माँ को देखा गांड मरवाते हुए

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(Ma Ko Dekha Gaand Marwate Hue)

में महीने के आखरी दिन चल रहे थे और मैं और अंकुर हमारें बरामदे पर बैठे केरम से टाइम पास कर रहे थे. अंकुर मेरे अंकल श्यामलाल का बेटा था और उसकी उम्र भी मेरी जितनी 18 साल और एकाद महीने की थी. वोह कुछ उदास लग रहा था. मैंने उसे एक दो बार पूछा लेकिन वह कुछ बोला नहीं. मेरे ज्यादा पूछने पर उसकी आँख से आंसू निकल पड़ा. मैंने उसे जब पानी देकर इसकी वजह पूछी तो उसने जो वजह बताई वह सुनकर मैं भी दंग रह गया. अंकुर ने अपनी मम्मी सविता की गांड मरवाने की कहानी बताई मुझे. सविता चाची मेरी सब से छोटी चाची थी और उसका ब्याह बहुत कम उम्र में श्यामलाल अंकल से हो गया था. वो तक़रीबन 36-37 की होगी, लेकिन उसका बदन काफी भारी था और उसकी गांड उसके व्यक्तित्व का सबसे खिंचाव वाला अंग था. अंकुर ने मुझे जो कहानी बताई वोह कुछ इस प्रकार थी. आगे की कहानी आप अंकुर के जबान में ही सुन ले..!!!

दोपहर के कुछ 3 बजे थे और घर में मेरे और मम्मी के अलावा कोई नहीं था. मुझे नींद नहीं आ रही थी गर्मी की वजह से इसलिए मैं छत पर चला गया अपनी हेंड गेम ले के और ऊपर टंकी के पास छांव में लेट के गेम खेल रहा था. मुझे कुछ 20-25 मिनिट के बाद प्यास लगी और मैं पानी पिने निचे जा रहा था की मुझे दुसरे मजले में मम्मी के रूम से कुछ अजीब आवाजे आ रही थी..मम्मी आह आह ओह ओह ऐसे बोल रही थी. मुझे पहले लगा की मम्मी सोई है और नींद में बोल रही है लेकिन जब आवाज में एक पुरुष की आवाज भी आई तो मैं थोडा चोंका, मैंने चुपके से खिड़की के एक छेड़ से अंदर का सिन देखा. मेरी आँखे खुली रह गई, अंदर हमारे मकान में पीजी के तौर पर रहेने वाला लड़का घनश्याम बिलकुल नग्न खड़ा था और मुझे उसका लंड चुस्ती हुई मेरी मम्मी की गांड दिख रही थी. मम्मी पूरा लंड मुहं में लेके आह आह ओह ओह ऐसे आवाज निकाल रही थी और घनश्याम खुसी के मारे यह आवाजे निकाल रहा था. मम्मी की गांड हिल रही थी जिसका मतलब था की घनश्याम उसके मुहं को लंड के झटके से चोद रहा था. एक पल को तो मैंने सोचा की चिल्ला के सब को बुला लूँ, लेकिन इसमें तो मेरी मम्मी की ही बदनामी होनी थी, यह सोच के मैं रुक गया और इन दोनों की क्रीडा देखने लगा. मेरे डेडी का मम्मी के आगे कुछ नहीं चलता था क्यूंकि वह एक भले और भोले इंसान थे जब की मम्मी कुछ लड़ाकू किस्म की थी. घनश्याम मम्मी की गांड पर हाथ फेरने लगा और मम्मी की गांड के छेद पर ऊँगली रख के उसके अंदर अपने ऊँगली का अग्रभाग डालने लगा. मेरी मम्मी की गांड में उसकी ऊँगली जाते ही मम्मी चीखने लगी.

घनश्याम मम्मी की गांड को ऊँगली से पेल रहा था और मम्मी उसके लंड को और भी जोर जोर से चूस रही थी. एक पल को मैंने आँखे ही बंध कर ली और जब मैंने आँखे खोली तो मम्मी निचे लेटी हुई थी और घनशयामअपने लंड के उपर कंडोम पहन रहा था. उसका लौड़ा कम से कम 8 इंच का तो होगा ही. उसने कंडोम पहन के सीधे मेरी मम्मी की चूत में अपना लंड घुसा दिया और दोनों एक दुसरे को गले लगाते हुए चुदाई करने लगे. मम्मी घनशयाम के बालो में हाथ फेर रही थी और उसके चुदाई के साथ अपनी चुदाई का सेटिंग करते हुए कूदने लगी थी. घनश्याम भी मम्मी की गांड के उपर हाथ रखे हुए उसे अपनी तरफ जोर से खिंच के उसे लंड दे रहा था. कमरे से दोनों की सिस्कारियां बहार तक आ रही थी और मेरी मम्मी को ऐसा था की मैं घर से बहार हूँ. घनश्याम लंड को धक्के देता रहा और मम्मी उसके लंड को अपने चूत के गहेरे सुमुद्र में लेती रही. घनश्याम ने अपना लंड तभी बहार निकाला और निचे लेट ग़या. मम्मी ने अपने चूत के उपर हाथ रखा और दुसरे हाथ से वो घनश्याम का लंड पकड के लंड को चूत में लेते हुए उसकी गोद में बैठ गई. घनश्याम अब निचे से झटके दे रहा था और मेरी माँ उपर से कूद रही थी. चूत और लंड के टकराव का चसचस आवाज खिड़की तक आ रहा था. दोनों के माथे से गरमी के मौसम के चलते पसीना टपकने लगा था और दोनों ही पसीने से भीग भी चुके थे, घनश्याम वैसे तो बेन्चोद शर्मीला बनता था और आज उसकी माँ से कुछ ही साल छोटी मेरी माँ को कैसे बेशर्मो की तरह लंड दे रहा था.

घनश्याम ने अब लंड चूत से बाहर निकाला और वह बारीमम्मी को उल्टा सुला के उसकी गांड को मलने लगा. उसका खड़ा लंड किसी भी वक्त गुदा का खातमा करने के लिए तैयार था. उसने मम्मी के दोनों कुले अपने हाथ से चौड़े किये और अपना लंड गुदा के छेद में भर दिया. मम्मी अब जोर जोर से चीखे मार रही थी और घनश्याम उसे गांड के अंदर झटके दे दे के पेलता जा रहा था.घनश्याम के हाथ मम्मी के कूलों को चौड़े करते जा रहे थे और उसका लंड खुदाई करता जा रहा था. मम्मी भी पहले चीख रही थी, फिर उसकी चीखे सिस्कारियां बनी और फिर तो वोह भी जैसे की गांड मरवाने का मजा ले रही हो वैसे आह आह ओह यस्सस यस्स कर रही थी. घनश्याम गांडके अंदर और जोर जोर से लंड दे रहा था और वो अब ऊँचे हो हो के मम्मी को ठोके जा रहा था. उसने एक दो तीव्र झटके मारे और वो रुका. उसने लंड को अंदर रखे हुए ही अपना पेट मम्मी की कमर पर रख दिया. शायद उसका वीर्य निकल चूका था. हाँ, उसने जब अपना लंड निकाला तो उसमे ढेर सारा वीर्य कंडोम के अंदर दिखाई पड़ रहा था. मम्मी ने घनश्याम को बाहों में ले लिया और वह उसे जोर से दबाने लगी. घनश्याम ने भी मम्मी को होंठो पर किस कर ली.

मैं फट से वापस छत पर चढ़ गया और एक छेद से निचे नजर दौडाने लगा. थोड़ी देर बाद घनश्याम अपनी बाइक पर कही निकल पड़ा और मम्मी भी बहार आया के कपडे धोने की तैयारी करने लगी..मैं मेरी मम्मी की इस गांड मरवाने की बात कभी नहीं भूल सकता....अंकुर की बात सुनके मुझे भी अहेसास हुआ के सविता चाची सच में बड़ी चुदक्कड है...!!!
 
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