Antarvasna, hindi sex stories: मैं अपनी कोई जरूरी फाइल देख रहा था लेकिन मुझे मेरी फाइल मिली ही नहीं मैंने अपनी मां को कहा कि मां मुझे मेरी फाइल नहीं मिल रही है वह मुझे अभी चाहिए थी मम्मी ने भाभी को कहा कि लता जरा देखना तुम। भाभी मेरे साथ मेरी मदद करने लगी लेकिन अभी तक मुझे मेरी फाइल नहीं मिल पाई थी और जब मैं ऑफिस गया तो मैं सिर्फ यही सोचता रहा कि आखिर मैंने वह फाइल कहां रखी मुझे वह फ़ाइल जरूरी चाहिए थी परंतु मुझे अभी तक वह फाइल मिल नहीं पाई थी। मैं और मेरा दोस्त साथ में ही बैठे हुए थे हम लोग ऑफिस में लंच टाइम में एक दूसरे से बात कर रहे थे तो गौतम मुझे कहने लगा कि राजेश तुम्हें पता है कि हम लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं।
मैंने गौतम को कहा लेकिन गौतम कौन-कौन घूमने के लिए जा रहा है तो गौतम कहने लगा कि ऑफिस के लगभग सभी लोग जा रहे हैं हम लोगों ने प्लान बनाया है कि शुक्रवार को रात को हम लोग घूमने के लिए कहीं जाएं क्योंकि शनिवार और रविवार की तो छुट्टी है इसलिए हम लोग कहीं घूम आते हैं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तो इस बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया गौतम मुझे कहने लगा कि मुझे भी कहां इस बारे में कुछ पता था मुझे तो आकांक्षा ने इस बारे में बताया है। मैंने गौतम से कहा अच्छा तो तुम्हें आकांक्षा ने इस बारे में बताया है मुझे तो लगता है की आकांशा ने हीं यह सब प्लानिंग की है गौतम मुझे कहने लगा कि हो सकता है कि आकांक्षा ने यह प्लानिंग की हो। हम दोनों आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी आकांक्षा कैंटीन में आई और मैंने आकांक्षा को देखते ही आकांक्षा को हाथ हिलाया तो आकांक्षा मेरी तरफ आई। आकांक्षा मुझे कहने लगी कि राजेश आजकल तुम काफी दुबले पतले हो गए हो मैंने आकांक्षा को कहा बस यार ऐसे ही आजकल कुछ समस्याएं चल रही हैं जिस वजह से मैं थोड़ा परेशान भी हूं। मैंने आकांक्षा को कहा खैर यह बात तुम छोड़ो तुम यह बताओ कि तुमने घूमने का प्लान बनाया और मुझे इस बारे में कुछ बताया ही नहीं। आकांक्षा मुझे कहने लगी कि यह सब हम लोगों ने अचानक से ही प्लान किया मैंने आकांक्षा को कहा लेकिन हम लोग कहां घूमने के लिए जा रहे हैं।
आकांक्षा मुझे कहने लगी कि हम लोग मनाली घूमने के लिए जा रहे हैं क्योंकि मनाली चंडीगढ़ से नजदीक है इसलिए मनाली जाना ज्यादा ठीक रहेगा। मैंने आकांक्षा को कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुमने घूमने का प्लान बनाया मैं तो काफी समय से सोच ही रहा था कि कहीं घूमने के लिए जाया जाए परंतु कहीं घूमने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था कम से कम तुम्हारी वजह से कहीं घूमने का मौका तो मिल पा रहा है। आकांक्षा मुझे कहने लगी ऑफिस से सब लोग आने के लिए तैयार है मैंने आकांक्षा को कहा चलो यह ऑफिस का टूर भी लगता है मजेदार होने वाला है। मैं शाम के वक्त घर लौटा तो मैंने अपनी मां से कहा कि मां मैं मनाली जा रहा हूं और दो दिन बाद वहां से लौट आऊंगा तो मां कहने लगी कि बेटा वहां क्या कोई काम है। मैंने मां को कहा नहीं मां वहां कोई काम तो नहीं है लेकिन हम लोग अपने ऑफिस के टूर से घूमने के लिए जा रहे हैं मां ने कहा कि ठीक है बेटा। मैं अपने रूम में गया और अपना सामान पैक करने लगा मैं अपना सामान पैक कर रहा था कि तभी भैया आये और भौया मुझे कहने लगे कि राजेश तुम अपना सामान पैक कर रहे हो क्या तुम कहीं जा रहे हो। मैंने भैया से कहा हां भैया मैं मनाली जा रहा हूं भैया ने कहा तुम वहां से वापस कब लौट आओगे तो मैंने भैया को कहा भैया दो दिन बाद वापस लौट आऊंगा। भैया और मैं बात कर ही रहे थे कि भाभी भी रूम में आ गई और भाभी कहने लगी कि देवर जी क्या कुछ मदद करनी है। मैंने भाभी को कहा नहीं भाभी रहने दीजिए मैंने अपना सामान पैक कर लिया है और वैसे भी हम लोग सिर्फ लोग दिन के लिए जा रहे हैं। भैया मुझे कहने लगे कि चलो कम से कम तुम कहीं घूमने के लिए तो जा रहे हो हम लोग तो ना जाने कबसे घूमने के लिए जा हीं नही पाए हैं। मैंने भैया से कहा भैया आप भी कहीं घूम आइये तो भैया कहने लगे राजेश तुम देख ही रहे हो कि जब से मेरा प्रमोशन हुआ है तब से काम की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई है और मुझे बिल्कुल समय ही नहीं मिल पाता है। मैंने भैया को कहा लेकिन भैया आप फिर भी थोड़ा समय तो अपने और भाभी के लिए निकाल ही सकते है भैया कहने लगे हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे भी लगता है कि मुझे थोड़ा समय निकालना चाहिए और हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए।
मैंने जब भैया को यह बात कही तो भैया कहने लगे कि हां मैं कुछ दिनों के लिए जरूर घुम आऊंगा। अगले ही दिन हम लोग मनाली के लिए निकल चुके थे और सब लोग बड़े ही खुश थे हम लोग बस से ही मनाली जाने वाले थे आकांक्षा ने ही सारा कुछ अरेंजमेंट किया था। आकांक्षा ने ही मनाली में होटल की बुकिंग भी की थी और सब कुछ उसी ने ही अरेंजमेंट किया था अब हम लोग बस में बैठे हुए थे आकांक्षा मेरे साथ ही बैठी हुई थी मैंने आकांक्षा को कहा आकांक्षा तुम तो गाना बहुत अच्छा गाती हो। आकांक्षा कहने लगी कि इतना भी अच्छा नहीं गाती हूं मैंने आकांक्षा से कहा लेकिन तुम्हें गाना तो गाना ही पड़ेगा। पवन हमारे साथ हमारे ऑफिस में काम करता है वह गिटार बड़ा अच्छा बजाता है और जब वह गिटार बजा रहा था तो उसके बाद आकांशा भी गाने लगी रास्ते भर सब लोग एंजॉय करते रहे। जब हम लोग मनाली पहुंचे तो मनाली की वादियों में पहुंचकर हम लोगों को बड़ा अच्छा लग रहा था हम सब लोग होटल में चले गए। गौतम मुझे कहने लगा कि राजेश मैं तो नहा लेता हूं मुझे बड़ा ही अनकंफरटेबल सा महसूस हो रहा है गौतम नहाने के लिए बाथरूम में चला गया।
थोड़ी देर बाद गौतम नहा कर बाहर आया तो गौतम का फोन आ रहा था मैंने गौतम से कहा गौतम तुम्हारा फोन पर किसी का कॉल आ रहा था गौतम ने जब अपना फोन देखा तो वह कहने लगा कि मेरी पत्नी मुझे फोन कर रही थी। गौतम की शादी को हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं गौतम ने अपनी पत्नी को फोन किया तो गौतम उससे बात करने लगा और मैं रूम में अकेला ही बैठा हुआ था गौतम फोन रखने का नाम ही नहीं ले रहा था। मुझे लगा कि मुझे कुछ देर के लिए बाहर टहल आना चाहिए और मैं बाहर टहलने के लिए चला गया मैं जिस वक्त बाहर टहल रहा था तो उस वक्त आकांशा भी लॉन में ही बैठी हुई थी आकांक्षा और मैं आपस में बात करने लगे। आकांक्षा ने मुझसे पूछा गौतम कहां है तो मैंने आकांक्षा को कहा गौतम फोन पर अपनी पत्नी से बात कर रहा है। आकांक्षा और मै सथ मे बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तभी आकांक्षा के स्तनों की तरफ मेरी नजर पड़ने लगी। आकांक्षा को मैंने कभी उस नजर से देखा नहीं था लेकिन मुझे आकांक्षा से सेक्स करना था आकांक्षा के हाथ को मैंने पकड़ा। जब मैंने आकांक्षा के हाथ को पकड़ा तो वह मुझे कहने लगी राजेश लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रहे हो? आकांक्षा मेरी बातों को समझ चुकी थी मुझे आकांक्षा से क्या चाहिए आकांक्षा ने मुझे कहा चलो रूम में चलते हैं हम दोनों ही रूम में चले गए। जब हम लोग रूम में गए तो मैंने आकांक्षा के होठों को चूम लिया हम दोनों के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी आकांक्षा उत्तेजित होने लगी थी। आंकाक्षा के होठों को चूमने में बड़ा मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसके गुलाबी होठों को चूमता रहा। आंकाक्षा ने मुझे कहा तुम मेरे कपडे उतार दो? मैंने आकांक्षा के कपड़ों को उतार दिया जब मैं आकांक्षा के स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान कर रहा था तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और आकांक्षा को भी मजा आ रहा था काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ मजे लेते रहे।
हम दोनों के बदन से पूरी तरीके से गर्मी बाहर आने लगी थी मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक ना सका मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और आकांक्षा ने उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया। आकांक्षा मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से अपने मुंह के अंदर ले रही थी जिस प्रकार से आंकाक्षा मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करती उससे मुझे बड़ा मजा आता आंकाक्षा बहुत देर तक मेरे लंड को ऐसे ही चूसती रही लेकिन मैं आंकाक्षा की चूत को चाटना चाहता था। मैने आकांक्षा की चूत को चाट कर पूरी तरीके से चिकना बना दिया आकांक्षा को बडा आनंद आ रहा था और आकांक्षा ने मुझे कहा कि अब मै बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी। आकांक्षा की चूत के अंदर मैंने अपने लंड को घुसा दिया उसकी चूत में मेरा लंड जाते ही वह चिल्लाने लगी जिस प्रकार से मैं उसे धक्के देता उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाता वह पूरी तरीके से तैयार हो गई थी। मैंने आकंक्षा को कहा मुझे तुम्हे धक्के मारने में मजा आ रहा है आकांक्षा की चूत की दीवार से मेरा लंड टकरा रहा था जिस प्रकार से मैं उसे धक्के मार रहा था उससे वह भी अपने आपको नहीं रोक पाई।
मैंने आकांक्षा को उल्टा लेटा दिया और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाकर और भी तेजी से धक्के देने शुरू किए आकांक्षा की बड़ी चूतडे मेरे लंड से टकरा रही थी मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था जिस प्रकार से मैं आकांक्षा की चूत के मजा ले रहा था। मैंने कभी सोचा नहीं था मनाली के ठंडे मौसम में हम दोनों के बदन से जो गर्मी बाहर निकल रही थी उससे आकांक्षा बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे और भी तेजी से धक्के मारो। मैं आकांक्षा को बड़ी तेजी से धक्के मारता तो आंकाक्षा की चूतडो से एक अलग ही आवाज पैदा होती जिस प्रकार से मै उसको धक्के मार रहा था उस से वह रह ही नहीं पा रही थी और मुझे कहने लगी कि मैं ज्यादा देर तक तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी। मैंने उसे कहा मेरा वीर्य बस गिरने ही वाला है मेरा वीर्य मेरा अंडकोषो से बाहर की तरफ को आ चुका था और मेरा वीर्य गिरने ही वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए आकांक्षा के मुंह के अंदर अपने लंड को डाला तो आकांक्षा ने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा और मेरे लंड से उसने मेरे वीर्य को बाहर निकाल दिया मुझे बड़ा ही अच्छा लगा। उसके बाद हम लोग वापस दिल्ली लौट आए थे।
मैंने गौतम को कहा लेकिन गौतम कौन-कौन घूमने के लिए जा रहा है तो गौतम कहने लगा कि ऑफिस के लगभग सभी लोग जा रहे हैं हम लोगों ने प्लान बनाया है कि शुक्रवार को रात को हम लोग घूमने के लिए कहीं जाएं क्योंकि शनिवार और रविवार की तो छुट्टी है इसलिए हम लोग कहीं घूम आते हैं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तो इस बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया गौतम मुझे कहने लगा कि मुझे भी कहां इस बारे में कुछ पता था मुझे तो आकांक्षा ने इस बारे में बताया है। मैंने गौतम से कहा अच्छा तो तुम्हें आकांक्षा ने इस बारे में बताया है मुझे तो लगता है की आकांशा ने हीं यह सब प्लानिंग की है गौतम मुझे कहने लगा कि हो सकता है कि आकांक्षा ने यह प्लानिंग की हो। हम दोनों आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी आकांक्षा कैंटीन में आई और मैंने आकांक्षा को देखते ही आकांक्षा को हाथ हिलाया तो आकांक्षा मेरी तरफ आई। आकांक्षा मुझे कहने लगी कि राजेश आजकल तुम काफी दुबले पतले हो गए हो मैंने आकांक्षा को कहा बस यार ऐसे ही आजकल कुछ समस्याएं चल रही हैं जिस वजह से मैं थोड़ा परेशान भी हूं। मैंने आकांक्षा को कहा खैर यह बात तुम छोड़ो तुम यह बताओ कि तुमने घूमने का प्लान बनाया और मुझे इस बारे में कुछ बताया ही नहीं। आकांक्षा मुझे कहने लगी कि यह सब हम लोगों ने अचानक से ही प्लान किया मैंने आकांक्षा को कहा लेकिन हम लोग कहां घूमने के लिए जा रहे हैं।
आकांक्षा मुझे कहने लगी कि हम लोग मनाली घूमने के लिए जा रहे हैं क्योंकि मनाली चंडीगढ़ से नजदीक है इसलिए मनाली जाना ज्यादा ठीक रहेगा। मैंने आकांक्षा को कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुमने घूमने का प्लान बनाया मैं तो काफी समय से सोच ही रहा था कि कहीं घूमने के लिए जाया जाए परंतु कहीं घूमने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था कम से कम तुम्हारी वजह से कहीं घूमने का मौका तो मिल पा रहा है। आकांक्षा मुझे कहने लगी ऑफिस से सब लोग आने के लिए तैयार है मैंने आकांक्षा को कहा चलो यह ऑफिस का टूर भी लगता है मजेदार होने वाला है। मैं शाम के वक्त घर लौटा तो मैंने अपनी मां से कहा कि मां मैं मनाली जा रहा हूं और दो दिन बाद वहां से लौट आऊंगा तो मां कहने लगी कि बेटा वहां क्या कोई काम है। मैंने मां को कहा नहीं मां वहां कोई काम तो नहीं है लेकिन हम लोग अपने ऑफिस के टूर से घूमने के लिए जा रहे हैं मां ने कहा कि ठीक है बेटा। मैं अपने रूम में गया और अपना सामान पैक करने लगा मैं अपना सामान पैक कर रहा था कि तभी भैया आये और भौया मुझे कहने लगे कि राजेश तुम अपना सामान पैक कर रहे हो क्या तुम कहीं जा रहे हो। मैंने भैया से कहा हां भैया मैं मनाली जा रहा हूं भैया ने कहा तुम वहां से वापस कब लौट आओगे तो मैंने भैया को कहा भैया दो दिन बाद वापस लौट आऊंगा। भैया और मैं बात कर ही रहे थे कि भाभी भी रूम में आ गई और भाभी कहने लगी कि देवर जी क्या कुछ मदद करनी है। मैंने भाभी को कहा नहीं भाभी रहने दीजिए मैंने अपना सामान पैक कर लिया है और वैसे भी हम लोग सिर्फ लोग दिन के लिए जा रहे हैं। भैया मुझे कहने लगे कि चलो कम से कम तुम कहीं घूमने के लिए तो जा रहे हो हम लोग तो ना जाने कबसे घूमने के लिए जा हीं नही पाए हैं। मैंने भैया से कहा भैया आप भी कहीं घूम आइये तो भैया कहने लगे राजेश तुम देख ही रहे हो कि जब से मेरा प्रमोशन हुआ है तब से काम की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई है और मुझे बिल्कुल समय ही नहीं मिल पाता है। मैंने भैया को कहा लेकिन भैया आप फिर भी थोड़ा समय तो अपने और भाभी के लिए निकाल ही सकते है भैया कहने लगे हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे भी लगता है कि मुझे थोड़ा समय निकालना चाहिए और हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए।
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थोड़ी देर बाद गौतम नहा कर बाहर आया तो गौतम का फोन आ रहा था मैंने गौतम से कहा गौतम तुम्हारा फोन पर किसी का कॉल आ रहा था गौतम ने जब अपना फोन देखा तो वह कहने लगा कि मेरी पत्नी मुझे फोन कर रही थी। गौतम की शादी को हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं गौतम ने अपनी पत्नी को फोन किया तो गौतम उससे बात करने लगा और मैं रूम में अकेला ही बैठा हुआ था गौतम फोन रखने का नाम ही नहीं ले रहा था। मुझे लगा कि मुझे कुछ देर के लिए बाहर टहल आना चाहिए और मैं बाहर टहलने के लिए चला गया मैं जिस वक्त बाहर टहल रहा था तो उस वक्त आकांशा भी लॉन में ही बैठी हुई थी आकांक्षा और मैं आपस में बात करने लगे। आकांक्षा ने मुझसे पूछा गौतम कहां है तो मैंने आकांक्षा को कहा गौतम फोन पर अपनी पत्नी से बात कर रहा है। आकांक्षा और मै सथ मे बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तभी आकांक्षा के स्तनों की तरफ मेरी नजर पड़ने लगी। आकांक्षा को मैंने कभी उस नजर से देखा नहीं था लेकिन मुझे आकांक्षा से सेक्स करना था आकांक्षा के हाथ को मैंने पकड़ा। जब मैंने आकांक्षा के हाथ को पकड़ा तो वह मुझे कहने लगी राजेश लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रहे हो? आकांक्षा मेरी बातों को समझ चुकी थी मुझे आकांक्षा से क्या चाहिए आकांक्षा ने मुझे कहा चलो रूम में चलते हैं हम दोनों ही रूम में चले गए। जब हम लोग रूम में गए तो मैंने आकांक्षा के होठों को चूम लिया हम दोनों के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी आकांक्षा उत्तेजित होने लगी थी। आंकाक्षा के होठों को चूमने में बड़ा मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसके गुलाबी होठों को चूमता रहा। आंकाक्षा ने मुझे कहा तुम मेरे कपडे उतार दो? मैंने आकांक्षा के कपड़ों को उतार दिया जब मैं आकांक्षा के स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान कर रहा था तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और आकांक्षा को भी मजा आ रहा था काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ मजे लेते रहे।
हम दोनों के बदन से पूरी तरीके से गर्मी बाहर आने लगी थी मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक ना सका मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और आकांक्षा ने उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया। आकांक्षा मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से अपने मुंह के अंदर ले रही थी जिस प्रकार से आंकाक्षा मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करती उससे मुझे बड़ा मजा आता आंकाक्षा बहुत देर तक मेरे लंड को ऐसे ही चूसती रही लेकिन मैं आंकाक्षा की चूत को चाटना चाहता था। मैने आकांक्षा की चूत को चाट कर पूरी तरीके से चिकना बना दिया आकांक्षा को बडा आनंद आ रहा था और आकांक्षा ने मुझे कहा कि अब मै बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी। आकांक्षा की चूत के अंदर मैंने अपने लंड को घुसा दिया उसकी चूत में मेरा लंड जाते ही वह चिल्लाने लगी जिस प्रकार से मैं उसे धक्के देता उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाता वह पूरी तरीके से तैयार हो गई थी। मैंने आकंक्षा को कहा मुझे तुम्हे धक्के मारने में मजा आ रहा है आकांक्षा की चूत की दीवार से मेरा लंड टकरा रहा था जिस प्रकार से मैं उसे धक्के मार रहा था उससे वह भी अपने आपको नहीं रोक पाई।
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