर वाले की माया देखो!! रोज काली कलूटी औरते चोदने को मिलती थी पर आज तो गजब की हूर परी हाथ लगी है" बाबा हंसकर कहने लगा। वो बड़े अच्छे मूड में दिख रहा था। उसने अपनी धोती खोल दी। फिर कच्छा भी उतार दिया। मैं बेहोश जरुर थी पर हल्का हल्का देख सकती थी। पर इतनी हिम्मत नही थी कि अपना बचाव कर सकूं। ऐसी चीज उसने मुझे खिला दी थी। बाबा मेरे पास आ गया और गालो पर चुम्मा लेने लगा। मुझे किस करने लगा। उसकी आँखों में वासना कोई भी देख सकता था। Baba Ne Kas Ke Choda

"वाह!! क्या रंग रूप पाया है इस लड़की है!! इसका जिस्म तो दूध से भी जादा गोरा है। इसका पति जब इसकी चूत लेता होगा तो जन्नत मिल जाती होगी" बाबा मेरे चेहरे की तरफ देखकर बोला और जगह जगह से चूमने चाटने लगा। आज शिकारी को शिकार मिल गया था। आज वो मेरे खूबसूरत जिस्म का शिकार करने जा रहा था। उसने मेरे ब्लाउस से पीली साड़ी हटा दी। मेरी 36" की शानदार छातियाँ गर्व से तनी हुई थी। बाबा ने उस पर हाथ रख दिया और मेरे दूध का साइज पता करने लगा। वो सहलाने लगा और गोल गोल हाथ दूध पर घुमाने लगा। मुझे हल्का हल्का महसूस हो रहा था की आज कोई मेरे जिस्म से छेड़ छाड़ कर रहा था पर मैं नशे में धुत थी। फिर बाबा लालची नजरो से मेरे दूध उपर से ही दबाने लगा।

"आह कितनी रसीली छातियाँ है इस लड़की की!! उपर वाले से बड़ी फुर्सत से बनाया है इसे!" बाबा फिर से हंसकर बोला

उसके बाद तो उस बहनचोद ने मेरे दूध को उपर से ही खूब मसला। खूब दबाया। खूब आनंद लिया। नशे में भी मैं ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सी सी सी. हा हा हा.. ओ हो हो.." कर रही थी। बाबा ब्लाउस के उपर से ही मेरे दूध मुंह में लेकर चूसने लगा। वो ललचा गया था। हाथ से दबा दबाकर मेरे बूब्स चूसने लगा। उसका लंड भी खड़ा होने लगा। मुझे अहसास हो रहा था की कोई मेरे साथ कुछ कर रहा है। बाबा के 10 15 मिनट तक मेरे बूब्स को उपर से ही मसला और मुंह में लेकर चूसा। फिर चुदासा होकर ब्लाउस की बटन खोलने लगा। मेरा ब्लाउस उसने उतार दिया। फिर ब्रा को भी उतार दिया। अब मेरे 2 रसीले दूध उसके सामने थे। मेरी छातियाँ गजब की सेक्सी और सुंदर था। बाबा के होश ही उड़ गये। वो तो बाँवला हो गया। फिर मेरे उपर ही लेट गया और चिकने मक्खन जैसे दूध को हाथ से सहलाने लगा। Baba Ne Kas Ke Choda

"ऐसे भरे हुए जिस्म वाली लड़की मैंने आजतक नही देखी। सब प्रभु की माया है" वो बोला और मेरी बायीं चूची मुंह में लेकर चूसने लगा। मैं कुनकुनाने लगी। जैसे सोते बच्चे को उठाओ तो कुनकुनाते है ठीक उसी तरह मैं कुनकुना रही थी। बाबा जल्दी जल्दी मुंह में लेकर मेरी बायीं चूची चूस रहा था। मैं नशे में भी "उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी... ऊँ-ऊँ.ऊँ.."कर रही थी। अहसास हो रहा था मुझे। बाबा का यही धंधा था। वो भूत प्रेत के नाम पर लोगो से पैसा भी लेता था और लड़कियों को अपनी हवस का शिकार भी बनाता था। इस तरह वो पैसा भी कमा लेता था और अपनी हवस को भी मिटा लेता था। उस हरामी ने 15 मिनट तक मेरी बायीं चूची चूस ली। बिलकुल लाल लाल कर दी। फिर हाथ से दबाते ही दाई चूची में मुंह में लेकर चूसने लगा। मैं नशे में थी। इसलिए कुछ कर न सकी। बाबा ने काफी देर तक मेरे दूध चूसे। फिर मेरी साड़ी पेटीकोट के साथ ही उपर उठा दी। मेरे दोनों पैर खोल दिए। मेरी चड्डी चूत के रस से भीग चुकी थी। पानी पानी हो गयी थी। Baba Ne Kas Ke Choda

बाबा ने मेरी चड्डी उतार दी और चूत का रस देखकर बौरा गया। वो भी साला लेट गया। उसने अपना कुरता उतार दिया और पूरी तरह से नंगा हो गया। उसकी तोंद कम से कम 70" की थी। देखने से हस्ट पुष्ट दिख रहा था। उसने अपना मुंह मेरे भोसड़े पर रख दिया और चूत की चटनी जल्दी जल्दी चाटने लगा। शायद उसे औरतो की बुर पीना बहुत पसंद था। वो जल्दी जल्दी सुपड सूपड़ करके मेरी चूत पीने लगा। मैं "..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई..." करने लगी। मैं नशे में थी पर समझ रही थी की कोई मेरे साथ कुछ कर रहा था। इतनी ताकत नही थी की आँख खोल पाती। बाबा ने 10 मिनट मेरी चूत पी, चूत के दाने को काट काटकर मजा लूटा। फिर अपना लंड जल्दी जल्दी हाथ से फेंटकर कड़ा करने लगा। उसका लंड 12" से भी लम्बा था। कम से कम 2.5" मोटा होगा। वो हाथ से जल्दी जल्दी फेटने लगा। 5 मिनट में उसके लौड़े की सब नशे तन गई। लौड़ा अब पत्थर जैसा कड़ा हो गया। उसने लम्बे लंड को मेरी चूत पर रख दिया और हाथ से दबा दिया और जल्दी जल्दी चूत के होठो पर घिसने लगा। अब मुझे भी अच्छा लग रहा था। काफी सेक्सी बाबा था वो। जल्दी जल्दी अपने लंड को पकड़कर टोपे से मेरी चूत घिस रहा था। जल्दी जल्दी घिस रहा था। फिर उसने लंड चूत में डाल दिया और धीरे धीरे अंदर धकेलने लगा। धीरे धीरे उस हरामी बाबा ने 6" लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं तो कांपने लग गयी। मेरी आँखे अभी भी बंद थी। फिर उसने एक जोर का धक्का दिया तो 12" लम्बा लंड मेरे भोसड़े में बिलकुल अंदर तक चूत की दीवाल तक पहुच गया। मैं"आऊ...आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा.."बोल पडी। फिर बाबा जल्दी जल्दी मुझे पेलने लगा। उसने चुदाई स्टार्ट कर दी। Baba Ne Kas Ke Choda

"बहुत कसी चूत है!! सब प्रभु की माया है। कभी तो दाल रोटी नसीब नही होती है और कभी तो चिकन बोटी भी मिल जाती है!!" बाबा फिर हंसकर बोला और जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। मुझे साफ़ साफ़ समझ आ रहा था की कोई मुझे पेल रहा है। पर लाचार थी। बाबा मेरी भोसड़ी के दर्शन कर रहा था। सिर्फ मेरी रसीली और सेक्सी चूत की तरफ ही देख रहा था। जल्दी जल्दी अपने पहलवान लंड से मुझे चोद रहा था। मेरी चूत से कुछ कुछ देर बाद ताजा मक्खन बाहर निकल आता था। बाबा के मोटे लंड पर मेरी चूत का सफ़ेद रस लग गया था। इससे उसको और भी अधिक चिकनाई मिल रही थी। उसका लौड़ा रस की वजह से जल्दी जल्दी मेरी चूत में फिसल रहा था। Baba Ne Kas Ke Choda

फिर ठरकी बाबा से मुझे बाहों में लपेट लिया और गालो पर चुम्मा लेने लगा। वो मेरे सफ़ेद गालो को दांत से काट काटकर मुझे पक पक चोद रहा था। मैं हल्के होश में थी। "अई...अई..अई. अहह्ह्ह्हह...सी सी सी सी..हा हा हा." कर रही थी। बाबा मेरे दूध को हाथो से कस कसके दबा रहा था, मेरी जवानी का रस लूट रहा था। दूध को मुंह में लेकर चूस चूसकर चूत में लंड से गहरे धक्के मार रहा था। मैं अपनी कमर बार बार उपर उठा रही थी। बाबा के लंड में बहुत दम था। मेरी चूत अब भट्टी की तरह तप रही थी जैसे कोई हीटर उसमें जल रहा हो। मैं भी पूरी तरह से गर्म हो गयी थी। नशे में मैंने बाबा को पकड़ लिया।

"जान!! चोदो और चोदो!! मेरी चूत मारते रहो। रुक क्यों जाते है। मजा आ रहा है। रुको नही!!" मैंने भी कहने लगी

मैंने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया था। बाबा ने मन भरके मुझे चोदा। फिर चूत में ही माल निकाल दिया। उसने मुझे सब कपड़े अच्छे से पहना दिए और फिर से साधू की तरह वेश बनाकर बैठ गया। कुछ देर बाद मुझे होश आया। मेरी नन्द अनीता मुझे घर ले आई। जब मैं घर पहुची तो चूत गीली गीली लग रही थी। मैं बाथरूम में गयी और शीशे से अपनी चूत को देखने लगा। बाबा के लंड से निकला सफ़ेद ताजा माल मेरी चूत में लबालब भरा हुआ था। मैं समझ गई की भूत भगाने के नाम पर उसने मुझसे अपनी ह्वस मिटा ली है। पर लोक लाज और बदनामी के डर से मैंने ये बात किसी से नही कही। दुबारा मैं उस बाबा के पास नही गई। दूसरे साल मुझे एक प्यारा सा लड़का हो गया। Baba Ne Kas Ke Choda
 
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